राहुल गांधी

भारतीय राजनेता
(राहुल गाँधी से अनुप्रेषित)

राहुल राजीव गांधी (हिन्दुस्तानी उच्चारण: [ˈraːɦʊl raːdʒiːʋ ˈɡaːndʱiː]  ( सुनें); जन्म: 19 जून 1970) एक भारतीय राजनेता हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) के सदस्य, उन्होंने 2024 जून से लोकसभा के नेता प्रतिष्ठान के रूप में और राएबरेली के संसदीय क्षेत्र के सदस्य के रूप में सेवा प्रदान की है।[c] उन्होंने पहले वायनाड, केरल, से 2019 से 2024 तक और अमेठी, उत्तर प्रदेश, से 2004 से 2019 तक प्रतिष्ठान से बचाने वाले गांधी 2017 दिसंबर से 2019 जुलाई तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं और भारतीय युवा कांग्रेस, राष्ट्रीय छात्र संघ भारत के अध्यक्ष हैं, राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चारिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। उन्हें नेहरू-गांधी राजनीतिक परिवार का सदस्य माना जाता है।

राहुल गांधी
2024 में राहुल गांधी

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
9 जून 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला
पूर्वा धिकारी सुषमा स्वराज (2014)[a][b]

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
4 जून 2024
पूर्वा धिकारी सोनिया गांधी
चुनाव-क्षेत्र राएबरेली, उत्तर प्रदेश
पद बहाल
7 अगस्त 2023[1] – 17 जून 2024
23 मई 2019 – 23 मार्च 2023[9]
चुनाव-क्षेत्र वायनाड, केरल
पूर्वा धिकारी एम. आई. शानवास
उत्तरा धिकारी अभी तक अनिश्चित
पद बहाल
17 मई 2004 – 23 मई 2019
पूर्वा धिकारी सोनिया गांधी
उत्तरा धिकारी स्मृति ईरानी
चुनाव-क्षेत्र अमेठी, उत्तर प्रदेश
दलीय राजनीतिक पद
राहुल गांधी

पद बहाल
16 दिसम्बर 2017 – 10 अगस्त 2019
पूर्वा धिकारी सोनिया गांधी
उत्तरा धिकारी सोनिया गांधी

पद बहाल
19 जनवरी 2013 – 16 दिसम्बर 2017
राष्ट्रपति सोनिया गांधी
पूर्वा धिकारी पद स्थापित
उत्तरा धिकारी पद निरस्त

पद बहाल
25 सितंबर 2007 – 19 जनवरी 2013
राष्ट्रपति सोनिया गांधी

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
25 सितंबर 2007
पूर्वा धिकारी पद स्थापित

पद बहाल
25 सितंबर 2007 – 26 अक्टूबर 2022
पूर्वा धिकारी पद स्थापित
उत्तरा धिकारी [[मल्लिकार्जुन खड़गे

]]



जन्म 19 जून 1970 (1970-06-19) (आयु 54)
नई दिल्ली, दिल्ली, भारत
जन्म का नाम राहुल राजीव गांधी
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
निवास 10, जनपथ, नई दिल्ली, दिल्ली, भारत
शैक्षिक सम्बद्धता रोलिंस कॉलेज (स्नातक प्रकाश)
ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज (एम. फिल. विकास अध्ययन)
हस्ताक्षर
जालस्थल आधिकारिक वेबसाइट

नई दिल्ली में जन्मे गांधी ने अपना बचपन नई दिल्ली और देहरादून के बीच बिताया और अपने बचपन और शुरुआती युवावस्था के अधिकांश को सार्वजनिक क्षेत्र से दूर रहने का विचार किया। उन्होंने नई दिल्ली में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की और फिर दून स्कूल देहरादून में जाकर विशेष सभी लड़कों के बोर्डिंग सेंट स्टीफेन्स कॉलेज में अध्ययन किया। सुरक्षा समस्याओं के कारण, बाद में उन्हें होम-स्कूल किया गया। गांधी ने सेंट स्टीफेन्स कॉलेज में अपनी स्नातक की डिग्री प्रारंभ की और फिर हार्वर्ड विश्वविद्यालय में जाएँ। अगले वर्ष, उनके पिता हत्या के बाद सुरक्षा खतरों के कारण, उन्होंने रोलिंस कॉलेज में फ्लोरिडा में अपनी डिग्री पूरी की। अगले साल, उन्होंने एम.फिल. कैम्ब्रिज से प्राप्त की। अपनी स्नातकोत्तर योग्यता पूरी करने के बाद, उन्होंने मॉनिटर ग्रुप, लंदन की एक प्रबंधन परामर्श फर्म के साथ अपने व्यावसायिक करियर की शुरुआत की। शीघ्र ही, उन्होंने भारत लौटकर बैकऑप्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई में आधारित एक प्रौद्योगिकी आउटसोर्सिंग फर्म की स्थापना की।

गांधी ने 2004 में 2004 से लोकसभा से सीट जीती, 2009 और 2014 में पुनः चुनाव जीतने के बाद। गांधी ने कांग्रेस को 2014 और 2019 भारतीय सांसदीय चुनावों में नेतृत्व दिया, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी ने केवल 44 और 52 सीटें जीतीं, क्रमश:। संसद में, गांधी ने गृह मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विदेश मामले मंत्रालय, वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, और रक्षा जैसी कई संसदीय समितियों के सदस्य के रूप में सेवा प्रदान की। 2024 चुनावों से पहले, गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नेतृत्व किया, और कांग्रेस को 99 सीटें जीतने में मदद की, इससे पार्टी को पिछले 10 वर्षों में पहली बार आधिकारिक विपक्ष का स्थान प्राप्त हुआ, खुद को अधिकारिक विपक्ष के नेता के रूप में नामित करने के लिए। उन्होंने चुनाव में राएबरेली की सीट जीती, जिसमें उनकी मां, सोनिया गांधी, के उत्तराधिकारी होते हुए।[10][11][12]

2024 में 18वें आम चुनावों में, गांधी ने कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किया और कांग्रेस को 99 सीटें हासिल करने में मदद की, इस प्रकार पार्टी को 10 वर्षों में पहली बार आधिकारिक विपक्ष का दर्जा मिला।[13][14][15] कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने भी उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 234 सीटें हासिल कीं।[16]

प्रारम्भिक जीवन

राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री गांधी और पूर्व काँग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के यहां हुआ था। वह अपने माता-पिता की दो संतानों में बड़े हैं और प्रियंका गांधी वढेरा के बड़े भाई हैं। राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी भारत की पूर्व प्रधानमंत्री थीं।

राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में की और इसके बाद वो प्रसिद्ध दून विद्यालय में पढ़ने चले गये जहां उनके पिता ने भी विद्यार्जन किया था। सन 1981-83 तक सुरक्षा कारणों के कारण राहुल गांधी को अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी। राहुल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से सन 1994 में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद सन 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम.फिल. की उपाधि प्राप्त की।

कैरियर (व्यवसाय)

शुरूआती कैरियर

स्नातक स्तर तक की पढ़ाई कर चुकने के बाद राहुल गांधी ने प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 3 साल तक काम किया। इस दौरान उनकी कंपनी और सहकर्मी इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ थे कि वे किसके साथ काम कर रहे हैं क्योंकि वह ाहुल यहां एक छद्म नाम रॉल विंसी के नाम से इस कम्पनी में नियोजित थे। राहुल गाँधी के आलोचक उनके इस कदम को उनके भारतीय होने से उपजी उनकी हीन-भावना मानते हैं जब कि काँग्रेसजन उनके इस कदम को उनकी सुरक्षा से जोड़ कर देखते हैं। सन 2002 के अंत में वह मुंबई में स्थित अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी से संबंधित एक कम्पनी 'आउटसोर्सिंग कंपनी बैकअप्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड' के निदेशक-मंडल के सदस्य बन गये।

राजनीतिक कैरियर

2003 में, राहुल गांधी के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बारे में बड़े पैमाने पर मीडिया में अटकलबाजी का बाज़ार गर्म था, जिसकी उन्होंने तब कोई पुष्टि नहीं की। वह सार्वजनिक समारोहों और कांग्रेस की बैठकों में बस अपनी माँ के साथ दिखाई दिए। एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला देखने के लिए सद्भावना यात्रा पर अपनी बहन प्रियंका गाँधी के साथ पाकिस्तान भी गए।[17]

जनवरी 2004 में राजनीति उनके और उनकी बहन के संभावित प्रवेश के बारे में अटकलें बढ़ीं जब उन्होंने अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी का दौरा किया, जहाँ से उस समय उनकी माँ सांसद थीं। उन्होंने यह कह कर कि "मैं राजनीति के विरुद्ध नहीं हूँ। मैंने यह तय नहीं किया है कि मैं राजनीति में कब प्रवेश करूँगा और वास्तव में, करूँगा भी या नहीं।" एक स्पष्ट प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया था। [18]

मार्च 2004 में, मई 2004 का चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ उन्होंने भारतीय राजनीति में प्रवेश की घोषणा की, वह अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हुए, जो भारत की संसद का निचला सदन है।[19] इससे पहले, उनके चाचा संजय गांधी ने, जो एक विमान दुर्घटना के शिकार हुए थे, ने संसद में इसी क्षेत्र का नेतृत्व किया था। तब इस लोकसभा सीट पर उनकी माँ थी, जब तक वह पड़ोस के निर्वाचन-क्षेत्र रायबरेली स्थानान्तरित नहीं हुई थी। उस समय इनकी पार्टी ने राज्य की 80 में से महज़ 10 लोकसभा सीट ही जीतीं थीं और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का हाल बुरा था।[18] इससे राजनीतिक टीकाकारों को थोड़ा आश्चर्य भी हुआ जिन्होंने राहुल की बहन प्रियंका गाँधी में करिश्मा कर सकने और सफल होने की संभावना देखी थी। पर तब पार्टी के अधिकारियों के पास मीडिया के लिए उनका बायोडेटा तैयार नहीं था। ये अटकलें लगाई गयीं कि भारत के सबसे मशहूर राजनीतिक परिवारों में से एक देश की युवा आबादी के बीच इस युवा सदस्य की उपस्थिति कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक भाग्य को पुनर्जीवन देगी। [20] विदेशी मीडिया के साथ अपने पहले इंटरव्यू में, उन्होंने स्वयं को 'देश को जोड़ने वाली शख्सियत' के रूप में पेश किया और भारत की "विभाजनकारी" राजनीति की निंदा की, यह कहते हुए कि वह जातीय और धार्मिक तनाव को कम करने की कोशिश करेंगे।[19] उनकी उम्मीदवारी का स्थानीय जनता ने उत्साह के साथ स्वागत किया, जिनका इस क्षेत्र में इस गाँधी-परिवार से एक लंबा संबंध था।[18]

वह चुनाव विशाल बहुमत से जीते, वोटों में 1,00,000 के अंतर के साथ इन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र को परिवार का गढ़ बनाए रखा, जब कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को अप्रत्याशित रूप से हराया।[21] उनका अभियान उनकी छोटी बहन, प्रियंका गाँधी द्वारा संचालित किया गया था।[तथ्य वांछित] 2006 तक उन्होंने कोई अन्य पद ग्रहण नहीं किया और मुख्य निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों और उत्तर प्रदेश की राजनीति पर ध्यान केंद्रित किया और भारतीय और अंतरराष्ट्रीय प्रेस में व्यापक रूप से अटकलें थी कि सोनिया गांधी भविष्य में उन्हें एक राष्ट्रीय स्तर का कांग्रेस नेता बनाने के लिए तैयार कर रही हैं, जो बात बाद में सच साबित हुई। [22]

जनवरी 2006 में, हैदराबाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सम्मेलन में, पार्टी के हजारों सदस्यों ने गांधी को पार्टी में एक और महत्वपूर्ण नेतृत्व की भूमिका के लिए प्रोत्साहित किया और प्रतिनिधियों के संबोधन की मांग की। उन्होंने कहा, "मैं इसकी सराहना करता हूँ और मैं आपकी भावनाओं और समर्थन के लिए आभारी हूँ. मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं आपको निराश नहीं करूँगा" लेकिन उनसे इस बारे में धैर्य रखने को कहा और पार्टी में तुरंत एक उच्च पद लेने से मना कर दिया। [23]

गांधी और उनकी बहन ने 2006 में रायबरेली में पुनः सत्तारूढ़ होने के लिए उनकी माँ सोनिया गाँधी का चुनाव अभियान हाथ में लिया, जो आसानी से 4,00,000 मतों से अधिक अंतर के साथ जीती थीं।[24]

2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए एक उच्च स्तरीय कांग्रेस अभियान में उन्होंने प्रमुख भूमिका अदा की ; हालाँकि कांग्रेस ने 8.53% मतदान के साथ केवल 22 सीटें ही जीतीं। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को बहुमत मिला, जो पिछड़ी जाति के भारतीयों का प्रतिनिधित्व करती है।[25]

राहुल गांधी को 24 सितंबर 2007 में पार्टी-संगठन के एक फेर-बदल में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया था।[26] उसी फेर-बदल में, उन्हें युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्रसंघ का कार्यभार भी दिया गया था।[27]

एक युवा नेता के रूप में खुद को साबित करने के उनके प्रयास में नवम्बर 2008 में उन्होंने नई दिल्ली में अपने 12, तुगलक लेन स्थित निवास में कम से कम 40 लोगों को ध्यानपूर्वक चुनने के लिए साक्षात्कार आयोजित किया, जो भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) के वैचारिक-दस्ते के हरावल बनेंगे, जब से वह सितम्बर 2007 में महासचिव नियुक्त हुए हैं तब से इस संगठन को परिणत करने के इच्छुक हैं।[28]

2009 चुनाव

2009 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3,33,000 वोटों के अन्तर से पराजित करके अपना अमेठी निर्वाचक क्षेत्र बनाए रखा। इन चुनावों में कांग्रेस ने कुल 80 लोकसभा सीटों में से 21 जीतकर उत्तर प्रदेश में खुद को पुनर्जीवित किया और इस बदलाव का श्रेय भी राहुल गांधी को ही दिया गया है।[29] छह सप्ताह में देश भर में उन्होंने 125 रैलियों में भाषण दिया था।

पार्टी-वृत्त में वह 'आर जी' के नाम से जाने जाते हैं।[30]

भारत जोड़ो यात्रा (2022-2023)

भारत जोड़ी यात्रा 7 सितंबर, 2022 को राहुल गांधी द्वारा शुरू की गई थी। यात्रा कश्मीर पहुंचने के लिए 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में करीब पांच महीनों में 4,080 किलोमीटर (2,540 मील) की दूरी तय की गई थी।[31][32][33]

भारत जोड़ो न्याय यात्रा (2024)

भारत जोड़ो न्याय यात्रा राहुल गांधी द्वारा 14 जनवरी 2024 को मणिपुर के थौबल से शुरू की गई थी और 20 मार्च 2024 को भारत के पूर्व-पश्चिम तक फैली मुंबई में समाप्त होगी।[34] हालांकि पिछली बार के विपरीत, यात्रा पूरी तरह से पैदल नहीं होगी और हाइब्रिड मोड में की जाएगी।[35]

राजनीतिक और सामाजिक मत

 
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में यूनानी प्रधानमन्त्री जॉर्ज पापेन्द्रयू के साथ राहुल गांधी

राष्ट्रीय सुरक्षा

दिसंबर 2010 में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजनयिक केबल लीक के दौरान, विकीलीक्स ने 3 अगस्त 2009 को एक केबल लीक किया था, जहां भारत के प्रधान मंत्री, मनमोहन सिंह ने 20 जुलाई 2009 को एआईसीसी के तत्कालीन महासचिव गांधी के लिए दोपहर के भोजन की मेजबानी की थी। दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित अतिथियों में से एक भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत टिमोथी जे. रोमर थे। रोमर के साथ एक "स्पष्ट बातचीत" में उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि हिंदू चरमपंथी उनके देश के लिए मुस्लिम आतंकवादियों की तुलना में अधिक बड़ा खतरा हैं। गांधी ने विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी में अधिक ध्रुवीकरण करने वाले आंकड़ों का उल्लेख किया। इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) द्वारा क्षेत्र में गतिविधियों के बारे में राजदूत के सवाल का जवाब देते हुए, गांधी ने कहा कि भारत की स्वदेशी मुस्लिम आबादी में कुछ तत्वों के बीच समूह के लिए कुछ समर्थन के सबूत हैं।

नोट्बंदी

गांधी मोदी सरकार द्वारा महात्मा गांधी श्रृंखला के 500 और 1,000 के नोटों के विमुद्रीकरण के बहुत आलोचक रहे हैं। उन्होंने इसे एक "त्रासदी" और "आपदा" कहा है जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था और आम नागरिकों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। गांधी ने सरकार पर पर्याप्त योजना के बिना नीति को लागू करने और समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के लिए भारी कठिनाई पैदा करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण नीति डिजाइन की एक बुनियादी विफलता है और आरोप लगाया है कि यह 2-3 अरबपतियों को अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार स्थापित करने में मदद करने के लिए "PayPM" द्वारा एक जानबूझकर उठाया गया कदम था।

आलोचना

जब 2006 के आखिर में न्यूज़वीक ने इल्जाम लगाया की उन्होंने हार्वर्ड और कैंब्रिज में अपनी डिग्री पूरी नहीं की थी या मॉनिटर ग्रुप में काम नहीं किया था, तब राहुल गांधी के कानूनी मामलों की टीम ने जवाब में एक कानूनी नोटिस भेजा, जिसके बाद वे जल्दी से मुकर गए या पहले के बयानों का योग्य किया।[36]

राहुल गांधी ने 1971 में पाकिस्तान के टूटने को, अपने परिवार की "सफलताओं" में गिना.इस बयान ने भारत में कई राजनीतिक दलों से साथ ही विदेश कार्यालय के प्रवक्ता सहित पाकिस्तान के उल्लेखनीय लोगों से आलोचना को आमंत्रित किया[37].प्रसिद्ध इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा की यह टिप्पणी "..बांग्लादेश आंदोलन का अपमान था।[38]

2007 में उत्तर प्रदेश के चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने कहा की "यदि कोई गांधी-नेहरू परिवार से राजनीति में सक्रिय होता तो, बाबरी मस्जिद नहीं गिरी होती".इसे पी वी नरसिंह राव पर हमले के रूप में व्याख्या किया गया था, जो 1992 में मस्जिद के विध्वंस के दौरान प्रधानमंत्री थे। गांधी के बयान ने भाजपा, समाजवादी पार्टी और वाम के कुछ सदस्यों के साथ विवाद शुरू कर दिया, दोनों "हिन्दू विरोधी" और "मुस्लिम विरोधी" के रूप में उन्हें उपाधि देकर[39]. स्वतंत्रता सेनानियों और नेहरू-गांधी परिवार पर उनकी टिप्पणियों की BJP के नेता वेंकैया नायडू द्वारा आलोचना की गई है, जिन्होंने पुछा की "क्या गांधी परिवार आपातकाल लगाने की जिम्मेदारी लेगा?"[40]

2008 के आखिर में, राहुल गांधी पर लगी एक स्पष्ट रोक से उनकी शक्ति का पता चला। मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने गांधी को चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए सभागार का उपयोग करने से रोक दिया।[41] बाद में, राज्य के राज्यपाल श्री टी.वी.राजेश्वर (जो कुलाधिपति भी थे) ने विश्वविद्यालय के कुलपति वी.के.सूरी को हटा दि या। टी.वी.राजेश्वर गांधी परिवार के समर्थक और श्री सूरी के नियोक्ता थे। इस घटना को शिक्षा की राजनीति के साक्ष्य के रूप में उद्धृत किया गया और अजित निनान द्वारा टाइम्स ऑफ इंडिया में एक व्यंग्यचित्र में लिखा गया: "वंश संबंधित प्रश्न का उत्तर राहुल जी के पैदल सैनिकों द्वारा दिया जा रहा है।"[42]

सेंट स्टीफेंस कॉलेज में उनका दाखिला विवादास्पद था क्योंकि एक प्रतिस्पर्धात्मक पिस्तौल निशानेबाज़ के रूप में उन्हें उनकी क्षमताओं के आधार पर कॉलेज में भर्ती किया गया था, जो विवादित था। उन्होंने शिक्षा के एक वर्ष के बाद 1990 में उस कॉलेज को छोड़ दिया था।

उनका बयान कि अपने कॉलेज सेंट स्टीफंस में उनके एक वर्ष के निवास के दौरान, कक्षा में सवाल पूछने वाले छात्रों को "छोटा समझा जाता था", इस पर कॉलेज प्रशासन की तरफ से एक तीव्र प्रतिक्रिया हुई। कॉलेज-प्रबंधन ने कहा कि जब वह सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, तब सवाल पूछना कक्षा में अच्छा नहीं माना जाता था और ज्यादा सवाल पूछना तो और भी नीचा माना जाता था। महाविद्यालय के शिक्षकों ने कहा कि राहुल गांधी का बयान ज्यादा से ज्यादा "उनका व्यक्तिगत अनुभव" हो सकता है। सेंट स्टीफेंस में शैक्षिक वातावरण की सामान्यत: ऐसा नहीं है।[43]

जनवरी 2009 में ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड मिलीबैंड के साथ, उत्तर प्रदेश में उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में, अमेठी के निकट एक गाँव में, उनकी "गरीबी पर्यटन यात्रा" की गंभीर आलोचना की गई थी। इसके अतिरिक्त,मिलीबैंड द्वारा आतंकवाद और पाकिस्तान पर दी गयी सलाह और श्री प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ निजी मुलाकातों में उनके द्वारा किया गया आचरण इनकी "सबसे बड़ी कूटनीतिक भूल" मानी गयी। [44]

जुलाई २०१७ में भारत और चीन के बीच चल रहे डॉकलाम विवाद के बीच राहुल गांधी का चीनी राजदूत से गुपचुप मिलना भी विवाद का विषय बन गया था।[45][46]

23 मार्च 2023 को, सूरत के एक न्यायालय ने राहुल गान्धी को 2019 के मानहानि के मामले में दोषी ठहराया और उन्हें दो साल कारावास दण्ड का सुनाया। गुजरात के पूर्व मन्त्री और सूरत पश्चिम से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर मामला 13 अप्रैल, 2019 को गान्धी द्वारा कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली में की गई टिप्पणी से सम्बन्धित है, जहाँ उन्होंने कहा था, “इन सब चोरों के नाम मोदी-मोदी-मोदी कैसे है? नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेन्द्र मोदी और अभी थोड़ा ढूण्ढेंगे तो और बहुत सारे मोदी निकलेंगे”। दण्डादेश के पश्चात् राहुल गान्धी ने ट्विटर पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।"[47]

24 मार्च 2023 को गुजरात की अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिए जाने और उन्हें दो वर्ष कैद की सज़ा सुनाए जाने की वजह से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के तहत उनकी संसद की सदस्यता खत्म कर दी गई। [48]

यह भी देखिए

सन्दर्भ

  1. "राहुल गांधी भारतीय महासभा ने अपनी अपमान की सजा को निलंबित कर दिया है". The Guardian. 7 August 2023. मूल से 10 November 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 August 2023.jug
  2. सिंह, करण दीप (23 मार्च 2023). "मोदी के खिलाफ भारतीय पार्टी के नेता की सजा की गई". The New York Times (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0362-4331. मूल से 4 अगस्त 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 मार्च 2023.jug
  3. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; :0 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  4. Dhillon, Amrit (23 मार्च 2023). "राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी का अपमान करने के लिए दोषी पाया". The Guardian (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0261-3077. मूल से 1 सितंबर 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 मार्च 2023.jug
  5. "भारतीय प्रमुख मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी: कांग्रेस अध्यक्ष के लिए स्थान पाने के लिए सजा हासिल करेंगे". Sky News (अंग्रेज़ी में). मूल से 6 June 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 April 2023.
  6. "भारतीय विपक्षी नेता ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमान की सजा हासिल की थी। विपक्ष". NPR. Associated Press. 24 मार्च 2023. मूल से 30 May 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 April 2023.jug
  7. "भारतीय विपक्षी नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमान की सजा हासिल की थी, राहुल गांधी". NBC News (अंग्रेज़ी में). 24 मार्च 2023. मूल से 21 August 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 April 2023.
  8. "भारत के राहुल गांधी ने मोदी के खिलाफ अपमान अधिनियम से दोषी पाया". France 24 (अंग्रेज़ी में). 23 मार्च 2023. मूल से 8 May 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 मार्च 2023.
  9. [2][3][4][5][6][7][8]
  10. Aggarwal, Raghav (4 June 2024). "INDIA bloc's combined strength plays spoilsport for BJP in 2 biggest states". Business Standard. मूल से 4 June 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 June 2024.jug
  11. Aggarwai, Mithil; Frayer, Janis Mackey (4 June 2024). "India hands PM Modi a surprise setback, with his majority in doubt in the world's largest election". NBC News. मूल से 4 June 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 June 2024.jug
  12. Poharel, Krishna; Lahiri, Tripti (3 June 2024). "India's Narendra Modi Struggles to Hold On to Majority, Early Election Results Show". Wall Street Journal. मूल से 4 June 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 June 2024.jug
  13. Aggarwal, Raghav (4 June 2024). "INDIA bloc's combined strength plays spoilsport for BJP in 2 biggest states". Business Standard. मूल से 4 June 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 June 2024.jug
  14. Aggarwai, Mithil; Frayer, Janis Mackey (June 4, 2024). "India hands PM Modi a surprise setback, with his majority in doubt in the world's largest election". NBC News. मूल से 4 June 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 4, 2024.jug
  15. Poharel, Krishna; Lahiri, Tripti (3 June 2024). "India's Narendra Modi Struggles to Hold On to Majority, Early Election Results Show". Wall Street Journal. मूल से 4 June 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 June 2024.jug
  16. "How Congress, allies performed along the routes of two Bharat Jodo Yatras: A gain of 41 seats".
  17. "BBC समाचार | दक्षिण एशिया | मुशर्रफ की माँ की भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाक़ात". मूल से 29 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अक्तूबर 2009.
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  19. "BBC समाचार | दक्षिण एशिया | राहुल का 'विभाजनकारी' राजनीति पर हमला". मूल से 27 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अक्तूबर 2009.
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  48. राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द, समझिए पूरा मामला

बाहरी कड़ियाँ


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