कैंटोनमेंट बोर्ड
कैंटोनमेंट बोर्ड (अंग्रेज़ी: Cantonment board) भारत में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा नियंत्रित एक स्थानीय प्रशासन होता है, जो भारत में छावनी शहरों का प्रशासन करता है। इसका संचालन कैंटोनमेंट ऐक्ट 2006 के अंतर्गत चुनी हुई एक समिति (बोर्ड) करती है, जिसके चुने सदस्यों का प्रशासनकाल 5 वर्ष होता है।[1] छावनियों को चार श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:
- श्रेणी I - जहाँ जनसंख्या पचास हजार से अधिक है।
- श्रेणी II - जहाँ जनसंख्या दस हजार से अधिक है हो, लेकिन पचास हजार से अधिक नहीं है।
- श्रेणी III - जहाँ जनसंख्या दो हजार पांच सौ से अधिक हो, लेकिन दस हजार से अधिक नहीं है।
- श्रेणी IV - जहाँ जनसंख्या दो हजार पांच सौ से अधिक नहीं है।
कार्य
संपादित करेंकैंटोनमेंट बोर्डों की सूची
संपादित करेंउत्तर में
संपादित करेंहिमाचल प्रदेश
- बकलोह (चंबा के पास)
- डगशाई (सोलन के पास)
- डलहौजी छावनी (चंबा के पास)
- जुतोग (शिमला के पास)
- कसौली (सोलन)
- सबाथू (सोलन के पास)
जम्मू और कश्मीर
- बादामी बाग (श्रीनगर के पास)
- जम्मू
दिल्ली
हरयाणा
पंजाब
उत्तराखंड
- अल्मोड़ा
- चक्रता
- क्लेमेंट टाउन (देहरादून के पास)
- देहरादून
- लंढौर (मसूरी के पास)
- लैंसडाउन
- नैनीताल
- रानीखेत
- रुड़की
उत्तर प्रदेश
- आगरा
- अयोध्या
- बबीना (झांसी के पास)
- बरेली
- झांसी
- कानपुर
- लखनऊ
- फतेहगढ़
- मथुरा
- मेरठ
- प्रयागराज
- शाहजहांपुर
- वाराणसी
मध्य में
संपादित करेंमध्य प्रदेश
पश्चिम में
संपादित करेंराजस्थान
गुजरात
महाराष्ट्र
- अहमदनगर
- औरंगाबाद
- देहू रोड (पुणे में)
- देओलाली (नासिक के पास)
- कैंपटी (नागपुर के पास)
- खड़की (पुणे में)
- कैंप (पुणे में)
पूर्व में
संपादित करेंबिहार
झारखंड
मेघालय
पश्चिम बंगाल
- बैरकपुर
- जलपहाड़ (दार्जिलिंग में)
- लेबोंग (दार्जिलिंग में)
दक्षिण में
संपादित करेंकर्नाटक
केरल
तमिलनाडु
तेलंगना
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "छावनी बोर्ड के लिए चुनाव". भारत सरकार. अभिगमन तिथि 1 अगस्त 2014.