वार्ता:रूनी लिपि
Latest comment: 12 वर्ष पहले by Siddhartha Ghai in topic स्रोतहीन तथ्य
स्रोतहीन तथ्य
संपादित करेंलेख में इस समय निम्न तथ्यों के स्रोत नहीं दिये हैं:
- रूनी वर्णमालाएँ (अंग्रेज़ी: Runic alphabets, रूनिक ऐल्फ़ाबॅट्स) प्राचीनकालीन यूरोप में कुछ जर्मैनी भाषाओं के लिए इस्तेमाल होने वाली वर्णमालाओं को कहा जाता था जो 'रून' (rune) नामक अक्षर प्रयोग करती थीं।
- समय के साथ जैसे-जैसे यूरोप में ईसाईकरण हुआ और लातिनी भाषा धार्मिक भाषा बन गई तो इन भाषाओं ने रोमन लिपि को अपना लिया और रूनी लिपियों का प्रयोग घटता गया।
- स्कैंडिनेविया में इस्तेमाल होने वाली रूनी लिपियों
- इन तीनों के लिये जो पहला स्रोत दिया है उसमें पृष्ठ संख्या नहीं दी है और मुझे स्रोत में ये तीन जानकारियाँ नहीं मिलीं। स्रोत में पृष्ठ संख्या देने की आवश्यकता है।
- सबसे प्राचीन रूनी लिखाईयाँ सन् 150 ईसवी के आसपास शिलाओं पर मिलती हैं।
- जैसे-जैसे ईसाई धर्म फैला उत्तरी यूरोप की यह प्राचीन लिपियाँ मरती गई।
- 700 ईसवी तक यह मध्य यूरोप में ख़त्म हो चुकी थीं और 1100 ईसवी तक यह उत्तरी यूरोप में समाप्त हो गई।
- फिर भी जहाँ-तहाँ इनका प्रयोग जारी रहा, जैसे कि तस्वीरों में सजावट के लिए या कैलेंडरों पर।
- इन तथ्यों के लिये स्रोत प्रदान नहीं किया गया है।
- विवरण में ऐंग्लो-सैक्सन फ़ुथ़ार्क वाले पॉइंट के लिये स्रोत प्रदान नहीं किया गया है
- युवा फ़ुथ़ार्क (यंगर फ़ुथ़ार्क, Younger Futhark) - यह स्कैंडिनेविया क्षेत्र में पुरानी नॉर्स भाषा लिखने के लिए 800–1100 ईसवी काल में प्रयोग होती थी। इस लिपि से आगे चलकर और रूनी लिपियाँ उत्पन्न हुई। के लिए भी स्रोत प्रदान नहीं किया गया है।
ये कुल नौ तथ्य हुए जिनका स्रोत प्रदान नहीं किया गया है। इनकी संख्या पाँच से कम होने पर इस लेख का नामांकित हुक मुखपृष्ठ पर "क्या आप जानते हैं?" में जोड़ा जा सकता है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 04:11, 16 अप्रैल 2012 (UTC)
- जैसा कि आप जानते ही होंगे यह लेख मैने नहीं अपितु Hunnjazal जी ने बनाया है, मैं विषय के बारे में ज्यादा ज्ञान भी रखता, ऐसी स्थिति में एक ही रास्ता है कि मैं Hunnjazal को यहाँ आने का निवेदन करता हूँ जिससे वो इस लेख में पर्याप्त स्रोत उपलब्ध करा सकें।<>< Bill william comptonTalk 15:14, 16 अप्रैल 2012 (UTC)
- कुछ अन्य स्रोत डालें हैं - देखिये और बताईये कि आपकी ज़रुरत पूरी हुई कि नहीं :-) --Hunnjazal (वार्ता) 06:43, 17 अप्रैल 2012 (UTC)
- बहुत अच्छा कार्य किया है। ऊपर जो 2 तथ्य बोल्ड में हैं, उनके अतिरिक्त सभी के स्रोत अब लेख में हैं। अब लेख का हुक मुखपृष्ठ पर जोड़ा जा सकता है। :) --सिद्धार्थ घई (वार्ता) 18:11, 17 अप्रैल 2012 (UTC)