प्रथम नेहरू मंत्रिमंडल
सत्ता परिवर्तन के बाद १५ अगस्त १९४७ को जवाहरलाल नेहरू ने भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला और प्रथम नेहरू मंत्रिमंडल बनाने के लिए पंद्रह मंत्रियों को चुना।
प्रथम नेहरू मंत्रिमंडल | |
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भारतीय अधिराज्य और बाद में भारत गणराज्य का पहला मंत्रालय | |
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गठन की तिथि | १५ अगस्त १९४७ |
विघटित की तिथि | १५ अप्रैल १९५२ |
लोग एवं संगठन | |
राष्ट्रपति | राजेंद्र प्रसाद |
महाराज्यपाल |
लुईस माउंटबेटन (१९४७-१९४८) चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (१९४८-१९५०) |
प्रधानमंत्री | जवाहरलाल नेहरू |
उपप्रधानमंत्री | सरदार वल्लभभाई पटेल (१५ दिसंबर १९५० तक) |
पार्टी के सदस्य | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
विधायिका में स्थिति |
बहुमत २०९/२९९ |
विपक्षी पार्टी | कोई नहीं |
विपक्षी नेता | कोई नहीं |
इतिहास | |
निवर्तमान चुनाव | भारतीय आम चुनाव, १९५१-१९५२ |
विधानमंडल का कार्यकाल | ४ वर्ष, ८ माह |
पूर्वाधिकारी | अन्तरिम |
उत्तराधिकारी | द्वितीय नेहरू मंत्रालय |
पृष्ठभूमि
संपादित करेंभारतीय नेताओं और १९४६ में यूनाइटेड किंगडम से भारत आए कैबिनेट मिशन के सदस्यों के बीच बातचीत के बाद, जब भारत ब्रिटिश राज के अधीन था, तब संविधान सभा की स्थापना की गई थी। प्रांतीय विधानसभा चुनाव १९४६ की शुरुआत में आयोजित किए गए थे। संविधान सभा के सदस्यों को इन नवनिर्वाचित प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुना गया था और शुरुआत में उन प्रांतों के प्रतिनिधि शामिल थे जो पाकिस्तान का हिस्सा बने, जिनमें से कुछ अब बांग्लादेश के भीतर हैं। संविधान सभा में २९९ प्रतिनिधि थे, जिनमें नौ महिलाएँ भी थीं।
भारत की अंतरिम सरकार का गठन २ सितंबर १९४६ को नवनिर्वाचित संविधान सभा से हुआ था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पास ६९% सीटों के साथ विधानसभा में बड़ा बहुमत था, जबकि मुस्लिम लीग के पास विधानसभा में मुसलमानों के लिए आरक्षित लगभग सभी सीटें थीं। इसमें अनुसूचित जाति महासंघ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और यूनियनिस्ट पार्टी जैसे छोटे दलों के भी कुछ सदस्य थे। जून १९४७ में सिंध, पूर्वी बंगाल, बलूचिस्तान, पश्चिम पंजाब और उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत के प्रांतों के प्रतिनिधिमंडल कराची में बैठक करके पाकिस्तान की संविधान सभा बनाने के लिए वापस चले गए। १५ अगस्त १९४७ को भारतीय अधिराज्य और पाकिस्तान अधिराज्य स्वतंत्र राष्ट्र बन गए, और संविधान सभा के सदस्य जो कराची नहीं लौटे थे, भारतीय संसद बन गए। मुस्लिम लीग के केवल २८ सदस्य अंततः भारतीय असेंबली में शामिल हुए। बाद में देशी रियासतों से ९३ सदस्य मनोनीत किये गये। इस प्रकार कांग्रेस ने ८२% का बहुमत हासिल कर लिया।
जवाहरलाल नेहरू ने १५ अगस्त १९४७ को भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला और अपने मंत्रिमंडल के लिए १५ अन्य सदस्यों को चुना। वल्लभभाई पटेल ने १५ दिसंबर १९५० को अपनी मृत्यु तक पहले उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। लॉर्ड माउंटबेटन और बाद में सी. राजगोपालाचारी ने २६ जनवरी १९५० तक महराज्यपाल के रूप में कार्य किया, जिसके बाद राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति चुने गए।[1]
मंत्रिमंडल के सदस्य
संपादित करेंभारत के पहले मंत्रिमंडल में हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सिख और पारसी सदस्य शामिल थे। इसमें दलित समुदाय के दो सदस्यों का भी प्रतिनिधित्व था।[2][3] राजकुमारी अमृत कौर एकमात्र महिला कैबिनेट मंत्री थीं। प्रथम मंत्रिमंडल में मंत्रियों की सूची निम्नलिखित है:[1]
मुख्य
विभाग | मंत्री | पदभार ग्रहण | पदभार त्याग | राजनीतिक दल | |
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प्रधानमंत्री विदेश मंत्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | द्वितीय नेहरू मंत्रिमंडल | कांग्रेस | ||
उपप्रधानमंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १५ दिसंबर १९५०[†] | कांग्रेस | ||
गृहमंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १५ दिसंबर १९५०[†] | कांग्रेस | ||
२६ दिसंबर १९५० | २५ अक्टूबर १९५१[RES] | कांग्रेस | |||
१९५१ | द्वितीय नेहरू मंत्रिमंडल | कांग्रेस | |||
सूचना एवं प्रसारण मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १९४९ | कांग्रेस | ||
१९४९ | १५ अप्रैल १९५२ | कांग्रेस | |||
वित्तमंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १९५० | कांग्रेस | ||
६ मई १९५० | १९५०[RES] | कांग्रेस | |||
१९५० | द्वितीय नेहरू मंत्रिमंडल | कांग्रेस | |||
क़ानून एवं न्याय मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १९५१[RES] | अनुसूचित जाति फ़ेडरेशन | ||
रक्षामंत्री | १५ अगस्त १९४७ | द्वितीय नेहरू मंत्रिमंडल | पंथिक पार्टी | ||
रेलमंत्री एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | २२ सितंबर १९४८ | कांग्रेस | ||
२२ सितंबर १९४८ | द्वितीय नेहरू मंत्रिमंडल | कांग्रेस | |||
शिक्षा मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | द्वितीय नेहरू मंत्रिमंडल | कांग्रेस | ||
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १४ जनवरी १९४८ | कांग्रेस | ||
१९ जनवरी १९४८ | १३ मई १९५०[RES] | कांग्रेस | |||
वाणिज्य मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | ६ अगस्त १९५०[RES] | हिंदू महासभा | ||
१३ मई १९५० | २६ दिसंबर १९५०[RES] | कांग्रेस | |||
श्रम एवं रोज़गार मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १५ अप्रैल १९५२ | कांग्रेस | ||
उद्योग मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १५ अप्रैल १९५२ | कांग्रेस | ||
संचार मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १५ अप्रैल १९५२ | कांग्रेस | ||
स्वास्थ्य मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १५ अप्रैल १९५२ | कांग्रेस | ||
कार्यमंत्री, खान मंत्री एवं ऊर्जा मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | १५ अप्रैल १९५२ | कांग्रेस | ||
पुनर्स्थापन मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | अप्रैल १९५०[RES] | कांग्रेस | ||
बिना पद के मंत्री | १५ अगस्त १९४७ | २२ सितंबर १९४८ | कांग्रेस | ||
१५ अगस्त १९४७ | १५ अप्रैल १९५२ | कांग्रेस |
संदर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ Krishna, Ananth V. (2011). India Since Independence: Making Sense Of Indian Politics. India: Pearson Education India. पपृ॰ 34–36. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788131734650. अभिगमन तिथि 27 May 2014.
- ↑ "The New Cabinet". Hindustan Times. 15 August 1947. मूल से 30 March 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 August 2011.
- ↑ "New Cabinet of India". The Times of India. 15 August 1947. पृ॰ 1. अभिगमन तिथि 19 August 2011.
- ↑ अ आ Sidin Vadukut (2014-11-08). "Déjà View | The Chetty Affair | Mint". Livemint.com. अभिगमन तिथि 2022-04-19.
- ↑ "Rajya Sabha Members, Biographical Sketches, 1952 – 2003: D" (PDF).
- ↑ "10 facts about Article 370 that you need to know – Elections News". Indiatoday.intoday.in. अभिगमन तिथि 2022-04-19.