Shahbaz kanpuri

Shahbaz kanpuri 10 जनवरी 2021 से सदस्य हैं
Latest comment: 3 वर्ष पहले by Adv.siddiqui in topic (१)माना कि ज़िंदगी बहुत सताती है। देखें कबतक ये आजमाती है।। (२)उस्ताद की होती है कुछ शोहरत ऐसी। शागिर्द कहोगे तो फिर इज़्ज़त कैसी।। Ustad-e-azam Shahbaz Kanpuri and Arshad Khan's shayari शहबाज़ज़ कानपुरी का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित कानपुर शहर में हुआ था।  एक युवा व्यक्तित्व, शहबाज़ देश-विदेश के एक प्रसिद्ध कवि हैं। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि शहबाज़ देश भर के उर्दू शायरों और उर्दू में वर्तमान दिनों की एक बेमिसाल दीवानगान-ए- इश्क़ और निस्संदेह सबसे दिल से प्यार करने वाले, लोकप्रिय और प्रसिद्ध कवि हैं। जो अपनी आवाज और अभिव्यक्ति की अनूठी शैली के लिए जाने जाते हैं। एक वंशवादी शायर होने की वजह से कम उम्र का होने के बावजूद लोगों के दिलों में अपनी जगह संग्रहित कर ली। दुनिया भर में शहबाज़ कानपुरी के लाखों प्रशंसक हैं जो उनसे गहराई से प्रशंसा और प्रेरणा लेते हैं। लगभग 12 वर्ष की आयु से ही कविता में उनकी रुचि दिखाई दी। जिसे अभी जारी रखा जाना है। वह उर्दू शायर अज़्म शाकरी, और नदीम फर्रुख से प्रेरित थे और अक्सर सीखते रहते थे।  उन्होने शान्ति और प्यार का सन्देश दिया है। देशभर में उन्होने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। उर्दू कविता के प्रचार के लिए शहबाज़ कानपुरी की सेवाएं हाल ही में देश भर में हजारों प्रशंसकों द्वारा स्वीकार की गईं... शहबाजकम1ी उम्र से शायरी करते आरहे हैं। आज शहबाज़ कानपुरी को कौन नहीं जानता, उर्दू कवि,लेखक, दर्शन, नज़्मकार व ग़ज़लकार हैं जोकि व्यापक रूप से उर्दू भाषा के जाने-माने कवि व लेखक हैं।शायरी के इलावा, पत्रकारिता, लेखन में भी माहिर माने जाने वाले शहबाज़ कानपुरी उर्दू व हिंदी भाषा को लोकप्रिय करने में अपना योगदान प्रदान किया है... शहबाज़ साहब को कविता और साहित्य से विषेश रूप से लगाव था, बचपन से कवितायें लिखते और पढ़ते थे। प्रतिभा उनको अपने वंश से मिली थी। केवल कवितायें पढ़ना ही नहीं बल्कि मुशायरों की निज़ामत भी कर चुके हैं....
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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 20:00, 10 जनवरी 2021 (UTC)उत्तर दें

2021 Wikimedia Foundation Board elections: Eligibility requirements for voters

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Greetings,

The eligibility requirements for voters to participate in the 2021 Board of Trustees elections have been published. You can check the requirements on this page.

You can also verify your eligibility using the AccountEligiblity tool.

MediaWiki message delivery (वार्ता) 16:31, 30 जून 2021 (UTC)उत्तर दें

Note: You are receiving this message as part of outreach efforts to create awareness among the voters.

(१)माना कि ज़िंदगी बहुत सताती है। देखें कबतक ये आजमाती है।। (२)उस्ताद की होती है कुछ शोहरत ऐसी। शागिर्द कहोगे तो फिर इज़्ज़त कैसी।। Ustad-e-azam Shahbaz Kanpuri and Arshad Khan's shayari शहबाज़ज़ कानपुरी का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित कानपुर शहर में हुआ था।  एक युवा व्यक्तित्व, शहबाज़ देश-विदेश के एक प्रसिद्ध कवि हैं। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि शहबाज़ देश भर के उर्दू शायरों और उर्दू में वर्तमान दिनों की एक बेमिसाल दीवानगान-ए- इश्क़ और निस्संदेह सबसे दिल से प्यार करने वाले, लोकप्रिय और प्रसिद्ध कवि हैं। जो अपनी आवाज और अभिव्यक्ति की अनूठी शैली के लिए जाने जाते हैं। एक वंशवादी शायर होने की वजह से कम उम्र का होने के बावजूद लोगों के दिलों में अपनी जगह संग्रहित कर ली। दुनिया भर में शहबाज़ कानपुरी के लाखों प्रशंसक हैं जो उनसे गहराई से प्रशंसा और प्रेरणा लेते हैं। लगभग 12 वर्ष की आयु से ही कविता में उनकी रुचि दिखाई दी। जिसे अभी जारी रखा जाना है। वह उर्दू शायर अज़्म शाकरी, और नदीम फर्रुख से प्रेरित थे और अक्सर सीखते रहते थे।  उन्होने शान्ति और प्यार का सन्देश दिया है। देशभर में उन्होने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। उर्दू कविता के प्रचार के लिए शहबाज़ कानपुरी की सेवाएं हाल ही में देश भर में हजारों प्रशंसकों द्वारा स्वीकार की गईं... शहबाजकम1ी उम्र से शायरी करते आरहे हैं। आज शहबाज़ कानपुरी को कौन नहीं जानता, उर्दू कवि,लेखक, दर्शन, नज़्मकार व ग़ज़लकार हैं जोकि व्यापक रूप से उर्दू भाषा के जाने-माने कवि व लेखक हैं।शायरी के इलावा, पत्रकारिता, लेखन में भी माहिर माने जाने वाले शहबाज़ कानपुरी उर्दू व हिंदी भाषा को लोकप्रिय करने में अपना योगदान प्रदान किया है... शहबाज़ साहब को कविता और साहित्य से विषेश रूप से लगाव था, बचपन से कवितायें लिखते और पढ़ते थे। प्रतिभा उनको अपने वंश से मिली थी। केवल कवितायें पढ़ना ही नहीं बल्कि मुशायरों की निज़ामत भी कर चुके हैं....

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(१)माना कि ज़िंदगी बहुत सताती है। देखें कबतक ये आजमाती है।।

(२)उस्ताद की होती है कुछ शोहरत ऐसी। शागिर्द कहोगे तो फिर इज़्ज़त कैसी।।

Ustad-e-azam Shahbaz Kanpuri and Arshad Khan's shayari शहबाज़ज़ कानपुरी का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित कानपुर शहर में हुआ था।  एक युवा व्यक्तित्व, शहबाज़ देश-विदेश के एक प्रसिद्ध कवि हैं। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि शहबाज़ देश भर के उर्दू शायरों और उर्दू में वर्तमान दिनों की एक बेमिसाल दीवानगान-ए- इश्क़ और निस्संदेह सबसे दिल से प्यार करने वाले, लोकप्रिय और प्रसिद्ध कवि हैं। जो अपनी आवाज और अभिव्यक्ति की अनूठी शैली के लिए जाने जाते हैं। एक वंशवादी शायर होने की वजह से कम उम्र का होने के बावजूद लोगों के दिलों में अपनी जगह संग्रहित कर ली। दुनिया भर में शहबाज़ कानपुरी के लाखों प्रशंसक हैं जो उनसे गहराई से प्रशंसा और प्रेरणा लेते हैं। लगभग 12 वर्ष की आयु से ही कविता में उनकी रुचि दिखाई दी। जिसे अभी जारी रखा जाना है। वह उर्दू शायर अज़्म शाकरी, और नदीम फर्रुख से प्रेरित थे और अक्सर सीखते रहते थे।  उन्होने शान्ति और प्यार का सन्देश दिया है। देशभर में उन्होने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। उर्दू कविता के प्रचार के लिए शहबाज़ कानपुरी की सेवाएं हाल ही में देश भर में हजारों प्रशंसकों द्वारा स्वीकार की गईं...

शहबाजकम1ी उम्र से शायरी करते आरहे हैं। आज शहबाज़ कानपुरी को कौन नहीं जानता, उर्दू कवि,लेखक, दर्शन, नज़्मकार व ग़ज़लकार हैं जोकि व्यापक रूप से उर्दू भाषा के जाने-माने कवि व लेखक हैं।शायरी के इलावा, पत्रकारिता, लेखन में भी माहिर माने जाने वाले शहबाज़ कानपुरी उर्दू व हिंदी भाषा को लोकप्रिय करने में अपना योगदान प्रदान किया है...

शहबाज़ साहब को कविता और साहित्य से विषेश रूप से लगाव था, बचपन से कवितायें लिखते और पढ़ते थे। प्रतिभा उनको अपने वंश से मिली थी। केवल कवितायें पढ़ना ही नहीं बल्कि मुशायरों की निज़ामत भी कर चुके हैं.... Adv.siddiqui (वार्ता) 20:11, 19 सितंबर 2021 (UTC)उत्तर दें