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खबरे पलपलकी : आज की मुख्यधारा में मीडिया का एक बड़ा हिस्सा केवल विशेष व समृद्ध वर्ग के लोगों की चिंताओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है | इस संविदा में हाशिए पर खड़े समाज जिसमें देश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाएं, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर शामिल हैं, उनके हितों एवं संघर्षों को आसानी से नजरअंदाज कर दिया जाता है हाशिए पर खड़े समाज की आवाज बनने का खबरे पल पल की एक प्रयास है !

(वार्ता) 10:16, 9 जनवरी 2018 (UTC)उत्तर दें