वार्ता:उमेश चन्द्र बनर्जी
शीर्षक सुधार से सम्बंधित चर्चा
संपादित करेंमैंने आज देखा कि कुछ सदस्यों ने लेख के पक्ष में और कुछ ने समीक्षा के तौर पर वर्तनी सुधार का प्रस्ताव रखा है। कुछ सदस्यों के अनुसार लेख की वर्तनी "उमेश चन्द्र बनर्जी" के स्थान पर "व्योमेश चन्द्र बनर्जी" होना चाहिए। साँचा वार्ता:क्या आप जानते हैं की चर्चा की वो पंक्तियाँ मैं यहाँ लिख रहा हूँ:
- आप लोगों की जानकारी के लिये बता रहा हूँ काँग्रेस के संस्थापक एलेन आक्टोवियन ह्यूम ने लार्ड डफरिन की इजाजत से, जो उन दिनों ब्रिटिश भारत के वॉयसराय हुआ करते थे, 28 से 31 दिसम्बर 1885 तक चार दिन बम्बई में आयोजित काँग्रेस के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चन्द्र बनर्जी (अं. Womesh Chandra Bonnerjee) से करवायी थी ना कि उमेश चन्द्र बनर्जी से। इसलिये नामित करने से पहले इस लेख का नाम बदलना पड़ेगा। --डॉ॰'क्रान्त'एम॰एल॰वर्मा (वार्ता) 07:50, 18 सितंबर 2014 (UTC)
- अंग्रेजी विकि में साफ-साफ लिखा है कि आधुनिक अंग्रेजी वर्तनी 'Umesh ' होगी। इसके अलावा बंगला विकि पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पेज देखें। इसमें सो सारणी दी गयी है उसमें पहली ही पंक्ति में प्रथम अध्यक्ष का नाम है जो बंगला लिपि में 'उमेशचन्द्र बन्दोपाध्याय' लिखा है।---- अनुनाद सिंह वार्ता 08:20, 18 सितंबर 2014 (UTC)
- यह इतिहास से संबंधित विषय है। इसलिए नाम से संबंधित वर्तनी पर सर्वसम्मत राय बनाने हेतु कुछ अन्य भाषा विशेषज्ञों की भी राय अपेक्षित है।--माला चौबे वार्ता 10:45, 18 सितंबर 2014 (UTC)
चूँकि लेख से सम्बंधित चर्चा उसके वार्ता पृष्ठ पर की जाये तो अच्छा है अतः मैं यह चर्चा यहाँ लिख रहा हूँ और अगले सम्पादन में मेरी टिप्पणी लिखुँगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:30, 18 सितंबर 2014 (UTC)
- अनुनाद जी ने उपरोक्त टिप्पणी में जैसा कहा उसके अनुसार अंग्रेज़ी विकि पर इसका उल्लेख है कि शीर्षक की आधुनिक वर्तनी "उमेश" होगी न कि "व्योमेश"। पंजाबी संस्करण में भी वर्तनी हिन्दी के समरूप है। इसके अतिरिक्त मैंने जब लेख का विस्तार किया उस समय देखा था कि लेख की वर्तनी बांग्ला में वर्तनी उमेश है। यह उचित कारण भी है। बांग्ला में "व" अक्षर के अभाव में व्योमेश नाम नहीं हो सकता। बांग्ला में "भ" को अंग्रेज़ी में V/W के रूप में काम में लेते हैं। मूल भारतीय भाषाओं के शब्दों को उनकी मूल वर्तनी में लिखना ही उचित कारण है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:37, 18 सितंबर 2014 (UTC)
- मैं भी पहले चौक गया था कि कैसे "Womesh" उमेश बन गया। पर अनुनाद जी ने अध्ययन करके ही इनका नाम रखा। "Womesh" में 'W' साइलेंट है जो कि अंग्रेज़ी की विशेषता है।--पीयूष मौर्यावार्ता 08:36, 19 सितंबर 2014 (UTC)
- किन्तु कुछ महत्वपूर्ण लिंक का भी अवलोकन करें, जहां "व्योमेश चन्द्र बनर्जी" की चर्चा हुई है:
- @Mala chaubey, हिंदुस्थान वासी, और Krantmlverma: माला जी द्वारा दिया गये सभी सन्दर्भों में अनुवाद का कार्य अंग्रेज़ी से किया गया है। जैसे प्रथम कड़ी पत्रिका समाचार समूह की है और दूसरी कड़ी बीबीसी हिन्दी की है, ये दोनों कड़ियाँ सीधा हिन्दी अनुवाद है। मेरा कहने का अर्थ है कि उच्चारण उनके मूल नाम से नहीं बल्कि अंग्रेज़ी शब्द को देखकर बनाया गया है। इसके अतिरिक्त भारत डिस्कवरी की कड़ी को निष्पक्ष और विश्वसनीय स्रोत के रूप में नहीं माना जा सकता। जहाँ तक बात गूगल बुक्स की है तो इसमें पूरा नाम व्योमेश चन्द्र बौनर्जी लिखा है जिसे यदि इसी रूप में लिखा जाये तो चन्द्र को भी चौन्द्रौ/चौन्द्रा तथा बौनर्जी को बौनौर्जी लिखना चाहिए था इसके अतिरिक्त इस पुस्तक को ध्यान से पढ़ेंगे तो हमें प्राप्त होगा कि इसमें अंग्रेज़ी वर्तनी को प्रत्येक स्थान पर वरियता दी गई है अतः इतनी छोटी त्रुटि होना एक स्वाभाविक सी बात है। शालिनी पाण्डेय में उनके व्यक्तिगत विचार लिखे हैं जिनमें भी ऐसी त्रुटि सम्भव है और इसके अलावा अन्तिम सन्दर्भ के रूप में दिये गए विस्फोट डॉट कॉम पर संजय तिवारी के लिखे लेख की कहानी भी पत्रिका और बीबीसी हिन्दी से मिलती जुलती ही प्रतीत हो रही है।
- मैं भी कुछ सन्दर्भ दे रहा हूँ: लाइव हिन्दुस्तान और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर पूर्ण नाम दिये गये हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:35, 19 सितंबर 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार, हिंदुस्थान वासी, और Krantmlverma: जी,
लाइव हिन्दुस्तान और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मैं भी देख चुकी हूँ, किन्तु मैं भी इतिहास की छात्रा रही हूँ और कतिपय पाठ्यक्रमों में व्योमेश चन्द्र बनर्जी का ही उल्लेख है, न कि उमेश चन्द्र बनर्जी का। अंतर्जाल पर भी आपके उपरोक्त दोनों लिंक के अलावा और कहीं भी उमेश चन्द्र बनर्जी का चर्चा मैंने नही देखी। पाठ्यक्रम से संबंधित ही है यह पुस्तक। अरोड़ा की यह पुस्तक: राजनीतिक विज्ञान मुख्य परीक्षा पढ़ें, जिसमें बार-बार व्योमेश चन्द्र बनर्जी का उल्लेख है। हिन्दी के कुछ और लिंक देखें:
- कुंभ नगरी तीर्थराज इलाहाबाद Allahabad City of Kumbh Mela
- कांग्रेस के दोहरे मापदंड और संघ
- गांधीजी (शब्द चित्र और श्रद्धांजलियां ...
- पंचजन्य कांग्रेस के दोहरे मापदण्ड और संघ - साकेन्द्र प्रताप वर्मा
- सामान्य ज्ञान से संबंधित पृष्ठ-1
- सामान्य ज्ञान से संबंधित पृष्ठ-2
- सामान्य ज्ञान से संबंधित पृष्ठ-3--माला चौबेवार्ता 05:50, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- ज़्यादातर कड़ियाँ मुझे विश्वसनीय नहीं लगी, जैसे कांग्रेस के दोहरे मापदण्ड और संघ और सामान्य ज्ञान वाले पृष्ठ तो अंग्रेज़ी से अनूदित करके ही बनाए जाते है। संजीव जी की बात सही है कि इनका नाम अंग्रेज़ी वर्तनी को देखकर ही लिखा गया है। बंगाली में हर अक्षर के बाद "ओ" होता जबकि हिन्दी में "आ"। इसी तरह हमें करना चाहिये। व्योमेश ज़्यादा चलन में है इसका मतलब ये नहीं कि हम गलत चलन के साथ ही चले। लेख में बताया जा सकता है कि इनका नाम "व्योमेश" भी लिखा जाता है।--पीयूष मौर्यावार्ता 06:09, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- नही मेरे विचार से यह गलत है। हर लिंक को अविश्वसनीय कहना प्रासंगिक नही होगा। सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में तथा कतिपय पाठ्यक्रमों में कहीं भी उमेश चन्द्र बनर्जी की चर्चा नही है। मेरे विचार से लेख "व्योमेश" के नाम से होना चाहिए और "उमेश" से संबंधित बातों को एक अनुभाग के माध्यम से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। वैसे भी उमेश चन्द्र बनर्जी से व्योमेश चन्द्र बनर्जी पर अनुप्रेषित करने में कोई समस्या नही होनी चाहिए, क्योंकि व्योमेश चन्द्र बनर्जी प्रचलित नाम है।--माला चौबेवार्ता 06:17, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- विश्वसनीय से मतलब है कि वो इसकी जिम्मेदारी ले कि ये नाम सही है और उन्होनें जाँच-परख कर चीज़े लिखी या प्रकाशित की है। कांग्रेस की अपनी वेबसाइट ज़्यादा विश्वसनीय है या 'कांग्रेस के दोहरे मापदण्ड और संघ' का प्रचार लिंक? ये सही है कि व्योमेश ही ज़्यादा प्रचलित है पर आप मानेगी कि ये अंग्रेज़ी से अनुवाद करके ही लिखा गया। मैं कहता हूँ हमें ये ग़लती नहीं दोहरानी चाहिये।--पीयूष मौर्यावार्ता 06:28, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- नही मेरे विचार से यह गलत है। हर लिंक को अविश्वसनीय कहना प्रासंगिक नही होगा। सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में तथा कतिपय पाठ्यक्रमों में कहीं भी उमेश चन्द्र बनर्जी की चर्चा नही है। मेरे विचार से लेख "व्योमेश" के नाम से होना चाहिए और "उमेश" से संबंधित बातों को एक अनुभाग के माध्यम से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। वैसे भी उमेश चन्द्र बनर्जी से व्योमेश चन्द्र बनर्जी पर अनुप्रेषित करने में कोई समस्या नही होनी चाहिए, क्योंकि व्योमेश चन्द्र बनर्जी प्रचलित नाम है।--माला चौबेवार्ता 06:17, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: आप किस गलती की बात कर रहे हो। पाठ्यक्रम में उल्लेख गलत है? प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न और उसके उत्तर गलत है? एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका(इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और पोप्युलर प्रकाशन की ओर से छ: खंडों में प्रकाशित भारत ज्ञानकोश गलत है? प्रवक्ता, बीबीसी हिन्दी और पांचजन्य का लिंक गलत है? और किसको-किसको गलत साबित करेंगे आप? विकिपीडिया पर प्रचलित नाम से लेख होते हैं न कि अन्य गणना के हिसाब से। अगर ऐसा होता तो सम्पूर्ण सिंह कालरा के नाम से विकिपीडिया लेख होता गुलजार के नाम से नही। युसुफ़ ख़ान के नाम से विकिपीडिया लेख होता दिलीप कुमार के नाम से नही। हरीकृष्ण गिरि गोस्वामी के नाम पर विकिपीडिया लेख होता मनोज कुमार के नाम पर नही। मोहनदास कर्मचन्द गान्धी के नाम पर विकिपीडिया लेख होता महात्मा गांधी के नाम पर नही। अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से विकिपीडिया लेख होता मदर टेरेसा के नाम से नही। व्योमेश चन्द्र बनर्जी सर्वाधिक प्रचलित और प्रामाणिक नाम है, जिसे नकारा नही जा सकता। मेरे विचार से उमेश चन्द्र बनर्जी से व्योमेश चन्द्र बनर्जी पर अनुप्रेषित करने में कोई समस्या नही होनी चाहिए, क्योंकि व्योमेश चन्द्र बनर्जी प्रचलित नाम है।--माला चौबेवार्ता 07:18, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- सभी सज्जनों से मेरा विनम्र अनुरोध है कि अंग्रेजी हिन्दी बंगला पंजाबी विकिपीडिया आदि में जो सर्वाधिक देखी जाती है वह अंग्रेजी विकिपीडिया ही है। उसमें इसकी स्पेलिंग डब्लूओएमईएसएच (Womesh) दी हुई जिसमें डब्लू (W) के साइलेंट होने का प्रश्न ही नहीं उठता उसे वोमेश ही पढ़ा जायेगा। हिन्दी में वोम शब्द में ईश की सन्धि करने पर वोमेश ही उच्चारण किया जायेगा उमेश तो कदापि नहीं। दूसरी बात व्योमेश विष्णु के लिये और उमेश शंकर के लिये आता है। इतिहास विषय पर हिन्दी में उपलब्ध सैकड़ों पुस्तकें मैंने पढ़ी हैं और ८०० पृष्ठों से अधिक की तीन खंडों में स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास भी लिखा जो २००६ में प्रकाशित हो चुका है मैंने सर्वत्र व्योमेश चन्द्र बनर्जी ही पढ़ा है क्योंकि मुझे वही अधिक प्रामाणिक लगता है अतएव मैं यहाँ पर अपना मत व्योमेश चन्द्र बनर्जी के पक्ष में प्रकट कर रहा हूँ। मैं अपना मत आप पर थोप नहीं रहा। मानना या न मानना यह प्रबन्धकों सहित मुझसे भी अधिक योग्य योगदानकर्ताओं के विवेक पर निर्भर करता है। डॉ॰'क्रान्त'एम॰एल॰वर्मा (वार्ता) 08:28, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- @Mala chaubey: आप तो गुस्से में आ गई पर आप तो वीडियो गेम खेलती नहीं! :D शायद आप मेरा मतलब नहीं समझी, मैंने कब कहा कि व्योमेश ज़्यादा प्रचलित नहीं है? पर आप ये मानेगी कि ये अंग्रेज़ी से अनूदित करने की वजह से ही है। कांग्रेस की अपनी वेबसाइट ज़्यादा विश्वसनीय है। नामों के लिये खाली प्रचलन नहीं देखा जाता, उदाहरण सचिन तेंडुलकर और तेंदुलकर दोनों ही प्रचलित है। आप कैसे तय करेगी कि कौन सा नाम रखा जाए? यहाँ पर हम उनका मूल नाम देखें तो तेंडुलकर सही है।--पीयूष मौर्यावार्ता 10:05, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: विषय से बार-बार भटकने का प्रयास न करें आप। यहाँ वीडियो गेम की चर्चा नही हो रही है। मैं आपको इसके लिए सख्त चेतावनी देती हूँ कि यदि आप इसी तरह शिष्टाचार का उलंघन करते हुये व्यक्तिगत हमले जारी रखेंगे तो विवश होकर मुझे आपके विरुद्ध कार्यवाही हेतु बाध्य होना पड़ सकता है।--माला चौबेवार्ता 10:34, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- @Mala chaubey: ये आपको व्यक्तिगत लगा? माफ़ी चाहता हूँ आप ऐसा सोच रही है, मैं तो माहौल को ठंडा करना चाह रहा था। सही मैं आप बहुत गुस्से में है, आप जीती मैं हारा।--पीयूष मौर्यावार्ता 10:39, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- @Mala chaubey और Krantmlverma: हम अंग्रेज़ी में लिखे शब्दों का अनुसरण करें तो अब दिल्ली को बदलकर देल्ही/देलही कर देना चाहिए क्योंकि अंग्रेज़ी में इसे इसी तरह लिखा हुआ है। आजकल चाचा/काका शब्द के स्थान पर अंकल का प्रयोग अधिक होता है तो उसे भी उसी तरह कर देना चाहिए। अंग्रेज़ी का अनुसरण करते हुये पोता-पोती/नाती आदि को एक ही कर देना चाहिए जिससे समस्या ही समाप्त हो जायेगी।
- प्रचलित वर्तनी की बात की जाये तो तरंगदैर्ध्य को अधिकतर लोग तरंगदैध्र्य अथवा तरंगदैधर्य पढ़ते हैं अतः क्या इनके सही रूप को बदल देना चाहिए? यह शीर्षक मूल रूप से उस व्यक्ति के उपर लिखा गया है जो मूल रूप से बंगाली है अतः उनके बंगाली नाम का अनुकरण करना उचित होगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:12, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- @Mala chaubey: ये आपको व्यक्तिगत लगा? माफ़ी चाहता हूँ आप ऐसा सोच रही है, मैं तो माहौल को ठंडा करना चाह रहा था। सही मैं आप बहुत गुस्से में है, आप जीती मैं हारा।--पीयूष मौर्यावार्ता 10:39, 20 सितंबर 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: जी, मैं आपके तर्क से सहमत नही हूँ। आप दिल्ली को देल्ही/देलही कैसे कर देंगे? दिल्ली अपने आप में हिन्दी का शब्द है, बंगला लिप्यंतर नही है यह। व्यक्ति का नाम प्रत्येक भाषा में अलग-अलग नही होता। एक ही होता है। हाँ कुछ लोगों का मूल नाम से उपनाम ज्यादा प्रचलित हो जाता है, ऐसे में उपनाम की प्रमुखता दी जाती है। जैसे महात्मा गांधी, मदर टेरेसा, गुलज़ार आदि। व्योमेश मूल नाम है, उपनाम नही और मूल नाम में भाषा के अनुसार परिवर्तन उचित नही है। मेरा मत पूर्णरूपेण "व्योमेश" के पक्ष में है। धन्यवाद।--माला चौबेवार्ता 12:23, 23 सितंबर 2014 (UTC)
- @Mala chaubey: मैं आपसे यह ही तो जानना चाहता हूँ कि "व्योमेश" मूल नाम कैसे हुआ। बांग्ला में "व" के समरूप कोई वर्ण नहीं होता। वो "ब" और "व" को एक ही उच्चारण के लिए प्रयुक्त करते हैं और अंग्रेज़ी में "W" और "V" का अर्थ "भ" लिया जाता है। अर्थात यदि मैं मान भी लूँ तो बांग्ला में उनका नाम व्योमेश किसी भी ढ़ँग से सम्भव नहीं है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:18, 23 सितंबर 2014 (UTC)
- पहले प्रचलन पर "व्योमेश" की बात चल रही थी, अब मूल भाषा पर। दोनों में ही "उमेश" जीत रहा है।--पीयूष मौर्यावार्ता 14:29, 23 सितंबर 2014 (UTC)
- पीयूष जी, कृपया यहाँ हार/जीत जैसे शब्द काम में मत लो। मैं जानता हूँ आपका इशारा केवल पृष्ठ के शीर्षक की ओर है लेकिन फिर भी यहाँ हम सर्वसम्मति का प्रयास कर रहे हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:31, 23 सितंबर 2014 (UTC)
- जी मेरा इशारा लेख के नाम के उपर ही है, कोई अन्यथा मत लेना!--पीयूष मौर्यावार्ता 14:35, 23 सितंबर 2014 (UTC)
- पीयूष जी, कृपया यहाँ हार/जीत जैसे शब्द काम में मत लो। मैं जानता हूँ आपका इशारा केवल पृष्ठ के शीर्षक की ओर है लेकिन फिर भी यहाँ हम सर्वसम्मति का प्रयास कर रहे हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:31, 23 सितंबर 2014 (UTC)
- पहले प्रचलन पर "व्योमेश" की बात चल रही थी, अब मूल भाषा पर। दोनों में ही "उमेश" जीत रहा है।--पीयूष मौर्यावार्ता 14:29, 23 सितंबर 2014 (UTC)
- @Mala chaubey: मैं आपसे यह ही तो जानना चाहता हूँ कि "व्योमेश" मूल नाम कैसे हुआ। बांग्ला में "व" के समरूप कोई वर्ण नहीं होता। वो "ब" और "व" को एक ही उच्चारण के लिए प्रयुक्त करते हैं और अंग्रेज़ी में "W" और "V" का अर्थ "भ" लिया जाता है। अर्थात यदि मैं मान भी लूँ तो बांग्ला में उनका नाम व्योमेश किसी भी ढ़ँग से सम्भव नहीं है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:18, 23 सितंबर 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: जी, मैं आपके तर्क से सहमत नही हूँ। आप दिल्ली को देल्ही/देलही कैसे कर देंगे? दिल्ली अपने आप में हिन्दी का शब्द है, बंगला लिप्यंतर नही है यह। व्यक्ति का नाम प्रत्येक भाषा में अलग-अलग नही होता। एक ही होता है। हाँ कुछ लोगों का मूल नाम से उपनाम ज्यादा प्रचलित हो जाता है, ऐसे में उपनाम की प्रमुखता दी जाती है। जैसे महात्मा गांधी, मदर टेरेसा, गुलज़ार आदि। व्योमेश मूल नाम है, उपनाम नही और मूल नाम में भाषा के अनुसार परिवर्तन उचित नही है। मेरा मत पूर्णरूपेण "व्योमेश" के पक्ष में है। धन्यवाद।--माला चौबेवार्ता 12:23, 23 सितंबर 2014 (UTC)
- बंगला का एक संक्षिप्त ज्ञानकोश 'भारतकोश' नाम से आनलाइन उपलब्ध है। इसमें भी 'उमेशचन्द्र चट्टोपाध्याय' ही है। यह देखिये- http://www.abasar.net/bk_main.asp?what=B00429 । (बंगला लिपि से देवनागरी लिप्यन्तरण के लिये आनलाइन कई टूल उपलब्ध हैं।) यह कोई विचित्र बात नहीं है कि अंग्रेजी में स्पेलिंग का कोई सख्त नियम नहीं है। और जब शुरू-शुरू में अंग्रेजों (अंग्रेजी का) का भारत से पाला पड़ा तो स्थिति और भी खराब थी। 'चौधरी' के लिये chaudhari, chaudhary, chaudhuri, choudhary, choudhari आदि कितनी ही वर्तनियाँ हैं। 'सिंह' को कब और कैसे 'singh' कर दिया आज तक मुझे समझ नहीं आया है। दूर मत जाइये, यहीं चंद्र के लिये 'chunder' भी देख्ने को मिल रहा है। 'देसी' नाम की अंग्रेजी वर्तनी उटपटांग की गयी। उसके बाद देसी लोगों ने अंग्रेजी वर्तनी से 'अनुमान' लगाकर उसे 'शुद्ध' करने की कोशिश की। एक जीता-जागता उदाहरण है, संस्कृत विकि पर न तो 'उमेश' है, न 'ब्योमेश' । वहाँ 'वोमेश्' है।---- अनुनाद सिंहवार्ता 04:34, 24 सितंबर 2014 (UTC)
- यदि संस्कृत विकि पर वोमेश्' है तो यह और भी हास्यास्पद बात है कि हिन्दी में 'उमेश' कैसे हो जाएगा 'वोमेश्' या 'व्योमेश' क्यों नही? हिन्दी में तत्सम के रूप में हर जगह संस्कृत विद्यमान है। मेरे विचार से जब हर जगह यानि इतिहास से लेकर पाठ्यक्रम तक सैकड़ो पुस्तकों में 'व्योमेश' का नामोल्लेख है तो पृष्ठ नाम भी 'व्योमेश' ही हो तो श्रेयस्कर होगा। --माला चौबेवार्ता 05:32, 24 सितंबर 2014 (UTC)
- @Mala chaubey: मुझे एक बात समझ नहीं आयी। क्या आपको अनुनाद जी की टिप्पणी समझ में नहीं आयी अथवा आपने उसे ध्यान से पढ़ा नहीं? अनुनाद जी ने जो उदाहरण दिये उनमें संस्कृत विकि का भी एक उदाहरण था और उसमें उन्होंने कहा था कि अंग्रेज़ी का लिप्यंतरण करने के कारण संस्कृत में यह गलती आ गई। आपने यह नहीं देखा कि अनुनाद जी द्वारा दिये गए संस्कृत विकि की कड़ी अप्र वोमेश नाम सदस्य:MikeLynch ने लिखा जिन्हें न ही तो अच्छी संस्कृत आती है और न ही बांग्ला और न ही हिन्दी। अब आप समझ सकते हो ऐसा लिखने वाले बन्धु की इसमें क्या गलती है और आप कृपया यह भी बतायें कि इसको आपने सकारात्मक टिप्पणी के रूप में कैसे मान लिया?☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:31, 24 सितंबर 2014 (UTC)
- यदि संस्कृत विकि पर वोमेश्' है तो यह और भी हास्यास्पद बात है कि हिन्दी में 'उमेश' कैसे हो जाएगा 'वोमेश्' या 'व्योमेश' क्यों नही? हिन्दी में तत्सम के रूप में हर जगह संस्कृत विद्यमान है। मेरे विचार से जब हर जगह यानि इतिहास से लेकर पाठ्यक्रम तक सैकड़ो पुस्तकों में 'व्योमेश' का नामोल्लेख है तो पृष्ठ नाम भी 'व्योमेश' ही हो तो श्रेयस्कर होगा। --माला चौबेवार्ता 05:32, 24 सितंबर 2014 (UTC)
- टिप्पणी: मुझे लगता है कि यहाँ पर आम सहमति तो मिल ही गई है और शायद दो हफ्ते बाद भी कोई उत्तर न मिलना सर्वसम्मति का इशारा है। इसलिये आगे बढ़ते हुए इसे उमेश रखते हुए, लेख में "व्योमेश" का उल्लेख कर दिया जाए। "व्योमेश चन्द्र बनर्जी" को इसपर अनुप्रेषित भी कर दिया जाए। जिससे ये "क्या आप जानते है" में आ सके और मुखपृष्ठ का अद्यतन हो।--पीयूषवार्ता 17:03, 9 अक्टूबर 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: "क्या आप जानते हैं?" के बारे में देखा जायेगा। अन्य कार्य आप सम्पन्न कर सकते हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:37, 9 अक्टूबर 2014 (UTC)