रामग्राम अथवा 'रामगाम' महात्मा बुद्ध से सम्बन्धित एक ऐतिहासिक स्थान है। बौद्ध साहित्य के अनुसार बुद्ध के परिनिर्वाण के पश्चात् अनेक शरीर की भस्म के एक भाग के ऊपर एक महास्तूप 'रामगाम' या 'रामपुर' नामक स्थान पर बनवाया गया था।

शिल्पांकन में स्तूप की रक्षा प्रतीकात्मक रूप से नाग कर रहे हैं।
चित्र में रामगाम स्तूप का शिल्पांकन है। सम्राट असोक तथागत के धातु-अवशेष को लेने के लिए रामगाम आए हैं। लेकिन नागवंशियों के विरोध के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
सम्राट अशोक का पानी के अंदर समाहित नागा स्तूप मे जाना