तेजाजी

लोक देवता
(पेमल से अनुप्रेषित)

तेजाजी या वीर तेजाजी एक राजस्थानी लोक देवता हैं। उन्हें शिव के प्रमुख ग्यारह अवतारों में से एक माना जाता है और राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा आदि राज्यों में देवता के रूप में पूजा जाता है।[1][2]

तेजाजी

तेजाजी
संबंध देवता (भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार)
अस्त्र भाला
जीवनसाथी पेमल
माता-पिता तहाड़ जी (पिता)
रामकंवरी (माता)
भाई-बहन राजल (बहन)
सवारी लीलण (घोड़ी)

मानवविज्ञानी कहते हैं कि तेजाजी एक नायक है जिन्होने जाति व्यवस्था का विरोध किया।[3]

जन्म

विक्रम संवत 1130 माघ सुदी शुक्ल पक्ष चौदस अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 29 जनवरी 1074 को श्री वीर तेजाजी महाराज का जन्म दिवस मनाया जाता है उनके पिता राजस्थान में नागौर जिले के खरनाल के मुखिया तहाड जी थे।

उनकी माता का नाम रामकंवरी था।, तेजाजी के माता और पिता भगवान शिव के उपासक थे। माना जाता है कि माता राम कंवरी को नाग-देवता के आशीर्वाद से पुत्र की प्राप्ति हुई थी। जन्म के समय तेजाजी की आभा इतनी मजबूत थी कि उन्हें तेजा बाबा नाम दिया गया था।

विवाह

तेजाजी का विवाह पेमल से हुआ था, रायमल जी मुथा की पुत्री थी, जो गाँव पनेर के प्रमुख थे। पेमल का जन्म बुद्ध पूर्णिमा विक्रम स॰ 1131 (1074 ई॰) को हुआ था। पेमल के साथ तेजाजी का विवाह पुष्कर में 1074 ई॰ में हुआ था जब तेजा 9 महीने के थे और पेमल 6 महीने की थी। विवाह पुष्कर पूर्णिमा के दिन पुष्कर घाट पर हुआ। पेमल के मामा का नाम खाजू-काला था, जो धोल्या परिवार से दुश्मनी रखता था और इस रिश्ते के पक्ष में नहीं था। खाजू काला और ताहड़ देव के बीच विवाद पैदा हो गया। खाजा काला इतना क्रूर हो गया कि उसने उसे मारने के लिए ताहड़ देव पर हमला कर दिया। अपनी और अपने परिवार की रक्षा के लिए, ताहड़ देव को तलवार से खाजू काला को मारना पड़ा। इस अवसर पर तेजाजी के चाचा असकरन भी उपस्थित थे। यह घटना पेमल की माँ को ठीक नहीं लगी जो अब ताहड़ देव और उसके परिवार से बदला लेना चाहती थी।

मंदिर

 
खरनाल (नागौर) में तेजाजी का मंदिर
 
सुरसुरा (अजमेर) में तेजाजी का धाम

तेजाजी का मुख्य मंदिर खरनाल में हैं।

खरनाल मेला

प्रत्येक वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशवीं  को तेजाजी की याद में खरनाल गाँव में भारी मेले का आयोजन होता हे जिसमे लाखों लोगों की तादात में लोग गाजे-बाजे के सात आते हैं।

सन्दर्भ

  1. Editorial, Reuters. "In India, getting bitten by a snake seen as good luck". U.S. (in अमेरिकी अंग्रेज़ी). Archived from the original on 16 अक्तूबर 2018. Retrieved 16 October 2018. {{cite news}}: |first= has generic name (help); Check date values in: |archive-date= (help)
  2. ANI (16 September 2016). "Rajasthan celebrates unique snake festival to bring good fortune". India.com (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 16 अक्तूबर 2018. Retrieved 16 October 2018. {{cite news}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  3. Dhali, Rajshree Popular Religion in Rajasthan: A Study of Four Deities and Their Worship in Nineteenth and Twentieth Century, 2014, p. 229