कानूराम देवगम संपादित करें

हो समुदाय के कानूराम देवगम जो कि सांसद भी रहे हैं, सामाजिक सुधार तथा सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए अनवरत प्रयासरत रहे। समाज में जागृति लाने के लिए कानूराम देवगम ने अनेक गीतों की रचना की जो बाद में ‘हो दुरंग पोथी’ के रूप में प्रकाशित हुई। कानूराम देवगम की दृढ़ धारणा थी कि मातृभाषा में रचित साहित्य सामाजिक चेतना को विकसित करने का एकमात्र औजार है। अपने गीतों की लोकप्रियता तथा अगुआ सामाजिक भूमिका के कारण कानूराम सांसद बने और देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था संसद में हो लोगों का प्रतिनिधित्व किया। 1948 ई. मंे इनकी एक हो लोककथा ‘मैन इन इंडिया’ (रांची) में एससी राय ने छापी थी।

सन्दर्भ संपादित करें

  • पुरखा झारखंडी साहित्यकार और नये साक्षात्कार: वंदना टेटे (सं), प्यारा करेकेट्टा फाउंडेशन, रांची 2012


झारखंड के प्रसिद्व लोग

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