सय्यद मोहम्मद मियाँ देबन्दी
मुहम्मद मियां देवबंदी (4 अक्टूबर 193 - 24 अक्टूबर 1975) एक भारतीय सुन्नी इस्लामी विद्वान, अकादमिक, इतिहासकार, स्वतंत्रता संग्राम के कार्यकर्ता थे। जिन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के पांचवें महासचिव के रूप में कार्य किया। उन्होंने 'आसीरां-ए-माल्टा', 'उलामा-ए-हिंद का शानदार माज़ी' और 'उलामा-ए-हक़ और उनके मुजाहिदाना करनामे' जैसी किताबें लिखीं।[1][2]
मुअरिख-ए-मिल्लत, सैय्यद-उल-मिल्लत, मौलाना सय्यद मोहम्मद मियाँ देबन्दी | |
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उपाधि | मुअरिख-ए-मिल्लत, सैय्यद-उल-मिल्लत |
जन्म | मुजफ्फर मियां 04 अक्टूबर 1903 देवबन्द, ब्रिटिश भारत के प्रेसिडेंसी और प्रांत |
मृत्यु | 22 अक्टूबर 1975 दिल्ली, भारत | (उम्र 72 वर्ष)
राष्ट्रीयता | India |
क्षेत्र | भारत |
धर्म | इस्लाम |
सम्प्रदाय | सुन्नी इस्लाम |
न्यायशास्र | हनफ़ी पन्थ |
मुख्य रूचि | इतिहास, उर्दू साहित्य, हदीस, राजनीति |
उल्लेखनीय कार्य | जमीयत उलेमा-ए-हिन्द क्या है?, उलेमा-ए-हिंद का शानदार माज़ी, उलेमा-ए-हक़ और उनके मुजाहिदाना करनामे, असरान-ए-माल्टा |
मातृ संस्था | दारुल उलूम देवबन्द |
शिष्य | हुसैन अहमद मदनी |
प्रभावित किया
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जन्म और शिक्षा
संपादित करेंमुहम्मद मियाँ देवबंदी, देवबंद के एक रिजवी सैयद परिवार से थे। उनका जन्म 4 अक्टूबर 1903 को बुलंदशहर में हुआ था।[3] उन्होंने अपनी पढ़ाई घर से शुरू की और मुजफ्फरनगर के एक ट्यूटर से कुरान पढ़ा। वह 1912/1913 (1331 AH) दारुल उलूम देवबंद के फारसी वर्ग में शामिल हो गए और दारुल उलूम से 1925 (1343 AH) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनके शिक्षकों में अल्लामा अनवर शाह कश्मीरी और मौलाना इज़ाज़ अली अमरोही हैं।[4][5]
व्यवसाय
संपादित करेंमुहम्मद मियाँ ने अपने शिक्षण करियर की शुरुआत आरा , शाहाबाद, बिहार से की, उसके बाद उन्होंने एक शिक्षक और मुफ़्ती में लंबे समय तक मदरसा शाही मुरादाबाद में उन्हें जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के आयोजक के रूप में नियुक्त किया गया था और एक वर्ष के लिए इसके मुख्य आयोजक के रूप में भी कार्य किया था। अपने जीवन के अंतिम चरण में उन्होंने मदरसा अमिनिया, दिल्ली में हदीस (शायख अल-हदीथ) के प्रोफेसर के रूप में और इदारा मबाहिथ-ए-फ़िकियाह के सचिव के रूप में कार्य किया। वह वर्ष 1950 में दारुल उलूम देवबंद की मजलिस-ए-शूरा का सदस्य था।[4]
साहित्यिक कार्य
संपादित करेंसैयद मुहम्मद मियाँ देवबंदी के उल्लेखनीय कार्य हैं:
- अहद-ए-ज़रीन ने मिसाली हुकुमतेन [6][4]
- असेरन-ए-माल्टा [7]
- मिश्कात अल-अथार [4]
- इमाम शाह अब्दुल अजीज अफ़ाक़र-ओ-ख़िदमत[8]
- पानीपत और बुज़ुर्गन-ए-पानीपत [4]
- जमीयत उलेमा-ए-हिन्द क्या है?
- शवाहिदे ए तक़द्दुस
- तारीख़े इस्लाम
- मुहम्मदुल्लाह क़ासमी द्वारा तहरीक रेशमी रूमाल (सिल्क लेटर मूवमेंट के रूप में अंग्रेज़ी में अनुवादित)।[9]
- जमीयत उलेमा-ए-हिन्द का शानदार माज़ी (२ खंड) [10]
- उलमा-ए-हक़ और अनके मुजाहिदाना Karname (2 खंड) [11]
- वलीउल्लाहि तहरीक [12]
उल्लेखनीय छात्र
संपादित करेंउनके उल्लेखनीय छात्रों में मुफ़्ती महमूद और निज़ामुद्दीन असिर अद्रवी शामिल हैं। [3][13]
तसव्वुफ़
संपादित करेंवे हुसैन अहमद मदनी के अधिकृत शिष्य थे।[1]
यह सभी देखें
संपादित करेंसंदर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ Amini, Nur Alam Khalil. Pase Marge Zindah (Urdu में). Deoband: Idara Ilm-o-Adab. पृ॰ 106.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ "Musannifeen wa Muwarrikheen". dud.edu.in. मूल से 20 जून 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मार्च 2020.
- ↑ अ आ Syed Muhammad Miyan Deobandi. "Musannif ka Ta'aruf". Tarikh-e-Islam (PDF) (Urdu में). Maktaba Ludhyanwi, Binori Town, Karachi. पृ॰ 3-4. मूल (PDF) से 7 जून 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 June 2019.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link) सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; "ludhyanwi" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ अ आ इ ई उ Maulana Mahbub Rizwi. History of The Dar al-Ulum Deoband (Volume 2) (English में). Prof. Murtaz Husain F. Quraishi द्वारा अनूदित (1981 संस्करण). Idara-e-Ehtemam, Dar al-Ulum Deoband. पृ॰ 109-10.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ "مؤرخ ملت مولانا محمد میاں". lubpak.org.pk. मूल से 24 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 May 2019.
- ↑ Syed Muhammad Miyan Deobandi. Ahd-e-Zarrin awr Misali Hukumatein (Urdu में). Kitabistan, Qasim Jan Street, Delhi.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ Maulana Syed Muhammad Miyan Deobandi. Aseeran-e-Malta (Urdu में) (January 2002 संस्करण). Naimia Book Depot, Deoband.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ Imam Shah Abdul Aziz Afkaar-o-Khidmaat (PDF). मूल (PDF) से 19 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 July 2019.
- ↑ Maulana Syed Muhammad Miyan Deobandi. SILK LETTER MOVEMENT. Muhammadullah Qasmi द्वारा अनूदित (First Edition, 2013 संस्करण). Shaikhul Hind Academy, Deoband and MANAK Publications, Laxmi Nagar, Delhi. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-7831-322-6.
- ↑ Maulana Syed Muhammad Miyan Deobandi. Ulama-e-Hind Ka Shandaar Maazi (2016 संस्करण). Naimia Islamic Book Store, Deoband.
- ↑ Maulana Syed Muhammad Miyan Deobandi. Ulama-e-Haqq Ke Mujahidana Karname. Faisal International, New Delhi.
- ↑ Waliullahi Tehreek (PDF). मूल (PDF) से 19 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 July 2019.
- ↑ Nizamuddin Asir Adrawi. Dastan Na'tamam (November, 2009 संस्करण). Kutub Khana Husainia, Deoband. पृ॰ 72-73.