मुज़फ्फरपुर

वज्जिनगर

मुज़फ़्फ़रपुर (अंग्रेज़ी: Muzaffarpur) भारत के बिहार राज्य के तिरहुत प्रमण्डल के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। यह बूढ़ी गण्डक नदी के किनारे बसा हुआ है।[7][8]

मुज़फ़्फ़रपुर
Muzaffarpur
शहर
मुज़फ़्फ़रपुर जंक्शन
मुज़फ़्फ़रपुर जंक्शन
मुज़फ़्फ़रपुर is located in बिहार
मुज़फ़्फ़रपुर
मुज़फ़्फ़रपुर
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार)
मुज़फ़्फ़रपुर is located in भारत
मुज़फ़्फ़रपुर
मुज़फ़्फ़रपुर
मुज़फ़्फ़रपुर (भारत)
निर्देशांक: 26°7′21″N 85°23′26″E / 26.12250°N 85.39056°E / 26.12250; 85.39056
देश भारत
राज्यबिहार
ज़िलामुज़फ़्फ़रपुर
प्रमंडलतिरहुत
स्थापना1 जनवरी 1875
नगर निगममुज़फ़्फ़रपुर नगर निगम
शासन
 • सांसदराज भूषण चौधरी
 • विधान परिषद के सदस्यदिनेश प्रसाद सिंह
 • विधायकविजेन्द्र चौधरी[2]
 • महापौरनिर्मला साहू
 • नगर आयुक्तविक्रम वीरकार
क्षेत्रफल
 • कुल91 किमी2 (35 वर्गमील)
ऊँचाई60 मी (200 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुलवृद्धि 3,54,462[1]
 • पद127वाँ (भारत)
चतुर्थ (बिहार)
भाषाएँ
 • आधिकारिकहिन्दी[3]
 • अतिरिक्त आधिकारिकअंग्रेज़ी[3]
 • क्षेत्रीयबज्जिका[4]
समय मण्डलIST (यूटीसी+5:30)
PIN842001-05[5]
दूरभाष कोड0621
वाहन पंजीकरणBR-06
लिंगानुपात1000 / 890 [6]
साक्षरता85.16%[6]
लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रमुज़फ़्फ़रपुर
विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रमुज़फ़्फ़रपुर
वेबसाइटmuzaffarpur.bih.nic.in

मुज़फ़्फ़रपुर उत्तरी बिहार का एक प्रमुख शहर है। अपने सूती वस्त्र उद्योग,लाह (लाख)की चूड़ियों, शहद तथा आम और लीची जैसे फलों के उम्दा उत्पादन के लिये यह जिला पूरे विश्व में जाना जाता है, खासकर यहाँ की शाही लीची का कोई जोड़ नहीं है।[9] यहाँ तक कि भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी यहाँ से लीची भेजी जाती है। बिहार के जर्दालु आम, मगही पान और कतरनी धान को जीआइ टैग (ज्योग्रफिकल इंडिकेशन) मिल चुका है। अब शाही लीची को भी जल्द जीआइ मिल जाएगा।[10][11]

2017 मे मुज़फ़्फ़रपुर स्मार्ट सिटी के लिये चयनित हुआ है। अपने उर्वरक भूमि और स्वादिष्ट फलों के स्वाद के लिये मुज़फ़्फ़रपुर देश विदेश मे "स्वीटसिटी" के नाम से जाना जाता है। मुज़फ़्फ़रपुर थर्मल पावर प्लांट देशभर के सबसे महत्वपूर्ण बिजली उत्पादन केंद्रो मे से एक है।[12][13]

प्राचीन काल में मुजफ्फरपुर मिथिला (तिरहुत) राज्य का अंग था। बाद में मिथिला में वज्जि गणराज्य की स्थापना हुई। तीसरी सदी में भारत आए चीनी यात्री ह्वेनसांग के यात्रा विवरणों से यह पता चलता है कि यह क्षेत्र काफी समय तक महाराजा हर्षवर्धन के शासन में रहा। उनकी मृत्यु के बाद स्थानीय क्षत्रपों का कुछ समय शासन रहा तथा आठवीं सदी के बाद यहाँ बंगाल के पाल वंश के शासकों का शासन शुरु हुआ जो 1019 तक जारी रहा। तिरहुत पर लगभग 11 वीं सदी में चेदि वंश का भी कुछ समय शासन रहा। सन 1211 से 1226 बीच गैसुद्दीन एवाज़ तिरहुत का पहला मुसलमान शासक बना। चम्पारण के सिमराँव वंश के शासक हरसिंह देव के समय 1323 ईस्वी में तुग़लक वंश के शासक गयासुद्दीन तुग़लक ने इस क्षेत्र पर अधिकार कर लिया लेकिन उसने सत्ता मिथिला के शासक कामेश्वर ठाकुर को सौंप दी। चौदहवीं सदी के अंत में तिरहुत समेत पूरे उत्तरी बिहार का नियंत्रण जौनपुर के राजाओं के हाथ में चला गया जो तबतक जारी रहा जबतक दिल्ली सल्तनत के सिकन्दर लोदी ने जौनपुर के शासकों को हराकर अपना शासन स्थापित नहीं किया। इसके बाद विभिन्न मुग़ल शासकों और बंगाल के नवाबों के प्रतिनिधि इस क्षेत्र का शासन चलाते रहे। पठान सरदार दाऊद खान को हराने के बाद मुगलों ने नए बिहार प्रांत का गठन किया जिसमें तिरहुत को शामिल कर लिया गया।
1764 में बक्सर की लडाई के बाद यह क्षेत्र सीधे तौर पर अंग्रेजी हुकूमत के अधीन हो गया। सन 1875 में प्रशासनिक सुविधा के लिये तिरहुत का गठन कर मुजफ्फरपुर जिला बनाया गया। मुजफ्फरपुर ने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में अत्यंत महत्वपूरण भूमिका निभाई है। महात्मा गाँधी की दो यात्राओं ने इस क्षेत्र के लोगों में स्वाधीनता के चाह की नयी जान फूँकी थी। खुदीराम बोस, जुब्बा साहनी, पण्डित सहदेव झा,शुक्ल बंधु जैसे अनेक क्रांतिकारियों की यह कर्मभूमि रही है। 1930 के नमक आन्दोलन से लेकर 1942 के भारत छोडो आन्दोलन के समय तक यहाँ के क्रांतिकारियों के कदम लगातार आगे बढ़ते रहे,मुजफ्फरपुर उत्तरी छोर की कमान युवा राम संजीवन ठाकुर ने संभाले रखी।
मुजफ्फरपुर का वर्तमान नाम ब्रिटिस काल के राजस्व अधिकारी मुजफ्फर खान के नाम पर पड़ा है। 1972 तक मुजफ्फरपुर जिले में शिवहर, सीतामढी तथा वैशाली जिला शामिल था।

मुजफ्फरपुर शहर मे महादेव का बहुत बङा स्थान है जहां मन से मांगे हर मनोकामना को पुरा होते लोगो ने देखा है जिसका नाम बाबा गरीबनाथ धाम है,इसके अलावे देवी मंदिर, मां बंग्लामुखी मंदिर भी यहां प्रसिद्ध है।मुजफ्फरपुर का पुराना नाम महाभारत एवं रामायण काल मे अलग था,जो जल्द सुधार हो जाये तो पौराणिक महत्व बढ जायेगा।

मुजफ्फरपुर को इस्लामी और हिन्दू सभ्यताओं की मिलन स्थली के रूप में भी देखा जाता रहा है। दोनों सभ्यताओं के रंग यहाँ गहरे मिले हुये हैं और यही इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान भी है।

मुजफ्फरपुर का मौसम गर्मियों में, अप्रैल से जून, महीनों के बीच अत्यंत गर्म एवं नम रहता है (28/40 °C,90% अधिकतम्)। इसके मुकाबले सर्दियां काफ़ी सुखद एवं शीतल होती हैं।

मुज़फ़्फ़रपुर के जलवायु आँकड़ें
माह जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितम्बर अक्टूबर नवम्बर दिसम्बर वर्ष
औसत उच्च तापमान °C (°F) 22
(72)
26
(79)
32
(90)
37
(99)
44
(111)
40
(104)
36
(97)
33
(91)
32
(90)
32
(90)
29
(84)
24
(75)
32.3
(90.2)
औसत निम्न तापमान °C (°F) 06
(43)
12
(54)
17
(63)
22
(72)
25
(77)
27
(81)
26
(79)
26
(79)
26
(79)
22
(72)
15
(59)
07
(45)
19.3
(66.9)
औसत वर्षा मिमी (इंच) 12
(0.47)
17
(0.67)
7
(0.28)
16
(0.63)
42
(1.65)
185
(7.28)
339
(13.35)
259
(10.2)
242
(9.53)
39
(1.54)
17
(0.67)
7
(0.28)
1,182
(46.55)
स्रोत: Muzaffarpur Weather

राजनीतिक विभाजन

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शिक्षण संस्थान

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विश्वविद्यालय

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महाविद्यालय

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दर्शनीय स्थल

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मुजफ्फरपुर में लीची गार्डन
  • बसोकुंड: जैन धर्म के २४वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म वैशाली के निकट बसोकुंड में लिच्छवी कुल में हुआ था। यह स्थान जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र है। यहाँ अहिंसा एवं प्राकृत शिक्षा संस्थान भी है।
  • जुब्बा साहनी पार्क: भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान जुब्बा साहनी ने १६ अगस्त १९४२ को मीनापुर थाने के इंचार्ज लियो वालर को आग में जिंदा झोंक दिया था। बाद में पकड़े जाने पर उन्हें ११ मार्च १९४४ को फांसी दे दी गयी।[14] जिले के इस महान स्वतंत्रता सेनानी की याद में बनाया गया पार्क दर्शनीय है।
  • बा‍बा गरीबनाथ मंदिर: मुजफ्फरपुर के इस शिव मंदिर को देवघर के समान आदर प्राप्त है। सावन के महीने में यहाँ शिवलिंग का जलाभिषेक करने वालों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
    • रामचंद्र शाही संग्रहालय : इतिहास और पुराने कलाकृतियों को देखने में रुचि रखते हैं तो रामचंद्र शाही संग्रहालय जरूर जाएं। इस संग्रहालय में कुषाण काल से लेकर 13वीं शताब्दी तक की दुर्लभ वस्तुएं देखने को मिलती हैं। यहां पर आपको जैन, महावीर, बौद्ध स्तूप, मुहर आदि चीजें देखने को मिलेंगी।
    • लीची गार्डन : मुजफ्फरपुर की पहचान ही लीची से है और अगर आप यहां आए हैं तो लीची गार्डन जाना ना भूलें। हर साल फरवरी से मई के महीने के बीच में यहां पर लीची की पैदावार होती है। इस दौरान आप यहां पर लजीज लीची का स्वाद ले सकते हैं।
    • श्री चतुर्भुज स्थान मंदिर : यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर साल भर हर महीने किसी ना किसी तरह का उत्सव होता रहता है। यहां पर आप शांत वातावरण में भगवान विष्णु के दर्शन कर सकते हैं।[15]
  • देवी मंदिर:
  • बंग्लामुखी मंदिर
  • माता वैष्णो काली मंदिर। (स्वतन्तता सेनानी रामसंजीवन ठाकुर आवास के पास)
  • पंचमुखी हनुमान मंदिर मोतीपुर
  • माई मंदिर सरैया शक्ति पीठ
  • कोठिया मज़ार (कांटी):
  • दाता कंबल शाह मज़ार:
  • शहीद खुदीराम स्‍मारक:
  • छह्न्न्मास्तिका मन्दिर (कांटी)
  • मां मनोकामना मन्दिर (प्रतापपुर)
  • बाबाजी मनोकामनामहादेव ब्रह्म (प्रतापपुर)

आवागमनDakini Devi bahilwara govind laxmipur

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हवाई मार्ग

यहाँ का सबसे नजदीकी पताही हवाई अड्डा जो ४ किलोमीटर पर अवस्थित है लम्बे समय से बंद परा है। सामान्य हवाई अड्डा ८० किलोमीटर दूर पटना में स्थित है। एक अन्य हवाई अड्डा दरभंगा में स्थित है जो सैनिक उद्देश्यों के लिए बना है।

रेल मार्ग

मुजफ्फरपुर भारतीय रेल के पूर्व मध्य रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण जंक्शन है। यह शहर रेलमार्ग से भारत के महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से गोरखपुर और हाजीपुर या मोतिहारी होते हुए मुजफ्फरपुर पहुंचा जा सकता है। मुजफ्फरपुर उतर-पूर्व भारतीय राज्‍यों से भी ट्रेन माध्‍यम से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

मुजफ्फरपुर बिहार के अन्‍य शहरों से सड़क के माध्‍यम से अच्‍छी तरह से जुड़ा हुआ है। हाजीपुर से प्रारंभ होकर सोनबरसा (सीतामढी) जानेवाली राष्ट्रीय राजमार्ग ७७ मुजफ्फरपुर होकर जाती है। लखनऊ से बरौनी को जोडनेवाली राष्ट्रीय राजमार्ग २८ मुजफ्फरपुर से गुजरती है। इसके अलावे राष्ट्रीय राजमार्ग ५७ तथा १०२ एवं राजकीय राजमार्ग ४६ तथा ४८ भी यहाँ से गुजरती है। राजधानी पटना से मुजफ्फरपुर (78 कि॰मी॰) के लिए हाजीपुर होकर नियमित बस सेवाएं हैं। पड़ोसी जिलों के लिए भी मुजफ्फरपुर से अच्छी बस सेवा उपलब्ध है।

जलमार्ग

जिले के पश्चिमी सीमा से गुजरनेवाली गंडक नदी नौका गम्य है लेकिन मानसून के दिनों में यह परिवहन योग्य नहीं रहती।

इन्हें भी देखें

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वातावरण इस शहर मे प्रदूषण एक बड़ी समस्या है इस शहर का नाम देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों मे शुमार है कचड़ा प्रबंधन और जल निकासी एक बड़ी समस्या है बारिश के दिनों मे यहाँ के लोगो को जल जमाव जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है


  1. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; census_india नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  2. "Muzaffarpurchunav 2020: क्या इस बार मंत्री जी लगाएंगे हैट्रिक या पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी करेंगे वापसी?". Dainik Jagran. 1 November 2020. अभिगमन तिथि: 18 November 2020.
  3. "second Report of the Commissioner for Linguistic Minorities in India" (PDF). nclm.nic.in. Ministry of Minority Affairs. मूल से (PDF) से 25 May 2017 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 21 December 2018.
  4. "Bajjika". Ethnologue (अंग्रेज़ी भाषा में). अभिगमन तिथि: 22 September 2020.
  5. "Pin Codes of Muzaffarpur, Bihar, India, Muzaffarpur Pincode Search". indiapincodes.net.
  6. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; census2011 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  7. "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
  8. "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810
  9. "Bihar's famous Shahi litchi to get GI tag soon". 4 अगस्त 2018 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 8 जुलाई 2018.
  10. "अब बिहार की खास होगी मुज़फ़्फ़रपुर की शाही लीची, जल्‍दी मिलगा GI टैग". 8 जुलाई 2018 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 8 जुलाई 2018.
  11. "धान, पान और आम के बाद मुज़फ़्फ़रपुर की शाही लीची को भी जल्द मिल जाएगा GI टैग". 8 जुलाई 2018 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 8 जुलाई 2018.
  12. http://abpnews.abplive.in/ind/2014/05/24/article329024.ece/%E0%A4%A8%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A3%E0%A4%AC-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A5%80-%E0%A4%9A#.VHGCK_mSxqg[मृत कड़ियाँ]
  13. "संग्रहीत प्रति". 29 नवंबर 2014 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 23 नवंबर 2014.
  14. "संग्रहीत प्रति". मूल से से 7 जनवरी 2010 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 5 अगस्त 2009.
  15. "बिहार के साथ साथ मुजफ्फरपुर में जरूर घूमे इन जगह में". प्रभात खबर. 16 जनवरी 2023.