Rasvihari mishra 1234
प्रस्तावना
Rasvihari mishra 1234 जी इस समय आप विकिमीडिया फाउण्डेशन की परियोजना हिन्दी विकिपीडिया पर हैं। हिन्दी विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोष है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखने वाले दुनिया भर के योगदानकर्ताओं द्वारा लिखा जाता है। इस समय इस परियोजना में 8,35,844 पंजीकृत सदस्य हैं। हमें खुशी है कि आप भी इनमें से एक हैं। विकिपीडिया से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आप को अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में मिल जायेंगे। हमें आशा है आप इस परियोजना में नियमित रूप से शामिल होकर हिन्दी भाषा में ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होंगें। धन्यवाद।
विकिनीतियाँ, नियम एवं सावधानियाँ
विकिपीडिया के सारे नीति-नियमों का सार इसके पाँच स्तंभों में है। इसके अलावा कुछ मुख्य ध्यान रखने हेतु बिन्दु निम्नलिखित हैं:
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विकिपीडिया में कैसे योगदान करें?
विकिपीडिया में योगदान देने के कई तरीके हैं। आप किसी भी विषय पर लेख बनाना शुरू कर सकते हैं। यदि उस विषय पर पहले से लेख बना हुआ है, तो आप उस में कुछ और जानकारी जोड़ सकते हैं। आप पूर्व बने हुए लेखों की भाषा सुधार सकते हैं। आप उसके प्रस्तुतीकरण को अधिक स्पष्ट और ज्ञानकोश के अनुरूप बना सकते हैं। आप उसमें साँचे, संदर्भ, श्रेणियाँ, चित्र आदि जोड़ सकते हैं। योगदान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ निम्नलिखित हैं:
अन्य रोचक कड़ियाँ
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(यदि आपको किसी भी तरह की सहायता चाहिए तो विकिपीडिया:चौपाल पर चर्चा करें। आशा है कि आपको विकिपीडिया पर आनंद आएगा और आप विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य बने रहेंगे!) |
मंदिर
संपादित करेंमां विंध्यवासिनी तूमैंन,
मंदिर काफी प्राचीन माता जी का मंदिर है। जो की मध्यप्रदेश,जिला अशोकनगर से दूरी 9km. दक्षिण दिशा पर स्थित हैं। मंदिर हजारों वर्ष पूर्व निर्मित जिसमे मुगलकालीन समय पर मंदिर के खंभों दीवारों की मूर्तियों को खंडित किया गया है मंदिर जिसमें भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का चित्रण मंदिर के खंभों, दीवारों पर अंकित है।। देवी ↵विंध्यवासिनी भगवान कृष्ण की बहन हुईं हैं। कंस जब बहन को विवाह के बाद बिदा कर जाता है तो अकस्मात आकाश बाड़ी सुनता है वसुदेव देवकी की अष्टम संतान तेरा काल होगी जैसे ही आकाश बाड़ी सुनता तो दोनो को कालग्रह में बंद कर देता है। जो योग माया हुई जो नंद यशोदा के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था। वसुदेव, देवकी के यहां भगवान कृष्ण अवतरित हुए थे कंस जिसे कालग्रह में मारना च रहा था। उसी रात कालग्रह से वसुदेव भगवान कृष्ण को नंद के घर ले जाते है बहा से यशोदा के घर जन्मी पुत्री योग माया दुर्गा जैसे कंस को पता चलता बह मारना चाहता है तो कन्या आकाश में चली जाती दुर्गा रूप धारण कर लेती तू मुझे क्या मारना चाह रहा है। तुझे मारने बाला जन्म ले चुका है । और बही आगे चलकर मां विंध्यवासिनी के नाम से जानी जाती हैं। Rasvihari mishra 1234 (वार्ता) 16:01, 8 अगस्त 2023 (UTC)