क्यूँ! हो गया ना...
क्यूँ! हो गया ना... 2004 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। यह फिल्म 11 अगस्त 2004 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। इसको समीर कार्णिक ने निर्देशित किया और इसमें विवेक ओबेरॉय और ऐश्वर्या राय प्रमुख भूमिकाओं में हैं। यह दक्षिण भारतीय फिल्म अभिनेत्री काजल अग्रवाल की पहली फिल्म थी, जिन्होंने ऐश्वर्या राय की दोस्त के रूप में एक छोटी सी भूमिका निभाई।[1]
क्यूँ! हो गया ना... | |
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क्यूँ! हो गया ना... का पोस्टर | |
निर्देशक | समीर कार्णिक |
लेखक |
समीर कार्णिक राजेश सोनी विवेक ओबेरॉय मिलाप झवेरी |
निर्माता | बोनी कपूर |
अभिनेता |
विवेक ओबेरॉय, ऐश्वर्या राय, अमिताभ बच्चन, काजल अग्रवाल |
संगीतकार | शंकर-एहसान-लॉय |
प्रदर्शन तिथियाँ |
11 अगस्त, 2004 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कहानी
संपादित करेंदीया (ऐश्वर्या राय) बुद्धिमान विश्वविद्यालय की छात्रा है जो प्यार और शादी के बारे में अपने अलग विचार रखती है। वह अपना अधिकतर समय कूर्ग के एक अनाथालय में बिताती है। वो वहाँ रहने वाले बच्चों के साथ अपने "अंकल" (अमिताभ बच्चन) की मदद करती है। कहानी तब शुरू होती है जब दीया परीक्षा के लिए मुम्बई आती है। वहाँ वह अपने पिता के दोस्त के साथ रहती है, और उनके बेटे, अर्जुन (विवेक ओबेरॉय) से मिलती है। प्यार और जीवन के बारे में उसके विचार उससे पूरी तरह से अलग हैं। दोनों एक-दूसरे के साथ काफी समय बिताते हैं और अपने सभी तर्कों और बहसों के दौरान, वे जल्द ही प्यार में पड़ जाते हैं। दीया अपनी भावनाओं को व्यक्त करने लगती है, जबकि अर्जुन अनिच्छुक है और अपने सच्चे इरादों का खुलासा नहीं करता है। दीया को दिल टूटने का एहसास होता है।
दीया का दिल टोड़ने के बाद अर्जुन, दीया के साथ सामंजस्य स्थापित करने की उम्मीद में अनाथालय जाता है। वहाँ, वह दीया के लिए अपनी सच्ची भावनाओं का एहसास करता है, और उसको अपने प्यार के बारें में बताने के लिये उत्सुक होता है। यह पता चलता है कि दीया अब अपने बचपन के दोस्त, ईशान (सुनील शेट्टी) से शादी करने की योजना बना रही है। दीया और अर्जुन एक साथ अधिक समय बिताना शुरू करते हैं और एक बार फिर से अपने लिये भावनाएँ विकसित करते हैं। बाद में पता चलता है कि ईशान, दीया का केवल एक दोस्त है और नकली शादी अर्जुन को प्यार के बारे में सबक सिखाने के लिए अंकल द्वारा बनाई गई योजना थी।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- विवेक ओबेरॉय — अर्जुन खन्ना
- ऐश्वर्या राय — दिया मल्होत्रा
- अमिताभ बच्चन — राज चौहान
- ओम पुरी — मिस्टर खन्ना
- सुनील शेट्टी — ईशान (विशेष भूमिका)
- रति अग्निहोत्री — मीनाक्षी (अर्जुन की माँ)
- टिन्नू आनन्द — मल्होत्रा
- गौरव गेरा — विनय
- राहुल सिंह — बन्ना
- अजीत आहुजा — मनु
- काजल अग्रवाल — दिया की सहेली
- दीया मिर्ज़ा — प्रीति (विशेष भूमिका)
संगीत
संपादित करेंसभी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत शंकर-एहसान-लॉय द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "प्यार में सौ उलझनें हैं" | विजय प्रकाश, शंकर महादेवन, महालक्ष्मी अय्यर, स्नेहा पंत | 5:24 |
2. | "नो नो तुम किसी पे" | चेतन शाशितल, डोमिनिक सेरेजो, कुणाल गांजावाला, लॉय मेंडोंसा, शंकर महादेवन | 3:59 |
3. | "आओ ना आओ ना" | साधना सरगम, उदित नारायण, शंकर महादेवन | 6:26 |
4. | "वो बस मैं हूँ" | शान, सुनिधी चौहान | 5:13 |
5. | "बात समझा करो" | शंकर महादेवन, जावेद अली, चेतन शाशितल | 5:54 |
6. | "धीरे धीरे दिल में" | शंकर महादेवन | 5:34 |
कुल अवधि: | 32:30 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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साधना सरगम ("आओ ना आओ ना") | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "बॉलीवुड में काजल अग्रवाल का सफर, 14 साल और सिर्फ 4 फिल्में!". न्यूज़ 18 इंडिया. 17 जुलाई 2017. मूल से 9 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 जनवरी 2019.