पाण्डे गणपत राय
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
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पाण्डे गणपत राय झारखंड के दूसरे जमींदार थे जो 1857 के क्रांति के नेता बने। वे नागवंशी राजा के भूतपूर्व दीवान थे। इस क्रांति में वे इस क्षेत्र के मुख्य सेना नायक बने और लगातार अपने गुरिल्ला युद्ध से अंग्रेजी सेना और सेनानायकों को परेशान करते रहे। उनका जन्म पुतिया गाँव के एक कायस्थ परिवार में 17 फ़रवरी सन् 1809 ई० में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री राम कृष्ण राय था।[1][2]
पाण्डे गणपत राय Pandey Ganpat Rai | |
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17 फरवरी 1809 से 21 अप्रैल 1858 | |
जन्मस्थल : | लोहरदगा जिला, बिहार, ब्रिटिश भारत (अब झारखण्ड) |
मृत्युस्थल: | रामगढ़, ब्रिटिश भारत (अब झारखण्ड) |
माता-पिता: | राम किशुन राय (पिता) सुमित्रा देवी (माता) |
आन्दोलन: | 1857 का स्वतंत्रता आंदोलन |
राष्ट्रीयता: | भारतीय |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "1857 की क्रांति के नायक पांडेय गणपत राय". www.prabhatkhabar.com. मूल से 4 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 मई 2019.
- ↑ "शहीद पांडेय गणपत राय की जयंती पर विशेष : झारखंडी मानस ने कभी भी गुलामी को स्वीकार नहीं किया". www.prabhatkhabar.com. मूल से 4 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 मई 2019.
बाहरी कड़ियाँ
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