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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 13:09, 21 जून 2018 (UTC)उत्तर दें

भारतीय संस्कृति

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भारत की संस्कृति सबसे पुरानी और अनोखी है |विविधता में भी इसकी सबसे बड़ी विशेषता, एकता की भावना है। सदियों से दुश्मनों ने इसे मिटाने की बहुत कोशिश की, इसे नष्ट नहीं किया जा सका |यह हमारी संस्कृति समन्वयक है। ईश्वर में विश्वास, उदारता और मानव कल्याण आता है। समय की भावना हमारी संस्कृति की एक विशिष्ट पहचान है। पूरे भारत में धर्म और दर्शन की दृष्टि से कुछ लोगों के पास बहुत कारण हैं। भारतीय संस्कृति भी सहिष्णु है। इसने कई धर्मों और मतों को लिया है। भारत में गर्भ, भाषा और साहित्य, धर्म, मत, संप्रदाय संबंध और परंपराओं और विश्वास मतभेदों से संबंधित कई प्रकार की भौगोलिक, अनुष्ठान और रहने की स्थितियां हैं। हालांकि, कश्मीर से कन्याकुमारी तक और असम से गुजरात तक सभी लोग एक समग्र रूप से बंधे हुए हैं। हमारे धार्मिक ग्रंथों, जीवन-रूपों, तीर्थ स्थानों, पूजा पद्धति आदि में एक समानता है, सभी भारतीय आस्तिक हैं और आध्यात्मिकता में विश्वास करते हैं।सभ्यता और संस्कृति आज भी जीवित है। हमारी संस्कृति हमें शांति, अहिंसा, उदारता, दया और क्षमा का पाठ पढ़ाती है। भारतीय संस्कृति गंगा की पवित्र धारा है जो सदियों से लोकप्रिय रही है। हमने हमें एक तारीख दी है और हम भारतीय संस्कृति, जीवन और यौद्धा, महान परंपराओं की महानता को भूलते जा रहे हैं। विडंबना यह है कि आज की शिक्षा प्रगति पर है| यही कारण है कि युवाओं में उनकी संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना की कमी है। भारतीय संस्कृति दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृतियों में से एक है। रोम, मिस्र जैसी सभ्यताएँ और संस्कृतियाँ कहीं नहीं मिलतीं - लेकिन भारत की संस्कृति आज भी जीवित है। सदियों से दुश्मनों ने इसे मिटाने की बहुत कोशिश की, लेकिन इसे पाने वालों की संख्या हासिल नहीं की जा सकी। जब दुनिया के अन्य देश पाषाण युग में रह रहे थे, उस समय भी हमारी संस्कृति उच्चता को प्राप्त की | सभी त्योहार अपना-अपना महत्व रखते हैं तथा जीवन के सूनेपन को दूर करता है हमें नैतिक मूल्यों से जुड़े रखते हैं| ये सभी त्यौहार हमें अपनी सांस्कृतिक परंपराओं, रीति रिवाज ,जीवन दर्शन और भारतीय संस्कृति की उच्च आदर्शों से जोड़ते हैं। त्योहार चाहे किसी भी धर्म से जुड़े हो बे हमारी जीवन को उल्लास, उमंग ,नवचेतना, सद्भाव ,स्नेहा तथा सांप्रदायिक सद्भाव से भर देते हैं| त्योहारों को मनाने का कारण चाहे कुछ भी हो ,उनसे कोई ना कोई प्रेरणा अवश्य प्राप्त होती है यह देश की एकता और अखंडता को मजबूत करते हैं| यह त्यौहार हमें धर्म , न्यायदाता सच्चाई के मार्ग पर ले जाते हैं यही नहीं स्थिति तो यह है कि इन त्योहारों पर धार्मिक सद्भाव के दर्शन भी होते हैं |दीपावली पर आतिशबाजी बनाने वाले कारीगर मुसलमान होते हैं ,इसी तरह गणेश चतुर्थी दुर्गा पूजा तथा मूर्तियों बनाने वाले लोग भी अन्य धर्मों से जुड़े होते हैं |ईद पर हिंदू तथा भाई मुसलमानों को ईद की बधाई देते देखे जा सकते हैं |होली के अवसर पर इस प्रकार का भेदभाव मिट जाता है कि जिस पर रंग डाला जा रहा है वह किसी धर्म को मानता है |क्रिसमस पर सभी धर्मों के लोग खुशियां मनाते हैं इस प्रकार यह सभी त्योहार संप्रदायिक सद्भाव को पुष्ट करता है |राष्ट्रीय त्योहार हमें देशभक्ति त्याग और बलिदान की भावना भरते हैं| इस त्योहारों में भी अनेक रूप दिखाई पड़ती है |अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की अनूठी पहचान है स्वतंत्र भारत में सभी लोगों को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है इसलिए भी अपने अपने विश्वास ,श्रद्धा तथा आस्था के अनुसार अलग-अलग त्योहार मनाते हैं|

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भारत की संस्कृति सबसे पुरानी और अनोखी है |विविधता में भी इसकी सबसे बड़ी विशेषता, एकता की भावना है। सदियों से दुश्मनों ने इसे मिटाने की बहुत कोशिश की, इसे नष्ट नहीं किया जा सका |यह हमारी संस्कृति समन्वयक है। ईश्वर में विश्वास, उदारता और मानव कल्याण आता है। समय की भावना हमारी संस्कृति की एक विशिष्ट पहचान है। पूरे भारत में धर्म और दर्शन की दृष्टि से कुछ लोगों के पास बहुत कारण हैं। भारतीय संस्कृति भी सहिष्णु है। इसने कई धर्मों और मतों को लिया है। भारत में गर्भ, भाषा और साहित्य, धर्म, मत, संप्रदाय संबंध और परंपराओं और विश्वास मतभेदों से संबंधित कई प्रकार की भौगोलिक, अनुष्ठान और रहने की स्थितियां हैं। हालांकि, कश्मीर से कन्याकुमारी तक और असम से गुजरात तक सभी लोग एक समग्र रूप से बंधे हुए हैं। हमारे धार्मिक ग्रंथों, जीवन-रूपों, तीर्थ स्थानों, पूजा पद्धति आदि में एक समानता है, सभी भारतीय आस्तिक हैं और आध्यात्मिकता में विश्वास करते हैं।सभ्यता और संस्कृति आज भी जीवित है। हमारी संस्कृति हमें शांति, अहिंसा, उदारता, दया और क्षमा का पाठ पढ़ाती है। भारतीय संस्कृति गंगा की पवित्र धारा है जो सदियों से लोकप्रिय रही है। हमने हमें एक तारीख दी है और हम भारतीय संस्कृति, जीवन और यौद्धा, महान परंपराओं की महानता को भूलते जा रहे हैं। विडंबना यह है कि आज की शिक्षा प्रगति पर है| यही कारण है कि युवाओं में उनकी संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना की कमी है। भारतीय संस्कृति दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृतियों में से एक है। रोम, मिस्र जैसी सभ्यताएँ और संस्कृतियाँ कहीं नहीं मिलतीं - लेकिन भारत की संस्कृति आज भी जीवित है। सदियों से दुश्मनों ने इसे मिटाने की बहुत कोशिश की, लेकिन इसे पाने वालों की संख्या हासिल नहीं की जा सकी। जब दुनिया के अन्य देश पाषाण युग में रह रहे थे, उस समय भी हमारी संस्कृति उच्चता को प्राप्त की | सभी त्योहार अपना-अपना महत्व रखते हैं तथा जीवन के सूनेपन को दूर करता है हमें नैतिक मूल्यों से जुड़े रखते हैं| ये सभी त्यौहार हमें अपनी सांस्कृतिक परंपराओं, रीति रिवाज ,जीवन दर्शन और भारतीय संस्कृति की उच्च आदर्शों से जोड़ते हैं। त्योहार चाहे किसी भी धर्म से जुड़े हो बे हमारी जीवन को उल्लास, उमंग ,नवचेतना, सद्भाव ,स्नेहा तथा सांप्रदायिक सद्भाव से भर देते हैं| त्योहारों को मनाने का कारण चाहे कुछ भी हो ,उनसे कोई ना कोई प्रेरणा अवश्य प्राप्त होती है यह देश की एकता और अखंडता को मजबूत करते हैं| यह त्यौहार हमें धर्म , न्यायदाता सच्चाई के मार्ग पर ले जाते हैं यही नहीं स्थिति तो यह है कि इन त्योहारों पर धार्मिक सद्भाव के दर्शन भी होते हैं |दीपावली पर आतिशबाजी बनाने वाले कारीगर मुसलमान होते हैं ,इसी तरह गणेश चतुर्थी दुर्गा पूजा तथा मूर्तियों बनाने वाले लोग भी अन्य धर्मों से जुड़े होते हैं |ईद पर हिंदू तथा भाई मुसलमानों को ईद की बधाई देते देखे जा सकते हैं |होली के अवसर पर इस प्रकार का भेदभाव मिट जाता है कि जिस पर रंग डाला जा रहा है वह किसी धर्म को मानता है |क्रिसमस पर सभी धर्मों के लोग खुशियां मनाते हैं इस प्रकार यह सभी त्योहार संप्रदायिक सद्भाव को पुष्ट करता है |राष्ट्रीय त्योहार हमें देशभक्ति त्याग और बलिदान की भावना भरते हैं| इस त्योहारों में भी अनेक रूप दिखाई पड़ती है |अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की अनूठी पहचान है स्वतंत्र भारत में सभी लोगों को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है इसलिए भी अपने अपने विश्वास ,श्रद्धा तथा आस्था के अनुसार अलग-अलग त्योहार मनाते हैं|

December 2019

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