क़ुरआन में महिलाओं का ज़िक्र

क़ुरआन में उल्लेखीत महिलाएं

क़ुरआन शरीफ़ में महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न महत्वपूर्ण पात्र और कहानियाँ मौजूद हैं। इस्लाम की नैतिक शिक्षा में महिलाएँ एक चर्चित विषय हैं। क़ुरआन में कुछ महिलाओं का स्तवन किया गया है, जबकि दूसरों को अपने अनैतिक कार्यों के लिए निंदा की गयी है। मरयम (मरियम - مريم) वाहिद महिला है जिसके पूरे नाम का ज़िक्र क़ुरआन में मिलता है। बाक़ी के नाम अन्य तौर-तरीक़ों से उल्लिखित हैं। क़ुरआन में महिलाओं का उल्लेख कुछ पैग़ंबरों और सरदारों की माताओं या पत्नियों और प्रतिनिधि के रूप में हैं।

हव्वा संपादित करें

हव्वा, क़ुरआन में अन्य सभी महिलाओं की तरह (मरयम बिन्त इमरान (अलै०) के अलावा) नाम से उल्लिखित नहीं है। हालांकि बाद की हदीसों में उन्हें हव्वा के रूप में जानी जाती है। वे कुल तीन सूरहों में उल्लिखित हैं, दो सूरहों में आदम(अलै०) की "साथी" और "बीवी" के रूप में उल्लिखित, जबकि आख़री एक सूरह में सिर्फ़ आदम(अलै०) का उल्लेख मिलता है।

क़ुरआन में हव्वा की भूमिका आदम के साथी के रूप में है। अल्लाह ने आदम को आगाह कर दिया था कि इबलिस (शैतान) उनके और हव्वा का दुश्मन है।

"तो मैंने (आदम से कहा) कि ऐ आदम ये यक़ीनी तुम्हारा और तुम्हारी बीवी का दुशमन है तो कहीं तुम दोनों को बेहिश्त से निकलवा न छोड़े तो तुम (दुनिया की) मुसीबत में फँस जाओ"
—क़ुरआन, सूरा 20 (ता-हा), आयत 117[1]

सन्दर्भ संपादित करें