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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 13:02, 12 अगस्त 2019 (UTC)उत्तर दें

राजा इक्ष्वाकु के पिता ? संपादित करें

राजा इक्ष्वाकु के 2 पिता विकिपीडिया के अनुसार कैसे? 1 इक्ष्वाकु के पिता रथीतर

 रथीतर के पिता पृषदश्व 

पृषदश्व के पिता विरूप विरूप के पिता अम्बरीष अम्बरीष के पिता नभाग नभाग के पिता नभग नभग के पिता वैवस्वत मनु

2 दूसरे लेख में सीधे वैवस्वत मनु इक्ष्वाकु के पिता बताये गये हैं इसे आप सही करें मेरी राय में वैवस्वत मनु के समय प्रलय आयी थी तव रथीतर से नभग तक की पीडियां प्रलय में बच नहीं पायीं तव वंश चलाने हेतु इक्ष्वाकु के पिता रथीतर की जगह उनफके पूर्वज वैवस्वत मनु का पिता का नाम दे दिया । लेखक- अजय सर आरोंज शिकोहाबाद अजय सर आरोंज शिकोहाबाद (वार्ता) 13:28, 12 अगस्त 2019 (UTC)उत्तर दें

सदस्य:अजय सर आरोंज शिकोहाबाद पृष्ठ को शीघ्र हटाने का नामांकन संपादित करें

 

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Ok अजय सर आरोंज शिकोहाबाद (वार्ता) 14:33, 18 दिसम्बर 2022 (UTC)उत्तर दें

विचित्रा देवी, चौड़ेरा बाली माता संपादित करें

श्रोत :- श्रुति : अजय कुमार गांव आरोंज शिकोहाबाद, UP. दिनांक : 14/11/2020 पुराने समय में एक राजा मानसिंह थे ,उनकी बेटी बिचित्रा बहुत सुन्दर थीं। उस समय दिल्ली के मुस्लिम राजा का बेटा बहुत दारू मांस मदिरा का सेवन करता था । वह एक भटियारिन के प्यार में मारा मारा फिरता था, राजा बहुत दुखी रहता था । मुस्लिम राजा भारत के एक प्रांत के राजा मान सिंह की बेटी विचित्रा को देख बहुत प्रभावित हुआ वह बहुत सुन्दर और बहुत ही सुशील कन्या थी । वह नितप्रति माता आदिशक्ति ( देवी शती ) की पूजा पाठ किया करतीं थीं। शुद्ध शाकाहारी भोजन ही करतीं थीं। देवयोग से मुस्लिम राजा की नजर विचित्रा बेटी पर पडी ,उस मुस्लिम राजा ने राजा मान सिंह से अपने सरापी बेटे के लिए बेटी विचित्रा का हाथ मांगा, जिस पर राजा मानसिंह ने साफ इनकार कर दिया कि हम हिन्दुओं की बेटी मुस्लिम परिवार की बहू नहीं बनती हैं, इस पर मुस्लिम राजा बहुत नाराज हुआ ,उसने सैनिकों को आदेश देकर राजा मान सिंह को कैद कर लिया और दिल्ली आकर जैल में डाल दिया। जब विचित्रा बेटी को जब यह समाचार पता लगा तो वह अपने पिता राजा मान सिंह को छुडाने हेतु कुछ सैनिकों के साथ दिल्ली गयीं, और मुस्लिम राजा से अपने पिता को छुडा लाईं ।जिस पर मुस्लिम राजा बहुत नाराज हुआ, उसने अपनी सैना विचित्रा के पीछे भैज दी। और कहा कि विचित्रा को पकडो जहाँ भी मिलें उन्हें वहीं से पकडकर ले आओ। सैनिकों ने पीछा करते-करते एक चौडेरा मैदान में विचित्रा बेटी को घेर लिया । वहाँ खूब तलवारें चलीं और अपने पिता राजा मान सिंह को सुरक्षित वहां से निकाल दिया और खुद कुछ सैनिकों (लंगुर वीरों) के साथ युद्ध करती रहीं, जब बे अंत में अकेली रह गयीं। उनके सारे लंगुर वीर वीरगति को प्राप्त हो गये, तो उन्होंने माता आदिशक्ति का आह्वान कि कि हे आदिशक्ति भवानी माँ .. मेने तन और मन से आपकी ही पूजा की हो और आपके सिवा किसी अन्य की पूजा न की हो व हिन्दू धर्म के अलावा किसी अन्य धर्मं का मन में भी बिचार न लाया हो ,तो आदिशक्ति माँ प्रकट हो मेरी रक्षा के लिए इस धरती में मुझे समा जाने के लिए रास्ता प्रदान करें। इस प्रकार जब विचित्रा ने माँ भगवती आदिशक्ति देवी का आह्वान किया वैसे ही धरती फटी ,जिसमें विचित्रा वेटी समा गयीं। और सभी दुष्ट सैनिक जल कर भस्म हो गये। इस प्रकार वह स्थान जहां देवी सती प्रकट हुईं व अपनी भक्त विचित्रा की रक्षा की,और विचित्रा को देवी को वरदान दिया, कि जो भी भक्त विचित्रा की देवी मानकर पूजा करेगा उस पर मेरी सदेव कृपा रहेगी, उसका संसार में कोई बाल बांका नहीं कर सकेगा। तभी से विचित्रा मां को चोडा (चौडेरा) वाली माता आदि नामों से पूजा जाने लगा , तमाम हिंदू परिवार की ये कुल देवी भी हैं, नवरात्रों में भक्त परिवार सहित जात ( धार्मिक पूजा यात्रा ) पूजा व मंन्नत माँगने आते हैं। धीरे-धीरे वहां एक चौडेरा नाम से एक गांव बन गया। आज उस पवित्र स्थल पर हजारों श्रद्धालु व भक्ति जन अपनी अपनी मन्नत मागने आते हैं। पास में कलकत्ती व राजघाट गंगा जी पर स्नान करतें हैं, व पास में बेलोन माता के भी दर्शन करते हैं। बेलोन आदिशक्ति देवी की ही वहिन मानी जाती हैं । जो पार्वती जी का ही रूप हैं । विचित्रा देवी जी की कहानी सभी भक्तों को सुनाकर या सैयर करके पुन्य जरूर कमना। अजय सर आरोंज शिकोहाबाद (वार्ता) 14:13, 18 दिसम्बर 2022 (UTC)उत्तर दें