डाॅ दशरथ मसानिया

डाॅ दशरथ मसानिया 5 अक्टूबर 2018 से सदस्य हैं
Latest comment: 4 वर्ष पहले by डाॅ दशरथ मसानिया in topic हिन्दी साहित्य का इतिहास- 100 दोहों में समेटा डाॅ मसानिया ने सर्वप्रथम हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन फ्रांसीसी विद्वान गार्सा द तासी ने सन् 1839 मे किया।। इसके बाद शिवराज सिंह सेंगर, जार्ज ग्रियर्सन , मिश्र बन्धु आदि ने लिखा। सन् 1929 में आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 'हिन्दी का इतिहास ' लिखकर इसे चार भागों में बांटा जो छात्रों , शिक्षकों तथा हिन्दी प्रेमियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ । इसी इतिहास को आधार बनाकर शा उत्कृष्ट उ मा वि आगर के शिक्षक डाॅ मसानिया ने मात्र 100 दोहों में समेट कर गायन नवाचार के रुप मे प्रस्तुत किया है जो आज छात्र छात्राओं के लिए ही नहीं वरन् शिक्षकों के लिए वरदान बन गया है यह संग्रहणीय और पठनीय भी है । विभिन्न प्रतियोगता में भी परीक्षा में उपयोगी सिद्ध हुआ है । सर्व प्रथम मूल 62 दोहे हिन्दी दिवस 2014 में प्रकाशित हुए जिन्हे कईं पत्र पत्रिकाओं मे स्थान दिया गया । आदिकाल के ,भक्तिकाल व रीतिकाल, 20-20 तथा आधुनिक काल के 40 दोहे प्रेरणादायी , सार्थक,संक्षिप्त तथा सूत्रबद्ध है जिन्हें गाकर भी आसानी समझा जा सकता है । उदाहरण के लिए 4 रामभक्त कवियों के नाम भक्तमाल नाभा लिख , हृदयराम हनुमान । अग्रदास की मंजरी, रामायण चौहान ।। 8 कृष्ण भक्त कवियों के नाम - कृष्ण चतुर परमानंद, गोविन्द कुंभनदास । सूर नंद अरु छीत कवि,अष्ट छाप के खास।। 6 सूफी कवियों के नाम कुतुबन मंझन जायसी, नूर शेख उसमान। प्रेममार्ग सूफी कवि, कहते कवि मसान ।। रामानंद के 12 ज्ञानमार्गीय शिष्यों के नाम एक दोहे में सुखा अनंता सुरसुरा, भावा हरया पूर। कबीर अन्ना सेन रवि, पीपा पद्मा सूर।। इसी प्रकार आधुनिक काल को भागों में (भारतेन्दु युग,द्विवेदी,छायावादी,प्रगतिवादी,प्रयोगवादी और नई कविता) बाँटकर कवि और उनके कृतित्व का बोध कराया गया है । चार तार सप्तक को चार दोहे में पिरोकर 7 - 7 कवियों के नाम सूत्रबद्ध है । संक्षेप में कहा जा सकता है छात्रों को सिखाने के लिए डाॅ मसानिया के दोहे हिन्दी जगत में गागर में सागर भर रहें हैं । इन दोहों को आप 'हिन्दी दोहावली' मे पढ सकते है। इन्हें शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए और छात्र हित में पाठ्यक्रम में भी जोड़ा जाना चाहिए है । संपर्क- डाॅ दशरथ मसानिया शा उत्कृष्ट उ मा वि आगर मालवा 9424001406 संजय वर्मा मनावर,धार (म प्र )
स्वागत!  नमस्कार डाॅ दशरथ मसानिया जी! आपका हिन्दी विकिपीडिया में स्वागत है।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता)

15:24, 5 अक्टूबर 2018 (UTC)

योग नवाचार के द्वारा हमें छात्रों को मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए । मेरे नवाचार हिन्दी,गणित,संस्कृत और अंग्रेजी के लिए बहुत सरल भाषा में गायन शैली में है । इन्हें आप गूगल या यूट्यूब पर भी*मोबाइल* *से* *शैक्षणिक* *नवाचार*

 छात्रों तथा शिक्षकों के लिये हिन्दी नवाचार शैक्षणिक सामग्री 

कक्षा 9 से 12 तक छात्रों के लिए बहुत उपयोगी है । इसमें हिन्दी का इतिहास (15 भाग),गद्य के दोहे (10 भाग) व्याकरण (12 भाग) , काव्यशास्त्र रस,छंद,अलंकार (10 भाग) विलोम शब्द चालीसा,पर्यायवाची शब्द चालीसा,मुहावरे एवं कहावत चालीसा,हिन्दी चालीसा के साथ ही और भी रोचक जानकारियाँ है। जिसे चित्र,तालिका,सूत्र आदि से समझाया गया है । इन्हें पीडीएफ,वाटसप,मेल या सोशल मीडिया से निशुल्क प्राप्त किया जा सकता है । १४ सितम्बर २०१९ की हिन्दी दिवस की पूर्व हार्दिक शुभकामनाएँ

        डाॅ दशरथ मसानिया 

शा उत्कृष्ट उ मा वि आगर मालवा 9424001406 /9109255441 देख सकते हैं ।

दक्ष चालीसा संपादित करें

दक्ष चालीसा

ब्रह्म कमल से ऊपजे,प्रजापति महाराज। चार वरण शोभित किया,करता नमन समाज। । जय जय दक्ष प्रजापति राजा।जग हित में करते तुम काजा।।1 वेद यज्ञ के तुम रखवारे। कारज तुमने सबके सारे।।2 दया धरम का पाठ पढाया। जीवन जीना आप सिखाया।।3 प्र से प्रथम जा से जय माना। अति पावन हमने जाना।।4 गुरु पूनम असाड़ी आना। जा दिन को प्रगटे भगवाना।।5 पीले पद पादुका सुहाये। देह रतन आभूषण पाये।।6 रंग गुलाबी जामा पाई। पीतांबर धोती मन भाई।।7 कनक मुकुट माथे पर सोहे। हीरा मोती माला मोहे।।8 सौर चक्र भक्ति का दाता। पांच तत्व में रहा समाता।।9 चंदन तिलक भाल लगाई। कृष्ण केश अरु मूंछ सुहाई।।10 बायें भुजा कृपाण को धारे। दाहिने हाथ वेद तुम्हारे।।11 ब्रह्मा आपन पिता कहाये। विरणी से तुम ब्याह रचाये।।12 पुत्र सहस दस तुमसे आये। कन्या साठ रही हरषाये।।13 हरिश्चंद्र ने सत को साधा। प्रजापति राखी मरयादा।।14 मुनि शतरूपा सब जग जानी। ऋषभदेव अरु भरत कहानी।।15 इक्ष्वाकू रघुवंश चलाया।दशरथ रामा भरत मिलाया।।16 चंद्रवंश में यदु विस्तारा। सोलह कला कृष्ण अवतारा।।17 बेटी दिति अदिती कहाई। जगमाता वे बनके आई।।18 अदिति देवन वंश चलायो। दिति से सब दानव उपजाये।।19 सूर चंद्र सब जग में छायो। रघु यदु नागा अग्नी आयो।।20 ख्याती कन्या भृगु ने पाई। तासे लक्ष्मी बेटी आई।।21 अखतर सत्ताइस है कन्या। चंदा हो गये उनके धन्या।।22 एक समय दछ जग्य रचाई। माता सती भी द्वारे आई।।23 देख अनादर दीने प्राना। भगदड़ मच गइ जगत बखाना।।24 शिवशंकर तुम्हरे जामाता। सती कथा को सब जग गाता।25 सती शव से पीठ बनाई। शक्ति इकावन जग में छाई।।26 जग जननी जगदंबा माई। माता वेद भैरवी आई।।27 सावित्री चंडिका भवानी। जय दुर्गा मैया शिवरानी। ।28 तत्व ज्ञान के तुम हो ज्ञाता। तुमहि सबके भाग्य विधाता। ।29 अमृत करम अरु नवदाना। अष्टाइक उपदेश बखाना।।30 घृत आहूती यज्ञ सुहाई। प्रजापती होवे हरषाई।।31 यमनियमा आसन प्राणायम। ध्यान धारणा समाधि तारण।।32 रेचक कुम्भक पूरक जानो। पान अपान वायू पहिचानो।।33 आसन दक्षा सदा लगावे। सावधान हो उर्जा पावे।।34 आप सरीसे नाही दानी। सुमरे तुमको मुनि विज्ञानी।।35 कुंभक का करता निरमाणा। कुंभकार है वेद बखाना।।36 इक माटी से भांड बनाता। भांति भांति के रूप सुहाता।।37 भीमा केवल रंगा रामा। भगत पुंडलिक गोरा नामा।।38 चारो वैद तुमही से आये। ज्ञानी मुनिजन नित गुण गाये।।39 यह चालीसा जो भी गावे। बुधि बल सुख सम्पति पावे।।40

मो पे किरपा कीजिए,पिरजा के करतार। सब जग का पालन करो,विपदा तारणहार।।

  डॉ दशरथ मसानिया आगर मालवा 

9424001406 9109255441 डाॅ दशरथ मसानिया (वार्ता) 11:33, 14 अक्टूबर 2018 (UTC)उत्तर दें

नवाचार संपादित करें

हिन्दी चालीसा के छाज्त्रों को हिन्दी का सरल तरीकासे त्ज्ञान दिया जा सकता है । डाॅ दशरथ मसानिया (वार्ता) 22:38, 4 अप्रैल 2019 (UTC)उत्तर दें

नवाचार संपादित करें

डॉ. दशरथ मसाणिया ने बनाए बच्चों के लिए स्पेशल गेय ९वीं १२वीं के छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी http://divyotthan.com/2019/09/22/dr-dasharatha-masania-made-a-special-game-for-children-very-useful-for-the-students-of-class-9th-to-12th/ डाॅ दशरथ मसानिया (वार्ता) 16:52, 22 सितंबर 2019 (UTC)उत्तर दें

C की समस्या संपादित करें

  • C* की समस्या समाधान अंग्रेजी चालीसा से
( अपने बच्चे के लिए जरूर पढ़े)

दरबार कोठी आगर में कक्षा 9 वी में एक गाँव का छात्र भर्ती हुआ । ठेठ ग्रामीण छात्र अपने शिक्षक से ब्रिज कोर्स की अंग्रेजी भाषा सीख रहा था, लेकिन अभी तक वो "C" अक्षर पर ही अटका हुई था। क्योंकि, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि "C" को कभी "च" तो कभी "क" तो कभी "स" क्यों बोला जाता है? एक दिन वह अपने गुरु से बोला, आपको पता है, "चलचत्ता के चुली भी च्रिचेट खेलते हैं"। टीचर ने यह सुनकर उसे प्यार से समझाया , यहां "C" को "च" नहीं "क" बोलेंगे। इसे ऐसे कहेंगे, "कलकत्ता के कुली भी क्रिकेट खेलते हैं। "बालक पुनः बोला "वह कुन्नीलाल कोपड़ा तो केयरमैन है न ? "गुरुजी ने उसे फिर से समझाते हुए बोला, "यहां "C" को "क" नहीं "च" बोलेंगे। जैसे, चुन्नी लाल चोपड़ा तो चेयरमैन है न ! थोड़ी देर मौन रहने के बाद छात्र फिर बोला,"आपका चोट, चैप दोनों चाटन का है न ? "गुरु जी अब थोड़ा झुंझलाते हुए तेज आवाज में बोले, अरे तुम समझते क्यों नहीं, यहां"C" को "च" नहीं "क" बोलेंगे। ऐसे, आपका कोट, कैप दोनों कॉटन का है न । बालक फिर बोला - अच्छा बताओ, "कंडीगढ़ में कंबल किनारे कर्क है ? "अब गुरुदेव को गुस्सा आ गया और वो बोले, "बेवकुफ, यहां "C" को "क" नहीं "च" बोलेंगे। जैसे - चंडीगढ़ में चंबल किनारे चर्च है न ?

बालक सहमते हुए धीमे स्वर में बोला -

"और वो चरंट लगने से चंडक्टर और च्लर्क मर गए क्या ? "शिक्षक अपना बाल नोचते हुए बोले," अरे मूर्ख, यहाँ

"C" को "च" नहीं "क" कहेंगे...

करंट लगने से कंडक्टर और क्लर्क मर गए क्या?

इस पर छात्र धीमे से बोला," अजी आप गुस्सा क्यों हो रहे हो ? इधर टीवी पर देखो- "केंटीमिटर का केल और किमेंट कितना मजबूत है ? "टीचर अपना पेशेंस खोते हुए जोर से बोले, "अब तुम आगे कुछ और बोलना बंद करो वरना मैं पगला जाऊंगा।" ये अभी जो तुम बोला यहां "C" को "क" नहीं "स" कहेंगे - सेंटीमीटर, सेल और सीमेंट । हां जी बालक बड़बड़ाते बोला- "इस "C" से मेरा भी सिर दर्दकरने लगा है गुरुदेव । और अब मैं जाकर चेक खाऊँगा, उसके बाद चोक पीऊँगा फिर चाफी के साथ चैप्सूल खाकर सोऊंगा।

तब जाकर चैन आएगा।

उधर जाते-जाते गुरुदेव भी बड़बड़ाते हुए बाहर निकले। तुम केक खाओ, पर मेरा सिर न खाओ.. तुम कोक पियो या कॉफी, पर मेरा खून न पिओ.. तुम कैप्सूल निगलो, पर मेरा चैन न निगलो. तब प्राचार्य ने आकर समझाया बच्चों c के उच्चारण के लिए अंग्रेजी चालीसा की दो चौपाइयों का ध्यान रखें । सी से *स* और *क* बन जाते। सीमेंट सर्कस में हम पाते।। एच लगे तब *च* कहलाता। डबल स्वरों से *श* बन जाता।।

1.- अर्थात c के बाद यदि i e या y हो तो स जैसे- cement,circus ,cycle etc.

2.- C के बाद यदि a,u,o या कोई consonant हो तो क जैसे -

Cat, cup, comb, class, cross  etc

3 - c के बाद h आये तो *च* तथा डबल स्वर आये तो श उच्चारण करना चाहिए जैसे- Match , which च Ocean,special श

Dr. Dmasania Darbar kothi HSS Agar. 9424001406/9109255441 डाॅ दशरथ मसानिया (वार्ता) 04:06, 25 सितंबर 2019 (UTC)उत्तर दें

हिन्दी नवाचार संपादित करें

  • मोबाइल* *से* *शैक्षणिक* *नवाचार*
 छात्रों तथा शिक्षकों के लिये हिन्दी नवाचार शैक्षणिक सामग्री 

कक्षा 9 से 12 तक छात्रों के लिए बहुत उपयोगी है । इसमें हिन्दी का इतिहास (15 भाग),गद्य के दोहे (10 भाग) व्याकरण (12 भाग) , काव्यशास्त्र रस,छंद,अलंकार (10 भाग) विलोम शब्द चालीसा,पर्यायवाची शब्द चालीसा,मुहावरे एवं कहावत चालीसा,हिन्दी चालीसा के साथ ही और भी रोचक जानकारियाँ है। जिसे चित्र,तालिका,सूत्र आदि से समझाया गया है । इन्हें पीडीएफ,वाटसप,मेल या सोशल मीडिया से निशुल्क प्राप्त किया जा सकता है । १४ सितम्बर २०१९ की हिन्दी दिवस की पूर्व हार्दिक शुभकामनाएँ

        डाॅ दशरथ मसानिया 

शा उत्कृष्ट उ मा वि आगर मालवा 9424001406 /9109255441 डाॅ दशरथ मसानिया (वार्ता) 04:47, 25 सितंबर 2019 (UTC)उत्तर दें

हिन्दी साहित्य का इतिहास- 100 दोहों में समेटा डाॅ मसानिया ने सर्वप्रथम हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन फ्रांसीसी विद्वान गार्सा द तासी ने सन् 1839 मे किया।। इसके बाद शिवराज सिंह सेंगर, जार्ज ग्रियर्सन , मिश्र बन्धु आदि ने लिखा। सन् 1929 में आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 'हिन्दी का इतिहास ' लिखकर इसे चार भागों में बांटा जो छात्रों , शिक्षकों तथा हिन्दी प्रेमियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ । इसी इतिहास को आधार बनाकर शा उत्कृष्ट उ मा वि आगर के शिक्षक डाॅ मसानिया ने मात्र 100 दोहों में समेट कर गायन नवाचार के रुप मे प्रस्तुत किया है जो आज छात्र छात्राओं के लिए ही नहीं वरन् शिक्षकों के लिए वरदान बन गया है यह संग्रहणीय और पठनीय भी है । विभिन्न प्रतियोगता में भी परीक्षा में उपयोगी सिद्ध हुआ है । सर्व प्रथम मूल 62 दोहे हिन्दी दिवस 2014 में प्रकाशित हुए जिन्हे कईं पत्र पत्रिकाओं मे स्थान दिया गया । आदिकाल के ,भक्तिकाल व रीतिकाल, 20-20 तथा आधुनिक काल के 40 दोहे प्रेरणादायी , सार्थक,संक्षिप्त तथा सूत्रबद्ध है जिन्हें गाकर भी आसानी समझा जा सकता है । उदाहरण के लिए 4 रामभक्त कवियों के नाम भक्तमाल नाभा लिख , हृदयराम हनुमान । अग्रदास की मंजरी, रामायण चौहान ।। 8 कृष्ण भक्त कवियों के नाम - कृष्ण चतुर परमानंद, गोविन्द कुंभनदास । सूर नंद अरु छीत कवि,अष्ट छाप के खास।। 6 सूफी कवियों के नाम कुतुबन मंझन जायसी, नूर शेख उसमान। प्रेममार्ग सूफी कवि, कहते कवि मसान ।। रामानंद के 12 ज्ञानमार्गीय शिष्यों के नाम एक दोहे में सुखा अनंता सुरसुरा, भावा हरया पूर। कबीर अन्ना सेन रवि, पीपा पद्मा सूर।। इसी प्रकार आधुनिक काल को भागों में (भारतेन्दु युग,द्विवेदी,छायावादी,प्रगतिवादी,प्रयोगवादी और नई कविता) बाँटकर कवि और उनके कृतित्व का बोध कराया गया है । चार तार सप्तक को चार दोहे में पिरोकर 7 - 7 कवियों के नाम सूत्रबद्ध है । संक्षेप में कहा जा सकता है छात्रों को सिखाने के लिए डाॅ मसानिया के दोहे हिन्दी जगत में गागर में सागर भर रहें हैं । इन दोहों को आप 'हिन्दी दोहावली' मे पढ सकते है। इन्हें शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए और छात्र हित में पाठ्यक्रम में भी जोड़ा जाना चाहिए है । संपर्क- डाॅ दशरथ मसानिया शा उत्कृष्ट उ मा वि आगर मालवा 9424001406 संजय वर्मा मनावर,धार (म प्र ) संपादित करें

हिन्दी साहित्य का इतिहास-

100 दोहों में समेटा डाॅ मसानिया ने 

सर्वप्रथम हिन्दी साहित्य का इतिहास लेखन फ्रांसीसी विद्वान गार्सा द तासी ने सन् 1839 मे किया।। इसके बाद शिवराज सिंह सेंगर, जार्ज ग्रियर्सन , मिश्र बन्धु आदि ने लिखा। सन् 1929 में आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 'हिन्दी का इतिहास ' लिखकर इसे चार भागों में बांटा जो छात्रों , शिक्षकों तथा हिन्दी प्रेमियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ । इसी इतिहास को आधार बनाकर शा उत्कृष्ट उ मा वि आगर के शिक्षक डाॅ मसानिया ने मात्र 100 दोहों में समेट कर गायन नवाचार के रुप मे प्रस्तुत किया है जो आज छात्र छात्राओं के लिए ही नहीं वरन् शिक्षकों के लिए वरदान बन गया है यह संग्रहणीय और पठनीय भी है । विभिन्न प्रतियोगता में भी परीक्षा में उपयोगी सिद्ध हुआ है । सर्व प्रथम मूल 62 दोहे हिन्दी दिवस 2014 में प्रकाशित हुए जिन्हे कईं पत्र पत्रिकाओं मे स्थान दिया गया । आदिकाल के ,भक्तिकाल व रीतिकाल, 20-20 तथा आधुनिक काल के 40 दोहे प्रेरणादायी , सार्थक,संक्षिप्त तथा सूत्रबद्ध है जिन्हें गाकर भी आसानी समझा जा सकता है । उदाहरण के लिए 4 रामभक्त कवियों के नाम भक्तमाल नाभा लिख , हृदयराम हनुमान । अग्रदास की मंजरी, रामायण चौहान ।। 8 कृष्ण भक्त कवियों के नाम -

कृष्ण चतुर परमानंद, गोविन्द कुंभनदास । सूर नंद अरु छीत कवि,अष्ट छाप के खास।। 6 सूफी कवियों के नाम कुतुबन मंझन जायसी,

नूर शेख उसमान।

प्रेममार्ग सूफी कवि, कहते कवि मसान ।। रामानंद के 12 ज्ञानमार्गीय शिष्यों के नाम एक दोहे में सुखा अनंता सुरसुरा, भावा हरया पूर। कबीर अन्ना सेन रवि, पीपा पद्मा सूर।। इसी प्रकार आधुनिक काल को भागों में (भारतेन्दु युग,द्विवेदी,छायावादी,प्रगतिवादी,प्रयोगवादी और नई कविता) बाँटकर कवि और उनके कृतित्व का बोध कराया गया है । चार तार सप्तक को चार दोहे में पिरोकर 7 - 7 कवियों के नाम सूत्रबद्ध है । संक्षेप में कहा जा सकता है छात्रों को सिखाने के लिए डाॅ मसानिया के दोहे हिन्दी जगत में गागर में सागर भर रहें हैं । इन दोहों को आप 'हिन्दी दोहावली' मे पढ सकते है। इन्हें शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए और छात्र हित में पाठ्यक्रम में भी जोड़ा जाना चाहिए है । संपर्क- डाॅ दशरथ मसानिया शा उत्कृष्ट उ मा वि आगर मालवा 9424001406

संजय वर्मा 

मनावर,धार (म प्र ) डाॅ दशरथ मसानिया (वार्ता) 14:12, 19 अक्टूबर 2019 (UTC)उत्तर दें