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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 08:24, 27 दिसम्बर 2012 (UTC)उत्तर दें

रैबारी,राईका,दैवासी समाज संपादित करें

रैबारी भारत कि प्रमुख जनजाती है॥ आज सै अनेक वर्षो पहले भगवान शिवसंकर और ब्रहा विष्णु ने स्रष्टि कि रचना कि तो भगवान शिव ने सोचा जानवरो कि रक्षा का भार किसे सोपा जाये। तब भगवान शिव ने अपने मायाजाल से एक इन्सान को बनाया वो रैबारी था।रैबारी को पशुपालन का कार्य संभालकर भगवान शिव अपने देवलोँक चले गये। रैबारी को गडरिया के नाम से भी जाना जाता है। रैबारी समाज के लौगो का दैवता और महात्मा मुनी में विश्वास रहा है।इसी कारण इस जाती को दैवासी नाम से भी जाना जाता है।

भारत में रैबारी मुख्य रूप सै गुजरात,राजस्थान,हरियाणा,पंजाब,मध्यप्रदैश में पायी जाती है। आज भी इस आधुनिक युग में अपनी परम्परा,रहन-सहन,खान-पान,वैशभुषा संजोयी हुयी है। रैबारी जनजाती का मुख्य व्यावसाय पशुपालन है।