अखिल भारतीय साहित्य परिषद
अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भारतीय भाषाओं का एक देशव्यापी संगठन है। इसकी स्थापना २७ अक्टूबर १९६६ को दिल्ली में हुई थी। उसी वर्ष इसका राष्ट्रीय अधिवेशन प्रसिद्ध साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ था। सरदार जीतसिंह 'जीत' को इसके संगठन का दायित्व दिया गया था। वर्तमान में इसके अध्यक्ष त्रिभुवन नाथ शुक्ल हैं। जबकि संगठन का कार्य श्रीधर पराडकर देखते हैं। सम्पूर्ण भारतवर्ष के २१ प्रान्तों में इसका कार्य चल रहा है।
स्थापना
संपादित करेंराष्ट्रीय पुनर्निर्माण के व्यापक लक्ष्य को लेकर साहित्य के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं के सक्रिय साहित्यकारों, समालोचकों, चिन्तनशील विचारकों एवं साहित्यिक सुरुचिसम्पन्न नागरिकों के इस वैचारिक व रचनात्मक साहित्यिक संगठन की स्थापना २७ अक्टूबर १९६६ को भारत की राजधानी दिल्ली में हुई थी। प्रारम्भ में इसका नाम भारतीय साहित्य परिषद् रक्खा गया था। इसकी अध्यक्षता के लिये सुप्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार का नाम सर्वसम्मति से तय हुआ। उन्होंने ही इसकी पहली आम सभा की अध्यक्षता की थी। बाद में इसका कार्य विस्तार हुआ और इसे अखिल भारतीय साहित्य परिषद् नाम दिया गया। साहित्य के क्षेत्र में यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आनुषंगिक संगठन है। संघ की ओर से समय-समय पर पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को इसका संगठन कार्य सौंपा जाता है।[1]
संगठन
संपादित करेंप्रान्तीय एवं स्थानीय स्तर पर कार्यरत परिषद् की सभी इकाइयों को संगठन की दृष्टि से सम्बद्ध करने हेतु अखिल भारतीय साहित्य परिषद् न्यास का गठन १९९८ में किया गया। इसका पंजीकृत केन्द्रीय कार्यालय बाबासाहब आपटे भवन देशबन्धु गुप्त मार्ग नई दिल्ली में है।[1]
परिषद् अखिल भारतीय साहित्य परिषद् न्यास के अन्तर्गत कार्य करती है। भारतीय भाषाओं की कोई भी समवैचारिक साहित्यिक संस्था न्यास से सम्बद्धता प्राप्त कर सकती है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण भारतवर्ष है।[1][2]
कार्यक्रम
संपादित करेंपरिषद् साहित्य की विविध विधाओं में सामान्यत: निम्न कार्यक्रम आयोजित करती है:[3]
- काव्य गोष्ठियाँ, कवि सम्मेलन एवं काव्यपाठ प्रतियोगिता,
- साहित्यकार सम्मेलन, साहित्यकार सम्मान समारोह एवं नवोदित प्रतिभाओं का प्रोत्साहन,
- कहानी, कविता, निबन्ध एवं नाट्यलेखन प्रतियोगिता,
- प्रशिक्षण शिविर व संस्कार कार्यशाला,
- साहित्यकारों की जयन्ती पर विचार गोष्ठियाँ,
- पुस्तक समीक्षा व साहित्यिक परिचर्चा आदि।
प्रकाशन
संपादित करेंपरिषद् अखिल भारतीय स्तर पर साहित्य परिक्रमा[4] के नाम से एक त्रैमासिक पत्रिका का प्रकाशन भी करती है। इसके अतिरिक्त इसकी स्थानीय व प्रान्तीय इकाइयाँ भी अपनी पत्रिकायें प्रकाशित करती हैं। परिषद् की प्रकाशन योजना के अन्तर्गत पुस्तकें भी प्रकाशित की जाती हैं।[5]
राष्ट्रीय अधिवेशन
संपादित करेंअब तक इसके १३ राष्ट्रीय अधिवेशन हुए हैं जिनका स्थान व वर्षानुसार विवरण इस प्रकार है:
१ - दिल्ली (१९६६), २ - दिल्ली (१९६९), ३ - कोटा (१९७२), ४ - अंबाला (१९७४), ५ - कोटा (१९८९), ६ - हैदराबाद (१९९२), ७ - आगरा (१९९४), ८ - कोटा (१९९६), ९ - सोनीपत (१९९८), १० - वाराणसी (२००२), ११ - राजकोट (२००५), १२ - दिल्ली (२००७), १३ - भुज (२०११) एवं १४ - झाँसी (२०१४)।
राष्ट्रीय अध्यक्ष
संपादित करेंभारत के निम्न साहित्यकार अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं:
- जैनेन्द्र कुमार
- गोविन्द शंकर कुरुप
- फतेह सिंह
- सोहन लाल द्विवेदी
- जी बी सुब्रह्मण्यम्
- रमानाथ त्रिपाठी
- विद्यानिवास मिश्र
- जगदीश गुप्त
- दयाकृष्ण विजय
- भण्डारू सदाशिवराव
- बलवन्त जानी
- त्रिभुवन नाथ शुक्ल (पदस्थ)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ "अखिल भारतीय साहित्य परिषद् ने दिल्ली में आयोजित की साहित्यिक पत्रिका सम्पादक संगोष्ठी साहित्य की दशा और दिशा पर चिन्तन - अरुण कुमार सिंह". मूल से 27 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 दिसंबर 2013. Archived 2012-10-27 at the वेबैक मशीन
- ↑ Dr Bhairappa opens Sahitya Parishad meet at Varanasi Archived 2013-12-03 at the वेबैक मशीन - न्यूज़भारतीडॉटकॉम का 23 जुलाई 2013 का समाचार
- ↑ "दिल्ली में अ.भा. साहित्य परिषद् का भारतीय भाषा साहित्यकार सम्मान समारोह". मूल से 25 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 दिसंबर 2013. Archived 2012-10-25 at the वेबैक मशीन
- ↑ साहित्य परिक्रमा सम्पादक: योगेन्द्र गोस्वामी, अंक: २००२ (जुलाई-सितम्बर), प्रकाशक: अखिल भारतीय साहित्य परिषद् न्यास, नई दिल्ली-११००५५ भारत
- ↑ "साहित्य के माध्यम से नई पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने की जरूरत: राज्यपाल". मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 दिसंबर 2013. Archived 2013-12-03 at the वेबैक मशीन
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- अखिल भारतीय साहित्य परिषद् - अधिकृत वेबसाइट
- प्रो॰ बेदी भारतीय साहित्य परिषद के उपाध्यक्ष बने - 14 जुलाई 2012 का समाचार दैनिक जागरण जागरण संवाद केन्द्र, अमृतसर
- अखिल भारतीय साहित्य परिषद काव्यगोष्ठी - यू ट्यूब पर
- अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने आयोजित की द्विवेदी जी की जन्मशताब्दी पर संगोष्ठी
- Bismil Jayanti celebrated by Akhil Bharatiya Sahitya Parishad - 11 जून 2011 यू ट्यूब पर
- Akhil Bharatiya Sahitya Parishad organized State level seminar - ओडिसाडायरीडॉटकॉम
- One day camp for new writers
- अपनी संस्कृति से जुड़े साहित्य की रचना जरूरी-हो.वे. शेषाद्रि
- मुख्यमंत्री श्री चौहान संस्कृति वत्सल सम्मान से विभूषित - 20 अक्टूबर 2012 समाचार भारती