सदस्य:Riteze/रोचक जानकारी/प्राचीन वंशावली
यह विकिपीडिया लेख नहीं है: यह किसी सदस्य का व्यक्तिगत काम-जारी पन्ना है, और यहाँ लिखी जानकारी अभी अपूर्ण, अविश्वसनीय अथवा ग़लत भी हो सकती है।ड्राफ़्ट को विकसित करने में संपादन सहायता हेतु, देखें विकिपीडिया:स्वशिक्षा। इस सदस्यपृष्ठ को अन्तिम बार SM7 (वार्ता| योगदान) द्वारा सम्पादित किया गया था। (0 सेकेंड पूर्व) (परिष्करण) |
ब्रह्मा जी से मरीचि का जन्म हुआ था और मरीचि के पुत्र कश्यप थे। कश्यप के पुत्र विवस्वान और विवस्वान के पुत्र वैवस्वत मनु हुए। वैवस्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु हुए और इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि थे। कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था। विकुक्षि के पुत्र बाण हुए और बाण के पुत्र अनरण्य। अनरण्य से पृथु हुए और पृथु से त्रिशंकु पैदा हुए। त्रिशंकु के पुत्र धुन्धुमार और धुन्धुमार के पुत्र युवनाश्व हुए। युवनाश्व से उनके पुत्र मान्धाता हुए और मान्धाता से सुसन्धि पैदा हुए सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित। ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत और भरत के पुत्र असित हुए। असित के पुत्र सगर और सगर के पुत्र असमञ्ज पैदा हुए। असमञ्ज के पुत्र अंशुमान और अंशुमान के पुत्र दिलीप जन्म लिए। दिलीप के पुत्र भगीरथ और भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ हुए। ककुत्स्थ के पुत्र रघु पैदा हुए और रघु और रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए। प्रवृद्ध के पुत्र शंखण और शंखण के पुत्र सुदर्शन जन्म लिए। वहीं सुदर्शन के पुत्र अग्निवर्ण और अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग का जन्म हुआ। शीघ्रग के पुत्र मरु हुए और मरु के पुत्र प्रशुश्रुक हुए। प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीश पैदा हुए और अम्बरीश के पुत्र नहुष हुए। नहुष के पुत्र ययाति और ययाति के पुत्र नाभाग हुए। नाभाग के पुत्र अज और अज के पुत्र हुए राजा दशरथ। राजा दशरथ के चार पुत्र हुए श्री रामचन्द्र, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न। भगवान श्री रामचंद्र के दो पुत्र लव और कुश हुए।
स्त्रोत: https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%A6%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AF