दुर्जन साल मध्य काल में खुखरागढ़ के नागवंशी राजा थे।

दुर्जन साल
राजा
प्रथम शासन1614-1615
पूर्ववर्तीबौरी शाल
उत्तरवर्तीराम शाह
दितीय शासन1627-1640
घरानानागवंशी राजवंश

नागवंशी सिंहासन पर आसीन होने के तुरंत बाद, उन्होंने मुगलों से सारे सम्बन्ध तोड़ दीये। दुर्जन सल का स्वतंत्र रवैया और हिरा पाने कि सम्भावना में जहाँगीर ने दुर्जन साल के खिलाफ अभियान का आदेश देता है। दुर्जन साल को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उनसे हीरे ले लिए जाते। उनको ग्वालियर की जेल भेज दिया जाता है, वे 12 साल जेल में रहते हैं। असली हीरे की पहचान करने के अपने कौशल के कारण, जहाँगीर उनहें 1627 में रिहा कर देते हैं। लौटने के बाद वे अपनी राजधानी खुखरा से (नवरतनगड़)डोईसागड़ स्थानांतरित करते हैं। वहां वे किले का निर्माण कराते हैं, जिसे गुमला में नवरतनगड़ के नाम से भी जाना जाता है।[1][2][3][4]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "The Nagbanshis And The Cheros". archive.org.
  2. "Gumla City History-Importance-Origin-Architecture". hoparoundindia.com. मूल से 15 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2019.
  3. "The Lost Kingdom of Navratangarh". indianvagabond.com. मूल से 19 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2019.
  4. "Jharkhand Samanya Gyan". books.google.co.in.


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