विकिपीडिया:आज का आलेख उम्मीदवार

आज का आलेख
आज का आलेख आवश्यकताएं (वार्ता) आज का आलेख उम्मीदवार (वार्ता) मुखपृष्ठ में आज का आलेख (वार्ता)

आज का आलेख उम्मीदवार

आज का आलेख उम्मीदवार का सिम्बल
आज का आलेख उम्मीदवार का सिम्बल
यह तालिका हिन्दी विकिपीडिया में आज का आलेख बनने के लिए नामांकित उम्मीदवारों की तालिका है। निर्वाचित बनने के पहले लेख को आज का आलेख आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। अतः आप इस सूची के लेखों के आगे या वार्ता पृष्ठ पर (लेख के सुधार से संबंधित) अपने विचार या टिप्पणियाँ भी डाल सकते हैं। इससे विकी शैली के छोटे लेख बनाने में मदद मिलेगी। नए सदस्यों को सीखने का अवसर मिलेगा कि विकि के लेख कैसे होने चाहिए।

|

मई २०१७

@चक्रपाणी, संजीव कुमार, हिंदुस्थान वासी, और Mala chaubey:नमस्ते मेरा निवेदन है कि पृष्ठ समीक्षा करें व इसे मुखपृष्ठ पर जगह दे।अंकित3003 (वार्ता) 12:21, 23 मई 2017 (UTC)[उत्तर दें]

  • प्रारंभिक मूल्यांकन
  • आज का आलेख में शब्दों की संख्या कम से कम २५० अवश्य हो।YesY
  • कम से कम एक चित्र अवश्य हो।YesY
  • कम से कम २ संदर्भ अवश्य हों YesY और संदर्भों को उचित टैग द्वारा ठीक से लगाया गया हो। NoN

(केवल 3 संदर्भ दिए गए हैं और उनमें से 2 इंग्लिश में हैं व 1 बिना टाइटल के)

  • लेख की भाषा सरल लेकिन सटीक हो।NoN

(भाषा पुरानी प्रतीत होती है साथ ही भाषागत अपडेट की आवश्यकता, एंड्रॉइड शब्द अनेक प्रकार से लिखा गया है एक समान होना चाहिए)

  • लेख में अपने विषय प्रमुख जानकारियाँ अवश्य हों।NoN

(लेख में अतिसीमित जानकारी ही है हालांकि इस बिंदु को नज़रंदाज़ किया जा सकता है, अर्थात आज के आलेख के लायक काफी है पर पूरे पेज की सामग्री में अपडेट आवश्यक)

  • विराम चिह्नों का सही प्रयोग हो।NoN

(कुछ स्थानों पर विराम "।" की जगह पाइप "|" का प्रयोग किया गया है, सुधार करें)

  • लेख का ले आउट साफ़ सुथरा और सुंदर हो।YesY

(लेआउट सही है पर सामग्री बिखरी हुई प्रतीत होती है क्रमबद्धता नहीं है (सुझाव))

@Ankitsharma3003: प्रारंभिक मूल्यांकन से बाद आप देख सकते हैं कि लेख किन आवश्यकताओं पर खरा उतरता है उनपर राइट का निशान लगा दिया गया है व बाकी पर रॉन्ग का। रॉन्ग वाले बिंदुओं को लेख में सुधारें। उदाहरण के किये आप किसी एक चयनित आज के आलेख को देख सकते हैं। आज के आलेख में यह मेरा पहला मूल्यांकन है अतः यहां पर सक्रीय सदस्यों @संजीव कुमार और Anamdas: से आग्रह कि वे भी देख लें। अंकित जी अगर कुछ समझ न आये तो बेझिझक प्रश्न करें, ये सुधार मेरे द्वारा व अन्य सदस्यों द्वारा भी किये जा सकते हैं पर आपके अनुभव की वृद्धि हेतु आपके स्वयं के द्वारा इन सुधारों को करने की आशा की जाती है।--- चक्रपाणी  वार्ता  18:02, 23 मई 2017 (UTC)[उत्तर दें]

@संजीव कुमार, Anamdas, चक्रपाणी, हिंदुस्थान वासी, और Mala chaubey: नमस्ते, मैंने लेख को सुधार लिया है। आप सभी कृपया लेख की समीक्षा कर ले। धन्यवाद।अंकित3003 (वार्ता) 10:42, 24 मई 2017 (UTC)[उत्तर दें]

@संजीव कुमार, Anamdas, चक्रपाणी, हिंदुस्थान वासी, और Mala chaubey: नमस्ते मैंने आपके कहे अनुसार सारे परिवर्तन कर दिए हैं। कृपया आप समीक्षा कर ले। धन्यवाद।अंकित3003 (वार्ता) 10:39, 25 मई 2017 (UTC)[उत्तर दें]

@Ankitsharma3003: एंड्रॉइड पेज के वार्ता पृष्ठ पर आगे के निर्देश लिखे गए हैं। --- चक्रपाणी  वार्ता  11:30, 26 मई 2017 (UTC)[उत्तर दें]
@Ankitsharma3003: जी,
एंड्रॉइड लेख में आलेख अर्हक पर्याप्त सुधार किये गए हैं, एवं आलेख हेतु तैया कर दिया गया है। यहां ये ध्यान योग्य है कि आलेख की तुलना/समीक्षा/तैयारी निर्वाचित लेख के समकक्ष नहीं की जाती वरन उससे कहीं हल्की होती है। कोई बदलाव/समीक्षा हो तो कृपया बतायें अन्यथा लेख १ जून से प्रकाशित हो जायेगा।-आशीष भटनागरवार्ता 02:04, 27 मई 2017 (UTC)[उत्तर दें]
@आशीष भटनागर: जी, आपके द्वारा लेख में किए गए सुधार व उस उन्नत बनाने हेतु आपका बहुत बहुत​ धन्यवाद। आप इसे १ जून को प्रकाशित कर दीजिए।अंकित3003 (वार्ता) 02:17, 27 मई 2017 (UTC)[उत्तर दें]
यह लेख १ जून केलिये आलेख साँचे में सेट हो चुका है। अतः यह स्वतः ही मुखपृठ पर दिखाई देगा।--आशीष भटनागरवार्ता 15:13, 27 मई 2017 (UTC)[उत्तर दें]

आगे के लिये सुझाव

 
भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 व्हीकल एसेम्बली बिल्डिग से बाहर निकलते हुए।
भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लाँच वहीकल मार्क 3, या जीएसएलवी मार्क 3, या जीएसएलवी-3),जिसे लॉन्च वाहन मार्क 3 (LVM 3) भी कहा जाता है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित एक प्रक्षेपण वाहन (रॉकेट) है। इसे भू-स्थिर कक्षा में उपग्रहों और भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रक्षेपित करने के लिये विकसित किया गया है। जीएसएलवी-III में एक भारतीय तुषारजनिक रॉकेट इंजन की तीसरे चरण की सुविधा के अलावा वर्तमान भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यानों की तुलना में अधिक पेलोड(भार) ले जाने क्षमता भी है। जीएसएलवी-III का विकास 2000 के दशक में शुरू हुआ। और 2009-2010 में प्रक्षेपण के लिए योजना बनाई गयी लेकिन कई कारकों के कारण कार्यक्रम में देरी हुई जिसमे 2010 में हुए भारतीय क्रायोजेनिक इंजन की विफलता भी शामिल है।  विस्तार में...
अपेक्षित

जुलाई के प्रत्याशी

 
एन्ड्रॉयड का प्रतीक चिह्न
एन्ड्रॉयड गूगल द्वारा विकसित एक मुक्त स्रोत (ओपन सोर्स) मोबाइल प्रचालन तन्त्र है जो लिनक्स पर आधारित है। एन्ड्रॉयड का विकास मुख्य रूप से स्पर्श पटल (टच स्क्रीन) मोबाइल के लिये किया गया था जिसे प्रायः स्मार्टफोन भी कहा जाता है, किन्तु इसका प्रयोग टेबलेट कंप्यूटर में भी किया जाता है और अब कार, टीवी, कलाई घड़ियों, नोटबुक, गेमिंग कन्सोल, डिजिटल कैमरा, आदि में भी एन्ड्रॉयड (ओएस) का उपयोग हो रहा है। इस प्रचालन तन्त्र में सब कुछ स्पर्श आधारित है जैसे वर्चुअल की–बोर्ड, स्वाइपिंग, टैपिंग, पिंचिंग इत्यादि जो दैनिक प्रयोग की भंगिमाओं से काफ़ी मिलते जुलते हैं। इसमें में मोबाइल गेम, कैमरा आदि अनेक सुविधाएँ उपलब्ध हैं जिनके कारण एन्ड्रॉयड वर्तमान समय में सर्वाधिक उपयोग होने वाला प्रचालन तन्त्र बन गया है। एन्ड्रॉयड तन्त्र के सोर्स कोड को गूगल ने मुक्त स्रोत लाइसेन्स के अन्तर्गत रिलीज़ किया था किन्तु अधिकांश एन्ड्रॉयड आधारित युक्तियाँ(डिवाइसेज़) निःशुल्क, मुक्त एवं स्वामित्व सॉफ़्टवेयर सामग्री के संयोजन में आती हैं।

 विस्तार में...

अगस्त

 
भोजेश्वर मन्दिर

भोजेश्वर मन्दिर (जिसे भोजपुर मन्दिर भी कहते हैं) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग ३० किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर नामक गांव में बना एक मन्दिर है। यह मन्दिर बेतवा नदी के तट पर विन्ध्य पर्वतमालाओं के मध्य एक पहाड़ी पर स्थित है। मन्दिर का निर्माण एवं इसके शिवलिंग की स्थापना धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज (१०१० - १०५३ ई॰) ने करवायी थी। इसी कारण से इसे उनके नाम पर ही भोजपुर मन्दिर या भोजेश्वर मन्दिर भी कहा जाता है, हालाँकि कुछ किंवदंतियों के अनुसार इस स्थल के मूल मन्दिर की स्थापना पाँडवों द्वारा की गई मानी जाती है। इसे "उत्तर भारत का सोमनाथ" भी कहा जाता है। यहाँ के शिलालेखों से ११वीं शताब्दी के हिन्दू मन्दिर निर्माण की स्थापत्य कला का ज्ञान होता है व पता चलता है कि गुम्बद का प्रयोग भारत में इस्लाम के आगमन से पूर्व भी होता रहा था। इस अपूर्ण मन्दिर की वृहत कार्य योजना को निकटवर्ती पाषाण शिलाओं पर उकेरा गया है। इन मानचित्र आरेखों के अनुसार यहाँ एक वृहत मन्दिर परिसर बनाने की योजना थी, जिसमें ढेरों अन्य मन्दिर भी बनाये जाने थे। इसके सफ़लतापूर्वक सम्पन्न हो जाने पर ये मन्दिर परिसर भारत के सबसे बड़े मन्दिर परिसरों में से एक होता। इस मंदिर का शिवलिंग भारत के मन्दिरों में सबसे ऊँचा एवं विशालतम शिवलिंग है। इस मन्दिर का प्रवेशद्वार भी किसी हिन्दू भवन के दरवाजों में सबसे बड़ा है।  विस्तार में...

सितम्बर

प्रस्ताव: जनार्दन प्रसाद झा 'द्विज': --आशीष भटनागरवार्ता 23:32, 11 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]

 
जनार्दन प्रसाद झा 'द्विज'
जनार्दन प्रसाद झा 'द्विज' (१९०४ - ५ मई १९६४) हिन्दी कवि, कथाकार तथा शिक्षक थे। ये कहानी लेखकों की अगली पंक्ति में थे व इनकी गणना हिन्दी के छायावाद काल के भावुक कवियों में की जाती है। विद्यार्थी जीवन में ही इन्होंने कहानी और पद्यरचना आरंभ कर दी थी जब कि ये विद्यालय के एक आदर्श छात्र थे। स्वभाव में गंभीर, प्रकृत्या शांत, प्रत्युत्पन्नमति, हँसमुख व्यक्ति थे जिन्होंने सदा सरल जीवन ही जिया। ये प्रतिभाशाली विचारक, निर्भय आलोचक, एवं स्पष्ट वक्ता थे तथा उन्होंनें हिंदीहित को अपने जीवन में सर्वोपरि रखा। श्री जनार्दन प्रसाद झा का जन्म बिहार राज्य के भागलपुर जिलांर्तगत रामपुर डीह नामक ग्राम में १९०५ में हुआ था। इनके पिता पं॰ उचित लाला झा माध्यमिक स्कूल में अध्यापक थे। द्विज जी की प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव में हुई। गांधी जी के राष्ट्रीय आंदोलन से प्रभावित होकर झा जी शिक्षा के लिए काशी चले आए। महामना मालवीय जी की प्रेरणा तथा पं॰ रामनारायण मिश्र के संपर्क में आकर सेंट्रल हिंदू स्कूल से प्रथम श्रेणी में ऐडमिशन परीक्षा में उत्तीर्ण हुए और हिंदू विश्वविद्यालय में प्रविष्ट हुए। यहीं से उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी से प्रथम श्रेणी में कला स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।  विस्तार में...

अक्तूबर

प्रस्ताव: हाइड्रोजन: -- अंकित3003 (वार्ता) 12:28, 12 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]

@आशीष भटनागर, संजीव कुमार, और चक्रपाणी:मैंने लेख हाइड्रोजन में कुछ वर्तनी संबंधी सुधार किए हैं। मैं इस लेख को आज के आलेख(अक्टूबर) हेतु नामित करता हूं।

    अक्तूबर माह हेतु चुना गया (कोई आपत्ति न आने की स्थिति में)।--आशीष भटनागरवार्ता 00:28, 20 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]

 
हाईड्रोजन का अणु
हाइड्रोजन एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है। प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमान कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है। द्रव हाइड्रोजन - 253° से. पर उबलता है और ठोस हाइड्रोजन - 258 सें. पर पिघलता है। विस्तार में...

नवम्बर

प्रस्ताव: प्रोटीन: -- अंकित3003 (वार्ता) 03:52, 13 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]

@आशीष भटनागर, संजीव कुमार, और चक्रपाणी: मैं लेख प्रोटीन को आज के आलेख(नवंबर) हेतु नामित करता हूं।
    लेख पहले ही आलेख स्तंभ में आ चुका है। अतः पुनर्निर्वाचन की आवश्यकता नहीं। नया लेख सुझायें।--आशीष भटनागरवार्ता 07:44, 14 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]
प्रस्ताव
पुष्पक विमान --आशीष भटनागरवार्ता 05:26, 15 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]
 
श्रीराम, सीता एवं अन्य सहित पुष्पक विमान पर आरूढ
पुष्पकविमान हिन्दू पौराणिक महाकाव्य रामायण में वर्णित वायु-वाहन था। इसमें लंका का राजा रावण आवागमन किया करता था। इसी विमान का उल्लेख सीता हरण प्रकरण में भी मिलता है। रामायण के अनुसार राम-रावण युद्ध के बाद श्रीराम, सीता, लक्ष्मण तथा लंका के नवघोषित राजा विभीषण तथा अन्य बहुत लोगों सहित लंका से अयोध्या आये थे। यह विमान मूलतः धन के देवता, कुबेर के पास हुआ करता था, किन्तु रावण ने अपने इस छोटे भ्राता से बलपूर्वक उसकी नगरी सुवर्णमण्डित लंकापुरी तथा इसे छीन लिया था। अन्य ग्रन्थों में उल्लेख अनुसार पुष्पक विमान का प्रारुप एवं निर्माण विधि अंगिरा ऋषि द्वारा एवं इसका निर्माण एवं साज-सज्जा देव-शिल्पी विश्वकर्मा द्वारा की गयी थी। भारत के प्राचीन हिन्दू ग्रन्थों में लगभग दस हजार वर्ष पूर्व विमानों एवं युद्धों में तथा उनके प्रयोग का विस्तृत वर्णन दिया है। इसमें बहुतायत में रावण के पुष्पक विमान का उल्लेख मिलता है। विस्तार में...

दिसम्बर

प्रस्ताव: अरविंद केजरीवाल: -- अंकित3003 (वार्ता) 07:53, 15 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]

@आशीष भटनागर, संजीव कुमार, और चक्रपाणी: मैं लेख अरविंद केजरीवाल को आज के आलेख(दिसंबर) हेतु नामित करता हूं।

    दिसंबर माह हेतु चुना गया (कोई आपत्ति न आने की स्थिति में)--आशीष भटनागरवार्ता 00:27, 20 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]

 
अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल (जन्म: १६ अगस्त १९६८) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। अपने पहले कार्यकाल के दौरान वह २८ दिसम्बर २०१३ से १४ फ़रवरी २०१४ तक इस पद पर रहे। इससे पहले वो एक सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं और सरकारी कामकाज़ में अधिक पारदर्शिता लाने के लिये संघर्ष किया। भारत में सूचना अधिकार अर्थात सूचना कानून (सूका) के आन्दोलन को जमीनी स्तर पर सक्रिय बनाने, सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने और सबसे गरीब नागरिकों को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये सशक्त बनाने हेतु उन्हें वर्ष २००६ में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के नाम से एक नये राजनीतिक दल की स्थापना की।  विस्तार में...


30 दिसम्बर

प्रस्ताव: सद्दाम हुसैन: -- जे. अंसारी वार्ता -- 11:28, 28 दिसम्बर 2017 (UTC)[उत्तर दें]

@आशीष भटनागर, संजीव कुमार, और चक्रपाणी: मैं लेख सद्दाम हुसैन को आज के आलेख(30 दिसंबर) हेतु नामित करता हूं।
 
सफ़ेद बारादरी, कैसरबाग, लखनऊ
सफ़ेद बारादरी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कैसरबाग मोहल्ले में स्थित एक श्वेत संगमर्मर निर्मित महल है जिसका निर्माण अवध के तत्कालीन नवाब वाजिद अली शाह ने मातमपुर्सी के महल के रूप में १८४५ में करवाया था और इसका नाम कस्र-उल-अजा रखा था। इसे इमाम हुसैन के लिये अजादारी अर्थात मातमपुर्सी हेतु इमामबाडा रूप में करवाय़ा था। कुछ अन्य सूत्रों के अनुसार नवाब ने इसका निर्माण १८४८ में आरम्भ करवाया था जो १८५० में पूरा हुआ। इनके अनुसार इसको मुख्यतः नवाब वाजिद अली शाह के हरम में रहने वाली महिलाओं के लिए करवाया गया था। नवाब वाजिद अली शाह के समय के इतिहासकारों के अनुसार सैयद मेहदी हसन ने ईराक के कर्बला से लौटते हुए एक जरीह (हजरत हुसैन के मकबरे से उनकी एक निशानी) लेते आये थे जो पवित्र खाक-ए-शिफ़ा (हजरत हुसैन की शहादत की भूमि की मिट्टी) से बनी थी। मान्यतानुसार इस जरीह में चिकित्सकीय गुण थे, जिनके कारण इसे कर्बना दायनात-उद-दौला में रखा गया था। जब नवाब साहब को इस शिफ़ा का ज्ञान हुआ तो वे अपने सामन्तों सहित काले वस्त्रों में हजरत हुसैन का मातम करने गये थे। कालान्तर में नवाब वाजिद अली ने अपने सामन्तों को आदेश दिया कि इस जरीह को शाही जलूस के साथ सफ़ेद बारादरी लाया जाए और वहीं सहेज कर रखा जाए जिससे वहां मातम मनाया जा सके। विस्तार में...

२०१८ के सुझाव व प्रत्याशी

कृपया वर्ष २०१८ हेतु यहाँ सुझाव दें।

अप्रैल

प्रस्तावित लेख : बाहुबली - जैन (वार्ता) 13:07, 11 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

२०१९ के सुझाव व प्रत्याशी

प्रस्ताव: लॉर्ड वोल्डेमॉर्ट

@संजीव कुमार, अनिरुद्ध कुमार, SM7, अजीत कुमार तिवारी, और हिंदुस्थान वासी:--Prongs31 14:43, 22 फ़रवरी 2019 (UTC)[उत्तर दें]