भारत का केन्द्रीय मंत्रिमण्डल
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केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल, भारत गणराज्य में कार्यकारी अधिकार का प्रयोग करता हैं। इस में वरिष्ठ मन्त्री (केबिनेट मन्त्री) सम्मिलित होते हैं, जिनका नेतृत्व प्रधानमन्त्री करते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल नामक एक छोटी कार्यकारी निकाय, भारत में सर्वोच्च निर्णय लेने की संस्था हैं। केवल प्रधानमन्त्री और कैबिनेट मन्त्री ही कैबिनेट के सदस्य होते हैं। भारत में सबसे वरिष्ठ सिविल सेवक, कैबिनेट सचिव, कैबिनेट सचिवालय का नेतृत्व करते हैं, तथा मन्त्रियों की परिषद को प्रशासनिक सहायता प्रदान करते हैं। राज्य मन्त्रियों को अपने काम में कैबिनेट मन्त्रियों की सहायता के साथ काम सौंपा गया हैं। यह सूची भारत के केन्द्रीय मन्त्रियों की सूची है जिसे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सत्रहवीं लोकसभा के गठन के बाद 2019 में चुना गया है।[1]
अधिनियम
सामूहिक रूप से मंत्रियों की परिषद भारतीय संसद के निचले सदन (लोक सभा) को जवाबदेह हैं। भारतीय संविधान के अनुसार, मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की कुल संख्या लोक सभा के सदस्यों की कुल संख्या के १५% से अधिक नहीं होनी चाहिए। हर मंत्री को संसद का सदस्य होना आवश्यक हैं; मंत्री बनने के ६ महीनों के भीतर व्यक्ति को संसद की सदस्यता हासिल करनी होती है।
श्रेणी
मंत्रियों की तीन श्रेणियाँ हैं, जो रैंक के अवरोही क्रम इस प्रकार हैं
- कैबिनेट मंत्री - कैबिनेट के सदस्य; मंत्रालय का नेतृत्व करने वाले
- राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) - कनिष्ठ मंत्री जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट नहीं करते हैं
- राज्य मंत्री (MoS) - कनिष्ठ मंत्री जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं; आमतौर पर उसी मंत्रालय में एक विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाती हैं
वर्तमान केंद्रीय मंत्री परिषद
वर्तमान केंद्रीय मंत्री परिषद का गठन २०१९ के आम चुनावों के बाद ३० मई, २०१९ को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन राष्ट्रपति भवन, रायसीना हिल में हुआ था। बाद में ७ जुलाई, २०२१ को मंत्री मंडल में कई पुराने मंत्री ओ को हटा कर नए मंत्री ओ को जगह दी गई।