ख़ुदागवाह
ख़ुदागवाह 1992 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय महाकाव्य फिल्म है। फिल्म की प्रमुख भूमिकाओं में श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन है। अक्किनेनी नागार्जुन, शिल्पा शिरोडकर, और डैनी डेन्जोंगपा सहायक भूमिकाओं में हैं।[1] संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित किया गया था। यह श्रीदेवी और बच्चन की एक साथ तीसरी फिल्म है। फिल्म में; अफगानिस्तान का बादशाह खान बेनजीर के पिता के हत्यारे को खोजने के लिए भारत यात्रा करता है ताकि वह उसे प्रभावित कर सके। वह सफल होता है लेकिन जल्द ही खुद को एक हत्या का दोषी पाता है और भारतीय जेल में फंस जाता है।
ख़ुदागवाह | |
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ख़ुदागवाह का पोस्टर | |
निर्देशक | मुकुल आनन्द |
लेखक | संतोष सरोज |
निर्माता |
नज़ीर अहमद मनोज देसाई |
अभिनेता |
अमिताभ बच्चन, श्रीदेवी, अक्किनेनी नागार्जुन, शिल्पा शिरोडकर, किरन कुमार, डैनी डेन्जोंगपा |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ |
9 मई, 1992 |
लम्बाई |
193 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
ख़ुदागवाह को 8 मई, 1992 को सिनेमा घरों में रिलीज़ किया गया था। रिलीज होने पर इसको इसके निर्देशन, पटकथा, प्रदर्शन, संगीत और उत्पादन की ओर आलोचनात्मक प्रशंसा मिली। यह फिल्म दुनिया भर में ₹17.9 करोड़ की कमाई करने वाली प्रमुख व्यावसायिक सफलता बन गई। इस प्रकार ये 1992 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। ख़ुदागवाह 1992 की बेटा के बाद सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। अफगानिस्तान में भी ये सुपर हिट रही थी और दस सप्ताह तक यह फिल्म सिनेमाघरों में चली।
संक्षेप
संपादित करेंअफगानिस्तान में पड़ोसी कबीले के साथ बुज़कशी प्रतियोगिता के दौरान, बादशाह खान (अमिताभ बच्चन) बेनजीर (श्रीदेवी) से प्यार करने लगता है और उससे शादी करना चाहता है। बेनजीर उससे शादी करने के लिए राजी है लेकिन इस शर्त पर कि उसे हबीबुल्लाह को लाना होगा जिसने उसके पिता को मार डाला था। बादशाह खान हबीबुल्लाह की खोज के लिए भारत जाता है। वह हबीबुल्ला को एक जेल में पाता है और उसे वापस लेने के लिए बाहर निकालता है। उसके पीछे जेलर रणवीर सिंह (विक्रम गोखले) हैं। जब रणवीर का उससे सामना हुआ, तो वह उन्हें बताता है कि वह हबीबुल्लाह को भगाने की सजा भुगतने के लिए एक महीने में वापस आ जाएगा। बादशाह अफगानिस्तान वापस चला गया और बेनजीर से शादी करता है। समय सीमा की समाप्ति पर वह भारत वापस आता है और रणवीर सिंह को आत्मसमर्पण कर देता है। वह पांच साल तक जेल भेजा जाता है। जब बादशाह खान दूर है, उसका बचपन का दोस्त खुदा बख्श (डैनी डेन्जोंगपा) बेनजीर के लिए अभिभावक की भूमिका ग्रहण करता है।
हबीबुल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए उसका भाई पाशा (किरण कुमार) ने बादशाह के बदले जेलर रणवीर की बेटी हिना का अपहरण कर लिया। बादशाह को इस बारे में पता लगाता है और वह जेल से भागता है। वह पाशा से मुकाबला करता है लेकिन इंस्पेक्टर अज़ीज़ मिर्जा (भरत कपूर) रणवीर सिंह को मार देता है। पाशा के हाथों में रणवीर सिंह की पुत्री होती है इसलिये बादशाह रणवीर सिंह की हत्या करना स्वीकार करता है और उसे 15 साल की सजा सुनाई जाती है। जब अज़ीज़ की पत्नी (जो बादशाह को अपना भाई मानती है) उससे मिलती है, तो वह अपने पति से बादशाह की रक्षा करने के लिए उसे मार देती है। लेकिन बादशाह उस हत्या के लिए भी जिम्मेदार लेता है, क्योंकि उसका मानना है कि उसके बेटे राजा को उसकी जरूरत है।
उस समय, बेनजीर बादशाह की जांच करने के लिए खुदा बख्श को भेजती है। जेल में अपने लंबे समय तक रहने के कारण, बादशाह खुदा बख्श को अपनी बेटी मेहंदी की देखभाल करने का वादा कराता है और अपनी पत्नी बेनजीर को बताने को कहता है कि वह अब मर चुका है। ताकि वह उसके इंतजार के बजाय आगे बढ़ सके। बेनजीर पागल हो जाती है जब वह खबर सुनती है कि उसका पति मर चुका है।
जेल से बाहर आने पर, बादशाह अब अपनी बड़ी हो चुकी बेटी मेहंदी (श्रीदेवी) से मिलता है। जिसे पता चला है कि उसके पिता अभी भी जिंदा हैं और वह अपने पिता की तलाश में भारत आई है। रणवीर सिंह की पुत्री हिना (शिल्पा शिरोडकर) जो पुलिस बल में भी हैं और बादशाह के अतीत के बारे में सब जानती है और उसे अपने चाचा के रूप में मानती है। वहीं इंस्पेक्टर अजीज़ मिर्जा के बेटे इंस्पेक्टर राजा मिर्जा (नागार्जुन) ने पाया कि बादशाह वही था जिसने उसके पिता को मार डाला था। वह बदला लेने की ठानता है। राजा मेहंदी से प्यार करता है, भले ही वह उसके पिता को मारना चाहता है।
पाशा जो अब एक बड़ा अपराधी है, इस खेल में शामिल हो जाता है। बेनजीर और खुदा बख्श को उसके द्वारा अपहरण कर लिया जाता है। अंततः अपने पिता के बारे सच्चाई जानने पर राजा अपने पारस्परिक दुश्मन को मारने के लिए बादशाह और हिना के साथ हाथ मिलाता है। बादशाह पाशा को एक विशाल चट्टान में फेंकते हुए मार देता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- अमिताभ बच्चन - बादशाह ख़ाँ
- श्रीदेवी - बेनज़ीर / मेहंदी
- अक्किनेनी नागार्जुन - इंस्पेक्टर राजा मिर्जा
- शिल्पा शिरोडकर - हिना सेठी
- किरन कुमार - पाशा
- डैनी डेन्जोंगपा - ख़ुदा बख़्श
- अंजना मुमताज़ - सलमा मिर्ज़ा
- बीना बैनर्जी - लक्ष्मी सेठी
- विक्रम गोखले - जेलर रणवीर सिंह सेठी
- भरत कपूर - इंस्पेक्ट अज़ीज़ मिर्जा
- शम्मी - खुदा बख्श की माँ
- सुरेन्द्र पाल -
- अंजान श्रीवास्तव - कमलजीत
- दीपक शिर्के - कालिया डेंजर
- विकास आनन्द - न्यायाधीश
संगीत
संपादित करेंख़ुदागवाह | |
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फिल्म लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा | |
जारी | 1992 |
संगीत शैली | साउंडट्रैक |
लंबाई | 56:40 |
निर्माता | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित है। गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखे गए हैं।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "तू मुझे कबूल - 1" | कविता कृष्णमूर्ति, मोहम्मद अज़ीज़ | 8:05 |
2. | "तू ना जा मेरे बादशाह" | अलका याज्ञनिक, मोहम्मद अज़ीज़ | 5:08 |
3. | "रब को याद करूँ" | कविता कृष्णमूर्ति, मोहम्मद अज़ीज़, कोरस | 9:02 |
4. | "मेरे वतन में मैंने" | अलका याज्ञनिक, सुरेश वाडकर, कोरस | 7:54 |
5. | "मैं ऐसी चीज नहीं" | कविता कृष्णमूर्ति, मोहम्मद अज़ीज़, कोरस | 8:41 |
6. | "दीवाना मुझे कर गया" | अलका याज्ञनिक, मोहम्मद अज़ीज़, कोरस | 8:38 |
7. | "सर जमी हिन्दुस्तान" | अमिताभ बच्चन | 1:07 |
8. | "तू मुझे कबूल - 2" | लता मंगेशकर, कविता कृष्णमूर्ति | 8:05 |
कुल अवधि: | 56:40 |
रोचक तथ्य
संपादित करेंइस फिल्म की शूटिंग अफगानिस्तान के कंधार और मज़ार-ए-शरीफ़ में हुई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नजीबुल्लाह ने फिल्म के दल को कड़ी सुरक्षा मुहैया कराई थी।[2]
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "'खुदा गवाह' के 23 साल पूरे, भावुक हुए अमिताभ". पत्रिका. 10 मई 2015. मूल से 16 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2018.
- ↑ "भारत ही नहीं अफगानिस्तान में भी लोकप्रिय थीं श्रीदेवी". प्रभात खबर. 25 फरवरी 2018. मूल से 16 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2018.