Sraradhika44
प्रस्तावना
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विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
पत्रकार सुरक्षित नहीं संपादित करें
उ.प्र. में पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट
सुनील राज/मथुरा
समाज को शिक्षित, जागरूक करने के लिए ईमानदार ,कर्मठ व जुझारू व्यक्तियों की आवश्यकता है। अगर समाज में माफिया पनप गए।उनके खिलाफ कार्रवाई कराने में पत्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है क्योंकि वह शासन प्रशासन को अपराधिक घटनाओं से अवगत कराने में सहयोग करते हैं।वैसे तो पत्रकारों को किसी सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है।लेकिन समाज में अराजकता फैल जाए।
तो फिर पहली आवश्यकता पत्रकारों को सुरक्षा देने की है,क्योंकि समाज की इस असहनीय गन्दगी को पत्रकार व समाज सेवक ही उजागर और साफ कर सकता है।
आज कल ऐसे हालात हैं कि लगातार मीडिया को धन- बल के साथ साथ एवं बाहुबल पर या अन्य ताकतों से डराया जाता रहा है, लेकिन असल मे पत्रकारिता का अस्तित्व खबर से जुड़ा है।खबर जनता से जुड़ी है ।खबर नहीं होगी तो पत्रकारिता नहीं होगी। समाज में फैली गंदगी को एक पत्रकार ही समाप्त कर सकता है और आम जनता के लिए सुलभता का जीवन जीने का अवसर ला सकता है। सरकार दलों से बनती है और राजनीतिक दल अपना वोट बैंक एक पत्रकार के चक्कर में खराब नहीं करना चाहते हैं। इसलिए पत्रकारों को सुरक्षा की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश के लगभग अधिकतर जिलों में अवैध खनन, अवैध शराब की बिक्री, जुआ, सट्टा और जमीनों पर कब्जा, वनों की कटाई व सामाजिक शोषण होते रहते हैं इसके साथ अन्य दूसरे अपराध गुंडे मवाली व माफियायों व नेताओं से स्थानीय स्तर पर गठजोड़ करके चला रहे हैं।अगर पत्रकारिता नहीं होगी तो अराजकता फैलेगी, सरकार और प्रशासन निरंकुश हो जाएंगे।
आज समाज का हर वर्ग सुरक्षित है। नेता सुरक्षित है, डॉक्टर, वकील सुरक्षित हैं, लेकिन आम जनता और पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं।उत्तर प्रदेश में ऐसे हालात हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में,तहसील स्तर पर जिला स्तर पर, पत्रकार खबरें लिख ही नहीं पाते हैं। पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे व मारपीट अपहरण जैसी संगीन अपराध किए जाते हैं। माफिया और नेता मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना बहुत जरूरी है, अगर देश के चौथे स्तंभ को अब आगे जिंदा रखना है तो सबसे पहले मीडिया और पत्रकार की सुरक्षा पर देश की संसद, देश के राष्ट्रपति महोदय को उक्त कानून अमल में लाना चाहिए। Sraradhika44 (वार्ता) 14:12, 11 दिसम्बर 2021 (UTC)