स्वागत!  नमस्कार मुरारी दास वृन्दावन 11 जी! आपका हिन्दी विकिपीडिया में स्वागत है।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 14:10, 25 सितंबर 2018 (UTC)उत्तर दें

श्री हरिव्यास देवाचार्य जी महाराज संपादित करें

श्री हरिव्यास देवाचार्य जी महाराज श्री निम्बार्क सम्प्रदाय के ३२ वें आचार्य हैं । श्री हरिव्यास देवाचार्य के वारे में श्री भक्तमाल के रचनाकार भक्तप्रवर श्री नाभा दास जी महाराज ने श्री भक्तमाल ग्रन्थ में बताया है

खेचर नर की शिष्य निपट अचरज यह आवै। विदित बात संसार संतमुख कीरति गावै।। वैरागिन के वृन्द रहत संग स्याम सनेही। ज्यों जोगेश्वर मध्य मनो शोभित वैदेही।। श्री भट्ट चरन रज परसि के सकल सृष्टि जाकी नई। वि ० सं ० १३२० ही श्री हरिव्यासदेव का ठीक समय है। हरिव्यासदेव का जन्म गौड़ ब्राह्मण कुल में हुआ था। आप श्रीभट्ट के अन्तरंग शिष्यों में से थे। ऐसा प्रसिद्द है कि पर्याप्त काल तक तपस्या करने के बाद आप दीक्षा के अधिकारी बन सके थे।

मुरारी दास वृन्दावन 11 (वार्ता) 05:39, 13 जनवरी 2024 (UTC)उत्तर दें