रीवा रियासत

बघेल गढ़ार्या रियासत
(रीवा राज्य से अनुप्रेषित)

रीवा भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक रजवाड़ा था, जो वर्तमान रीवा शहर के आसपास बसा हुआ था। रीवा बघेल वंश की राजधानी थी।[1] बघेल वंश गुजरात के सोलंकी राजपूतों से निकला है जिन्हें चालुक्य भी कहा जाता है रीवा राज्य वर्तमान के मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ के इलाकों में फैला था । रीवा रियासत में वर्तमानझांसी ,ललितपुर, निवाड़ी ,टीकमगढ़ ,छतरपुर , दामोह( उत्तरी भाग ) पन्ना, सतना, चित्रकूट , बांदा, महोबा (दक्षिणी भाग) , प्रयागराज (इलाहाबाद कि दक्षिणी तहसील) ,मिर्जापुर , सोनभद्र , रीवा, सीधी, सिंगरौली, कोरिया जिला, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया , [[डिंडोरी] जिले सम्मिलित थे । जिनमे से अधिकतर रीवा राज्य के नीचे शासन करने वाले राजा राज करते थे।

रीवा के महाराजा की हाथी की सवारी (१९०३ के दिल्ली दरबार के समय)
रीवा कोठी

इन्हें अग्निकुल का वंशज माना जाता है।इतिहास में समुपलब्ध साक्ष्यों तथा भविष्यपुरांण में समुपवर्णित विवेचन कर सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय बनारस के विद्वानों के द्वारा बतौर प्रमाण यजुर्वेदसंहिता, कौटिल्यार्थशास्त्र, श्रमद्भग्वद्गीता, मनुस्मृति, ऋकसंहिता पाणिनीय अष्टाध्यायी, याज्ञवल्क्यस्मृति, महाभारत, क्षत्रियवंशावली, श्रीमद्भागवत, भविष्यपुरांण, रीवा राजवंश का सेजरा, रीवा राज्य का इतिहास, बघेल खण्ड की स्थापत्यकला, अजीत फते नायक रायसा और बघेलखण्ड का आल्हा तथा वरगाहितिप्राप्तोपाधिकानॉ परिहरवंशीक्षत्रियॉणॉ वंशकीर्तनम् नामक पुस्तक में बघेल (बाघेला,सोलांकी) तथा वरग्राही जिसे बघेली बोली में वरगाही ( बरगाही, परिहार) वंश का वर्णन किया गया है।।।

  1. "रीवा संभाग". भारत. 20 March 2020. अभिगमन तिथि 26 July 2024.