पंडित गंगाप्रसाद (६ सितम्बर १८८१ - २९ अगस्त १९६८) एक आर्य समाजी लेखक और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे। वे हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, फारसी और संस्कृत भाषाओं के प्रकांड पंडित थे। पंडित जी का प्रिय विषय दर्शन था। उन्हें १९३१ में 'आस्तिकवाद' ग्रन्थ पर 'हिन्दी साहित्य सम्मेलन' ने 'मंगलाप्रसाद पुरस्कार' प्रदान किया। उनके पुत्र स्वामी सत्यप्रकाश सरस्वती भी एक उल्लेखनीय आर्य समाजी, रसायनविद एवं लेखक थे।

वे आर्य आक्रमण सिद्धान्त में भी विश्वास करते थे और उन्होंने भारत के विभाजन का विरोध किया। वे महात्मा गांधी के कट्टर अनुयायी थे।

पंडित गंगाप्रसाद उपाध्याय का जन्म 1871 में उत्तर प्रदेश के एटा जिले के नदरई (कासगंज) नामक कस्बे में श्री कुंज बिहारी लाल और श्रीमती गोविन्दी देवी के यहाँ हुआ। अल्पायु में पिता क निधन हो गया। उन्होने हिंदी, उर्दू, फारसी और अंग्रेजी का भी अच्छा ज्ञान प्राप्त किया। उन्होने १९०८ में स्नातक तथा १९१२ में अंग्रेजी साहित्य से एम ए किया। १९२३ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एम ए किया।

वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मेरठ कॉलेज के प्रोफेसर रहे तथा टिहरी, गढ़वाल जिले में मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। १९१८ में उन्होने समाज सेवा के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी। १९१८ से १९३९ तक डीएवी कॉलेज इलाहाबाद के प्रधानाचार्य रहे। १९३१ में झाँसी में आयोजित हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति रहे। १९४१ से १९४४ तक संयुक्त प्रान्त के आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष रहे। १९४३ से ४५ तक अन्तरराष्ट्रीय आर्य लीग नयी दिल्ली के उपाध्यक्ष रहे। फिर १९४६ से ५१ तक इसके महासचिव रहे।

१९५० में वे दक्षिण अफ्रीका में धर्मप्रचार के लिए गये। १९५१ में सांस्कृतिक-धार्मिक यात्रा पर बर्मा, थाइलैंड और सिंगापुर गए। उनके साहित्यिक एवं सामाजिक कार्यों के उपलक्ष्य में २५ दिसम्बर १९५९ को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने उन्हें मथुरा में स्मृति अंक भेट किया। शेष जीवन भी साहित्यिक गतिविधियों में संलग रहे। ८७ वर्ष की आयु में २९ अगस्त १९६८ को उनका निधन हुआ। [1]

आस्तिकवाद, अद्वैतवाद, मनुस्मृति, शतपथ ब्राह्मण, 'द लाइट ऑफ ट्रुथ' इनके प्रसिद्ध ग्रंथ हैं। मुकद्दस दयानन्द, मुकद्दस आहे बेजुबा आदि उर्दू काव्य भी उन्होंने लिखे। आप शास्त्रार्थ भी करते थे। बिजनौर में मुसलमानों से कई शास्त्रार्थ किए। बाराबंकी में पादरी ज्वाला सिंह से भी शास्त्रार्थ किया।

कृतियाँ संपादित करें

  • आस्तिकवाद
  • शतपथब्राह्मण (हिन्दी अनुवाद)
  • वैदिक संस्कृति
  • संध्या क्यों और कैसे
  • विशुद्ध मनुस्मृति
  • सनातन धर्म
  • शेक्सपीयर के नाटक
  • कर्मफल सिद्धान्त
  • अद्वैतवाद
  • परम ज्योति की प्राप्ति
  • ऋषि दयानन्द का तत्त्वदर्शन
  • जीवन-चक्र
  • जीवात्मा
  • सनातन धर्म और आर्यसमाज
  • सायण और दयानन्द
  • शांकर भाष्यालोचन
  • आर्योदयकाव्यम्
  • आर्य समाज क्या है?
  • वेद प्रवचन
  • आर्य ट्रैक्ट माला
  • इस्लाम के दीपक (मूलतः उर्दू में "मसाबीहुल इस्लाम")
  • धर्म : तर्क की कसौटी पर
  • 1911, The Fountainhead of Religion: A Comparative Study of the Principal Religions of the World and a Manifestation of Their Common Origin from the Vedas
  • 1916, Problems of the Universe
  • 1930, The Arya Samaj & Hinduism
  • 1930, Vedic Womanhood
  • 1930, Vedic View of Life
  • 1933, Arya Samaj & Islam
  • 1934, Inner Man & Other Lectures on Arya Philosophy
  • 1939, I and My God
  • 1939, Swami Dayanand's contribution to Hindu solidarity
  • 1940, The origin, scope and mission of the Arya Samaj
  • 1940, Pamphlets on the Arya Samaj
  • 1941, The Arya Samaj and Christianity, extended editions 1956, 1965
  • 1947, Landmarks of Svami Dayanand's Teachings
  • 1950, A catechism of the elementary teachings of Hinduism
  • 1953, The Caste System: Its Origin and Growth; Its Social Evils and Their Remedies
  • 1955, Philosophy of Dayananda
  • 1956, Social reconstruction by Buddha and Dayananda
  • 1957, Reason & Religion
  • 1962, Vedic culture
  • Light of Truth (सत्यार्थ प्रकाश का अंग्रेजी अनुवाद)

सम्मान एवं पुरस्कार संपादित करें

  • मंगलाप्रसाद पुरस्कार (आस्तिकवाद के लिए)
  • अमृतधारा पुरस्कार ('वैदिक संस्कृति' के लिए )
  • उत्तर प्रदेश सरकार का पुरस्कार (कम्युनिज्म, ऐतरेय ब्राह्मण, और जीवन-चक्र के लिए)

सन्दर्भ संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें