स्वागत!  नमस्कार Tariq Azeem Tanha जी! आपका हिन्दी विकिपीडिया में स्वागत है।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 09:18, 22 मार्च 2017 (UTC)उत्तर दें

चित्र:Screenshot 2017-03-07-09-25-33.jpg पृष्ठ को शीघ्र हटाने का नामांकन

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नमस्कार, आपके द्वारा बनाए पृष्ठ चित्र:Screenshot 2017-03-07-09-25-33.jpg को विकिपीडिया पर पृष्ठ हटाने की नीति के मापदंड फ़1 के अंतर्गत शीघ्र हटाने के लिये नामांकित किया गया है।

फ़1 • 14 दिन(2 सप्ताह) से अधिक समय तक कोई लाइसेंस न होना

इसमें वे सभी फाइलें आती हैं जिनमें अपलोड होने से दो सप्ताह के बाद तक भी कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। ऐसा होने पर यदि फ़ाइल पुरानी होने के कारण सार्वजनिक क्षेत्र(पब्लिक डोमेन) में नहीं होगी, तो उसे शीघ्र हटा दिया जाएगा।

ध्यान रखें कि विकिपीडिया पर केवल मुक्त फ़ाइलें ही रखी जा सकती हैं। यह फ़ाइल तभी रखी जा सकती है यदि इसका कॉपीराइट धारक इसे किसी मुक्त लाइसेंस के अंतर्गत विमोचित करे। यदि ऐसा न हो तो इसे विकिपीडिया पर नहीं रखा जा सकता। यदि इस फ़ाइल के कॉपीराइट की जानकारी आपको नहीं है तो आप चौपाल पर सहायता माँग सकते हैं। सहायता माँगते समय कृपया इसका स्रोत (जहाँ से आपको यह फ़ाइल मिली) अवश्य बताएँ। यदि आपको इसके कॉपीराइट की जानकारी है तो कृपया श्रेणी:कॉपीराइट साँचे में से कोई उपयुक्त साँचा फ़ाइल पर लगा दें।

यदि यह पृष्ठ अभी हटाया नहीं गया है तो आप पृष्ठ में सुधार कर सकते हैं ताकि वह विकिपीडिया की नीतियों पर खरा उतरे। यदि आपको लगता है कि यह पृष्ठ इस मापदंड के अंतर्गत नहीं आता है तो आप पृष्ठ पर जाकर नामांकन टैग पर दिये हुए बटन पर क्लिक कर के इस नामांकन के विरोध का कारण बता सकते हैं। कृपया ध्यान रखें कि शीघ्र हटाने के नामांकन के पश्चात यदि पृष्ठ नीति अनुसार शीघ्र हटाने योग्य पाया जाता है तो उसे कभी भी हटाया जा सकता है।

हिंदुस्थान वासी वार्ता 08:33, 21 अगस्त 2017 (UTC)उत्तर दें

ये चित्र मेरा हैं और इसपे मेरा कॉपीराईट हैं, ये मेरी शायरी हैं। Tariq Azeem Tanha (वार्ता) 11:37, 4 जनवरी 2018 (UTC)उत्तर दें

Tanha Poetry

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नींद गिरिया ए बाब पर आती नही अब, आ  जाए तो खवाब पर  आती नहीं अब!

गिरिया; आँख,  बाब; दरवाज़ा

सीरत को तरजीह देता हूँ सूरत को नहीं, नज़र हुस्नो-शबाब पर आती नहीं अब!

आँखे मोबाइल की तलबगार जो हैं हुई, फिर भूलके किताब पर आती नहीं अब!

इश्क में खुद का भी मैं राज़दार नहीं हूँ, फिर बात अहबाब पर आती नहीं अब!

अहबाब;दोस्त,यार

ये जाहिद की बात की तासीर हैं शायद, हँसी उसके जवाब पर आती नहीं अब!

जाहिद; ज्ञानी, तासीर;प्रभाव,

भँवर में है, या तो बहरे-सफ़र भा गया, कश्ती सरे-गरदाब पर आती नहीं अब!

बहरे-सफ़र; समंदर का सफ़र

हाथ ही कट गए उसके इश्क़ में 'तनहा', उंगलियां मिजराब पर आती नहीं अब!

मिजराब; सितार बजाने का यन्त्र जिसे उंगलियो में पकड़के सितार बजाया जाता हैं।

तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

Tariq Azeem Tanha (वार्ता) 11:34, 4 जनवरी 2018 (UTC)उत्तर दें

Tanha Shayari

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निग़ाहें-निगार सितम-सआर ही सही, निगाहें-यार से दिल फिगार ही सही!

जब ज़माना बन चूका हैं अदु हमारा, तो तेरे हाथो में भी तलवार ही सही!

मुस्कान नहीं रुख पर अब अपने यूँ, इश्क़ में दिल बेचारा बेज़ार ही सही!

तुम नहीं अब मेरे फिर ये क्या कम हैं, तेरी यादो में दिल गिरफ्तार ही सही!

'तनहा' लिखता हूँ खिलाफे-जुल्मत, मैं सबकी आँखों में यूँ खार ही सही!


तारिक़ अज़ीम 'तनहा' Tariq Azeem Tanha (वार्ता) 11:36, 4 जनवरी 2018 (UTC)उत्तर दें