प्रखर
प्रस्तावना
प्रखर जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,11,230 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
ग्राम ईशापुर के बारे में जानकारी संपादित करें
ग्राम पंचायत डीघ के अंतर्गत तीन मज़रे क्रमशः ईशापुर , सैरपुर व जहानपुर आते हैं ।घने बाग़ों से से घिरा ये गाँव प्राकृतिक रूप से अत्यंत ही मनोरम है। यहाँ की मिट्टी सोना उगलने वाली क्षमतावों से परिपूर्ण है । यहाँ का शान्त व शुद्ध वातावरण आनंदित करने के साथ- साथ मन को सुकून पहुँचाने वाला है।
किंतु आज जब आज़ादी के सत्तर वर्ष गुज़रने को हैं , पूरे देश में विकाश के वादों की बात होती है , वही इस गाँव में विकास के नाम पर ध्वस्त खड़ंजा मार्ग प्रेमचंद्र के साहित्य की कथाओं की याद दिलाता है।महज चंद किलोमीटर की सड़क ( पक्की) बन जाए तो यह गाँव स्वर्ग की अनुभूति कराने वाला आदर्श गाँव बन सकता है।
जैसे भदबा दूरी(३.५ किमी) , तारापुर (३ किमी) की पक्की सड़क निर्माण से जहाँ आवागमन के साधन चलने लगेंगे तो जहाँ रोज़गार में बढ़ोत्तरी होगी वहीं किसानो को मण्डी तक पहुँचने में भी आसानी होगी और बिचौलियों से छुटकारा भी मिल जाएगा । जोभी हो बहरहाल यहाँ आपको मोर और घरेलू गौरैय्या के दर्शन बहुतायत में होते हैं और समाज सेवी स्मृतिशेष बृजरानी पटेल के विचारों को जानने - समझने व मंदिर सहित स्थापित विद्यालय देखने का अवसर भी आपको प्रेरित व रोमांचित करता है।
प्रखर (वार्ता) 20:58, 25 दिसम्बर 2017 (UTC)