विकिपीडिया:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा/लेख/देवनागरी की वैज्ञानिकता
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देवनागरी की वैज्ञानिकता (संपादन|वार्ता|इतिहास|कड़ियाँ|ध्यान रखें|लॉग)
देवनागरी की वैज्ञानिकता -विकिपीडिया -wikipedia के लिये गूगल परिणाम: खोज • समाचार • पुस्तक • विद्वान •
नामांकन के लिये कारण:
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले की वेबसाइट पर "विज्ञान क्या नहीं है" लेख देखिए। इसमें "Science doesn't make aesthetic judgments" अनुच्छेद पढ़िए। इसमें लिखा है कि "Science can reveal the frequency of a G-flat and how our eyes relay information about color to our brains, but science cannot tell us whether a Beethoven symphony, a Kabuki performance, or a Jackson Pollock painting is beautiful or dreadful."। इसी प्रकार विज्ञान नहीं बता सकता कि हिन्दी भाषा ज्यादा अच्छी है या अंग्रेजी। यह एक वैज्ञानिक प्रश्न नहीं है।
इसलिए "देवनागरी की वैज्ञानिकता" नाम अर्थहीन है। यह कहा जा सकता है कि हिन्दी भाषा के अंग्रेज़ी भाषा की तुलना में बहुत लाभ हैं। पर यह नहीं कहा जा सकता कि हिन्दी भाषा वैज्ञानिक दृष्टि में ज्यादा अच्छी है क्योंकि यह एक वैज्ञानिक प्रश्न नहीं है। --गौरव सूद (वार्ता) 23:38, 18 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
1. आपने विज्ञान शब्द के लिए अंग्रेज़ी Science शब्द कि व्याख्या दी है। ये व्याख्या सिर्फ Science शब्द के लिए है। माना कि भारतीय भाषाओ में Science के लिए विज्ञान शब्द का प्रयोग होता है किन्तु विज्ञान शब्द का अर्थ और भाषा में होते प्रयोग Science शब्द की व्याख्या जितना सिमित नहीं है।
- विज्ञान शब्द मूल संस्कृत शब्द है और Science शब्द एवं जीस भाषा का ये शब्द है वह भाषा का जन्म भी नहीं हुआ था तब से प्रयोग में है। प्राचीन भारतीय दर्शनशास्त्रो और श्रीमद् भगवद् गीता में भी विज्ञान शब्द का प्रयोग हुआ है।
- विज्ञान शब्द का एक अर्थ है अनुभव से मिला ज्ञान। ये हिसाब से Science के लिए विज्ञान शब्द उपयोग में है।
- भाषाविज्ञान, आध्यात्म विज्ञान, जीवविज्ञान, मनोविज्ञान आदि स्वतंत्र विषय हे। भाषाविज्ञान के बारे में पढ़ने से आपको पता चल जाएगा। अपितु देवनागरी की वैज्ञानिकता शब्द अर्थहीन और विज्ञान शब्द के ग़लत उपयोगवाला शीर्षक नहीं है।
- पृथ्वीचंद्र चरित्र में 64 प्रकार के विज्ञान का वर्णन है। नृत्य, चित्र, कवित, वादित्र, मंत्र, यंत्र इत्यादि।
2. हिन्दी विकिपीडिया की पृष्ठ हटाने की किसी भी नीति के तहत इनको हटाया नहीं जा सकता। -योगेश कवीश्वर (वार्ता) 02:54, 19 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- टिप्पणी @YmKavishwar: १) अगर यहाँ हिन्दी भाषा का विज्ञान शब्द प्रयोग किया गया है, तो यह स्पष्ट किया जाना चाहिए। वरना कोई इसे अंग्रेज़ी भाषा का science शब्द समझ सकता है।
- २) अंग्रेज़ी भाषा में science शब्द की एक विशेष परिभाषा है। किसी विषय को science कहलाए जाने के लिए उसे scientific method का प्रयोग करना जरुरी (scientific method शब्द की भी एक विशेष परिभाषा है)। अगर कोई विषय science होने का दावा करता है पर scientific method का प्रयोग नहीं करता तो उसे pseudoscience कहा जाता है। उदाहरण के लिए "ज्योतिष विद्या" एक pseudoscience है।
- ३) इस लेख के शीर्षक से यह प्रतीत होता है कि scientists मानते हैं कि देवनागरी बहुत अच्छी है। चूंकि ये किसी "international peer-reviewed scientific journal" में प्रकाशित नहीं हुआ है, इसलिए scientists ये नहीं मानते हैं। इस भ्रान्ति को हटाने के लिए यह स्पष्ट करना बहुत जरुरी है कि यहाँ हिन्दी के विज्ञान शब्द के बारे में बात की जा रही है, अंग्रेज़ी के शब्द science के बारे में नहीं। --गौरव सूद (वार्ता) 15:16, 19 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @सत्यम् मिश्र: और @संजीव कुमार: जी, कृपया अपनी राय दीजिए। --गौरव सूद (वार्ता) 16:52, 19 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- टिप्पणी @YmKavishwar: १) अगर यहाँ हिन्दी भाषा का विज्ञान शब्द प्रयोग किया गया है, तो यह स्पष्ट किया जाना चाहिए। वरना कोई इसे अंग्रेज़ी भाषा का science शब्द समझ सकता है।
- गौरव जी, मुझे तो ऐसा प्रतीत नहीं हुआ। आप Science शब्द के नजरिए से देख रहे है उसकी वजह से आपको ऐसा लगता है। और ये लेख भाषाविज्ञान के एक भाग का मुख्य लेख है। भाषाविज्ञान में विश्व की सभी लिपि कि तुलना में देवनागरी लिपि सब से वैज्ञानिक है। उनकी तथ्यात्मक सामग्री के लेख में है। आप प्रथम टिप्पणी में अंग्रेजी की लिपि के साथ तुलना कर रहे थे ये भी भ्रम है। लेख में कोई तुलना नहीं की गई है। और कम्प्यूटर की भाषा में देवनागरी लिपि सब से ज्यादा सटीक है ये भी एक तथ्य है। इनकी वजह से भी इन्हे वैज्ञानिक लिपि माना जाता है और ये बात पे वैज्ञानिक सहमत भी है। यहाँ, यहाँ, यहाँ और [1] ये भी देखें जहां देवनागरी वैज्ञानिक है ये स्पष्ट लिखा है। और भी कई सन्दर्भ मिलेंजे।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 17:48, 19 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @YmKavishwar: आपने कहा है : "भाषाविज्ञान में विश्व की सभी लिपि कि तुलना में देवनागरी लिपि सब से वैज्ञानिक है।" और "कम्प्यूटर की भाषा में देवनागरी लिपि सब से ज्यादा सटीक है ये भी एक तथ्य है।" क्या आप इन बातों के लिए एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान कर सकते हैं।
- @YmKavishwar: आपने ऊपर ३ स्रोत दिए हैं। उन में से दो ब्लॉग हैं और तीसरा एक अखवार। ये विश्वसनीय नहीं हैं। मैं भी एक ब्लॉग बना के उसमें कुछ भी लिख सकता हूँ। कृपया किसी peer-reviewed scientific journal को सन्दर्भित करें। --गौरव सूद (वार्ता) 18:26, 19 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- आपका चौथा स्रोत विकिबुक्स से है। चूँकि विकिपीडिया स्वयं कहती है कि वो भरोसेमंद स्रोत नहीं है, इसलिए इसे सन्दर्भित करके भी हम कुछ दावा नहीं कर सकते हैं। --गौरव सूद (वार्ता) 20:13, 19 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- गौरव जी, मुझे तो ऐसा प्रतीत नहीं हुआ। आप Science शब्द के नजरिए से देख रहे है उसकी वजह से आपको ऐसा लगता है। और ये लेख भाषाविज्ञान के एक भाग का मुख्य लेख है। भाषाविज्ञान में विश्व की सभी लिपि कि तुलना में देवनागरी लिपि सब से वैज्ञानिक है। उनकी तथ्यात्मक सामग्री के लेख में है। आप प्रथम टिप्पणी में अंग्रेजी की लिपि के साथ तुलना कर रहे थे ये भी भ्रम है। लेख में कोई तुलना नहीं की गई है। और कम्प्यूटर की भाषा में देवनागरी लिपि सब से ज्यादा सटीक है ये भी एक तथ्य है। इनकी वजह से भी इन्हे वैज्ञानिक लिपि माना जाता है और ये बात पे वैज्ञानिक सहमत भी है। यहाँ, यहाँ, यहाँ और [1] ये भी देखें जहां देवनागरी वैज्ञानिक है ये स्पष्ट लिखा है। और भी कई सन्दर्भ मिलेंजे।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 17:48, 19 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @Gauravsood0289: गौरव सूद जी, यदि इस लेख में लिखी बात (दावा) से आप सहमत नहीं हैं तो उसे उद्धृत कीजिये। यदि आप इस लेख के नाम से सहमत नहीं हैं तो उसे बदलने के लिये कहिये। यदि आप कहना चाहते हैं कि इसमें सन्दर्भ नहीं हैं तो वह लिखिये। यदि आप यह कहना चाहते हैं कि यह लेख उल्लेखनीय नहीं है तो यह लिखिये कि यह लेख उल्लेखनीय नहीं है। लेकिन आपने इस लेख को हटाने का सुझाव दिया है।
- आपने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की साइट पर लिखी बात का जो उद्धरण दिया है वह तुलना यहाँ बिलकुल नहीं लागू नहीं होती। यहाँ 'हवा में बात' नहीं की गयी है। यहाँ उन कारणों को बताया गया है जिससे लिपि में 'वैज्ञानिकता' आती है और उन पर देवनागरी को खरा उतरते दिखाया गया है। यदि आपको इस बात पर चर्चा करनी हो कि 'लिपि की वैज्ञानिकता' की बात ही बेतुकी (ऐब्सर्ड) है तो साफ-साफ यह बात कहिये, जिससे इसी बात पर चर्चा को केन्द्रित किया जाय।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 04:01, 20 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- धन्यवाद अनुनाद जी :-)
- सुप्रभात गौरवजी,
- ब्लाॅग के विषय में आपकी बात सही है। ये मेरी ग़लती है। किन्तु ब्लाॅग में दि गई जानकारी सर्वथा ग़लत ही होती है ऐसा भी नहीं है।
- अखबार विश्वसनीय और मान्य सन्दर्भ में गिना जाता है।
- आपने विकिपीडिया मान्य सन्दर्भ नहीं है ऐसा बताया वह विकिबुक्स के लिए नहीं है। क्योंकि बुक्स का प्रकाशन विकिपीडियाने नहीं किसी और ने किया है और बुक्स की गिनती मान्य सन्दर्भ में होती है। यहाँ पे सन्दर्भ वह बुक है।
- यहाँ पर प्रभा साक्षी पे डॉ॰ जुबैदा हाशिम मुल्ला का लेख जिसमें मुदा नंबर-४ में ये लिपि वैज्ञानिक है ऐसा स्पष्ट लिखा है।
- अभिव्यक्ति.ओआरजी पर विजयकुमार मल्होत्रा का लेख जिसमें स्पष्ट लिखा है की देवनागरी वैज्ञानिक है और कम्प्यूटर के लिए सबसे सटीक है।
- हिन्दी मीडिया.इन पर डाॅ° अमरीश सिन्हा का लेख
- ई दुनिया पर पो° गिरीश्वर मिश्र का लेख जीस में लिखा है की देवनागरी अधिक वैज्ञानिक है।
- हिन्दी जीके ट्रीक पर लेख
@अनुनाद सिंह: जी, आपने सही कहा। हमें चर्चा को केंद्रित करना चाहिए।
- मुझे "लिपि की वैज्ञानिकता" शीर्षक बेतुका लगता है। उसका कारण यह हो सकता है कि हम दोनों विज्ञान शब्द की अलग परिभाषा प्रयोग कर रहे हों। कृपया स्पष्ट करें के आपके अनुसार विज्ञान का अर्थ science है (science और scientific method की एक unambiguous परिभाषा है) या जो योगेश कवीश्वर जी ने कहा।
- इस लेख के शीर्षक ये हो सकते हैं:
- Linguistic analysis of Devnagari script,
- Scientific analysis of Devnagari script,
- Devnagari script is scientific,
- The scientificness of Devnagari script.
मुझे पहले दो शीर्षकों से कोई आपत्ति नहीं है। पर मुझे तीसरा और चौथा शीर्षक अर्थहीन लगता है। कृपया इन शीर्षकों के बारे में अपनी राय दें। अगर मतभेद इसमें है तो चर्चा इस पर केंद्रित कर सकते हैं।
नोट: मेरी आपत्ति केवल देवनागरी से नहीं है। मैं "रोमन लिपि की वैज्ञानिकता" पर भी यही आपत्ति उढ़ाउंगा।
@YmKavishwar: जी, अनुनाद सिंह जी का जवाब आने के बाद आपको जवाब देता हूँ। चर्चा करने से पहले मूलभूत बातें स्पष्ट होना जरुरी है। धन्यवाद। --गौरव सूद (वार्ता) 13:40, 20 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- ऊपर हुई चर्चा पढ़ने के बाद मेरे मन में भी पहला संशय यही है कि क्या भाषा विज्ञान में कोई ऐसे अनुसन्धान हुए हैं जिनमें किसी लिपि को वैज्ञानिक (साइंटिफिक) अथवा अवैज्ञानिक; या एक दूसरे की तुलना में अधिक वैज्ञानिक और कम वैज्ञानिक साबित करने की बात की गयी हो। जहाँ तक मेरी जानकारी है भाषा विज्ञान वाले कुछ आधारों पर लिपि के अच्छी होने अथवा खराबियों से युक्त होने की बात करते हैं परन्तु वे इसके लिये "वैज्ञानिक" और "सबसे अधिक वैज्ञानिक" जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते है अथवा नहीं, यह मुझे नहीं मालूम। अगर भाषा विज्ञान के अनुसंधानों के स्रोतों से कुछ ऐसे सन्दर्भ मिल सकें जहाँ किसी लिपि के वैज्ञानिक (साइंटिफिक) होने की बात की गयी हो तो कृपया उन्हें उद्धृत करें। --सत्यम् मिश्र बातचीत 16:15, 20 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @सत्यम् मिश्र: धन्यवाद सत्यम् मिश्र जी। आपने मेरे मन की बात कह दी। --गौरव सूद (वार्ता) 16:24, 20 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @YmKavishwar:, @अनुनाद सिंह: और @सत्यम् मिश्र: जी, मैं एक और बात कहना चाहूँगा। यह समझना बहुत जरुरी है कि वैज्ञानिक दावों के लिए किन स्रोतों को भरोसेमंद माना जा सकता है। इसके लिए विकिपीडिया के ये दिशानिर्देश पढ़िए: Wikipedia:Identifying reliable sources (natural sciences) --गौरव सूद (वार्ता) 17:17, 20 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- मैं गौरव जी से सहमत हूँ। यहाँ हम अख़बार या ब्लॉग जैसे सन्दर्भों पर आश्रित होकर सही फ़ैसला नहीं कर सकते। हमारे सन्दर्भों कोइससे ज़्यादा मज़बूत होना चाहिए। अगर किसी भाषिकी के जर्नल या पुस्तक इत्यादि का सन्दर्भ नहीं है तो हम इस तरह की क्लेम पर यक़ीन नहीं कर सकते।--सत्यम् मिश्र बातचीत 18:43, 20 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @सत्यम् मिश्र: जी, उपर मैने जो सन्दर्भ दिये है उसमें पुस्तक और भाषाविद् के सन्दर्भ भी है। गुगल परिणाम भी यही बताते है कि देवनागरी लिपि वैज्ञानिक है ऐसे अनेक गुगल परिणाम मिल रहे है।
- @Gauravsood0289: जी, मेरा विरोध पृष्ठ हटाने से है और ये पृष्ठ भी हहेच चर्चा के लिए है। आपने जिस विषय पर चर्चा केन्द्रित की है ये प्रकार की चर्चा के लिए लेख के वार्ता पृष्ठ पर चर्चा कर सकते है। अनुनाद जी को चर्चा में अवश्य सामिल करे। उनका ये विषय में ज्ञान हम सब से अधिक है।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 02:44, 21 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- गौरव जी, यहाँ Science पर चर्चा नहीं हो रही है। Wikipedia:Identifying reliable sources (natural sciences) सिर्फ Science के लिए है।-योगेश कवीश्वर (वार्ता)
- @Gauravsood0289, अनुनाद सिंह, और सत्यम् मिश्र: जी, भाषाविज्ञान विषय भाषा और लिपि की वैज्ञानिकता तय करने का विषय है। भाषाविज्ञान का अस्तित्व ही भाषा की वैज्ञानिकता होती है ये बात का प्रमाण है। अपितु ये सब चर्चा अर्थहीन है। मैं चर्चा समाप्त करता हूँ।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 03:49, 21 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- योगेश कवीश्वर जी चर्चा लेख हटाने के बारे में ही हो रही है और गौरव जी का प्रश्न (और मेरा संशय भी) लेख के मूलभूत विषय पर ही है कि क्या ऐसी कोई चीज होती भी है? आपने जो सन्दर्भ दिए -
- १ में "इस लिपि को लिपि विज्ञों और भाषा वैज्ञानिकों ने संसार की सर्वाधिक वैज्ञानिक लिपि माना है।" अगर ऐसा है तो उन लिपि विदों के वक्तव्य भी तो कहीं मौजूद होंगे?
- २ में दो वाक्य हैं - "यह लिपि अपने युग की सर्वाधिक वैज्ञानिक और आदर्श लिपि थी।" और ""नासा" (NASA) के प्रसिद्ध अमरीकी वैज्ञानिक रिक ब्रिग्ज़ की यह धारणा है कि देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली संस्कृत भाषा कंप्यूटर प्रोग्राम की दृष्टि से आदर्श भाषा है। इसका कारण कदाचित यही है कि यह अत्यंत सूत्रबद्ध (codified) भाषा है।" पता नहीं ये भाषाविद हैं या नहीं और लिपि के बारे में बात कर रहे हैं अथवा भाषा के।
- ३ - शीर्षक "कहीं चलन न बन जाए रोमन लिपि में हिंदी का लिखा जाना" ही बता रहा है कि लेख तटस्थ होकर नहीं लिखा गया है।
- ४ - पहले दो वाक्य पढ़िए -"हिंदी को रोमन लिपि में अपनाने का प्रस्ताव एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। इसका प्रतिकार आवश्यक है।" यह अकादमिक लेखन की भाषा नहीं है।
- ५ किसी भाषा विद ने नहीं लिखा अन्यथा वे "भारतीय भाषाओं के किसी भी शब्द या ध्वनि को देवनागरी लिपि में ज्यों का त्यों लिखा जा सकता है" जैसी गलती न करते।
- आपकी आखिरी बात के लिये एक उदाहरण देना चाहूँगा: गुरुत्वाकर्षण का नियम सेब के पेड़ से टूटकर जमीन पर गिरने की "वैज्ञानिक व्याख्या" उपलब्ध कराता है, इस आधार पर हम यह नहीं कह सकते सेब का पेड़ से टूटकर जमीन पर गिरना एक "वैज्ञानिक घटना" है। --सत्यम् मिश्र बातचीत 06:58, 21 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @YmKavishwar: जी, कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजेलेस की वेबसाइट पर भाषाविज्ञान की यह परिभाषा देखिए। इसका अनुवाद है "भाषाविज्ञान भाषा के वैज्ञानिक अध्ययन को कहते हैं"। यहाँ अध्ययन को वैज्ञानिक कहा जा रहा है, भाषा को नहीं। --गौरव सूद (वार्ता) 09:17, 21 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @सत्यम् मिश्र:, @YmKavishwar: योगेश जी के साथ मूलभूत मतभेद विज्ञान की परिभाषा के बारे में है। ये कह रहे हैं कि हिन्दी शब्द विज्ञान का अर्थ science नहीं है, उनके अनुसार विज्ञान का अर्थ "अनुभव से मिला ज्ञान" है । इसलिए उनके अनुसार विज्ञान शब्द का प्रयोग Science शब्द की व्याख्या जितना सिमित नहीं है। कृपया इसके बारे में अपनी राय दें। --गौरव सूद (वार्ता) 09:59, 21 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- मुझे नहीं पता हिन्दी में विज्ञान का ऐसा कोई अर्थ होता है अथवा नहीं। आमतौर पर "science" के अर्थ में ही "विज्ञान" शब्द का प्रयोग होते देखा है; हाँ दर्शन वाला "विज्ञान" अवश्य एक अलग अर्थ में प्रयुक्त होता है। लेख पढ़ने वाला पाठक भी मुझे लगता है यहाँ प्रयुक्त विज्ञान शब्द को science का ही समानार्थी समझेगा। वैसे भी इस लेख के पहले वाक्य में ही इस "वैज्ञानिकता" को "भाषा विज्ञान" पर आधारित बताया गया है। कम से कम मेरी जानकारी में हमारे यहाँ "भाषा विज्ञान" तो किसी अलग अर्थ में नहीं ही विकसित हो पाया है।
- योगेश कवीश्वर जी चर्चा लेख हटाने के बारे में ही हो रही है और गौरव जी का प्रश्न (और मेरा संशय भी) लेख के मूलभूत विषय पर ही है कि क्या ऐसी कोई चीज होती भी है? आपने जो सन्दर्भ दिए -
- मैंने जितना प्रयास किया उसमें मुझे किसी "लिपि की वैज्ञानिकता" जैसा कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं मिला। अगर इस लेख को बचाने के लिए कोई और सदस्य ऐसे स्रोत नहीं उपलब्ध कराते तो मेरा समर्थन इसे हटाने के लिए है।--सत्यम् मिश्र बातचीत 19:11, 23 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- गौरव सूद जी ने ऊपर माना है कि हमें इस लेख को हटाने के ऊपर नहीं बल्कि शीर्षक की सटीकता पर केन्द्रित करना चाहिये। इसलिये मैं इसी पर अपने विचार लिख रहा हूँ।
- भाषा में प्रयोग करते समय 'विज्ञान' और 'वैज्ञानिकता' का प्रयोग काफी उन्मुक्त भाव से होता है। मोटे तौर पर किसी साइंस (और विज्ञान ) का अर्थ किसी विषय के क्रमबद्ध (सिस्टेमैटिक) अध्ययन से लिया जाता है। समाजविज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान, आयुर्विज्ञान, भाषाविज्ञान, आदि शब्द इसके उदाहरण हैं। एक दूसरे अर्थ में उन सभी 'बातों' को विज्ञान कहा जाता है किसे कोई भी, कहीं भी, कभी भी करे तो वही परिणाम मिले। उदाहरण के रूप में 'जल शून्य डिग्री सेल्सियस पर ठोस बन जाता है।' - यह एक वैज्ञानिक कथन है क्योंकि कोई भी जल का तापमान घटायेगा तो उसे शून्य डिग्री पर ही जल ठोस होते हुए मिलेगा, १५ डिग्री सेल्सियस पर नहीं।
- अब बात 'देवनागरी की वैज्ञानिकता' पर। इस लेख में देवनागरी का 'वैज्ञानिक अध्ययन' तो किया ही गया है, यह दिखाने की भी कोशिश की गयी है कि देवनागरी की डिजाइन या क्रमविकास (इवोलूशन) 'विज्ञानसम्मत' रही है। यहाँ 'सौन्दर्यशास्त्रीय' (एस्थेटिक) निर्णय नहीं दिये गये हैं जैसा कि गौरव सूद जी द्वारा दिये गये सन्दर्भों में आया है।(कुत्ते का मुँह आदमी के मुंह से सुन्दर होता है - यह एस्थेटिक कथन है ; किन्तु कुत्ते का मुँह चूहे के मुँह से बड़ा होता है- यह तथ्यात्मक कथन है।) यहाँ भी अधिकांश चीजें तथ्यात्मक हैं। जब कहा जाता है कि 'रोमन संख्या-पद्धति, भारतीयों द्वारा विकसित संख्या पद्धति के सामने पंगु साबित हुई' - तो इसमें भारतीय संख्यापद्धति की 'वैज्ञानिकता' की ही बात की जाती है। जब कोई कहता है कि पुल-क और पुल ख में समान मात्रा में सामग्री लगी है किन्तु पुल-ख, पुल-क से दस गुना अधिक भार ले सकता है तो वह पुल-ख की 'विज्ञानसम्मत' डिजाइन की ही बात कर रहा होता है, भले ही इस कथन में 'विज्ञान' शब्द न आया हो।
- मेरे कहने का सारांश यह है कि यहाँ 'वैज्ञानिकता' को संकीर्ण अर्थ में न लिया जाय। पाठक भी उसे विस्तृत अर्थ में ही लेंगे (जैसा कि सत्यम् मिश्र जी ने कहा भी है।)--अनुनाद सिंह (वार्ता) 04:10, 24 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी, क्या आप विकिपीडिया के इन दिशानिर्देशों के तहत कोई संधर्भ दे सकते हैं जिसमें किसी लिपि की वैज्ञानिकता के बारे में बात की गई हो (कृपया ध्यान रखें कि यही शब्द प्रयोग किए गए हों)। अगर हम ऐसा कोई संधर्भ नहीं ढूंढ सकते, तो "देवनागरी की वैज्ञानिकता" वाक्यांश का प्रयोग करना एक मूल शोध है (कोई तो कारण होगा कि भाषाविज्ञानी इसका प्रयोग नहीं कर रहे हैं)। --गौरव सूद (वार्ता) 09:43, 24 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी, मुझे लेख के शीर्षक ही नहीं, सामग्री से भी आपत्ति है। इसमें लिखी बहुत सी बातों पर मुझे विश्वास नहीं होता। अगर आप इन्हें विकिपीडिया के इन दिशानिर्देशों के तहत सन्दर्भित कर देते हैं, तो मैं नामांकन वापिस ले लूंगा। --गौरव सूद (वार्ता) 10:15, 24 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @Gauravsood0289: |गौरव सूद जी, लगता है आप तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपको किस बात पर आपत्ति है। ऐसे में चर्चा वर्षों तक चलेगी और कभी समाप्त नहीं हो सकती। आपने जिन दिशानिर्देशों के तहत सन्दर्भ मांगे हैं उससे लगता है कि आप लिपि के इस प्रश्न को 'नेचुरल साइंसेस' के अन्दर मानते हैं। लेकिन मैं नहीं मानता। उन्होने शुरू में ही बड़े स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि उस पृष्ट पर लिखी बातों का सम्बन्ध केवल प्राकृतिक विज्ञानों तक ही सीमित है। जहाँ तक आपको इसमें लिखी बहुत सी बातों पर विश्वास न होने की बात है, अगर किसी भी बात पर किसी को आपत्ति है तो वह उसके लिये सन्दर्भ मांग सकता है, उस बात के विरुद्ध सन्दर्भ दे सकता है, उसके शब्दों में परिवर्तन कर सकता है। आप सन्दर्भ मांगिये और मिलेगा, किन्तु यह कहना ठीक नहीं होगा कि सन्दर्भ नहीं है इसलिये इस लेख को हटा दिया जाय।
- क्या इस लेख के शीर्षक में प्रयुक्त 'वैज्ञानिकता' पर अब भी आपको आपत्ति है? --अनुनाद सिंह (वार्ता) 12:49, 24 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी,
1) मैं मानता हूँ कि ये नेचुरल साइंस नहीं है, और ये भी मानता हूँ कि विज्ञान की अन्य शाखाओं की तुलना में नेचुरल साइंस ज्यादा rigorous होती है, और अन्य शाखाओं में इतनी rigorous verification की जरुरत नहीं होती। पर फिर भी, विज्ञान के हर विषय में कुछ Academic journal तो होते ही हैं, जो original research और review articles प्रकाशित करते हैं। मैं इन्हीं से सन्दर्भ मांग रहा हूँ (विख्यात जर्नल में प्रकाशित review articles बेहतर रहेंगे)।
2) कृपया शीर्षक में प्रयुक्त 'वैज्ञानिकता' के लिए भी किसी ऐसे ही जर्नल से सन्दर्भ दें (मैं बस यह सुनिश्चित करना चाहता हूँ कि किसी अकादमिक जर्नल में भी "देवनागरी की वैज्ञानिकता" के बारे में बात की गई है)।
3) मैं लेख में inline tags जोड़ देता हूँ। इसके लिए कुछ समय दें। चूँकि हिन्दी विकिपीडिया में अंग्रेज़ी विकिपीडिया के सभी inline tags इम्पोर्ट नहीं किए गए हैं, मुझे "इस पृष्ठ" पर दिए गए कुछ टैग्स को इम्पोर्ट करने पड़ेंगे। --गौरव सूद (वार्ता) 14:33, 24 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें] - 4)आपने कहा "आप सन्दर्भ मांगिये और मिलेगा, किन्तु यह कहना ठीक नहीं होगा कि सन्दर्भ नहीं है इसलिये इस लेख को हटा दिया जाय।" इसके उत्तर में मैं सत्यम जी की ये टिप्पणी उद्धृत करूँगा "चर्चा लेख हटाने के बारे में ही हो रही है और गौरव जी का प्रश्न (और मेरा संशय भी) लेख के मूलभूत विषय पर ही है कि क्या ऐसी कोई चीज होती भी है?" --गौरव सूद (वार्ता) 14:53, 24 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी,
- @Gauravsood0289: गौरव सूद जी, मैं भारत में प्रसारित कम से एक पत्रिका (लिपि विषयक पत्रिका) के पचासों लेखों में 'देवनागरी की वैज्ञानिकता' पर भाषावैज्ञानिकों के विचार पढ़ा हूँ और उसका उद्धरण दे सकता हूँ। किन्तु मुझे पता है कि आप उसे 'रिप्यूटेड जर्नल' नहीं मानेंगे। तो आपसे ही जानना चाहता हूँ कि आप लिपि के क्षेत्र में प्रचलित किन्ही दो जर्नलों के नाम बतायें और यह भी बतायें कि वे 'रिप्यूटेड' क्यों हैं? या उनको रिप्युटेड होने का सर्टिफिकेट किसने दिया है।
- आपने मुझे जहाँ भेजा था, आप भी मानते हैं वह सही जगह नहीं है। यदि उनको एक ही लाठी से सबको हांकना होता तो इतनी स्पष्टता से नहीं कहते कि इस लेख का स्कोप यह-यह है। अतः आप फिर से सही जगह बताइये जहाँ जाकर देखा जा सके।
- यहाँ पर प्रयुक्त 'वैज्ञानिकता' पर यदि आप अब भी सन्तुष्ट नहीं हैं तो इस पर अलग से चर्चा कर ली जाय। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 16:00, 24 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी,
1) क्या आप जानते हैं कि दुनिया की 27 प्रतिशत fake scientific journals भारत में प्रकाशित होती हैं। इसके लिए यह, यह, यह और यह पढ़िए।
2) इसलिए जर्नल कम से कम अंतरराष्ट्रीय तो होनी ही चाहिए। अगर दावा सच है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल में छपवाने में क्या समस्या है।
3) किसी जर्नल की रेपुटेशन के लिए आम तौर पर जर्नल्स के impact factors की तुलना की जाती है। Times Higher Education पर impact factors पर आधारित यह एक सूची है। --गौरव सूद (वार्ता) 17:36, 24 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें] - @अनुनाद सिंह: जी, एक और बात। Distinguishing Scholarly from Non-Scholarly Periodicals: A Checklist of Criteria लेख पढ़िए। इसका भी ध्यान रखना जरुरी है कि स्रोत Scholarly (peer-reviewed) हों। --गौरव सूद (वार्ता) 19:45, 24 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी, आपने मुझे इस शीर्षक में प्रयुक्त 'वैज्ञानिकता' पर अलग स्थान पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है। मुझे लगता है कि हमारा मूल मतभेद यह नहीं है। हमारा मूल मतभेद सन्दर्भों की विश्वसनीयता के बारे में है। इसलिए अगर अलग स्थान पर चर्चा करनी है, तो सन्दर्भों की विश्वसनीयता के बारे में करनी चाहिए। मैं इसका स्वागत करता हूँ।
मैं इस शनिवार शाम तक थोड़ा व्यस्त रहूँगा। ये नई चर्चा उसके बाद कर सकते हैं। --गौरव सूद (वार्ता) 00:25, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]- २७ प्रतिशत जाली जर्नल भारत के हैं तो बाकी ६३ प्रतिशत जाली जर्नल तो 'अन्तरराष्ट्रीय' ही हैं जिसमें अमेरिकन जर्नल भी हैं। खैर पहले आप आप किन्हीं दो 'रिप्युटेड अन्तरराष्ट्रीय पीअर रीव्यूड जर्नल्स' के नाम बतायें जो लिपि के क्षेत्र में आर्टिकल्स छापतें हैं। 'वैज्ञानिकता' के बारे में मैं यह जानना चाहता था कि आपके द्वारा बार-बार यहाँ 'वैज्ञानिक विधि' का जिक्र करना कितना प्रासंगिक है। आपको तो पता ही होगा कि विज्ञान के नाम पर पॉलिटिक्स भी खूब होती है। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 05:22, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी, आपने मुझे इस शीर्षक में प्रयुक्त 'वैज्ञानिकता' पर अलग स्थान पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है। मुझे लगता है कि हमारा मूल मतभेद यह नहीं है। हमारा मूल मतभेद सन्दर्भों की विश्वसनीयता के बारे में है। इसलिए अगर अलग स्थान पर चर्चा करनी है, तो सन्दर्भों की विश्वसनीयता के बारे में करनी चाहिए। मैं इसका स्वागत करता हूँ।
- @अनुनाद सिंह: जी,
- यह भी बतायें कि आप जिन पृष्ठों को पढ़ने की सलाह दे रहे हैं (जैसे, यह लेख) उनके सन्दर्भ क्या हैं। उन्हें किसने लिखा है? वे किसके विचार हैं? उन्हें किस आधार पर 'मानक' मान लिया जाय? इसी तरह, टाइम्स हायर एजूकेशन ने जो इम्पैक्ट फैक्टर छापा है, उसका आधार क्या है? उन्होने कितने जर्नलों (और, किस-किस देश के जर्नलों) को अध्ययन में स्थान दिया है?)--अनुनाद सिंह (वार्ता) 05:38, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- इतनी सारी चर्चा के बाद आप कह रहे हैं कि 'अपना मूल मतभेद सन्दर्भों की विश्वसनीयता के बारे में है।' आप किन सन्दर्भों की बात कर रहे हैं? आपने जब इसे हटाने के लिये नामांकित किया था तब इसमें कोई सन्दर्भ ही नहीं थे। (अब भी नहीं हैं)। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 05:43, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी,
1) मेरे कथन "हमारा मूल मतभेद सन्दर्भों की विश्वसनीयता के बारे में है" का अर्थ था कि "हमारा मूल मतभेद इस पर है कि कौन सी journal reputed है और कौन सी नहीं"। अगर मैं अर्थ स्पष्ट नहीं कर पाया तो माफ़ी चाहता हूँ। अगर आप इसके बारे में कहीं और चर्चा चाहते हैं, तो मैं तैयार हूँ।
2) कृपया impact factor के बारे में पढ़ लें। अकादमिक समुदाय में इसे जर्नल्स का relative importance तय करने के लिए प्रयोग किया जाता है। Times Higher Education में छपी रैंकिंग impact factor पर आधारित है। अगर आपको लगता है कि impact factor एक अच्छा measure नहीं है, तो आप अपनी इस Original Research को पहले कहीं और छप्वाइए। अगर अकादमिक समुदाय impact factor का प्रयोग करना छोड़ देता है, तो हम भी इसे प्रयोग नहीं करेंगे।
3) मैंने यह लेख Academic Peer Review, Scholarly journals और Non-Scholarly journals के बारे में समझाने के लिए दिया था। आप इन चीज़ों के बारे में कहीं और भी पढ़ सकते हैं। अगर आपको लगता है कि Academic Peer Review का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए, तो इस Original Research को पहले कहीं और छप्वाइए। अगर अकादमिक समुदाय Academic Peer Review का प्रयोग करना छोड़ देता है, तो मैं भी peer reviewed journal से सन्दर्भ नहीं मांगूंगा।
4) मैं मानता हूँ कि मुझे यहाँ "scientific method" के बारे में बात नहीं करनी चाहिए थी। पर आप किसी अच्छे impact factor वाले peer reviewed linguistics journal का सन्दर्भ तो दे सकते हैं।
5) आपने कहा "27 प्रतिशत जाली जर्नल भारत के हैं तो बाकी 73 प्रतिशत जाली जर्नल तो 'अन्तरराष्ट्रीय' ही हैं जिसमें अमेरिकन जर्नल भी हैं।" भारत में अमरीका की तुलना में बहुत ही कम जर्नल्स प्रकाशित होती है, पर fake journals के मामले में भारत नंबर 1 पर है। एक देश के लिए 27% प्रतिशत बहुत बड़ा अंक होता है। मैं नहीं कह रहा हूँ कि किसी अंतरराष्ट्रीय जर्नल पर आँख बंद करके विश्वास कर लो (अधिकतम fake journals के नाम में international शब्द होता है)। मैं बस कह रहा हूँ कि journals की reputation देखी जाए। इसलिए मैंने impact factor पर आधारित जर्नल्स की एक सूची दी है।
6) विकिपीडिया ये निर्णय नहीं ले सकती कि कोई लेख politics की वजह से अच्छे impact factor वाली जर्नल में प्रकाशित नहीं हो पाया, या इसका कोई अन्य कारण था। अगर आपको लगता है कि कारण politics था, तो आपको कोई reputed स्रोत देना पड़ेगा जो कहता हो कि 'ये' लेख politics की वजह से अच्छे impact factor वाली जर्नल में प्रकाशित नहीं हो पाया। --गौरव सूद (वार्ता) 08:39, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें] - 7) मैं शनिवार शाम तक थोड़ा व्यस्त हूँ। अगर आप "academic journals की reputation" के बारे में चौपाल पर वार्ता करना चाहते हैं, तो कृपया शनिवार शाम तक रुक जाइए। --गौरव सूद (वार्ता) 09:15, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी,
- इतनी सारी चर्चा के बाद आप कह रहे हैं कि 'अपना मूल मतभेद सन्दर्भों की विश्वसनीयता के बारे में है।' आप किन सन्दर्भों की बात कर रहे हैं? आपने जब इसे हटाने के लिये नामांकित किया था तब इसमें कोई सन्दर्भ ही नहीं थे। (अब भी नहीं हैं)। --अनुनाद सिंह (वार्ता) 05:43, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @Gauravsood0289: गौरव सूद जी, आप ने पहले कहा कि इस लेख का शीर्षक अटपटा है। अब उस पर बात नहीं कर रहे हैं और अब मान रहे हैं कि आपको 'साइंटिफिक मेथड' के बारे में बात नहीं करनी चाहिये थी। जब मैने पूछ दिया कि जिस संस्था ने 'इम्पैक्ट फैक्टर' प्रकाशित किया है उसके रिफरेंसेस कहाँ हैं, उसने इनको इकट्ठा करने और प्रकाशित करते समय 'वैज्ञानिक विधि' का कितना खयाल रखा तो आप कह बैठे कि कहीं भी लिखा हो तो पढ़ लीजिये। ये क्या है? आपका कुछ लोकस-स्टैण्डी है या 'अप वेन्ट पूसी कैट, डाउन केम ही' वाली स्थिति में ही चर्चा चलती रहेगी? मैने तो आपसे यह भी कहा है कि आप उस कथन को पिन-पॉइन्ट करिये जिस पर आपको रिफरेंस चाहिये। हाँ, गाय घास खाती है और शेर मांस खाता है - इस तरह के कथनों के लिये इंटरनेशनल रिफरेंस मत मांगियेगा।
- आपने अभी तक 'अन्तरराष्ट्रीय, रिप्युटेड, हाई इम्पैक्ट फैक्टर' वाले कोई दो जर्नल के नाम नहीं बताये हैं जो लिपि सम्बन्धी लेख छापते हैं।
- आप खुद कह रहे हैं कि भारत में बहुत कम जर्नल छपते हैं। (अमेरिका में बहुत छपते हैं)। तो 'बहुत' का 'बहुत प्रतिशत' भी 'बहुत-बहुत' होता है! आपके ही तर्क से अर्थ तो यह निकला कि आपके 'अन्तरराष्ट्रीय जर्नल्स' का भी कोई भरोसा नहीं है।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 10:09, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- और हाँ, चर्चा फोकस्ड (सुकेन्द्रित) हो इसके लिये आपसे अनुरोध है कि आप फिर से लिखें कि आप इस लेख को हटाना चाहते हैं, इसका शीर्षक बदलना चाहते हैं, इसकी सामग्री का सन्दर्भ लगवाना चाहते हैं, या कुछ और चाहते हैं। यदि इसे हटाना चाहते हैं तो उसका कारण भी दीजिये क्योंकि मुझे यह भी समझ नहीं आया कि आपने 'देवनागरी की वैज्ञानिकता' का गूगल खोज वहाँ (सबसे ऊपर) क्यों डाला? क्या खोज के नतीजे अपने आप कहते हैं कि इस लेख को हटा देना चाहिये?--अनुनाद सिंह (वार्ता) 10:22, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी,
1) चर्चा को केंद्रित कर रहा हूँ। मैं लेख को हटवाना चाहता हूँ क्योंकि मुझे इस लेख का मूल विषय और इसमें लिखी अधिकतम बातें सच नहीं लगती हैं। मैंने लेख में कुछ inline tags डाल दिए हैं। अगर आपको लगता है कि ये बातें सच हैं तो कृपया इन बातों के लिए अच्छे impact factor वाली किसी peer reviewed journal में छपा कोई लेख सन्दर्भित कीजिए (कृपया अपने विचार या मूल शोध न दें)। Point (5) में मैंने ऐसी दो journals लीस्ट की हैं। उन्हें देख लें।
2) गूगल खोज का लिंक मैंने नहीं जोड़ा है। वो अपने आप जुड़ जाता है।
3) आपने कहा "आप खुद कह रहे हैं कि भारत में बहुत कम जर्नल छपते हैं। (अमेरिका में बहुत छपते हैं)। तो 'बहुत' का 'बहुत प्रतिशत' भी 'बहुत-बहुत' होता है!" मैंने कहा था कि "दुनिया की 27 प्रतिशत fake scientific journals भारत में प्रकाशित होती हैं।" मैंने ये नहीं कहा था कि "भारत में प्रकाशित 27 प्रतिशत scientific journals fake हैं।" इन दोनों बातों में बहुत अंतर है। इसके बारे में थोड़ा सोचिए। आपको खुद ही समझ आ जाएगा कि आपके तर्क में क्या गलती है।
4) आप impact factor के बारे में एक बार पढ़ लें। इसको कोई संस्था प्रकाशित नहीं करती है। इसकी परिभाषा ये है : "In any given year, the impact factor of a journal is the average number of citations received per paper published in that journal during the two preceding years". इसको आप भी calculate कर सकते हैं। अगर आपको impact factor की परिभाषा सही नहीं लगती तो अपनी रिसर्च कहीं प्रकाशित कीजिए। Academic community में फ़िलहाल तो यही प्रयोग किया जाता है।
5) मैंने आपको सबसे ज्यादा impact factor वाली linguistics journals की सूची का लिंक पहले भी दिया था। अब यहाँ लिख देता हूँ : (a) Linguistic Inquiry (Impact Factor: 1.711), (b) Applied Linguistics (Impact factor: 1.453). लिपि से सम्बन्धी शोध भी Linguistics की journal में ही प्रकाशित होंगे। --गौरव सूद (वार्ता) 12:59, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें] - @सत्यम् मिश्र: अनुनाद जी ने मेरे बारे में ये टिप्पणी की है: "आपका कुछ लोकस-स्टैण्डी है या 'अप वेन्ट पूसी कैट, डाउन केम ही' वाली स्थिति में ही चर्चा चलती रहेगी?" क्या आपको भी लगता है कि मैं इस प्रकार चर्चा कर रहा हूँ। --गौरव सूद (वार्ता) 13:33, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @अनुनाद सिंह: जी,
मूल प्रश्न लेख का विषय है। "देवनागरी की वैज्ञानिकता", "अरबी की वैज्ञानिकता" इत्यादि जैसा कुछ होता है या नहीं ? इस बात के लिए भाषा विज्ञान के विश्वसनीय सन्दर्भ देने का आग्रह है कि '(किसी भी) लिपि की वैज्ञानिकता' जैसी कोई चीज भाषा विज्ञान में व्यवहृत होती है अथवा नहीं। जो संदर्भ दिए गए उनके बारे में सकारण बता चुका हूँ कि वे क्यों विश्वस्नीय नहीं हैं। संदर्भो की गुणवत्ता पर आम चर्चा कृपया यहाँ न करें। मैं खोज कर देख चुका मुझे जो परिणाम प्राप्त हो रहे वे किसी भाषा विज्ञान के प्रतिष्ठित जर्नल, पुस्तक, पाठ्य पुस्तक इत्यादि के नहीं हैं। अतः मुझे नहीं लगता कि हम एक छद्म और अस्तित्वहीन विषय पर लेख रखें। मेरा इस लेख को हटाने हेतु समर्थन है। --सत्यम् मिश्र बातचीत 16:55, 25 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- ऑम्नीग्लॉट पर देवनागरी के बारे में यह लेख पढ़िये- देवनागरी । इसकी आरम्भिक चार-पाँच बातें ही काफी हैं। इसी में आपको इसका भी उत्तर मिल जायेगा कि 'देवनागरी की वैज्ञानिकता' जैसा कुछ होता है या नहीं। और देखिये ये ये क्या कहते हैं- Colloquial Hindi : The Complete Course for Beginners , लेखक- तेज कुमार भाटिया (Hindi Writing System and Pronounciation के अन्तर्गत देखिये)--अनुनाद सिंह (वार्ता) 04:19, 26 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- अनुनाद जी! उपरोक्त संदर्भ भी शायद मेरे द्वारा व्यक्त पक्ष की ही पुष्टि कर रहे हैं। पहले में एक हॉबी के तौर पर भाषिकी के अध्ययन करने वाले व्यक्ति द्वारा भी देवनागरी केलिये most impressive और beautiful का प्रयोग किया जा रहा है और दूसरे में हिंदी व्याकरण की प्रारम्भिक पुस्तक लिखने वाले महोदय इसे most scientific लिख रहे हैं। जबकि मूल विज्ञान (भाषिकी या भाषा विज्ञान) के कोई संदर्भ अभी भी नहीं मिल रहे कि लिपियों की वैज्ञानिकता जैसी कोई अवधारणा मौजूद है, अथवा कोई मानदण्ड नियत किये गए हैं (मैंने अपनी बिलकुल पहली टिप्पणी में भी यही लिखा था) जिन पर most scientific, more scientific, less scientific जैसी क्लेम्स को जाँचा जा सके। मूल विज्ञान में ऐसी अवधारणा का न मिलना और हिंदी/देवनागरी विषय पर लिखे ब्लॉग/अखबार के लेख/ हिंदी सिखाने वाली पुस्तक में ऐसी क्लेम्स का होना (ऊपर योगेश जी द्वारा दिए गए संदर्भ भी जोड़ लें) ही इसे छद्म या शायद hoax जैसा साबित कर रहा।--सत्यम् मिश्र बातचीत 14:37, 26 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- जी हाँ, अब आपकी बात को कोई नहीं काट सकता। इस लेख को तुरन्त मिटा दीजिये।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 03:49, 1 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- science शब्द के आधार पर विज्ञान और वैज्ञानिकता शब्द पर कोई भी दावा, व्याख्या एवं संदर्भ मान्य नहीं है।
- अनुनाद जी! उपरोक्त संदर्भ भी शायद मेरे द्वारा व्यक्त पक्ष की ही पुष्टि कर रहे हैं। पहले में एक हॉबी के तौर पर भाषिकी के अध्ययन करने वाले व्यक्ति द्वारा भी देवनागरी केलिये most impressive और beautiful का प्रयोग किया जा रहा है और दूसरे में हिंदी व्याकरण की प्रारम्भिक पुस्तक लिखने वाले महोदय इसे most scientific लिख रहे हैं। जबकि मूल विज्ञान (भाषिकी या भाषा विज्ञान) के कोई संदर्भ अभी भी नहीं मिल रहे कि लिपियों की वैज्ञानिकता जैसी कोई अवधारणा मौजूद है, अथवा कोई मानदण्ड नियत किये गए हैं (मैंने अपनी बिलकुल पहली टिप्पणी में भी यही लिखा था) जिन पर most scientific, more scientific, less scientific जैसी क्लेम्स को जाँचा जा सके। मूल विज्ञान में ऐसी अवधारणा का न मिलना और हिंदी/देवनागरी विषय पर लिखे ब्लॉग/अखबार के लेख/ हिंदी सिखाने वाली पुस्तक में ऐसी क्लेम्स का होना (ऊपर योगेश जी द्वारा दिए गए संदर्भ भी जोड़ लें) ही इसे छद्म या शायद hoax जैसा साबित कर रहा।--सत्यम् मिश्र बातचीत 14:37, 26 नवम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- विज्ञान संस्कृत शब्द है और सायन्स के अलावा और कई अर्थो में ये शब्द का प्रयोग तब से होता है जब से Science का जन्म भी नहीं हुआ था। श्रीमद् भगवद् गीता में ७वे अध्याय का नाम ज्ञान विज्ञान योग है। आत्मज्ञान की विद्या को भी विज्ञान कहा जाता है जीनका Science के साथ कोई लेना-देना नहीं है।
- लेख में एसा कोई देवा नहीं है की फलाने जर्नल के हिसाब से ये वैज्ञानिक है। ऐसी स्थिति में जर्नल का प्रमाण न मिलने पर मूलशोध कह सकते है। यहा पर मूल शोध भाषा की वैज्ञानिकता विषय होने न होने पर होनी चाहिए तो अनेको संदर्भ से ये प्रतिपादित कर दिया गया है की ये विषय है।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 05:12, 1 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @YmKavishwar: जी, शब्दों के अर्थ समय के साथ बदलते हैं। कृपया कोई विश्वसनीय स्रोत दीजिए जो कहता हो कि विज्ञान शब्द का अर्थ आज भी वही है जो आप कह रहे हैं, ताकि यह स्पष्ट हो जाए कि पाठक इसे science शब्द का पर्यायवाची नहीं समझेंगे। --गौरव सूद (वार्ता) 21:21, 7 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @सत्यम् मिश्र: जी, इस चर्चा में आख़िरी टिप्पणी आए हुए काफी दिन हो चुके हैं। कृपया कुछ फैसला लेकर चर्चा को समाप्त कीजिए। --गौरव सूद (वार्ता) 23:13, 15 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @संजीव कुमार: जी, सत्यम मिश्र जी बहुत दिन से विकी-अवकाश पर हैं, इसलिए उत्तर नहीं दे रहे हैं। कृपया कुछ फैसला लेकर इस चर्चा को बंद कीजिए। --गौरव सूद (वार्ता) 09:34, 22 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @Gauravsood0289: गौरव जी इसे मेरे अलावा कोई अन्य प्रबन्धक अथवा वरिष्ठ सदस्य ही समाप्त घोषित कर सकता है क्योंकि मैं ख़ुद इस चर्चा का हिस्सा हूँ। निर्णय ऊपर हुई चर्चा के आलोक में तटस्थ व्यक्ति को करना होता है, बिना अपनी राय को इस्तेमाल करते हुए। आप एक सन्देश प्रबंधक सूचनापट पर भी छोड़ दें। --सत्यम् मिश्र बातचीत 18:35, 25 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @सत्यम् मिश्र: सूचना के लिए धन्यवाद सत्यम जी। कृपया आप अपना मत दे दीजिए। क्या मुझे (यानि नामांकनकर्ता) को भी अपना मत देना होगा, या वो अपने आप गिन लिया जाएगा? --गौरव सूद (वार्ता) 18:44, 25 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @Gauravsood0289: यहाँ चर्चा हो रही है। विकिपीडिया डेमोक्रेसी नहीं है। इस चर्चा का समापन मतों की गिनती नहीं बल्कि चर्चा में प्रस्तुत तर्कों सन्दर्भों और तार्किकता के आधार पर होना है। कहने का आशय यह है कि निर्णयकरने वाले व्यक्ति को ऊपर हुई चर्चा में दिए गए तर्कों को तौलना है। तटस्थ होकर।--सत्यम् मिश्र बातचीत 19:06, 25 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- धन्यवाद सत्यम जी। मैं प्रबंधक सूचनापट पर सन्देश छोड़ देता हूँ। --गौरव सूद (वार्ता) 19:14, 25 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @Gauravsood0289: गौरव जी इसे मेरे अलावा कोई अन्य प्रबन्धक अथवा वरिष्ठ सदस्य ही समाप्त घोषित कर सकता है क्योंकि मैं ख़ुद इस चर्चा का हिस्सा हूँ। निर्णय ऊपर हुई चर्चा के आलोक में तटस्थ व्यक्ति को करना होता है, बिना अपनी राय को इस्तेमाल करते हुए। आप एक सन्देश प्रबंधक सूचनापट पर भी छोड़ दें। --सत्यम् मिश्र बातचीत 18:35, 25 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @संजीव कुमार: जी, सत्यम मिश्र जी बहुत दिन से विकी-अवकाश पर हैं, इसलिए उत्तर नहीं दे रहे हैं। कृपया कुछ फैसला लेकर इस चर्चा को बंद कीजिए। --गौरव सूद (वार्ता) 09:34, 22 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @सत्यम् मिश्र: जी, इस चर्चा में आख़िरी टिप्पणी आए हुए काफी दिन हो चुके हैं। कृपया कुछ फैसला लेकर चर्चा को समाप्त कीजिए। --गौरव सूद (वार्ता) 23:13, 15 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @YmKavishwar: जी, शब्दों के अर्थ समय के साथ बदलते हैं। कृपया कोई विश्वसनीय स्रोत दीजिए जो कहता हो कि विज्ञान शब्द का अर्थ आज भी वही है जो आप कह रहे हैं, ताकि यह स्पष्ट हो जाए कि पाठक इसे science शब्द का पर्यायवाची नहीं समझेंगे। --गौरव सूद (वार्ता) 21:21, 7 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
@YmKavishwar:, @अनुनाद सिंह: जी, मैंने प्रबंधक सूचनापट पर इस चर्चा के बारे में एक सन्देश छोड़ा है। --गौरव सूद (वार्ता) 19:51, 25 दिसम्बर 2015 (UTC)[उत्तर दें]
- @Hunnjazal, हिंदुस्थान वासी, Mala chaubey, और Manojkhurana: अगर समय मिले तो अपनी राय दीजिए। धन्यवाद --गौरव (वार्ता) 10:35, 14 मई 2016 (UTC)[उत्तर दें]
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