Mushtaq Ahmed Khilji
प्रस्तावना
Mushtaq Ahmed Khilji जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,12,210 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
इस्लाम में रोज़ा संपादित करें
इस्लाम में रोज़ा सिर्फ भूखे रहने के लिए नही है । रोज़ा रूह ओर रूहानियत को मजबूत करने के लिए है ।दिल, दिमाग,आंख,कान, मुंह और जबान से भी रोज़ा रहने पर ही कामयाबी है । आंख से गलत तरीके से नहीं देखें ।कान से बुरी बातें नहीं सुने । दिल में किसी के लिए बुराई नहीं रखे । दिमाग में अल्लाह पाक का जिक्र करते हुए और किसी बुराई को करीब नहीं आने दें। किसी भी भूखे ओर प्यासे की तकलीफों को करीब से जानने और समझने के लिए रोज़ा रखते हैं । इन्सान की गलत ख्वाहिश (नफ्स) पर काबू का अहम जरिया रोज़ा है ।
Mushtaq Ahmed Khilji (वार्ता) 09:53, 26 मार्च 2023 (UTC) Mushtaq Ahmed Khilji (वार्ता) 10:06, 26 मार्च 2023 (UTC)
इस्लाम में काफ़िर कौन ? संपादित करें
कुरआन पाक में जो दीन में रहकर दिल से, जानकारी होते हुए भी कुफ्र करता है और अल्लाह पाक ने जिस पर कुफ्र की लानत भेजी है ,उसे काफ़िर कहा गया है ।सबके अपने सच्चे दीन पर चलने ओर सबको अपने सच्चे दीन को मानने में कोई भी एतराज कुरआन पाक में नहीं है।इस वजह से किसी अलग कौम के लिए काफ़िर कह देना मुनासिब नहीं समझा जाता है। Mushtaq Ahmed Khilji (वार्ता) 11:47, 26 मार्च 2023 (UTC)