मीन राशि
यह गुरु की दूसरी और भचक्र की अंतिम राशि है। इस राशि के जातकों में करुणा की भावना होती है, स्वयं बढ़कर भले ही सहायता न करे, लेकिन पुकारे जाने पर पूरी तरह सहायता के लिए तैयार रहते है। ये दार्शनिक होते हैं, रोमांटिक जीवन जीते हैं, साहस के साथ स्पष्ट बोलने वाले और विचारशील होते हैं। अपनी सज्जनता के कारण जिंदगी में सफलताओं के कई मौके गंवा बैठते हैं।
मीन | |||||||||||||||||||||||||||||||
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द्विस्वभाव राशि का असर जातकों के विचारों पर भी पड़ता है, एक समय इनके एक प्रकार के विचार होते हैं तो परिस्थितियां बदलने पर विचार भी बदल जाते हैं। मीन राशि के जातकों को प्राय: गैस संबंधी शिकायत होती है। मदिरा के सेवन के शौक को मीन राशि वाले जातकों को नियंत्रण में रखना चाहिए। ये लोग आमतौर पर भण्डारी, शिक्षक, मुनीम अथवा बैंक में कर्मचारी होते हैं।
एकाग्रता कम होने के कारण निरन्तर नए कार्यों की ओर उन्मुख होते रहते हैं। अपनी संतान के आश्रित बनने से बचने क लिए ये जातक युवावस्था में ही निवेशों पर ध्यान देने लगते हैं। मीन लग्न के जातक अपेक्षाकृत तेजी से मित्र बनाते हैं, ऐसे में इनके मित्रों में हर तरह के लोग शामिल होते हैं। इन जातकों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि अपने सभी भेद मित्रों के सामने नहीं खोलें, अन्यथा परेशानी में फंस सकते हैं। मीन राशि के लिए गुरु, मंगल और रविवार श्रेष्ठ दिन हैं। लाल, पीला, गुलाबी और नारंगी रंग शुभदायी हैं। एक, चार, तीन और नौ अंक शुभ हैं। मीन राशि के लोग पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (अंतिम चौथा चरण),उत्तराभाद्रपद नक्षत्र (4 चरण),रेवती नक्षत्र (4 चरण) जैसे नक्षत्र से जुड़े होते है।