ईस्ट इण्डिया कम्पनी
16वीं से 19वीं सदी की ब्रिटिश ट्रेडिंग कंपनी
(ईस्ट इंडिया कम्पनी से अनुप्रेषित)
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसम्बर 1600ईस्वी में हुई थी। इसे यदाकदा जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये 21 सालो तक की छूट दे दी। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया।[1] 1858 में इसका विलय हो गया।उसके बाद भारत मे ब्रिटिश राज का राज हो गया
इन्हें भी देखेंसंपादित करें
सन्दर्भसंपादित करें
- ↑ "East India Company sent a diplomat to Jahangir & all the Mughal Emperor cared about was beer". मूल से 24 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अगस्त 2019.
बाहरी कड़ियाँसंपादित करें
- ईस्ट इंडिया कंपनी, उसका इतिहास और परिणाम (कार्ल मार्क्स, १८५३)
- ईस्ट इंडिया कंपनी पर भी लहराया तिरंगा (स्वतन्त्र आवाज)
- भारत लौट रही है ईस्ट इंडिया कंपनी (डी दब्ल्यू वर्ड)
- सलाम कीजिए संजीव मेहता को जिन्होंने खरीदी है ईस्ट इंडिया कंपनी (हिन्दी वन इण्डिया)
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