वार्ता:तरंग-कण द्वैतता
Latest comment: 9 वर्ष पहले by संजीव कुमार
लेख की भाषा
संपादित करेंलेख में अधिकत्तर वाक्य इस तरह से लिखे हैं जैसे वो किसी अनपढ़ व्यक्ति को बोलकर समझाये जा रहे हैं। लेख की गुणवता बहुत ही विचित्र अवस्था में है और इस तरह के पृष्ठ केवल विश्वनीयता का विनास करते हैं। इसकी एक बानगी मैं कुछ उदाहरणों में दिखा रहा हूँ:
- रूपए के दोनों पृष्ठों की तरह -> यहाँ किसी मुद्रा से तुलना हो तही है। रूपये का नोट भी होता है और सिक्का भी। इस तरह वाक्य अपने मूल अर्थ को खो देता है। यहाँ मेरा अनुमान है कि लेखक ने सिक्के की जगह रूपया लिखा।
- प्रकाश हवा में एक तरंग-नुमा उत्तेजना है -> पंक्ति में अर्थहीन नाम है उत्तेजना। यहाँ इस शब्द की मुझे कोई आवश्यकता नहीं लगती।
- यही बात प्रकाश पर भी लाघू होती है। -> यह क्या है?
- ठीक यही प्रकाश की सशक्त ("कोहीरंट") किरणों के साथ देखा गया। -> अर्थहीन वाक्य। गलत शब्दों का प्रयोग।
इस तरह से पूर्ण लेख अर्थहीन वाक्यों के समाहार के अलावा कुछ नहीं। इस पृष्ठ का शून्य से निर्माण ही एक विकल्प प्रतीत होता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:42, 28 सितंबर 2013 (UTC)