जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, अजमेर

राजस्थान में स्थित एक शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय

जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, राजस्थान के अजमेर में स्थित एक शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय है। इसकी स्थापना १९६५ में हुई थी। यह पश्चिमी राजस्थान के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में से एक है और राज्य में स्थापित होने वाला चौथा मेडिकल कॉलेज था ।[1] यह एमबीबीएस (१९७३ से एमसीआई द्वारा मान्यता-प्राप्त) और कुछ मेडिकल विषयों में डिप्लोमा और अन्य डिग्री के साथ एमएस और एमडी की चिकित्सा शिक्षा प्रदान करता है। यह राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) से संबद्ध है। आरयूएचएस की स्थापना से पहले, यह राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध था।"अजमेर"

जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, अजमेर
प्री तथा पैरा क्लिनिकी विभाग की इमारत
प्री तथा पैरा क्लिनिकी विभाग की इमारत

आदर्श वाक्य:सेवा हि परमं तपः
स्थापित1965
प्रकार:शासकीय
कुलाधिपति:माननीय राजस्थान के राज्यपाल
अध्यक्ष:स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री
प्रधानाचार्य:डॉ अनिल कुमार जैन
स्नातक:150 प्रति वर्ष
स्नातकोत्तर:88 (2014)
अन्य विद्यार्थी:एमएससी , बीएससी
अवस्थिति:अजमेर, राजस्थान, भारत
(26°28′05″N 74°38′06″E / 26.468°N 74.635°E / 26.468; 74.635)
परिसर:शहरी
सम्बन्धन:राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय
जालपृष्ठ:प्राधिकृत वेबसाइट

संलग्न शिक्षण अस्पताल

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  • जवाहरलाल नेहरू अस्पताल : मूल रूप से ''विक्टोरिया अस्पताल'' नामक संलग्न शिक्षण अस्पताल ब्रिटिश काल के दौरान स्थापित किया गया था, जिसकी पुरानी इमारत में अब अजमेर नगर निगम स्थित है[2]। १८५१ में कर्नल डिक्सन के आदेश पर एक डिस्पेंसरी का निर्माण किया गया था। १८९५ में बड़े जनरल हॉस्पिटल का निर्माण ४२,२५० रुपये की लागत से शुरू किया गया , जो आंशिक रूप से सब्सक्रिप्शन द्वारा उठाया गया था और आंशिक रूप से डिस्पेंसरी की पुरानी इमारत की बिक्री से । यह रानी विक्टोरिया की हीरक जयन्ती (१८९७ ई) के उपलक्ष्य मेें बनाया गया था। [3]१९२८ में, इसे अपने वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया और इसका नाम बदलकर 'न्यू विक्टोरिया अस्पताल[4]' रखा गया जिसे १९६५ में जेएलएन अस्पताल का नाम दिया गया। अब यह राजस्थान के अजमेर संभाग के रेफरल अस्पताल के रूप में कार्य करता है जिसमें अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, टोंक आते हैं।
  • कमला नेहरू स्मारक टीबी अस्पताल: इस क्षेत्र में टीबी रोगियों के उच्च दबाव का इलाज करने के लिए विषेश अस्पताल हैं।
  • राजकी महिला चिक्तिसलय: विभाग मातृ और प्रसवपूर्व विशेष देखभाल से संबंधित है और मुख्य परिसर से ७ किमी दूर स्थित है। १९६५ में इसे 'पन्ना धाय मातृत्व गृह' के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन जगह की कमी के कारण १९६८ में लोंगिया अस्पताल (एक शहर के डिस्पेंसरी) में स्थानांतरित हो गया था और १९७४ तक वहां रहा। १९९९ -२००० इसे एक अलग अस्पताल के रूप में पुनर्गठित किया गया और इसे वर्तमान इमारत मे स्थानांतरित कर गया।
  • सैटेलाइट अस्पताल
  • पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी : यह समर्पित कार्डियोलॉजी डिवीजन शुरू करने वाला राजस्थान में पहला शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय था।

वृत्तांत

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जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पहले प्रिंसिपल और नियंत्रक डॉ एस पी वांचू थे (उस समय न्यू विक्टोरिया अस्पताल के अधीक्षक)। इसका नाम भारत के पहले प्रधान मंत्री, जवाहर लाल नेहरू के नाम पर रखा गया है। जिस अस्पताल से कॉलेज संबद्ध है, वह बहुत पहले १९वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में स्थापित किया गया था। प्रारंभिक दिनों के दौरान कॉलेज पुराने टीबी अस्पताल की इमारत में शुरू हुआ था और १९६७ के आसपास एक नई इमारत का निर्माण किया गया जिसमें यह वर्तमान में स्थित है । यह १९६५ में प्रति वर्ष ५० यूजी छात्रों के साथ शुरू हुआ, जिसे बाद में १०० तक बढ़ा दिया गया और वर्तमान में १५० / वर्ष। हाल ही दिसंबर २०१५ में अपन गोल्डन जयंती वर्ष मनाया।[5]

महाविद्यालय परिसर

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शहर के मध्य में स्थित, मुख्य परिसर विरासत स्थलों से घिरा हुआ है जैसे कि अनसागर बारादारी, सर्किट हाउस (पहले अजमेर-मेरवाड़ा के मुख्य आयुक्त का कार्यालय), दौलत बाग, अकबरी संग्रहालय। इसके नजदीक पटेल स्टेडियम और मुलचंद चौहान इंडोर स्टेडियम और अकादमी हैं।

इन्हें भी देखें

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  1. "चिकित्‍सा शिक्षा विभाग". मूल से 22 सितंबर 2018 को पुरालेखित.
  2. "Ajmer Merwara". मूल से 4 सितंबर 2018 को पुरालेखित.
  3. Imperial Gazetteer of India ,1908 [भारत का इम्पेरियल गजटियर ,1908] (English में). 5. Oxford: Clarendon Press. 1909. पृ॰ 168. मूल से 26 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 अप्रैल 2020.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  4. "Ajmer ka Vrihat Ithihas".
  5. "Paatrika". मूल से 22 सितंबर 2018 को पुरालेखित.