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करोना covid-19 का कहर

जब से कोरोना ने अपनी मौजूदगी मानव समाज के बीच दर्ज कराई है। और जिस प्रकार तेजी से इसका प्रसार बढ़ा संक्रमण फैला फिर वह कोई भी देश हो उनको अपने समाज को बचाने के लिए लौखडाउन करना पड़ा जिससे आम आदमी इस कदर प्रभावित हुआ एक ओर संक्रमण का खतरा दूसरी ओर आमदानी की समस्या,इस प्रकार बुरी तरह से सामना करना पड़ा मुख्यतः आम आदमी जो रोजी मजदूरी करता हो या किसी प्राइवेट सेक्टर में कार्य कर जीवन यापन करता हो उसकी जिंदगी की तकलीफ सिर्फ वही बता सकता है। जिसके ऊपर बीत रहा है। जो कि आज तक धीरे धीरे बीत ही रहा है। कई तो बेरोजगारी की मार झेल रहे है। कुछ ऐसे है, जो कम शेलरी में कार्य करने पर मजबूर है। आम जीवन मे जो समस्या बना हुआ है। एक कोरोना एक मुसीबत बन गया कोरोना देश सरकारों ने बचाव शोसल डिस्टेंस नियम के तहत समाजिक अपने कार्यो शुरू करने इजाजत तो दी है। एवं राहत पैकेज भी दिया पर संक्रमण डर अब भी वही है। समस्या बीमारी के दौरान 14 दिवस की क्वारन्टीन नियम पालन करना है। एक लम्बा समय जीवन सुरक्षा के अन्यन्त आवश्यक है। पर आजीविका के लिए नुकसान दायक इन्शान जीवित रहेगा तभी आजीविका चला सकता है,यही समस्या है। आज इन परिस्थितियों का जिम्मेदार सिर्फ चीन ही है। जब यह संक्रमण जैसा कि बताया जाता है, चीन देश के वुहान शहर माँसाहारी बाजार से फैला तब उन्होंने यह जानकारी आखिर वक्त रहते क्यो नही दी सुरक्षा के कड़े कदम नही उठाए अपनी जिम्मेदारियों को नही निभाया जिसका परिणामस्वरूप पूरा संसार भुगत रहा है। आज चीन दुनिया में सबकी नाराजगी आलोचना का पात्र बन गया है। लोगो उसके लिए बहुत गुस्सा भरा है। यह रोग कोरोना covid 19 वायरस उसने बनाया या प्रकितिक कारणों से फैला ये जांच पर पता चलेगा लेकिन जिस तरह आरोप लग रहे है। उनकी हरकते है,सोचने पर मजबूर है।कि कही। न कही प्रकितिक खिलवाड़ का नतीजा हो सकता है। सवाल ये इतने लोगो मौत का जिम्मेदार कौन है। आज सभी देश के डॉक्टर बड़े बड़े विज्ञानियों द्वारा इसका टिका बनाने की कार्यो में युद्ध स्तर पर जारी है। हर देश के वैज्ञानिक लगे हुए है। सकारात्मक परिणाम की ओर प्रगति पर है। यह तो अच्छा है। कि सभी देश विज्ञान तकनीक में सम्पन्न है।नही तो समस्या कितना विकराल हो सकता था। पर अब इस समस्या और बीमारी से वायरस को हराना ही उदेश्य है। covid 19 के सांथ इन्सान को ढलने में वक्त तो लगेगा पर वक्त के सांथ सामान्य होता जयेगा पर यही कामना है,भगवान से। -- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 07:56, 4 अगस्त 2020 (UTC)उत्तर दें