आज का आलेख
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आज का आलेख उम्मीदवार

आज का आलेख उम्मीदवार का सिम्बल
आज का आलेख उम्मीदवार का सिम्बल
यह तालिका हिन्दी विकिपीडिया में आज का आलेख बनने के लिए नामांकित उम्मीदवारों की तालिका है। निर्वाचित बनने के पहले लेख को आज का आलेख आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। अतः आप इस सूची के लेखों के आगे या वार्ता पृष्ठ पर (लेख के सुधार से संबंधित) अपने विचार या टिप्पणियाँ भी डाल सकते हैं। इससे विकी शैली के छोटे लेख बनाने में मदद मिलेगी। नए सदस्यों को सीखने का अवसर मिलेगा कि विकि के लेख कैसे होने चाहिए।

कृपया रिवॉल्वर (.32 बोर) लेख की ओर ध्यान दें। यह सारी आवश्यकतायें पूर्ण करता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप लोग इसे चुनते हैं। डॉ०'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (वार्ता) 08:16, 19 जुलाई 2013 (UTC)[उत्तर दें]

टिप्पणियाँ
  1. उद्धरणों का इस्तेमाल करें।
  2. "बहारी कड़ियाँ" अनुभाग में लिंकों के शीर्षक दें।
  3. "आग्नेय अस्त्र" क्या होता है?
  4. "इन्हें भी देखें" अनुभाग में उन विषयों के बारे में बताएँ जो लेख के विषय से सम्बंध रखते हों परन्तु उन्हें लेख में लिंक नहीं किया गया है। 'बंदूक' एक आम शब्द है, 'रिवॉल्वर' लेख का विषय ही है तथा 'भारतीय आयुध निर्माणी' को पहले से ही लेख में लिंक किया जा चुका है।

<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 14:29, 19 जुलाई 2013 (UTC)[उत्तर दें]

चूकि मैंने पहले इस लेख को अंग्रेजी विकीपीडिया के लेख का मैनुअली अनुवाद करके बनाया था अत: स्वाभाविक रूप से बाहरी कडियों मे वही सूत्र ज्यों के त्यों दे दिये थे जबकि उसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। अब मैंने उन्हें हटा दिया है। और भी कई संशोधन किये हैं। आप इसे दुबारा देख लें। धन्यवादडॉ०'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (वार्ता) 17:50, 19 जुलाई 2013 (UTC)[उत्तर दें]
क्रान्त जी, मैं आज का आलेख के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखता लेकिन नियमों के अनुसार कुछ टिप्पणियाँ दे रहा हूँ। ये टिप्पणियाँ आज का आलेख आवश्यकताएं पर दिये गये सात नियमों पर आधारित हैं:
  1. शब्दों की संख्या कम से कम २५० अवश्य हो। - (ठीक)
  2. कम से कम एक चित्र अवश्य हो। - (ठीक)
  3. कम से कम २ सन्दर्भ अवश्य हों और सन्दर्भों को उचित टैग द्वारा ठीक से लगाया गया हो। - (सुझाव)
    • कोई भी सन्दर्भ मैं मेरी संस्थान में नहीं खोल पा रहा हूँ लेकिन सर्न में मैंने ये सब खोलकर देखे हैं और सही भी हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि मैं इसे सम्पादित नहीं कर सकता। सन्दर्भ 2 और 7 समान हैं तथा इनके शीर्षक भिन्न किये गये हैं जिन्हें ठीक किया जाये। सन्दर्भ में {{cite web}} का उपयोग करें तो सुन्दरता बढ़ेगी।
  4. लेख की भाषा सरल लेकिन सटीक हो। - (ठीक)
  5. लेख में अपने विषय प्रमुख जानकारियाँ अवश्य हों। - (ठीक)
  6. विराम चिह्नों का सही प्रयोग हो। - (सुझाव)
    • इसके अलावा ज्ञानसन्दूक में India के स्थान पर भारत लिखें। लाघव चिह्न (॰) के स्थान पर डॉट (.) का उपयोग न करें, (जैसे: बोर एस. एंड डब्लू.)।
  7. लेख का ले आउट साफ़ सुथरा और सुंदर हो। - (सुझाव)
    • कुछ वर्तनी सुधार करें, यथा: माडल -> मॉडल।

उपरोक्त सुधार होने पर मैं इसका समर्थन कर दुँगा। ☆★संजीव कुमार (बातें) 18:25, 22 जुलाई 2013 (UTC)[उत्तर दें]

आपके सुझाव के अनुसार मैंने आज ही संशोधन कर दिये हैं। डॉ०'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (वार्ता) 07:46, 23 जुलाई 2013 (UTC)[उत्तर दें]
    समर्थन। नियमो के अनुसार अब यह लेखा आज का आलेख में शामील किया जा सकता है।☆★संजीव कुमार (बातें) 07:52, 23 जुलाई 2013 (UTC)[उत्तर दें]

धन्यवाद कॉम्पटन जी! डॉ०'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (वार्ता) 08:08, 24 जुलाई 2013 (UTC)[उत्तर दें]

अगस्त २०१३

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प्रबन्धक! कृपया काकोरी काण्ड लेख की ओर ध्यान दें। कल यानी ९ अगस्त २०१३ के दिन यदि इसे आज का आलेख में सम्मिलित कर सकें तो समीचीन रहेगा। धन्यवाद! डॉ०'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (वार्ता) 10:58, 8 अगस्त 2013 (UTC)[उत्तर दें]

क्रान्त जी, मुझे लगता है पृष्ठ का आकार "आज का आलेख" की अपेक्षा से कुछ बड़ा है।☆★संजीव कुमार (बातें) 13:40, 8 अगस्त 2013 (UTC)[उत्तर दें]
संजीव जी! पृष्ठ का आकार कम से कम २५० शब्दों का होना चाहिये अधिकतम शब्दों की कोई सीमा फिलहाल तय नहीं की गयी है। दूसरी बात कल यानी ९ अगस्त को इसका ऐतिहासिक महत्व है उसके बाद आप बेशक हटा दीजियेगा मुझे कोई भी एतराज नहीं होगा। डॉ०'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (वार्ता) 15:03, 8 अगस्त 2013 (UTC)[उत्तर दें]
क्रान्त जी, आपकी बात भी ठीक है लेकिन मैं तो बिल जी के सुझाव के अनुसार टिप्पणी कर रहा था। उन्होंने मुझे कुछ दिनों पूर्व इससे मिलता जुलता सुझाव दिया था। ठीक है मैं पृष्ठ को देखता हूँ और देर रात तक मेरे सुझाव लिख दुंगा।☆★संजीव कुमार (बातें) 15:55, 8 अगस्त 2013 (UTC)[उत्तर दें]

सुधालेख परियोजना के तहत सुधारे गए इस लेख को मैं सदस्यों की ओर से नामांकित करता हूँ। इससे मुखपृष्ठ की गतिशीलता भी सुनिश्चित होगी। ░▒▓शुभम कनोडिया वार्ता 06:09, 2 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

मूल्याँकन

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  • आज का आलेख में शब्दों की संख्या कम से कम २५० अवश्य हो।    
  • कम से कम एक चित्र अवश्य हो।    
  • कम से कम २ सन्दर्भ अवश्य हों और सन्दर्भों को उचित टैग द्वारा ठीक से लगाया गया हो।    
  • लेख की भाषा सरल लेकिन सटीक हो।    
  • लेख में अपने विषय प्रमुख जानकारियाँ अवश्य हों।    
  • विराम चिह्नों का सही प्रयोग हो।   
  • लेख का ले आउट साफ़ सुथरा और सुंदर हो।    

टिप्पणी- लेख की भूमिका में, खासकर कि प्रारंभिक ३-४ पंक्तियों में जिनमें कि अधिकतम मूलभूत जानकारी है, वहाँ सन्दर्भ दिए जाने चाहिएँ। --मनोज खुराना वार्ता 06:53, 2 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

  • मूल्यांकन की दृष्टि से आज का आलेख हेतु यह सर्वथा उपयुक्त पृष्ठ है। भूमिका में सन्दर्भ का इस्तेमाल ना करें। यदि संभव हो तो सन्दर्भ संख्या 5 का इस्तेमाल किसी अन्य अनुभाग में किया जाये।--माला चौबेवार्ता 07:48, 2 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
@Mala chaubey: मुझे लगता है भूमिका में आज का आलेख के लिए नामांकित पृष्ठों में सन्दर्भ हो सकते हैं लेकिन वैसे आपका कहना भी ठीक है यदि यह सन्दर्भ कहीं अन्य स्थान पर हो तो अच्छा होगा।
इसके अतिरिक्त मैं सोच रहा हूँ कि पृष्ठ में थोड़े सुधार और कर दिये जायें तो इसे निर्वाचित पृष्ठ के रूप में नामांकित करना उचित रहेगा। वैसे मुझे यहाँ भी कोई आपत्ति नहीं है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 04:31, 3 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
@संजीव कुमार:जी, मैं आपके विचारों से सहमत हूँ कि थोड़े सुधार और कर दिये जायें तो इसे निर्वाचित पृष्ठ के रूप में नामांकित किया जा सकता है, किन्तु फिलहाल इसका नामांकन आज का आलेख हेतु हुआ है। इसलिए अद्यतन कर दिया जाना चाहिए।--माला चौबेवार्ता 13:07, 5 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]
@Mala chaubey: मुझे कोई आपति नहीं है। चूँकि अभी अन्य प्रबंधक (सिद्धार्थ जी, Hunnjazal जी और आशीष जी छुटी पर हैं) अनिरुद्ध जी और बिल जी की उपस्थिति भी बहुत कम है अतः इस अवस्था में यह कार्य आप या मुझे ही (शुभम जी नामांकनकर्त्ता होने के नाते नहीं कर सकते) करना है। अतः यदि समय मिले तो इसे आज ही "आज का आलेख" में जोड़ दें। मैंने आज का आलेख में कभी अधिक रुचि नहीं ली अतः प्रक्रिया को पूर्णतया पढ़ना पड़ेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:28, 5 मई 2014 (UTC)[उत्तर दें]

वैसे मैंने तो इस लेख को न बनाया और न सुधारा पर ये लेख आज का आलेख की सारी आवश्यकताएँ पूरी करता हैं। इसलिए मैं इस लेख को आज का आलेख के लिये नामाँकित करता हूँ।पीयूष मौर्यावार्ता 03:40, 5 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]

पीयूष जी, यह एक विवादित लेख रहा है और इसे ऐसे नामांकनों से बचाकर विवाद से दूर रखा जाये तो ही अच्छा है। यहाँ नामांकन इसे पुनः विवादों में दखेल सकता है। (मेरा व्यक्तिगत विचार)☆★संजीव कुमार (✉✉) 07:04, 5 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
संजीव जी मुझे तो इसका विवादित होने के बारे में जानकारी नहीं थी, वो तो ये लेख काफी अच्छा बनाया गया था तो मैंने सोचा इसको नामाँकित कर दूँ। अगर आप को कोई आपत्ति ना हो तो क्या में इस विवाद के बारे में जान सकता हूँ?--पीयूष मौर्यावार्ता 09:17, 5 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
आप कुछ टिप्पणियाँ देख सकते हो। सभी विवाद बताना व्यक्तिगत हमले और पुराने मुर्दे उखाड़ने जैसा रहेगा अतः मैं आपके साथ पूर्ण विवाद साझा नहीं करना चाहता। वैसे आपको बता देता हूँ कि इसी विवाद के परिणामस्वरूप पृष्ठ के 336 सम्पादन हटाये जा चुके हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:25, 5 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
वैसे मुझे सारी बात तो समझ में नहीं आई पर मुझे लगता विवाद शायद हितों के टकराव था। पर मेरे ख्याल से उस विवाद वाले लेख को तो हटाया जा चुका? ये लेख तो दोबारा किसी और बनाया है जिसमें आप का, नाज़िया जी का, और किसी परिकल्पना का योगदान है। अगर फिर भी आप को लगता है इससे कोई नया विवाद शुरु हो जायेगा, तो मैं ये नामांकन वापिस लेने को तैयार हूँ--पीयूष मौर्यावार्ता 10:35, 5 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
पीयूष जी, मुझे ऐसा लगता है। पुनः बने हुये लेख की शुरुआत मैंने ही की थी। वो आई॰पी॰ पता उस समय मेरा ही था। लेकिन उस लेख में पहले भी मुझे नहीं लगता कोई विवादित सामग्री थी अतः अब भी लेख पर विवाद होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है ऐसा मुझे लगता है अतः इस विवाद की सम्भावना से दूर रहा जाये उतना ही अच्छा है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 11:30, 5 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
रवीन्द्र प्रभात जी के मैंने कई साक्षात्कार लिए हैं. उनके बारे में तथा उनकी साहित्यिक विशेषताओं के बारे में खूब जानती हूँ. उनकी ब्लॉग आलोचना की प्रवृति पर जागृति शर्मा ने शोध प्रबंध प्रस्तुत किया है. मैं भी आजकल उनके ग़ज़लों में मानवीय मूल्यों की झलक विषय पर पी एच डी कर रही हूँ.उनकी ग़ज़लों की पहली पुस्तक हमसफ़र का उर्दू में तर्जुमा भी मैं कर रही हूँ. जब विकिपीडिया पर आई तो रवीन्द्र प्रभात जी के अधूरे लेख देखकर मैंने काफी संपादन किया है. लेकिन मैं नहीं जानती कि पुराना विवाद क्या है? और न आज के आलेख में लेख की क्या क्राइटेरिया होनी चाहिए यह भी नहीं जानती. संजीव जी प्रबंधक हैं और वे इस लेख को आज का आलेख के लिए उपयुक्त नही मानते तो वाद-विवाद करने से क्या फ़ायदा?Naziah rizvi (वार्ता) 16:15, 5 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
नाज़िया जी, मैं यह नहीं कह रहा कि लेख में पहले सामग्री विवादित थी। पहले भी लेख में सामान्य सामग्री ही थी। केवल कुछ सदस्यों का आपसी मनमुटाव हो गया था। मैं नहीं चाहता कि मुखपृष्ठ पर इसे देखकर अन्य सदस्य पुनः मनमुटाव करने लगें। अन्य प्रबन्धक यदि इस लेख को "आज का आलेख" के लिए उपयुक्त समझें तो ऐसा कर सकते हैं मुझे कोई आपति नहीं है, लेकिन मैं यह कार्य नहीं करना चाहता क्योंकि मैं इस तरह से एक नये विवाद को जन्म नहीं देना चाहता।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:27, 5 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
इस लेख की एक अन्य चर्चा आप यहाँ देख सकते हो। उस चर्चा के बाद लेख को रखा गया था और उसके बाद के विवाद ने पृष्ठ को हटवा दिया था अतः आप विवाद का स्तर समझ सकते हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:31, 5 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
ऊपर के समस्त विवाद आदि से हटकर मैं अपना निष्पक्ष मत प्रस्तुत करना चाहता हूँ। मैं साहित्य आदि के क्षेत्र का कोई ज्यादा बड़ा जानकार नहीं हूँ अतः मेरी राय को एक आम आदमी की राय की तरह देखा जा सकता है। एक दो दिन पहले आज का आलेख में "भारतेन्दु हरीशचंद्र" जी का लेख मुखपृष्ठ पर प्रदर्शित हुआ था। मेरे जैसा साहित्य में विशेष रुचि ना रखने वाला एक आम आदमी भी उनके नाम से वाकिफ है। मुखपृष्ठ पर प्रदर्शन हेतु मेरे विचार से अति-उल्लेखनीय विषय हों तो ज्यादा अच्छा है। प्रभात जी का नाम मैंने विकिपीडिया से पहले नहीं सुना था, अपने उदाहरण से मैं अनुमान लगा सकता हूँ कि यह विषय अधिक पाठकों की रुचि जागृत करने वाला शायद ना हो। आधुनिक साहित्यकारों में भी कई और नाम हैं जो अधिक प्रसिद्ध तथा अधिक पाठकों की रुचि जागृत करने वाले हैं जैसे खुशवंत सिंह, चेतन भगत, अमृता प्रीतम आदि। अतः इस कारण से मैं इस लेख को मुखपृष्ठ पर स्थान देने हेतु अभी उचित नहीं समझता। --मनोज खुराना वार्ता 05:09, 6 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
संजीव जी,

आपके द्वारा दिए गए लिंक को मैंने देखा ही नहीं, बल्कि उसकी रिवियु भी की है और मैं इस निष्कर्ष पर पहुंची हूँ कि इस लेख में सामग्री न तो पहले विवादित थी और न अब है. विवाद केवल मानसिकता का है. टांग खींचने की प्रवृति वाली एशियाई मानसिकता में यह जगजाहिर है. आपने सही कहा कि पुराने लेख में केवल कुछ सदस्यों के आपसी मनमुटाव सामने आये हैं. माला जी ने शायद पक्षपात से बचने के लिए अपने आप को इस पृष्ठ के संपादन से अलग कर लिया हो मैं नहीं जानती, लेकिन अगर नए लेख का अवलोकन करें तो यह साफ़ हो जाता है कि इस लेख को आपने बनाया है और मैंने संपादन किया है. न तो आप रवीन्द्र जी के रिश्तेदार हैं और न मैं और न पियूष जी. फिर नियमानुकूल बात क्यों नहीं की जा रही है?

  • आज का आलेख में शब्दों की संख्या कम से कम २५० अवश्य हो।    
  • कम से कम एक चित्र अवश्य हो।    
  • कम से कम २ सन्दर्भ अवश्य हों और सन्दर्भों को उचित टैग द्वारा ठीक से लगाया गया हो।    
  • लेख की भाषा सरल लेकिन सटीक हो।    
  • लेख में अपने विषय प्रमुख जानकारियाँ अवश्य हों।    
  • विराम चिह्नों का सही प्रयोग हो।   
  • लेख का ले आउट साफ़ सुथरा और सुंदर हो।    

मनोज खुराना जी ने कहा कि प्रभात जी का नाम मैंने विकिपीडिया से पहले नहीं सुना था। मुझे हंसी आती है ऐसी बातें सुनकर। विकिपीडिया पर व्यक्ति नहीं बोलता है,सन्दर्भ बोलते हैं। रही विषय की उल्लेख्नियता की बात तो क्या यह कम है कि उनकी किताबें वैश्विक पुस्तक सूची में शुमार है। उन्होंने हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास लिखा है और ऐसा करने वाले वे एक मात्र भारतीय हैं। उन्होंने हिन्दी ब्लॉगिंग की पहली मुल्यान्कनपरक पुस्तक का संपादन किया है। उन्होंने समकालीन नेपाली साहित्य का संपादन किया है जिसके लिए उन्हें नेपाल की साहित्य अकादमी कहे जाने वाली नेपाल की शीर्ष राजकीय संस्था नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान ने प्रशंसित और सम्मानित किया है। उनके ऊपर लेख अंग्रेजी सहित विश्व की चार दर्जन से ज्यादा भाषाओं की विकी पर है। आप पंजाब के हो शायद, इसीलिए खुशवंत सिंह, चेतन भगत और अमृता प्रीतम के अलावा अन्य साहित्यकार को नहीं जानते।

इस लेख को क्या इसीलिए आज का आलेख में शामिल नहीं किया जा सकता, क्योंकि कुछ सदस्य लेखक को नहीं जानते। या फिर इसलिए शामिल नहीं किया जा सकता, क्योंकि पुराने लेख में कुछ सदस्यों के आपसी मनमुटाव सामने आये थे? अगर यही कारण है तो आज का आलेख के नियमावली का क्या मतलब है? पहले नियमावली बदलिए फिर बात कीजिये।Naziah rizvi (वार्ता) 17:01, 6 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]

@Naziah rizvi: मैंने लेख की सामग्री को कभी विवादित नहीं कहा। ना ही इसे हटाने से पहले की सामग्री को विवादित कहा।
मनोज जी की बात पर आपको हंसी आये ये भी आपके लिए मुमकीन हो सकता है लेकिन मेरा हाल भी मनोज जी जैसा ही है। आप यहाँ ये भूल रही हैं कि मनोज जी वाणिज्य से सम्बंधित जानकारी रखते हैं अतः यह उनके लिए सम्भव है। मैं विज्ञान से सम्बंधित विषयों की जानकारी रखता हूँ और बहुत से वैज्ञानिकों को व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ। क्या आप ५ से अधिक भारतीय (जीवित) वैज्ञानिकों के नाम बता सकती हैं शायद नहीं। क्योंकि आपका वो क्षेत्र नहीं है।
अब रही बात आज का आलेख की। तो मैं आपको यही समझाने का प्रयास कर रहा हूँ कि मुझे इसमें कोई आपति नहीं है और न ही मैं इसका समर्थन कर रहा हूँ। यदि अन्य कोई प्रबन्धक इसमें जैसा उचित समझे अपना फैसला ले सकता है। मैं इसमें अपनी तरफ से कुछ नहीं कहूँगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 18:24, 6 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
@संजीव कुमार: जी, यही बात मैं लगातार समझाने की कोशिश कर रही हूँ, कि विवाद का नहीं संवाद का हिस्सा बना जाए। विकिनितियों से बाहर जाकर बातें न किया जाए।Naziah rizvi (वार्ता) 02:51, 7 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]
@Naziah rizvi: कई बार संवाद ही विवाद का रूप ले लेता है और मैं उस विवाद से बचना चाहता हूँ जो संवाद के कारण बने।☆★संजीव कुमार (✉✉) 07:02, 7 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]

वही पुरानी कहानी कि न तो मैंने इस लेख को बनाया है और न सुधारा पर ये लेख आज का आलेख की सारी आवश्यकताएँ पूरी करता हैं इसलिए मैं इस लेख को आज का आलेख के लिये नामाँकित करता हूँ।--पीयूष मौर्यावार्ता 08:17, 7 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]

उम्मीद है इसपर तो कोई विवाद नहीं हुआ था और न होगा।--पीयूष मौर्यावार्ता 15:25, 7 जून 2014 (UTC)[उत्तर दें]

जुलाई २०१५

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काफी अच्छा लेख है, उम्मीद है जल्द मुखपृष्ठ पर दिखेगा। चंद्र शेखर/Shekhar 10:48, 4 जुलाई 2015 (UTC)[उत्तर दें]

अगस्त २०१५

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@Manojkhurana, संजीव कुमार, हिंदुस्थान वासी, और Mala chaubey: जी, कृप्या इस पृष्ठ को परखें व मुखपृष्ठ पर जगह दें। वहाँ कई दिनों से कुछ ही लेख रिपीट हो रहे हैं। --चंद्र शेखर/Shekhar 16:21, 4 अगस्त 2015 (UTC)[उत्तर दें]

  1. एक बार फिर आप @Manojkhurana, संजीव कुमार, हिंदुस्थान वासी, Mala chaubey, सत्यम् मिश्र, और अनुनाद सिंह: प्रबंधकों का इस तरफ ध्यान दिलाना चाहूँगा। --चंद्र शेखर/Shekhar 12:28, 11 सितंबर 2015 (UTC)[उत्तर दें]