विकिपीडिया:निर्वाचित लेख उम्मीदवार/पुरालेख १

(प्रस्तावक: वुल्फ़वार्ता १४:५८, २५ जून २००७ (UTC))

With a bit of tweaking, getting the red links blue, this article is ready for July the first. But I thought we could do something about the long जीवन section. Maybe, instead of using the subheading 3 for all the small sections, we could use the subheading 2 (==2==) as used on the the English version. What do you all think?

Since nobody has replied for almost two months, I am nominating this article to featured status, and am replacing महादेवी वर्मा to सत्यजित राय on the front page.--वुल्फ़वार्ता ०८:२५, १ अगस्त २००७ (UTC)
I support your action. --मितुल २१:२८, १ अगस्त २००७ (UTC)
(प्रस्तावक: मितुल २१:२८, १ अगस्त २००७ (UTC))
इस लेख पर काफी अच्छा काम हो चुका है। इसे हमे निर्वाचित लेख बना देना चाहिए। कृपया अपनी टिप्पणी दे। -मितुल १८:०७, २८ अगस्त २००७ (UTC)
Very good work, quite a bit more complete than the English version in fact. Keep up the good work. The thing I see that jumps out right away is the short paragraphs. Anything less than three sentences isn't a fully developed idea and should either be expanded, merged with related material, or removed because it isn't important enough to justify the space. Also a couple of the images need appropriate free licenses or they need to be replaced. The first one is fine, but should carry the GFDL release of the original author. The second one has no info, the third has some sort of PD template, but it doesn't exist, so I don't know what that is, and the last one is fine. - टैक्सवाला ०२:५९, २९ अगस्त २००७ (UTC)
मुझे लगता है कि लेख संपूर्ण है। और इसे निर्वाचित लेख बना देना चाहिए। --मितुल १९:०३, ३ जनवरी २००८ (UTC)
अब मैं भी। मुझे बहुत अच्छा लगता है। - टैक्सवाला १६:१८, ६ जनवरी २००८ (UTC)
लेख को निर्वाचित लेख बनाया गया। --मितुल ०५:१७, ७ जनवरी २००८ (UTC)


(प्रस्तावक: --पूर्णिमा वर्मन ०९:१०, ५ मार्च २००८ (UTC) )
इस लेख पर काफी काम हो चुका है। इसे निर्वाचित लेख बनाने में अब क्या कमी है इस विषय में कृपया अपनी टिप्पणी दे।
बहुत सुन्दर लेख निर्माण हैं । निर्वाचित लेख बनाने में मै अपना समर्थन देता हूँ । होली मिलन समारोह पर भी टिप्पणी हो तो और मजा आ जाऐ ।--राजीवमास १०:३९, ५ मार्च २००८ (UTC)
लेख निश्चित रूप से बहुत सुन्दर है। बहुत अच्छी भाषा में लिखा गया है और होली का संपूर्ण वृत्तांत दिया गया है। पूर्णिमाजी ने एक और कमाल का लेख लिख डाला है। गुझियों के बारे में पढ़कर मुंह में पानी आ गया, तो भरभोलियों का नाम सुनकर जैसे होलिका का दृश्य सामने आ गया। मेरे कुछ छोटे सुझाव हैं लेख को और निखारने के लिए-
  1. लेख के विभिन्न भागों को थोड़ा और विशिष्ट बनाने की ज़रूरत है। कुछ सामग्री दो या तीन बार प्रस्तुत हुई है, जैसे होली नववर्ष का पहला दिन है, यह दो अलग अलग जगह पर लिखा गया है, इतिहास में और परंपराएँ में। इसी तरह कुछ सामग्री किसी अन्य भाग में ज्यादा उचित रहेगी - जैसे परंपराएँ के पहले कुछ वाक्य इतिहास भाग में उचित रहेंगे, और उत्सव के पहले दो-तीन वाक्य परंपराएँ भाग में। मैं इस शनिवार-रविवार को कुछ बदलाव करने की कोशिश करूंगा, यदि उचित ना लगें, तो वापिस बदल दें।
  2. इतिहास भाग में बहुत कुछ और कड़ियाँ बनाई जा सकती हैं, जरूरी नहीं सब अभी नीली की जाएँ।
  3. उत्सव भाग को विशेष या विशिष्ट उत्सव कहें तो बेहतर रहेगा, इसमें होली के विशिष्ट रूपों का ही मुख्यतः वर्णन है।
  4. लेख का अंत कुछ नकारात्मक लग रहा है। इसे किसी तरह से बदल कर सकारात्मक बनाया जा सकता है?
  5. जोधा अकबर फिल्म में होली का दृश्य तो मुझे याद नहीं आ रहा है, हालांकि फिल्म इतनी लम्बी थी कि हो सकता है मुझे नींद आ गई हो।
  6. महाराष्ट्र में दही-हांडी खेल के आयोजन का भी वर्णन किया जा सकता है। -- दाढ़ीकेश ०३:२४, ६ मार्च २००८ (UTC)
Support point (4). The last paragraph looks personal opinion rather than encyclopaedic material. Otherwise the article is well-written- the language is simple and crisp. Maquahuitl ०९:४९, ६ मार्च २००८ (UTC)
इसके अलावा इस पृष्ठ पर वे "उम्मीदवार" जो बहुत पहले ही निर्वाचित लेख बन चुके हैं, को हटाया जाए | Maquahuitl ०९:५१, ६ मार्च २००८ (UTC)
हाँ अब देर किस बात की बना दिया जाय इस कड़े लगन के परिणाम कोइस माह का निर्वाचित लेख । --अमित प्रभाकर १४:५९, ६ मार्च २००८ (UTC)
अंतिम अनुच्छेद को कुछ ठीक करने की कोशिश की है पर हटाया जा सकता है। दही हाँडी वाली परंपरा मुझे लगता है कि जन्माष्टमी से सबंधित है, होली से नहीं। फिर भी मैं पता करती हूँ। --पूर्णिमा वर्मन १४:२६, ६ मार्च २००८ (UTC)
We can talk about Holi in Films also


Nicely Written.. A lot of hard work. A few small suggestions though:

Lead Section:

१. दूसरे दिन, जिसे धुरड्डी, धुलेंडी या धूलिवंदन कहा जाता है, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं। ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं, और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। The second sentence seems in-complete. Wouldn’t it be more complete if its in conjuction with the first sentence (a comma instead of a dividing full stop) or with a small tweak in start of the second sentence like “Is din dhol baja kar holi ke geet... “.

2. [१] वर्ष 2008 में होलिका दहन 21 मार्च और धुलेंडी 22 मार्च को है। This information is already available in the side section which also contains the date for year 2007. I think this may not be needed here. Secondly, I’m finding it hard to relate the link [1]( which points to the HTML page “Colors of India”) with given sentence. I think we should use it somewhere with word Holi (or some better place). Also, the Wiki guideline suggests to avoid links in Lead Section.

3. Link [2] (which points to HTML page “ऋतुओं का राजा वसंत”), I guess, would be better used in the first sentence of para two where we first introduce Vasant in the topic. On the same lines, I guess, link [3] is not relating to the place it is added at. How about adding this in “External Source”, at the bottom of the page..

होली का इतिहास:

4. Should we make the word “वसंतोत्सव” a link, pointing to another chapter (can be written later).

5. The line below - इतिहास में वर्णन है कि शाहजहाँ के ज़माने में होली को ईद-ए-गुलाबी कहा जाता था या आब-ए-पाशी यानी रंगों की बौछार कहा जाता था। Should this be written something like – इतिहास में वर्णन है कि शाहजहाँ के ज़माने में होली को ईद-ए-गुलाबी या आब-ए-पाशी (रंगों की बौछार) कहा जाता था। Also, we need to add the source/reference for this (phrase “इतिहास में वर्णन है”).

6. I think we should mention the last line in para 2 (“Krishna ki lilao me bhi...”) in start of this para (before we get down the timeline and come to Mughals).

7. If we can find a similar word for “मिनिएचर” in Hindi...

I doubt we’d need a lot of source/reference links in History section.

~विनीत

संशोधन के बाद

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ऊपर दिए गए लगभग सभी सुझावों का पालन करने के बाद लेख तैयार है सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया एक बार और देख लें। हिरण्यकश्यप और हिरण्यकशिपु के विषय में कुछ मतभेद है। कुछ लोगों का विचार है कि कश्यप का पुत्र होने के कारण हिरण्यकश्यप नाम ही सही है। एक विचार यह भी है कि शायद उसका नाम हिरण्यकश्यप रखा गया हो और बाद में अपने दुष्कर्मों के कारण वह हिरण्यकशिपु पुकारा जाने लगा-(सुयोधन-दुर्योधन की तरह)। कषि का अर्थ संस्कृत में कष्टदायक, पीड़ाकारक इत्यादि होता है। कोई सुझाव? --पूर्णिमा वर्मन २०:२४, १० मार्च २००८ (UTC)

मैंने कुछ और छोटे बदलाव किए हैं, देख लें। हिरण्यकश्यप/हिरण्यकशिपु के बारे में मेरा ख्याल है कि विकिपीडिया की नामकरण नीतियों के अनुसान नाम वह रखा जाए जो अधिक जाना जाता हो, और जिससे हिन्दी भाषा-भाषी जनता को नाम पहचानने में कम-से-कम कठिनाई या भ्रांति हो। असल में अब तक मैंने हिरण्यकशिपु नाम ही सुना था, इसलिए मेरा विचार इस बारे में पक्षपाती है। जालस्थल पर भी हिरण्यकशिपु ही अधिक दिखता है (गूगल पर खोज करें तो भी)। हिरण्यकशिपु लेख में दोनों नाम देकर इस मतभेद का वर्णन किया जा सकता है। -- दाढ़ीकेश ०२:०१, ११ मार्च २००८ (UTC)

दाढ़ीकेश के सुधार पसंद आए। एक अनुच्छेद होली और संगीत नाम से और लिखा है। कृपया उसको भी देख लें। हिरण्यकशिपु वाले पृष्ठ पर एक पंक्ति का मतभेद भी लिख दिया है। सुझावों का स्वागत है। --पूर्णिमा वर्मन ०८:१७, ११ मार्च २००८ (UTC)

राजीवमास तथा अमित प्रभाकर के समर्थन तथा किसी का विरोध या सुझाव न आने से समझा जाता है कि यह लेख अब निर्वाचित के योग्य हैं। इसे निर्वाचित लेख बनाया गया।--पूर्णिमा वर्मन ०४:३६, १८ मार्च २००८ (UTC)

(प्रस्तावक: --राजीवमास १६:५६, ११ मार्च २००८ (UTC)
इस लेख पर काफी काम हो चुका है। इसे निर्वाचित लेख बनाने में अब क्या कमी है इस विषय में कृपया अपनी टिप्पणी दे।
एक नए विषय पर रोचक और मौलिक लेख पढ़ने को मिला, अच्छा लगा। लेख में जानकारी सम्पूर्ण है, चित्रों और उदाहरणों के माध्यम से हर पहलू अच्छे से समझाया गया है। मेरे कुछ सुझाव हैं, लेख को सुधारने के लिए-
  1. लेख की भूमिका को और लम्बा बनाया जाना चाहिये। इसमें लेख के सभी मुख्य पहलुओं का सारांश हो तो अच्छा रहेगा।
  2. कुछ चित्र इतने छोटे हैं कि उनमें क्या दिखाया गया है पता ही नहीं लग रहा है। लेख में जहाँ जगह हो चित्रों का आकार बढ़ा दिया जाए।
  3. चक्र आरेख के लिए क्या कोई वास्तविक आरेख नहीं मिल सकता है, जिसमें विभिन्न कोण क्या दर्शाते हैं, यह भी दिखाया गया हो?
  4. होली का चित्र वास्तव में अमरीका की एक यूनिवर्सिटी में लिया गया है, इस चित्र के पृष्ठ पर दी गई जानकारी के मुताबिक।
  5. ज्वालामुखी या भूकम्प कैसे स्थानीय पर्यावरण का विनाश कर सकते हैं, यह तो आसानी से समझ में आ जाता है, भूमंडलीय ऊष्मीकरण से किस तरह स्थानीय पर्यावरण का विनाश हो रहा है, इसके दो-तीन उदाहरण दें तो बात और स्पष्ट हो।
  6. व्याकरण और वर्तनी के दोष दूर हों तो लेख बहुत निखर जाएगा। इस पर मैं काम करने का प्रयास करूंगा ही, अन्य सदस्य भी हाथ बंटाएं तो आसानी होगी।
  7. लेख में दिये गए तथ्यों के लिए संदर्भ भी होने जरूरी हैं। काम मुश्किल नहीं है, मेरा विचार है कि इन्टरनेट पर हर तथ्य के लिए बहुत संदर्भ मिल जाएंगे।
  8. बाहरी कड़ियों में कुछ व्यावसायिक वेबसाइट्स के लिंक हैं, जो विकिपीडिया पर उचित नहीं लग रहे हैं।
  9. इस विषय पर कोई पुस्तकें उपलब्ध हों तो उनके नाम भी बताएँ। -- दाढ़ीकेश ०२:३२, १२ मार्च २००८ (UTC)
दाढ़ीकेश आपके अमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाद । मै इसे इनके अनुरूप करने का प्रयत्न करता हूं । --राजीवमास ०४:५२, १२ मार्च २००८ (UTC)
आज इस लेख पर काफ़ी काम हुआ। काफ़ी वर्तनी व्याकरण ठीक हुए हैं। एक चित्र भी मैंने हटाया। राजीव आप इसे एकबार देख लें कुछ ठीक न लगे तो फिर से पहले जैसा कर सकते हैं। चित्र इसलिए हटाया कि उसमें लाइसेंस संबंधी जानकारी पूरी नहीं थी मेरे अनुभव में ऐसे चित्र को निर्वाचित लेख बनाने में बाधा आएगी। जहाँ तक हो सके चित्र विकिमीडिया कॉमंस के हों या आपके अपने बनाए हुए और अपने बनाए गए चित्र पर पीडी-सेल्फ लाइसेंस होना चाहिए। मेरे विचार से ३रा, ९वाँ, १२वाँ चित्र अभी भी विकिपीडिया की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। इनको किसी न किसी उपयुक्त विकिमीडिया चित्र से बदलना होगा या हटाना होगा। एक काम ज़रूरी सा लगता है कि पर्यटन के अवरोधी भौगोलिक कारणों पर एक अनुच्छेद होना चाहिए दूसरा सांख्यिकीय आँकड़ो का निरूपण के प्रकारों को एक एक पंक्ति में स्पष्ट किया जाए तो ठीक रहेगा।--पूर्णिमा वर्मन १५:२९, ४ अप्रैल २००८ (UTC)

आपने व अन्य लेखको ने लेख को बहुत अधिक सुन्दर बना दिया है

  • ३रे चित्र का संकेत History of geodesy अंग्रेज़ी विकि में भी इसका लाइसेंस ठीक नहीं।
  • ९वें चित्र का संकेत [1]
  • १२वें चित्र का संकेत [2]या[3]

आशा है कि यह लेख अतिशिघ्र निर्वाचित हो जाऐगा --राजीवमास १७:०३, ५ अप्रैल २००८ (UTC)

यह लेख निर्वाचित होने के लायक है ,बस मेरे ख्याल से इसमे थोड़े संदर्भ और लगा देने चाहिये--सुमित सिन्हावार्ता १२:४३, १४ अप्रैल २००८ (UTC)

ताजमहल का चित्र

यहाँ इस लेख में ताजमहल की कम से कम एक चित्र तो होना ही चाहिये। मैं समझता हूँ कि उसके बिना कुछ कमी रह ही जाएगी। हिन्दी विकि को भारत में ताजमहल होने से उसे कुछ महत्व पर्यटन सम्बंधित लेखों में स्थान/महत्व तो देना ही चाहिये। ऐसा मैं समझता हूँ, बाकी जैसा उचित समझें।--आशीष भटनागरसंदेश १५:०७, १५ अप्रैल २००८ (UTC)

इस लेख पर काफ़ी काम हो चुका है और यह निर्वाचित स्तर तक पहुँचा हुआ मालूम होता है। कोई नया सुझाव या विरोध न आने के कारण इसे निर्वाचित घोषित किया जाता है।--पूर्णिमा वर्मन ०९:२६, ३१ मई २००८ (UTC)

(प्रस्तावक: दाढ़ीकेश १८:३९, २४ जून २००८ (UTC))

पूर्णिमा जी द्वारा रचित यह लेख भी जुलाई माह का निर्वाचित लेख बन सकता है। नीचे मेरे कुछ विचार प्रस्तुत हैं।

  1. भूमिका में विस्तार की आवश्यकता है।
  2. लेख में कुछ जगहों पर विकिकड़ियाँ और जोड़ी जा सकती हैं।
  3. मेरे विचार में "जीवन परिचय" और "कार्यक्षेत्र" उपभागों को जोड़कर एक कर देना चाहिये, और उसमें आगे उपभाग बना देने चाहियें, कारण- कार्यक्षेत्र भाग में उनके जीवन के बारे में भी जानकारी है, जो उनके लेखन के इतिहास से अलग नहीं की जा सकती है।
  4. पंच परमेश्वर के प्रकाशन की तिथि अगर मालूम हो तो कार्यक्षेत्र के पहले वाक्य में जोड़ी जा सकती है।
  5. इनकी जीवनी पर कुछ पुस्तकें उपलब्ध हों तो उनके नाम संदर्भ के रूप में दिए जा सकते हैं।
  6. "हिंदी के प्रमुख कथाकार व उपन्यासकार" इस साँचे में नाम बहुत हो गए हैं, इन्हें किसी प्रकार से श्रेणीबद्ध किया जा सकता है?

-- दाढ़ीकेश १८:५२, २४ जून २००८ (UTC)

सुझाव १ से ५ तक पर काम करते हैं। कथाकार और उपन्यासकार तो बढ़ते ही जाएँगे अब कम नहीं होने हैं। लगता है कि जन्म वर्ष के अनुसार एक अलग साँचा या श्रेणी बनाई जा सकती है। या फिर १८८० दशक में जन्मे हिन्दी कथाकार व उपन्यासकार ऐसा कुछ कर सकते हैं। कथाकार और उपन्यासकार को एक ही श्रेणी में इसलिए रखा है कि हिन्दी साहित्य में लगभग सभी कहानी लिखने वाले उपन्यास और उपन्यास लिखने वाले कहानी लिखते ही है।--पूर्णिमा वर्मन १९:३३, २४ जून २००८ (UTC)

  • इस लेख को जुलाई माह का निर्वाचित लेख बनाने का निश्चय किया है। इसकी सभी मुश्किल कड़ियाँ बन चुकी हैं। इसके अनेक महत्वपूर्ण तथ्य और आँकड़े जुटाने के लिए दिल्ली से डॉ॰ जगदीश व्योम ने जो सहयोग दिया है उसके प्रति मैं हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ। एक दो आसान कड़ियाँ अभी भी लाल हैं। वह कल बन जाएँगी। किसी भी सदस्य या प्रबंधक का कोई सुझाव या आपत्ति हो तो यहाँ लिखें।--पूर्णिमा वर्मन १२:४३, २९ जून २००८ (UTC)

हिन्दी कथाकारों का सांचा

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लेख प्रेमचंद में प्रयुक्त सांचे

को मैंने देखा, और निर्वाचन योग्यता के लेख में दाढ़ीकेश जी का सुझाव देखा, और पाया कि सचमुच इसमें संख्या बहुत अधिक है. यदि कोई इनका कोई वर्गीकरण कर दें, तो मैं सांचा उसी के अनुसार ढाल दूं.चाहे मेरी वार्ता पर बतायें।

बाकी जैसा आप उचित समझें.--आशीष भटनागरसंदेश १७:४०, ३० जून २००८ (UTC)

  • १ जुलाई को निर्वाचित घोषित किया गया।
प्रस्तावक:--पूर्णिमा वर्मन ०५:२४, १ जुलाई २००८ (UTC)

इसकी लाल कड़ियों को नीला करने का काम अभी बाकी है।--पूर्णिमा वर्मन १८:२९, २८ जुलाई २००८ (UTC)

इसके संदर्भों को ठीक से जाँचने और हिन्दी संदर्भ लगाने का काम बाकी है।--पूर्णिमा वर्मन २१:४९, २२ अक्टूबर २००८ (UTC)
  • इसकी लाल कड़ियों को नीला करने का काम पुरा हो चुका है। --Munita Prasad १०:१२, ३ अक्टूबर २००८ (UTC)
  • समर्थन --राजीवमास १०:२१, ३ अक्टूबर २००८ (UTC)

समर्थन --[[अभिमन्यु]]</b><sup>[[सदस्य वार्ता:Abhimanyu.singhyadav|संदेश</font>]]</sup> ०६:४५, २२ अक्टूबर २००८ (UTC)

१ नवंबर को निर्वाचित घोषित किया गया।

प्रस्तावक:--आशीष भटनागरसंदेश ०१:३७, २२ नवम्बर २००८ (UTC)
कुछ आवश्यक सुधार मैंने किए हैं, मेरे विचार से इसे निर्वाचित किया जा सकता है। --Munita Prasadवार्ता ०२:१९, ५ दिसम्बर २००८ (UTC)

समर्थन --राजीवमास ०५:४०, १५ जनवरी २००९ (UTC)
समर्थन --पूर्णिमा वर्मन १९:३६, १५ जनवरी २००९ (UTC)
१५ जनवरी को निर्वाचित घोषित किया गया।--पूर्णिमा वर्मन १९:३८, १५ जनवरी २००९ (UTC)


प्रस्तावक:--Munita Prasadवार्ता ०३:१६, १७ जनवरी २००९ (UTC)
प्रस्तावक:--पूर्णिमा वर्मन ०५:२४, १ जुलाई २००८ (UTC)
समर्थन --राजीवमास ०५:३९, १५ जनवरी २००९ (UTC)
समर्थन लेख की भाषा एवं लेखन शैली उत्तम है। यह लेख छोटा होने के बावजूद भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का परिचायक लेख है। अंग्रेजी विकिपीडिया या अन्य किसी भाषा के विकिपीडिया पर इस विषय पर इतना सूंदर लेख नहीं है। चित्र सूंदर एवं व्यवस्थित हैं तथा संदर्भ भी पर्याप्त संख्या में हैं। --Munita Prasadवार्ता ०१:३९, १३ मार्च २००९ (UTC)

मिथिलांचल में ऐसा कोई पर्व-त्योहार या (उपनयन-विवाह जैसा कोई) समारोह नहीं जब घर की दीवारों और आंगन में चित्रकारी नहीं की जाती हो। आंगन या फर्श पर जो चित्रकारी की जाती है उसे "अरिपन" या अल्पना कहते हैं। प्रत्येक अवसर के लिए अलग ढँग से "अरिपन" बनाया जाता है जिसके अलग-अलग आध्यात्मिक अर्थ होते हैं। विवाह के अवसर पर वर-वधू के कक्ष में दीवारों पर बनाए जाने वाले "कोहबर" और "नैना जोगिन" जैसे चित्र, जो वास्तव में तंत्र पर आधारित होते हैं, चित्रकला की बारीकियों के प्रतिमान हैं। (-रवीन्द्र लाल दास, आजकल, जून १९९३, पृ० १५)--डा० जगदीश व्योम १६:२६, २१ अप्रैल २००९ (UTC)

संदर्भ के लिए धन्यवाद डॉ॰व्योम, संदर्भ को लेख में जोड़ दिया गया है।--पूर्णिमा वर्मन १०:१२, २२ अप्रैल २००९ (UTC)
रंगोली लेख में यह संशोधन अपेक्षित हैं, कृपया विचार करें---
  • इसलिए यह कला गरीब से गरीब परिवार में भी अंकित की जाती हैं -- की जगह -- इसलिए यह कला अमीर-गरीब सभी के घरों में प्रचलित है।
  • पिसे हुआ चावल का घोल -- की जगह -- पिसे हुए चावल का घोल
  • रंगोली भारत की सांस्कृतिक परंपरा में एक सबसे प्राचीन लोक चित्रकला है--की जगह--रंगोली भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में सबसे प्राचीन लोक चित्रकला है
  • इसमें सबसे अधिक लोकप्रिय भूमि रेखांकन ही रहे हैं -- की जगह -- इसमें सबसे अधिक लोकप्रिय भूमि रेखांकन हैं

---डा० जगदीश व्योम १६:३४, २७ अप्रैल २००९ (UTC)

सुझाव के लिए बहुत बहुत धन्यवाद डॉ॰व्योम इन्हें अभी शुद्ध कर देती हूँ।--पूर्णिमा वर्मन १८:१५, २७ अप्रैल २००९ (UTC)

रंगोली लोकशिल्प का अप्रतिम उदाहरण है। ये कला बहुत प्राचीन है। लोक की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है। रंगोली लोक संस्कृति की संवाहक है। "रंगोली" लेख में रंगोली का इतिहास, उसकी परंपरा, उसकी विविधता, समय-समय पर होते रहे रंगोली में परिवर्तन से लेकर रंगोली के आधुनिक स्वरूप तक की समग्र यात्रा को लेख में दर्शाया गया है। भाषा एवं वर्तनी की दृष्टि से भी यह एक स्तरीय लेख है। इस लेख को निर्वाचित लेख बनाये जाने के लिए मैं पूर्ण समर्थन करता हूँ। ----डा० जगदीश व्योम ०३:३७, २८ अप्रैल २००९ (UTC)

निर्वाचन

यह लेख अगले माह निर्वाचन के लिए अत्योत्तम है। इसकी लंबाई कुछ कम थी, व चित्रों का अभाव था, जो कि इस रंग श्रेणी के लेख से अपेक्षित था, जो कि अब पूरी हो चुकी है। हां यदि एक अच्छी सी चटक रंगों की रंगोली का चित्र परिचय में लग जाए,तो चार चाँद लग जाएंगे।--आशीष भटनागरसंदेश १०:०९, २८ अप्रैल २००९ (UTC)

सुझाव के लिए धन्यवाद, शायद नया चित्र पहले से बेहतर है।--पूर्णिमा वर्मन १०:४२, २८ अप्रैल २००९ (UTC)
बिल्कुल बेहतर है। कुछ ऐसा ही चित्र चाहिए था। हां मैं कुछ लिंक्स दे रहा हूं, यदि कोई चित्र मुक्त हो, तो आप स्वयं बेहतर निर्णय ले सकती हैं।

बाकी गूगल सर्च इमेजेज़ तो आपको पता ही होगा। कोई ज्ञानसन्दूक यहां लग सके तो और निखार आएगा। यदि सुझाएं, तो मैं ढूंढ कर वार्ता पर लगा दूं। आप उसे सुधार कर कट पेस्ट कर सकती हैं, मुख्य लेख में। उपरोक्त लिंक्स देखने के बाद हटा दें, कृपया। --आशीष भटनागरसंदेश १२:००, २८ अप्रैल २००९ (UTC)

लेख 1 मई को निर्वाचित घोषित किया गया।--Munita Prasadवार्ता ००:३३, १ मई २००९ (UTC)
प्रस्तावक:--Munita Prasadवार्ता १३:०५, १७ जून २००९ (UTC)
लेख संपूर्ण-- मेरी ओर से आज गंगा नदी पर यह लेख पूरा हो गया है। लेख के सभी वैज्ञानिक और भौगोलिक संदर्भ व जानकारी मुनिता प्रसाद ने जुटाई है जिसके लिए उनका आभार प्रकट करती हूँ। टेक्सोबॉक्स के लिए आशीष भटनागर का आभार। सारे पौराणिक और साहित्यिक संदर्भ व जानकारी डॉ॰ जगदीश व्योम के सौजन्य से प्राप्त हुए हैं। उनका सादर धन्यवाद। आशा है यह सहयोग आगे भी बना रहेगा। इस सबके बावजूद हो सकता है अभी इसमें कुछ कमियाँ हों और कुछ जोड़ना या हटाना ज़रूरी हो। सभी प्रबंधकों और सदस्यों के सुझावों का स्वागत है। --पूर्णिमा वर्मन १४:२६, २३ जून २००९ (UTC)
   मैंने यह लेख निर्वाचन हेतु ही विकसित किया था। उसके बाद बहुत विकास व सुधार हुए, किंतु मेरे विचार से उनके लिए किसी का आभार प्रकट करने की आवश्यकता नहीं है। कम से कम यहां नहीं। शेष जैसी सम्मति। सभी ने बहुत सहयोग किया, जो नि:स्वार्थ है। फिर भी सभी का आभार। कृपया निर्वाचन हेतु समर्थन दें जिससे यह लेख १ जुलाई को मुखपृष्ठ पर दिखाई दे।--आशीष भटनागरसंदेश १९:२०, २५ जून २००९ (UTC)
   समर्थन--User:पूर्णिमा वर्मन ०५:४५, २६ जून २००९ (UTC)
    पूर्ण समर्थन! आज यह हिंदी विकी के उत्कृष्ट लेखो में से एक है --गुंजन वर्मासंदेश ०६:५७, २६ जून २००९ (UTC)
    समर्थन! गंगा नदी लेख प्रत्येक दृष्टि से परिपूर्ण है। मैं इस लेख को निर्वाचित किए जाने के पक्ष में अपना पूर्ण समर्थन दे रहा हूँ।
--आलोचक ०९:२४, २६ जून २००९ (UTC)
    अत्यंत रोचक लेख, सरल व सुगठित भाषा में, ढेरों जानकारी और तथ्यों के साथ। पूर्ण समर्थन।--सुरुचि १५:२६, २६ जून २००९ (UTC)
   पूर्ण समर्थन- गंगा नदी लेख को निर्वाचित लेख बनाने के लिए मेरा पूर्ण समर्थन है।
--यायावर १५:४९, २६ जून २००९ (UTC)
    समर्थन--वेब हिन्दी समिति १६:३३, २७ जून २००९ (UTC)
    पूर्ण समर्थन । एक सुझाव है चित्र दीर्घा' में भूगोल आधरित चित्र (सुदूर संवेदन तकनीक द्वारा)दिए जा सकते हैं, ये लेख की रूप सज्जा के अतिरिक्त उसके वेज्ञानिक रूप को भी दर्शा सकते हैं--राजीवमास ०५:५७, २९ जून २००९ (UTC)
इस प्रकार का एक ही चित्र मिला है और उसको सुंदरवन डेल्टा अनुच्छेद में लगा दिया गया है।--पूर्णिमा वर्मन १४:२३, ३० जून २००९ (UTC)
    पूर्ण समर्थन।--Evian २१:०४, २९ जून २००९ (UTC)
    पूर्ण समर्थन!
-- डॉ॰ जगदीश व्योम ०१:२२, ३० जून २००९ (UTC)
   समर्थन- सहज सुंदर लेख।
--मुक्ता पाठक १५:५१, २७ जून २००९ (UTC)
  • सहयोग के लिए धन्यवाद सहित मैं सबके समर्थन के बाद गंगा नदी लेख को निर्वाचित टैग करती हूँ। १ जुलाई को यह मुखपृष्ठ पर प्रदर्शित होगा।--पूर्णिमा वर्मन १७:४३, ३० जून २००९ (UTC)
जुलाई माह के लिए प्रस्तावित
--आशीष भटनागरसंदेश १२:४५, ८ जून २००९ (UTC)

उपरोक्त लेख को काफी सुधारा गया है। संदर्भ भी लगाए गए हैं। साँचे सुधारे गए हैं। अन्य कई वर्तनी और वाक्य सुधार भी किए गए हैं। यह लेख प्रस्तावित है। कृपया राय दें।

समर्थन, थोड़े सन्दर्भ और जोड़ने होंगे --सुमित सिन्हावार्ता १६:५८, ९ जून २००९ (UTC)
    २१ संदर्भ हो गए हैं, साथ ही एक अनुभाग भी बढ़ाया गया है, हिन्दू धर्म पर प्रभाव। इससे लेख की जानकारी मात्रा और कुल लंबाई में भी बढ़ोत्तरी हुई है।--आशीष भटनागरसंदेश १९:३०, ९ जून २००९ (UTC)
    समर्थन!! कृपया इस अंग्रेजी विकी के पृष्ठ को देखे , अगर इसे जोड़ दिया जाये तो लेख की गुणवंता और बढ जायेगी। --गुंजन वर्मासंदेश ०४:१०, १० जून २००९ (UTC)
    मेरी तरफ़ से समर्थन । --अमित प्रभाकर १७:३७, १० जून २००९ (UTC)
एक राय है। लेख पडते समय मन और विचार अकबर कालीन हो जाते है और मजा आने लगता है किन्तु फिल्मो से समबन्धित पोस्टर देख कर अचानक मन उचट जाता । क्या हम अलग से बाहरी लिंक में उसका जिक्र नही कर सकते ?? बाकी तो फुल समर्थन है ही -राजीवमास ०५:१६, ११ जून २००९ (UTC) (संकलित:वार्ता:अकबर से)
अकबर के अंग्रेज़ी लेख में यह शीर्षक उपस्थित है, इस कारण से ही शायद गुंजन जी ने इसे जोड़ा है। साथ ही यह भी, कि सूचना तो अकबर लेख से संबंधित है ही। पोस्टर का जहां तक सवाल है, तो उसे हटाया जा सकता है, वैसे वो भी उन्हीं की (अकबरकालीन) फिल्म के दर्शन कराता है। --आशीष भटनागरसंदेश ०९:५८, ११ जून २००९ (UTC)
   विरोध आपने एक ऐसे विषय को प्रमुख लेख बनाने के लिए चुना है जो विवादित है। कृपया लेख के मानदंडों को देखें संख्या 4-5 को ध्यान से पढ़ें। अकबर ऐतिहासिक दृष्टि से विवादास्पद व्यक्ति हैं। उनकी धर्म निरपेक्षता या महानता के पक्ष में जितनी किताबें मिलेंगी उससे अधिक विपक्ष में। इस प्रकार के लेखों को निर्वाचित उम्मीदवार के लिए नहीं चुना जाना चाहिए। समर्थन देते समय भी प्रमुख लेख की आवश्यकताओं का ध्यान रखना चाहिए। अकबर की पटरानी जोधाबाई थी इसको तो आशुतोष गोवारीकर तक सिद्ध नहीं कर पाए हार कर उनको कहना पड़ा कि कहानी काल्पनिक है और इसके तथ्य इतिहास से नहीं लिए गए हैं। लेकिन यहाँ पता नहीं किस आधार पर जोधाबाई का चित्र लगाकर इस लेख को आज का आलेख में प्रदर्शित कर दिया है। जाहिर है यह लेख बिना अध्ययन और पर्याप्त जानकारी के लिखा गया है। यह प्रमुख लेख के नियम संख्या 3 का भी उलंघन करता है। इस तरह हिंदी विकिपीडिया की प्रमाणिकता को तो धक्का लगता ही है, यह भी प्रकट करता है कि निर्वाचित या प्रमुख लेख के प्रति जिस गंभीरता या अध्ययन की आवश्यकता है वह लेखक में नहीं है। "वह निश्चय ही एक महान सम्राट था।" इस प्रकार के वाक्य साँचों में डालकर मुखपृष्ठ पर लाना लेखक की निरपेक्षता और प्रबंधकीय योग्यता पर प्रश्न चिह्न लगाते हैं। इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। यह विकि के नियमों और गरिमा के विरुद्ध है। बेहतर हो कि प्रमुख लेख के लिए लेखक उन विषयों का चयन करें जिनका स्वयं उन्होंने अध्ययन किया हो और जिनके विषय में वे ठीक से जानते हों। आखिर हर किसी ने किसी न किसी विषय का अध्ययन तो किया ही है उस विषय पर और मेहनत कर के हिंदी में अच्छे लेख क्यों नहीं बनाते हैं? कुछ इधर से कॉपी कर के चिपकाया, कुछ उधर से, कुछ जैसा तैसा अनुवाद किया और बन गया लेख। ऐसा तो प्रमुख लेख के लिए नहीं होना चाहिए। काम करने का उत्साह ठीक है पर उसके लिए ठीक योग्यता भी विकसित करनी चाहिए।--पूर्णिमा वर्मन ०४:५८, १३ जून २००९ (UTC)
   विरोध लेखों में विशेषकर ऐसे लेखों में जो विवादास्पद हें, से बचना चाहिए। निर्वाचित लेख या आज का आलेख बनाने के लिए ऐसे लेखों का दिया जाना ठीक नहीं है। जैसे- ताजमहल, अकबर, आर्यों का भारत में आगमन आदि विषय अभी तक भारत में विवादित हैं, जब तक यह विवादित रहें तब तक इन पर कुछ लिखना एक नए विवाद को जन्म देना है। लेखक एक संवेदनशील व्यक्ति होता है और प्रत्येक लेखक के लिए यह अनिवार्य है कि वह लेखकीय उद्देश्य का परिपालन करे।
--डा० जगदीश व्योम ०५:१६, १३ जून २००९ (UTC)
अकबर निश्चय ही भारतीय इतिहास में एक महान सम्राट था, इस विषय में कोई विवाद नहीं है। हां अधिकांश महान व्यक्तियों के बारे में विवाद उठते रहते हैं, जैसे श्रीमती इंदिरा गाँधी जी ने संजय गाँधी को मरवाया, गाँधी जी, पं.नेहरू, यहां तक की भगवान राम और श्रीकृष्ण, तथा उन दोनों की जन्म भूमियाँ। इस प्रकार से तो हम किसी भी महान व्यक्ति पर लेख ही नहीं निर्वाचित कर पाएंगे। इन विषयों पर लेख लिखने का अर्थ है, कि उनके विषय को विस्तृत कर बताना। उस ही प्रकार उनसे जुड़े विवाद, यदि कोई ज्ञान में हैं भी तो, उन्हें भी उल्लेख किया जा सकता है। इस कारण से ही अंग्रेज़ी में गाँधी जी का लेख निर्वाचित है। यह तो सर्वथा गलत है, कि महान व्यक्तियों को विवादित बता कर उन पर लिखे लेख निर्वाचित ना किए जाएं। या मात्र लेखक की आलोचना ही उद्देश्य है, तो क्या कहने? विषय कोई भी विवादित नहीं होता, विवाद उस विषय से जुड़े होते हैं। तो हमें विषय की जानकारी के साथ ही ज्ञात विवादों पर भी संभव प्रकाश डालना चाहिए। अन्य कोई विवाद जो पता चले, वो समय समय पर जोड़े जा सकते हैं, जैसे कि बाद में उपलब्ध सूचनाएं निर्वाचित लेख में जोड़ी जा सकती हैं।
ताजमहल, अकबर, आर्यों का भारत में आगमन आदि विषय अभी तक भारत में विवादित हैं, जब तक यह विवादित रहें तब तक इन पर कुछ लिखना एक नए विवाद को जन्म देना है। → यह विचार भी हमें प्रमुख विषयों पर लेख लिखने से रोकता है। हम यदि कुछ बात बिना संदर्भ के लिखें, तब तो शयद गलत हो, किंतु संदर्भ सहित विवाद को भी लिखा है, जो कि उस विषय से जुड़ा हो, तो इसमें गलत ही क्या है। ताजमहल इत्यादि विषय भारत की शान हैं। उस से जुड़ा कोई विवाद इस बात से बड़ा नहीं हो सकता है, कि ताजमहल विश्व में भारत को ऊंचा स्थान दिलाता है। तब क्या तुच्छ विवादों के चलते हम उस बात को भूल जाएं। जिस अकबर का नाम विश्व इतिहास में लिया जाता हो, वो क्या इन छोटे मोटे विवादों से ढंक जाएगा? हां, जोधाबाई का चित्र हटाया जा सकता है। और जहां तक निष्पक्षता की बात है, लेख में हिन्दू धर्म के प्रति लगाव के साथ ही हिन्दू मंदिर को मस्जिद में बदलवाना, जज़िया हटाने के साथ ही वापस लगवाना, भी लिखे हैं। जहां तक जुलाई माह के निर्वाचन का प्रश्न है, उसमें जैसे सर्वसम्मति।--आशीष भटनागरसंदेश ०६:३५, १३ जून २००९ (UTC)
अकबर लेख को अंग्रेजी विकि पर एक विवादित लेख कहॉ गया है। यह बात मुझे लेख लिखने से पहले से ही पता था। इसलिये मैने उन विषयो को नही छुआ जो विवादित थे जैसे की Relation with Hindus,Rajput Wives of Akbar,Hindu Temples Saved,Hindu Temples Destroyed,Jihad Against Hindu Kings आदि। जोधा बाई का नाम भी इसलिये नही जोड़ा क्योकि उस समय फ़िल्म जोधा अकबर के उपर विवाद चल रहा था। मेर उद्देश्य केवल अकबर के बारे मे वह जानकारी जुटाना था जो स्कूल की किसी भी इतिहास की पूस्तक मे उपलब्ध हो एवम जिसके उपर कोई विवाद नही हो। मैने इसे आज के आलेख के लिये प्रस्तावित किया था पर जैसा की विकि की प्रकृति है इस लेख को कुछ प्रबंधको का सानिध्य मिला और लेख की रूप रेखा बदल गयी। इन प्रयासो से आज यह लेख हिन्दी विकि पर उपलब्ध अच्छे लेखो मे से एक है। सभी लोगो ने इस पर अथक परिश्रम किया है। अगर विवादित होने के कारण इसे निर्वाचित लेख नही बनाया जा सकता तो कम से कम इसे हिन्दी विकि के प्रमुख या फ़िर अच्छे लेख ऎसी किसी श्रेणी मे रखना चाहिये ताकि नये योगदानकर्ता इसे देख सके, यह उन लोगो के लिये अच्छा उदाहरण रहेगा। हॉ विवादित लेख का साँचा अवश्य लगा दिया जाये। --गुंजन वर्मासंदेश ०७:३४, १३ जून २००९ (UTC)

    अकबर के विषय में जिस प्रकार के विवाद हैं वैसे कोई विवाद इंदिरागांधी या महात्मा गांधी के विषय में नहीं हैं। मैं भी इस बात का समर्थन करती हूँ कि कुछ विषयों को प्रमुख लेख से अलग रखना चाहिए और विकिपीडिया में विवादास्पद विषयों पर आज का आलेख या प्रमुख लेख नहीं लिखना चाहिए। प्रमुख लेख लिखने के लिए विषयों की कमी नहीं है, विज्ञान, भूगोल, साहित्य, संस्कृति आदि अन्य अनेक विषयों पर लेख लिखे जा सकते हैं। --Munita Prasadवार्ता ०८:३७, १६ जून २००९ (UTC)

    निश्चय ही अकबर अन्य की तुलना में अधिक सहिष्णु था। वह हिन्दुस्तान को लूटकर भाग जाना नहीं चाहता था बल्कि यहीं रहकर लम्बे समय तक राज्य करना चाहता था। लेकिन उसे बार बार महान कहना भारतीय इतिहास की कमजोरी है। तमाम ऐसे लोग आज हैं जो यह कहते हैं कि यदि अकबर महान था तो पूरे जीवन अकबर से जूझने वाले राणाप्रताप क्या थे ? और इस प्रश्न का कोई उत्तर हमारे पास नहीं है। देश और काल के अनुसार व्यक्ति महान और गद्दार होता है..... इन अति संवेदनशील और भावनात्मक पहलुओं को ध्यान में रखना बहुत आवश्यक है। यदि इस लेख को देना ही हॅ तो महान जॅसे शब्द निकाल दें। --आलोचक १०:१४, १६ जून २००९ (UTC)

अकबर को महान बहुत सोच समझ कर ही कहा गया होगा। भारत में इतनी मजबूरी नहीं आई है अभी तक। एक बात तो यह है, कि हम लेख को निर्वाचित करते हैं, ना कि व्यक्तित्व को। यनि अकबर लेख क्या निर्वाचन स्तर का है? इस पर विचार करें, ना कि अकबर स्वयं निर्वाचन स्तर का है या नहीं? दूसरा उसने जितने बडे भूभाग पर राज्य किया, क्या कोई अन्य है, जिसने इतने बडए भारतीय भूभाग पर एकछत्र राज्य किया, और इतने लंबे समय तक? यदि है तो एकमार अशोक, तभी दोनों को महान का विशेषण दिया गया है। इसलिए महान कोई मजबूरी नहीं थी। महाराणा प्रताप एक क्षेत्रीय व्यक्तित्व थे, जिन्हें राष्ट्रीय नेता नहीं माना जा सकता है, हां राजस्थान के लिए वे महान राणा प्रताप थे। किंतु भारत के लिए अधिकतम महाराणा प्रताप थे। हां शीवाजी अवश्य ए क्षेत्रीय नेता के ऊपर उठे थे। किंतु उन्होंने सभी ने अपने राज्यों की रक्शःआ हेतु संघर्ष किए थे। भारत के हिते हेतु गाँधी जी ने कार्य किया था, ज कि गुजरात से ऊपर उठे थे।
इन कारणों से अकबर को महान कहना अनुचित तो नहीं होगा। साथ ही निर्वाचन के लिए भी उपयुक्त लगेगा। कृपया असमर्थन पक्षधर लोग एक बार फिर सोचें।--आशीष भटनागरसंदेश १०:४३, १८ जून २००९ (UTC)

प्रस्तावक:--गुंजन वर्मासंदेश १५:४३, २५ जुलाई २००९ (UTC)

    - मेरी ओर से समर्थन । --अमित प्रभाकर ०१:२८, २७ जुलाई २००९ (UTC)
    - समर्थन । वर्तनी की कुछ गलतियाँ अभी हैं जिन्हें मैं ठीक करने का प्रयास करूँगा।-- डॉ॰ जगदीश व्योम ०४:१८, २७ जुलाई २००९ (UTC)
    - समर्थन--Munita Prasadवार्ता ०४:१९, २९ जुलाई २००९ (UTC)
    - समर्थन--आशीष भटनागर  वार्ता  १०:३४, २९ जुलाई २००९ (UTC)
    लेख अति उत्तम बना है। निर्वाचन के लिए उपयुक्त है।--Krishanbhatowa १०:४४, ३० जुलाई २००९ (UTC)
    - समर्थन--पूर्णिमा वर्मन ०७:५५, १० अगस्त २००९ (UTC)
    - समर्थन है जी--राजीवमास १०:४१, १३ अगस्त २००९ (UTC)
    - समर्थन --मुक्ता पाठक ०६:१४, १६ अगस्त २००९ (UTC)

१ सितंबर २००९ को चयनित।--Munita Prasadवार्ता ०३:३९, २ सितंबर २००९ (UTC)

यह वार्ता इस पृष्ठ के एवं निर्वाचित लेख परख के वार्ता पृष्ठ पर स्थानांतरित की जा रही है। यह स्थान मात्र लेख विशेष के निर्वाचनके लिए खाली करने हेतु। धन्यवाद--आशीष भटनागर  वार्ता  ०४:१५, २६ जुलाई २००९ (UTC)

प्रस्तावक: --सुरुचि ०६:२७, १८ अक्तूबर २००९ (UTC)

लेख में ढांचे में कुछ सुधार मैंने किये हैं। किन्तु कुछ बातें ध्यान योग्य हैं:
  • बहुत सी लाल कड़ियां हैं, जिन्हें जीवविज्ञान वाले बना सकते हैं।
  • बहुत से अंग्रेज़ी शब्दों के ध्वन्यात्मक अनुवाद में बांग्ला असेंट है (कृपया अन्यथा न लें, किन्तु ये बांग्ला अनुवाद/उच्चारण में प्रायः देखा गया है, जो एक क्षेत्रीय गुण है, न कि किसी की बुराई की गयी है)। जैसे ऑक्सीडेटिभ को ऑक्सीडेटिव लिखा जाना चाहिये, ये कुछ उदाहरण पहले भी वार्ता में बताये थे।
  • हां यीस्ट के अंग्रेज़ी शब्द में वाई साइलेन्ट होता है। मैंने पहले भी लिखा था, जिसे मुनिता जी ने माना नहीं। चाहें तो किसी भी स्तरीय शब्दकोष के उच्चारण में देख सकते हैं।
  • पाठ्य सामग्री कोई जीव विज्ञान क्षेत्र का ज्ञाता बेहतर टिप्पणी कर सकता है।
वैसे लेख उपयुक्त है निर्वाचन हेतु।--आशीष भटनागर  वार्ता  १६:२३, २३ अक्तूबर २००९ (UTC)
ईस्ट या यीस्ट
ईस्ट या यीस्ट
  •    रचना और आलेखन की दृष्टि से मैं इस लेख का समर्थन करती हूँ। यीस्ट ठीक है, क्यों कि वाई को साइलेंट करने से ईस्ट शब्द बनेगा जिसका अर्थ पूर्व होता है इसलिए हिंदी में यीस्ट लिखा जाना मेरे विचार से ठीक है। --मुक्ता पाठक ०५:४३, २४ अक्तूबर २००९ (UTC)
-- "व" की जगह "भ" का उपयोग बंगाली नहीं बल्कि उप्र, बिहार, बंगाल, राजस्थान, मप्र आदि में मिलता है। अर्थात् अगर कोई हिन्दीभाषी अंग्रेजी ना जानता हो तो वह Whistle को "भिसिल" और Very को "भेरी" बोलते हैं। ठीक यही चर्चा आज चौपाल में हुई थी अमेरिका और अमरीका को लेकर। मुझे लगता है कि सुरूचि जी सही हैं, हमें हिन्दी उच्चारण का उपयोग करना चाहिए ना कि अंग्रेजी उच्चारण का। छोटी-छोटी चीजें हिन्दी उच्चारण को अंग्रेजी उच्चारण से भिन्नित करती हैं और शायद यह उनमें से एक है। -- सौरभ भारती (वार्ता) १६:३४, २४ अक्तूबर २००९ (UTC)
-- वैसे ये लेख अच्छा है। -- सौरभ भारती (वार्ता) १६:३८, २४ अक्तूबर २००९ (UTC)
सौरभ जी ने भिसल आदि उदाहरण तो दिये, किन्तु समर्थन या विरोध नहीं बताया, उस बारे में। और बंगाली या पूर्वी प्रदेशों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अर्थ ये है, कि ये क्षेत्रीय उच्चारण (असेंट) है, न कि सही हिन्दी शब्द। हां यीस्ट और ईस्ट के बारे में हम ये तय नहीं कर सकते हैं, कि चलों अंग्रेज़ी के ईस्ट को हम यीस्ट कहना आरंभ कर दें। ईस्ट तो ईस्ट ही रहेगा। यीस्ट एकदम गलत उच्चारण होगा। दूसरे ईस्ट को कोई अंग्रेज़ी के ईस्ट से कैसे कन्फ़्यूज़ करेगा, ये समझ में नहीं आया। उदा० ईस्ट खाद्य पदार्थों क किण्वन करते हैं। इस वाक्य में कोई क्या ये समझ लेगा कि पूर्व किण्वन करते हैं? इस प्रकार तो पूर्व के हिन्दी में ही दो अर्थ हैं- पहले और पूर्वी दिशा। दक्षिण के बायें और दक्षिणी दिशा, उत्तर के अर्थ: बाद में और उत्तरी दिशा। इस प्रकार तो हम हिन्दी में भ्रमित ही होते जायेंगे। इसीलिए भाषा पढने के लिए वोकैब्युलरी का ज्ञान होना आवश्यक होता है। इस प्रकार यीस्ट एकदम गलत शब्द है, और हां कुछ गलत शब्द जानने वालों के लिए यीस्ट को पहले ही किसी ने खमीर को पुनर्निर्देशित किया हुआ है।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०८:२८, २५ अक्तूबर २००९ (UTC)
  •    निर्वाचन के लिए समर्थन। अरे भाई ये क्या चर्चा हो रही है? मैं अभी-अभी जीव विज्ञान की चार अच्छी किताबों में देखकर आ रही हूँ सब में यीस्ट ही लिखा है। आपलोग एक बार किताबों में देख तो लीजिए ऐसे तो बहस लम्बी-लम्बी और लम्बी ही होती जाएगी।--Munita Prasadवार्ता १५:३३, २५ अक्तूबर २००९ (UTC)
  •    वर्तनी की कुछ अशुद्धियाँ दिख रही थीं जिन्हें मैंने ठीक किया है। मेरे विचार से यह लेख निर्वाचित किए जाने के लिए उपयुक्त है।-- डॉ॰ जगदीश व्योम १६:२५, २५ अक्तूबर २००९ (UTC)
हां यदि अच्छी पुस्तकों में देखा है, तब सही होगा। वैसे और बेहतर होता, यदि इसकी वार्ता पर किसी भी एक पुस्तक के संदर्भ सहित ये वार्ता स्थानांतरित कर दी जाये। इस तरह भविष्य में कोई भी इस बात को उठाने से पूर्व पढ़ कर निश्चिन्त हो जायेगा। और तब यीस्ट नाम भी निश्चित हो जायेगा।--आशीष भटनागर  वार्ता  ०२:२६, २६ अक्तूबर २००९ (UTC)
-- इस जानकारी को विकिपीडिया:बहुवर्तनी शब्दों की सूची पर डाल दिया गया है। -- सौरभ भारती (वार्ता) १३:२८, २७ अक्तूबर २००९ (UTC)
    -- सौरभ भारती (वार्ता) १२:३५, ३० अक्तूबर २००९ (UTC)
  •     पूर्ण समर्थन--इवियन १३:००, ३० अक्तूबर २००९ (UTC)
लगता है कि आशीष भटनागर का अंग्रेजी उच्चारण पंजाबी से प्रभावित है, जो येस को ऐस कहते हैं। यीस्ट को स्पष्ट करने के लिए एस चंद एंड कंपनी द्वारा प्रकाशित १९८४ वर्ष के संस्करण वाले कामिल बुल्के के अँग्रेजी हिन्दी कोश का पृष्ठ संख्या ८७५ स्कैन कर के यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है सबके संदेह दूर हो जाएँगे। --इवियन १३:२३, ३० अक्तूबर २००९ (UTC)