वर्ष 2016 के दौरान कश्मीर में अशांति की शुरुआत जुलाई के महीने में, कश्मीरी अलगाववादी नौजवान व हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान मुज़फ़्फ़र वानी की भारतीय सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हुई मृत्यु के उपरांत हुई थी।[12][13][14][15]

2016 कश्मीर अशांति
कश्मीर विवाद और जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद का एक भाग
Kashmir 2016.png
तिथी 8 जुलाई 2016 – वर्तमान
जगह कश्मीर घाटी, जम्मू-कश्मीर, भारत
कारण *बुरहान मुज़फ़्फ़र वानी की मृत्यु
  • कश्मीर में सैन्यीकरण[1][2]
  • राजनीतिक उत्पीड़न[2][3][4][5]
लक्ष्य * कश्मीर घाटी से सेना की वापसी
  • एएफएसपीए और सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के निरसन
  • कश्मीर के लिए स्वतंत्रता/स्वायत्तता/आत्मनिर्णय
विधि प्रदर्शन
हिंसा
पथराव
हड़ताल
नागरिक संघर्ष के पक्षकार
भारत भारतीय सरकार कश्मीरी प्रदर्शनकारी
कश्मीरी अलगाववावी
आहत
2 पुलिसकर्मी मारे गए[10][11]
4,000+ सुरक्षाकर्मी घायल
70+ नागरिक मारे गए
13,000+ घायल

पृष्ठभूमिसंपादित करें

प्रदर्शनकारियों की मांगसंपादित करें

कश्मीर में अमन बहाल करने के लिए अलगाववादी कश्मीरी नेता सय्यद अली शाह गिलानी ने एक पत्र भारत और विश्व समुदाय को लिखा जिसमें ये प्रस्ताव रखे गये थे।

  • जम्मू कश्मीर के विवादित स्थिति और उसके निवासियों का आत्मनिर्णय स्वीकार किया जाए।
  • आबादी वाले इलाक़ों से सेना की वापसी।
  • सभी राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई, नजरबंदी आदतें को ख़त्म करने और कश्मीर से जुड़े सभी राजनीतिक मत, विशेष रूप से अलगाववादी राजनीतिक नेताओं को राजनीतिक गतिविधियों की मुक्ति।
  • संयुक्त राष्ट्र के विशेष पर्यवेक्षकों और मानवाधिकार की सार्वभौम संस्थाओं के पर्यवेक्षकों को कश्मीर का दौरा करने की अनुमति दी जाए।

हिंसक प्रदर्शनसंपादित करें

भारतीय सेना के संचालन में बीबीसी के अनुसार 40 लोग मारे गये। जब इन हिंसक घटनाओं में ढाई सौ लोग घायल हुए जिनमें 90 से अधिक पुलिस और अर्धसैनिक अधिकारी शामिल हैं। हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिये सरकार ने अधिक बल तैनात की, कर्फ्यू लगायी और मोबाइल और इंटरनेट सेवाएँ को बंद कर दी। सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना द्वारा उपयुक्त छर्रे वाली गोलियों से 100 से अधिक कश्मीरी नौजवानों की आँखों में गोलियाँ लगीं हैं[कृपया उद्धरण जोड़ें] जो कि हमेशा के लिए बीनाई से पीड़ित होने के ख़तरे हैं। अस्पतालों में दवाई की कमी भी देखने में आई हैं।

सन्दर्भसंपादित करें

  1. Harinder Baweja, Kashmir's Disturbing New Reality Archived 2017-05-30 at the Wayback Machine, हिन्दुस्तान टाईम्स, 23 November 2015.
  2. Haris Zargar, Why violence in Kashmir is getting worse Archived 2016-09-18 at the Wayback Machine, द डिप्लोमेट, 27 April Kashmir's reemerging militancy Archived 2016-10-24 at the Wayback Machine, द डिप्लोमेट, 13 May 2016.
  3. Happymon Jacob, Living in denial on Kashmir Archived 2016-07-14 at the Wayback Machine, द हिन्दू, 14 July 2016.
  4. Violence due to divergent ideology: Congress Archived 2016-08-24 at the Wayback Machine, द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया, 18 July 2016.
  5. Shujaat Bukhari, Why the death of militant Burhan Wani has Kashmiris up in arms Archived 2016-09-16 at the Wayback Machine, बीबीसी न्यूज़, 11 July 2016.
  6. "DeM cadres lead women congregations across Kashmir". Greater Kashmir. 3 August 2016. मूल से 18 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 August 2016.
  7. Gul, Khalid (5 August 2016). "Pro-freedom rallies in Pampore, Bijbehara". Greater Kashmir. मूल से 8 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 August 2016.
  8. "DeM activists asked to make Dua-e-Majlis successful". Kashmir Reader. 2 August 2016. मूल से 3 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 August 2016.
  9. "This is people's Movement, be United: DeM". 22 July 2016. मूल से 19 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 August 2016.
  10. "Kashmir protests: Death toll up to 48 as second policeman dies". हिन्दुस्तान टाईम्स. 24 July 2016. मूल से 14 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 August 2016.
  11. "Toll in Kashmir unrest climbs to 47". Times of India. 24 July 2016. मूल से 24 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 July 2016.
  12. बुरहान वानी, जिसकी मौत के बाद उबला कश्मीर.. Archived 2016-09-27 at the Wayback Machine - बीबीसी - 12 जुलाई 2016
  13. [1] Archived 2013-01-29 at the Wayback Machine वेबैक मशीन पर वेबैक मशीन पर जनवरी 29, 2013 को पुरालेखित.[मृत कड़ियाँ]
  14. "US adds 4 Indian outfits to terror list". रीडिफ. 30 April 2004. मूल से 25 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 May 2015. Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)
  15. "Hizbul Mujahideen 'poster boy' Burhan Wani killed in joint encounter". indianexpress.com. 8 July 2016. मूल से 24 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 सितंबर 2016.

बाहरी कड़ियाँसंपादित करें