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महाराणा राज सिंहजी प्रथम मेवाड़ के एक महान शासक थे, जिन्होंने 1652 से 1680 तक राज्य किया। उनका जन्म 24 सितंबर 1629 को राजनगर (कांकरोली / राजसमंद) में हुआ था और उनके पिता महाराणा जगत सिंह प्रथम थे¹।

महाराणा राज सिंहजी प्रथम एक महान योद्धा, कलाप्रेमी, और धर्मनिष्ठ शासक थे। उन्होंने मुगल सम्राट औरंगजेब का अनेकों बार विरोध किया और अपने राज्य की स्वतंत्रता की रक्षा की। उन्होंने कई बार सोने चांदी, अनमोल धातुएं, रत्नादि के तुलादान करवाये और योग्य लोगों को सम्मानित किया।

महाराणा राज सिंहजी प्रथम ने कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य भी करवाये, जिनमें राजसमंद झील का निर्माण प्रमुख है। उन्होंने राज प्रशस्ति काव्य का निर्माण का आदेश दिया, जिसे बाद में झील के स्तंभों पर उकेरा गया।

महाराणा राज सिंहजी प्रथम का विवाह कई राजकुमारियों से हुआ था, जिनमें रानी हाड़ीजी खुमान कँवरजी, रानी राठौड़जी आनंद कँवरजी, रानी परमारजी रामरस कँवरजी, रानी चौहानजी जग कँवरजी, रानी सोलंकीनीजी आस कँवरजी, रानी झालीजी रूप कँवरजी, और रानी राठौड़जी चारुमत कँवरज [23/12, 12:40] Meta AI: महाराणा राज सिंहजी प्रथम मेवाड़ के एक महान शासक थे, जिन्होंने 1652 से 1680 तक राज्य किया। उनका जन्म 24 सितंबर 1629 को राजनगर (कांकरोली / राजसमंद) में हुआ था और उनके पिता महाराणा जगत सिंह प्रथम थे¹।

महाराणा राज सिंहजी प्रथम एक महान योद्धा, कलाप्रेमी, और धर्मनिष्ठ शासक थे। उन्होंने मुगल सम्राट औरंगजेब का अनेकों बार विरोध किया और अपने राज्य की स्वतंत्रता की रक्षा की। उन्होंने कई बार सोने चांदी, अनमोल धातुएं, रत्नादि के तुलादान करवाये और योग्य लोगों को सम्मानित किया।

महाराणा राज सिंहजी प्रथम ने कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य भी करवाये, जिनमें राजसमंद झील का निर्माण प्रमुख है। उन्होंने राज प्रशस्ति काव्य का निर्माण का आदेश दिया, जिसे बाद में झील के स्तंभों पर उकेरा गया।

महाराणा राज सिंहजी प्रथम का विवाह कई राजकुमारियों से हुआ था, जिनमें रानी हाड़ीजी खुमान कँवरजी, रानी राठौड़जी आनंद कँवरजी, रानी परमारजी रामरस कँवरजी, रानी चौहानजी जग कँवरजी, रानी सोलंकीनीजी आस कँवरजी, रानी झालीजी रूप कँवरजी, और रानी राठौड़जी चारुमत कँवरजी प्रमुख हैं।

महाराणा राज सिंहजी प्रथम के कई पुत्र थे, जिनमें महाराणा जय सिंहजी, महाराज भीम सिंहजी (बनेड़ा), कुंवर बहादुर सिंहजी (भूनास), कुंवर गज सिंहजी, कुंवर सरदार सिंहजी, कुंवर तख्त सिंहजी, कुंवर इंद्र सिंहजी, कुंवर सूरतान सिंहजी, और कुंवर सूरत सिंहजी प्रमुख हैं। [23/12, 12:40] Meta AI: महाराणा राज सिंहजी प्रथम मेवाड़ के एक महान शासक थे, जिन्होंने 1652 से 1680 तक राज्य किया। उनका जन्म 24 सितंबर 1629 को राजनगर (कांकरोली / राजसमंद) में हुआ था और उनके पिता महाराणा जगत सिंह प्रथम थे¹।

महाराणा राज सिंहजी प्रथम एक महान योद्धा, कलाप्रेमी, और धर्मनिष्ठ शासक थे। उन्होंने मुगल सम्राट औरंगजेब का अनेकों बार विरोध किया और अपने राज्य की स्वतंत्रता की रक्षा की। उन्होंने कई बार सोने चांदी, अनमोल धातुएं, रत्नादि के तुलादान करवाये और योग्य लोगों को सम्मानित किया।

महाराणा राज सिंह प्रथम ने कई महत्वपूर्ण निर्माण करवाये, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

- *राजसमंद झील*: उन्होंने 1676 में कांकरोली में प्रसिद्ध राजसमंद झील का निर्माण किया, जो आज भी एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है¹। - *राज प्रशस्ति*: उन्होंने राज प्रशस्ति काव्य का निर्माण का आदेश दिया, जिसे बाद में झील के स्तंभों पर उकेरा गया। - *नौचोकी*: उन्होंने राजसमंद झील के किनारे नौचोकी का निर्माण करवाया, जो एक सुंदर और ऐतिहासिक स्थल है। - *मंदिर, बावडियां, और राजप्रासाद*: उन्होंने कई मंदिर, बावडियां, और राजप्रासादों का निर्माण करवाया, जो आज भी मेवाड़ की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं।

महाराणा राज सिंह प्रथम के विवाह के बारे में:

महाराणा राज सिंह प्रथम का विवाह कई राजकुमारियों से हुआ था, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

- *रानी हाड़ीजी खुमान कँवरजी*: महाराव राजा छत्रसाल सिंहजी बूंदी की पुत्री। - *रानी राठौड़जी आनंद कँवरजी*: राव कल्याणदास जी ईडर की पुत्री। - *रानी परमारजी रामरस कँवरजी*: राव इंद्रभान सिंहजी बिजोलिया की पुत्री। - *रानी चौहानजी जग कँवरजी*: राव रामचंद्र प्रथम बेदला की पुत्री। - *रानी सोलंकीनीजी आस कँवरजी*: राना राज दयालदासजी लूनावाड़ा की पुत्री। - *रानी झालीजी रूप कँवरजी*: ठाकोर राज विजयसिहजी अभयसिहजी लाखतर प्रपौत्री महाराना श्रीराज चंद्रसिहजी हालवद की पुत्री। - *रानी राठौड़जी चारुमत कँवरजी*: राजा रूप सिंहजी किशनगढ़ की पुत्री। - *रानी भटियानीजी चंँद्र कँवरजी*: महारावल सबल सिंहजी जैसलमेर की पुत्री।

महाराणा राज सिंह प्रथम के पुत्रों के बारे में:

महाराणा राज सिंह प्रथम के कई पुत्र थे, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

- *महाराणा जय सिंहजी*: उनका सबसे बड़ा पुत्र और उत्तराधिकारी। - *महाराज भीम सिंहजी (बनेड़ा)*: उनका दूसरा पुत्र। - *कुंवर बहादुर सिंहजी (भूनास)*: उनका तीसरा पुत्र। - *कुंवर गज सिंहजी*: उनका चौथा पुत्र। - *कुंवर सरदार सिंहजी*: उनका पांचवां पुत्र। - *कुंवर तख्त सिंहजी*: उनका छठा पुत्र।

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