ये शब्द प्रायः संस्कृत मूल के हैं । हिन्दी में, अरबी और फ़ारसी के शब्दों की भी अकूत निधि है, पर उनके पृष्ठ बनाने के पूर्व एक बात ध्यान में रखनी चाहिये - इन शब्दों में नुक्ता का प्रयोग बहुत होता है । अतः इनके पृष्ठों के अलावा बिना नुक्ता वाले पृष्ठ भी बनने चाहिये और फिर उन्हें नुक्ता वाले पृष्ठ पर REDIRECT करना चाहिये । उदाहरणार्थ - यदि आप ज़ालिम का शब्दार्थ पृष्ठ बनाते हैं तो आपको एक और पृष्ठ जालिम (बिना नुक्ता वाला ) भी बनाना चाहिये और उसे ज़लिम पर REDIRECT करना चाहिये । इससे दो लाभ होंगे - पहला कि नए यूज़र्स को ढूंढने में आसानी होगी, और दूसरा कि इन शब्दों के लिये दो अलग-अलग पृष्ठ नहीं बनेंगे ।

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"शब्दार्थ" श्रेणी में पृष्ठ

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