Aloksharma2234
प्रस्तावना
Aloksharma2234 जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,11,127 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
|
विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
| |
(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
बैरागी जाति संपादित करें
बैरागी जाति एक ब्राह्मण जाति से सम्बन्ध रखती है, जो विष्णु के उपासक होते है,भारत के कुछ राज्यों में इस जाति को सामान्य श्रेणी में रखा गया है लेकिन उत्तर प्रदेश में इस जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किया गया है, ये जाति शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं, इस जाति का विस्तार कुछ सीमित जिलों में ही दिखाई पड़ता है, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बदायूँ, बरेली, हाँथरस,आगरा शाहजहांपुर आदि,लेकिन इस जाति का विलोपन हो रहा है, कारण सामाजिक शोषण, किसी भी सरकारी सिस्टम का इस जाति की ओर ध्यान न होना। इन लोगों की ओर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को ध्यान देने की जरूरत है, तथा सामाजिक सम्मान प्रदान कराने की जरूरत है आखिर इस जाति की संख्या कम क्यों है,एक जानकारी के अनुसार शाहजनपुर में केबल 3 ऐसे गांव जहाँ ये निवास करते हैं, इनकी संख्या इस जिले में लगभग 100 से भी कम है आखिर क्यों,ऐसे ही अन्य जिलों में एक दो ही गांव है जहाँ ये जाति निवास करती है,और परिवार की भी मात्र एक दो ही संख्या पायी गयीं आखिर ऐसा क्यों,क्यों इस जाति की ओर किसी सरकार, मीडिया का ध्यान नहीं जाता है Aloksharma2234 (वार्ता) 13:05, 22 जून 2018 (UTC)