Raunak ansari
प्रस्तावना
Raunak ansari जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,36,105 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
|
विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
| |
(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
याजूज माजूज और उनका ख़ुरूज
संपादित करेंक़ियामते सुग़रा यानी ज़हूरे आले मुहम्मद और क़ियामते कुबरा के दरमियान दज्जाल के बाद याजूज और माजूज का ख़रूज होगा। यह सद्दे सिकन्दरी से निकल कर सारे आलम में फ़ैल जायेंगे और दुनिया के अमनो अमान को तबाह व बरबाद कर देने की पूरी कोशिश करेंगे।
याजूज व माजूज हज़रत नूह अलैहिस्सलाम के बेटे याफ़िस की औलाद से हैं। यह दोनों चार सौ क़बीलों और उम्मतों के सरदार हैं। उनकी कसरत का कोई अंदाज़ा नही लगाया जासकता है। मख़लूक़ात में फ़रिश्तों के बाद उन्हें कसरत दी गई है। उनमें कोई भी ऐसा नही है जिसके एक हज़ार औलाद न हों। यानी वह उस वक़्त तक नही मरते जब तक एक हज़ार औलाद पैदा न करलें। यह लोग तीन क़िस्म के हैं। एक वह जो ताड़ से ज़्यादा लम्बे हैं। दूसरे वह जिनकी लम्बाई व चौड़ाई बराबर है यानी उनकी मिसाल हाथी से दी जा सकती है। तीसरे वह जो अपना एक कान बिछाते व दूसरा ओढ़ते हैं। उनके सामने लोहा, पत्थर और पहाड़ तो कोई चीज़ ही नही है। यह हज़रत नूह अलैहिस्सलाम के ज़माने में दुनिया के आख़िर में उस जगह पैदा हुए थे जहाँ सबसे पहले सूरज निकला था। ज़माना -ए- फ़तरत से पहले यह लोग अपनी जगह से निकलते थे और अपने क़रीब की सारी दुनिया को खा पी जाते थे। यानी हाथी, घोड़ा, ऊँट इंसान, जानवर, खेती बाड़ी जो भी सामने आजाता था सबको हज़म कर जाते थे। वहाँ के लोग उनसे बहुत तंग थे। ज़मान – ए- फ़तरत में हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के बाद जब ज़ुल क़रनैन उस जगह पहुँचे और उन्हें वहाँ का वाक़िया मालूम हुआ और वहाँ की मख़लूक़ ने उनसे अर्ज़ किया कि हमें इस मुसीबत, याजूज माजूज से बचाईये तो उन्होंने दो पहाड़ों के उस दरमियानी रास्ते को, जिससे वह आते जाते थे, अल्लाह के हुक्म से लोहे की दीवार से बंद कर दिया था। यह दीवार 200 गज़ ऊँची और 50 या 60 गज़ चौड़ी है। इसी दीवार को सद्दे सिकन्दरी कहते हैं। क्योँकि ज़ुल क़रनैन का असली नाम सिकन्दर था। सद्दे सिकन्दरी के बन जाने के बाद उनकी ख़ुराक साँप क़रार दी गई, जो आसमान से बरसते हैं। यह क़ौम इमाम अलैहिस्सलाम के ज़हूर तक वहीं पर बंद रहेगी। उनका असूल व तरीक़ा यह है कि वह लोग पूरी रात सद्दे सिकन्दरी को चाट कर काटते हैं। जब सुबह होती है और उनके ज़िस्मों को धूप लगती है तो हट जाते हैं। फिर दूसरी रात कटी हुई दीवार भी पुर हो जाती है और वह फिर उसे काटने में लग जाते हैं। यह लोग इमाम अलैहिस्सलाम के ज़माने में ख़ुरूज करेंगे दीवार कट जायेगी और यह निकल पड़ेंगे। उस वक़्त हालत यह होगी कि यह सब लोग पूरी दुनिया में फैल जायेंगे और निज़ाम को दरहम बरहम करना शुरू कर देंगे। लाख़ों लोग मारे जायेंगे और दुनिया की खाने पीने की कोई चीज़ ऐसी बाक़ी न रहेगी जिस पर यह तसर्रुफ़ न करलें। यह लोग बला के जंग जू होंगे और दुनिया को मार कर खा जायेंगे। यह लोग आसमान पर तीर फ़ेंक कर आसमानी मख़लूक़ को मारने का होंसला करेंगे। जब उधर से अल्लाह के हुक्म से खूँन लगा तीर वापस आयेगा तो यह बहुत खुश होंगे और आपस में कहेंगे कि अब हमारा इक़्तेदार ज़मीन से बलंद हो कर आसमान तक पहुंच गया है। इसी दौरान हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की बरकत और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की दुआ से अल्लाह एक बीमारी भेजेगा जिसको अरबी में नग़फ़ कहते हैं। यह बीमारी नाक से शुरू हो कर ताऊन की तरह एक ही रात में उन सबका काम तमाम कर देगी। उनके मरने के बाद उनके मुरदा जिस्मों को खाने के लिए उनक़ा नामी परिन्दा पैदा होगा जो ज़मीन से उनकी ग़ंदगी को साफ़ कर देगा।
( तफ़सीरे साफ़ी सफ़ा 278 व मिशकात सफ़ा 366 सही मुसलिम व सही तिमीज़ी व इरशाद उत तालेबीन सफ़ा 398 व ग़ायत उल मक़सूद जिल्द न.2 सफ़डा 765 व मजमा उल बहरैन सफ़ा 466 व क़ियामत नामा सफ़ा 8)
याजूज माजूज पृष्ठ को शीघ्र हटाने का नामांकन
संपादित करेंनमस्कार, आपके द्वारा बनाए पृष्ठ याजूज माजूज को विकिपीडिया पर पृष्ठ हटाने की नीति के मापदंड व1 के अंतर्गत शीघ्र हटाने के लिये नामांकित किया गया है।
इसमें वे पृष्ठ आते हैं जिनका नाम अर्थहीन है, उदाहरण:"स्द्ग्फ्द्ग"; अथवा जिनमें सामग्री अर्थहीन है, चाहे उसका नाम अर्थहीन न हो, उदाहरण:लेख जिसमें सामग्री है:"ध्ब्द्फ्ह्फ़"
यदि आपने यह पृष्ठ परीक्षण के लिये बनाया था तो उसके लिये प्रयोगस्थल का उपयोग करें। यदि आप विकिपीडिया पर हिन्दी टाइप करना सीखना चाहते हैं तो देवनागरी में कैसे टाइप करें पृष्ठ देखें।
यदि यह पृष्ठ अभी हटाया नहीं गया है तो आप पृष्ठ में सुधार कर सकते हैं ताकि वह विकिपीडिया की नीतियों पर खरा उतरे। यदि आपको लगता है कि यह पृष्ठ इस मापदंड के अंतर्गत नहीं आता है तो आप पृष्ठ पर जाकर नामांकन टैग पर दिये हुए बटन पर क्लिक कर के इस नामांकन के विरोध का कारण बता सकते हैं। कृपया ध्यान रखें कि शीघ्र हटाने के नामांकन के पश्चात यदि पृष्ठ नीति अनुसार शीघ्र हटाने योग्य पाया जाता है तो उसे कभी भी हटाया जा सकता है।
यदि यह पृष्ठ हटा दिया गया है, तो आप चौपाल पर इस पृष्ठ को अपने सदस्य उप-पृष्ठ में डलवाने, अथवा इसकी सामग्री ई-मेल द्वारा प्राप्त करने हेतु अनुरोध कर सकते हैं।❤ TrendSPLEND ✉ 09:50, 31 मई 2017 (UTC)
चेतावनी
संपादित करेंकृपया विकिपीडिया की अस्मिता को बनाये रखिये अथवा आपको ब्लॉक कर दिया जाएगा। ❤ TrendSPLEND ✉ 09:52, 31 मई 2017 (UTC)