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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 08:15, 26 जून 2017 (UTC)उत्तर दें

RAJPURA BHAIN संपादित करें

जींद न्यूज:-गुणों की कली के रूप में बसा गांव गुलकनी,सामाजिक समरसता व बलिदान का है प्रतीक

जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर की दूरी पर बसा गुलकनी गांव आपसी भाईचारे एवं सामाजिक समरसता की मिशाल है। जुलाना विधानसभा क्षेत्र का यह गांव चितंग नहर के किनारे आबाद है।  जींद-हांसी मार्ग पर इस गांव की निकासी गांव राजपुरा (भैण) से विक्रमी संवत् 1931 सन् 1875 ई० में तीन पूर्वज यहां आकर बस गए। अब उनके नाम तीन पाने (ठोले) है।
इस गांव के नामकरण के बारे में गांव के स्नातक सरपंच जयदीप लौहान के अनुसार गुणों की कली के रूप में बसाया गया गांव जो फूल बन गया, इसे पहले गुणकली के नाम से जाना जाता था। इसका नाम गुलकणी राग का थाट बिलावल है। इसे दूसरे पहले में गाया व बजाया जाता है। यह 16 रागों के नाम से बसाये गांवों में से एक है। राजा सरूपसिंह व राजा रघबीर सिंह के संगम काल में बसे गांव का नामकरण गुणकली (गुनकली), भैरोखेड़ा, जैजैवन्ती, मलार, मालवी, पीलू, मालसरी आदि की भांति 16 प्रसिद्ध रागों में से एक है। इन 16 रागों पर बसे गांवों में उपरोक्त 7 गांव जींद जिले में हैं।

गांव प्रारम्भ से ही आर्य समाजी गांव रहा है। यहां एक आर्य समाज मन्दिर है जिसे बलिदान स्मारक के नाम से जाना जाता है। सन् 1957 में हिन्दी को मातृभाषा का दर्जा दिलाने के लिए आर्य समाज के नेतृत्व में एक राष्ट्रव्यापी आन्दोलन किया गया। समझौते के बाद जब आन्दोलनकारियों को रिहा किया गया तो अम्बाला से रिहा होकर आन्दोलनकारियों की रेलगाड़ी मोहरी रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी से टकरा गई, जिसमें गांव गुलकनी का स्वर्णसिंह व राजपुरा भैण का अमरसिंह शहीद हो गये। इन दोनों गांवों के लोगों ने इन शहीदों के नाम पर यहां बलिदान स्मारक बना दिया। इस बलिदान स्मारक में हर वर्ष आर्य समाज के समारोह आयोजित होते है। इससे पहले जत्थों में इनके बड़े भाई जागरराम व मुंशीराम भी जेल काट चुके है। गांव के समाजसेवी हरिओम को स्वतंत्रता दिवस समारोह 2०19 में हरियाणा के पूर्व परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार एवं गणतंत्र दिवस समारोह 2०15 में पूर्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। गावं में संत रविदास एवं डॉ०भीमराव अम्बेडकर जैसे महापुरूषों की लगी प्रतिमा गांव वासियों को समरसता व आपसी भाईचारे का संदेश दे रही है। गांव के अशोक कुमार, रामफल, जगदीप, बलवान, रितैष, मास्टर रोहतास शर्मा ,हरिओम के अनुसार इस गांव की जनसंख्या 255० है। गांव की जोत भूमि का कुल रकबा लगभग 42०० बीघा है। गांव में हनुमान मन्दिर, शिवजी का मन्दिर, राजकीय मिडल स्कूल व अन्य सुविधाएं भी है। गांव की सबसे बुजुर्ग महिला 1०1 वर्षीय भरथो, 98 वर्षीय दादी दरजी, बुजुर्ग जगते, मोजीराम,जयसिंह चान्दो, शक्ति समेत व अन्य बुजुर्ग दो हजार रूपये प्रति महिना बुढ़ापा पैंशन प्राप्त कर रहे है। गांव की वर्तमान पंचायत में सरपंच के अलावा दस पंच है। सन् 1952 से आज तक इस गांव में 13 सरपंच / मुखिया पंच बन चुके है। सन् 1952 में राजपुरा एवं गुलकनी की संयुक्त पंचायत में सरपंच झुण्डाराम के साथ गुलकनी के पंच रतन सिंह इसके बाद छेलूराम, रामभगत, फतेहसिंह पंच, रामप्रसाद, धारा सिंह, रामप्रसाद, रामकिशन, कर्मबीर, धर्मबीर, धर्मबीर अनुसूचित जाति, अजमेर सिंह और वर्तमान में जयदीप लौहान इस गांव के सरपंच है। यह गांव जुलाना विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आता है वर्तमान में इस क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक अमरजीत ढांडा हैं। गांव के सरपंच जयदीप लौहान के अनुसार पिछले पांच साल के दौरान जुलाना विधानसभा क्षेत्र के निवर्तमान विधायक परमेन्द्र ढुल के सहयोग से गांव के विकास के लिए लाखों रूपये की प्राप्त ग्रांट से विकास कार्य किये गये है। जिससे लोगों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हुई है। गुलकनी से मिर्चपुर 18 फुट की चौड़ी व 4 किलोमीटर लम्बाई वाली नई सम्पर्क सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है। मिर्चपुर वाले रास्ते पर दो एकड़ में पार्क के लिए मनरेगा से 27 लाख रूपये की ग्रांट व 8 गलियों के निर्माण के लिए 15 लाख रूपये की ग्रांट से कार्य पूर्ण किये गये है। इसके अलावा गऊघाट पर 4 लाख 2० हजार रूपये, नाला निर्माण पर 2 लाख 7० हजार रूपये खर्च किये गये है। शिवधाम नवीनीकरण योजना के तहत सरकार से 15 लाख रूपये की ग्रांट प्राप्त हुई, जिससे शमशान घाट में शैड निर्माण, चार दिवारी का कार्य पूर्ण हो चुका है। गली निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा गांव में अम्बेडकर भवन के लिए लोकसभा सांसद रमेशचन्द्र कौशिक को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। By: RAKESH GORIYA Rkg396 (वार्ता) 04:55, 25 जून 2020 (UTC)उत्तर दें

हा,ये बाते बहुत सच है Rkg396 (वार्ता) 04:57, 25 जून 2020 (UTC)उत्तर दें