हल्द्वानी में यातायात

उत्तराखण्ड के नैनीताल ज़िले में स्थित हल्द्वानी राज्य के सर्वाधिक जनसँख्या वाले नगरों में से है। इसे "कुमाऊँ का प्रवेश द्वार" भी कहा जाता है। नगर के यातायात साधनों में २ रेलवे स्टेशन, 3 बस स्टेशन तथा एक अधिकृत टैक्सी स्टैंड है। इनके अतिरिक्त नगर से २८ किमी की दूरी पर एक घरेलू हवाई अड्डा स्थित है,

कुमाऊँ का प्रवेश द्वार, हल्द्वानी

सड़क यातायात

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प्रमुख सड़कें

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रामपुर रोड, जो उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग १० का हिस्सा है, हल्द्वानी को रुद्रपुर और बिलासपुर होते हुए रामपुर से जोड़ती है।
 
हल्द्वानी रोडवेज बस स्टेशन में खड़ी बसें।
 
रोडवेज बस स्टेशन, हल्द्वानी
 
केमू बस स्टेशन, हल्द्वानी
 
कालाढूंगी रोड तिराहे का दृश्य

हल्द्वानी-काठगोदाम से गुजरने वाली प्रमुख सड़कों में राष्ट्रीय राजमार्ग १०९, तथा उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ५, १० और ४० प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त नगर में एक रिंग रोड भी निर्माणाधीन हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग १०९, जिसे नैनीताल रोड, या बरेली-बागेश्वर हाईवे भी कहा जाता है, रुद्रपुर से शुरू होकर पंतनगर, हल्द्वानी, नैनीताल, भवाली, अल्मोड़ा, रानीखेत, द्वाराहाट, चौखुटिया, गैरसैण तथा आदिबद्री होते हुए कर्णप्रयाग तक जाता है।[1] टूरिस्ट सीजन में १०,००० से अधिक वाहन इस राजमार्ग से होकर यात्रा करते हैं।[2] इस सड़क का निर्माण सन् १८८२ में कुमायूं के आयुक्त सर हेनरी रैम्से द्वारा नैनीताल और काठगोदाम को बरेली से जोड़ने के लिए किया गया था। अविभाजित उत्तर प्रदेश में इसे राज्य राजमार्ग ३७ कहा जाता था, और यह बरेली से शुरू होकर बागेश्वर तक जाता था।[3] कुछ समय बाद इसका लालकुआँ से आगे का भाग राष्ट्रीय राजमार्ग ८७ का हिस्सा बन गया, जो रामपुर से कर्णप्रयाग तक जाता था। २०१० में भारत सरकार द्वारा सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के नाम बदल दिए जाने के बाद इसे राष्ट्रीय राजमार्ग १०९ कहा जाने लगा।[4]

उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ५, जिसे रामपुर रोड भी कहा जाता है, हल्द्वानी को मटकोटा और दिनेशपुर होते हुए गदरपुर से जोड़ता है।[5] उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग १० काठगोदाम से शुरू होता है, और भीमताल, खुटानी, पदमपुर, धानाचूली, पहाड़पानी, शहरफाटक, मौरनौला, देवीधुरा और लोहाघाट होते हुए पंचेश्वर में समाप्त होता है।[5] उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ४० दो अलग अलग मार्गों के नाम से प्रख्यात है; पहला कालाढूंगी रोड, जो मंगल पड़ाव से शुरू होकर पश्चिम की ओर कालाढूंगी होते हुए रामनगर तक जाता है, और दूसरा चोरगलिया रोड, जो काठगोदाम से शुरू होकर दक्षिण की ओर चोरगलिया होते हुए सितारगंज तक जाता है।[5]

हल्द्वानी में बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए लोनिवि ने साल २०१६ में रिंग रोड का प्रस्ताव तैयार किया था। शहर के बाहर चारों ओर बनने वाली रिंग रोड करीब ३५ किलोमीटर फोरलेन बननी है। यह सड़क कालाढूंगी रोड पर लामाचौड़ से शुरू होगी, और वहां से रामपुर रोड पर फुटकुआं से होते मोटाहल्दू/हल्दूचौड़ में नेशनल हाईवे १०९ को पार करके ग्रेटर हल्द्वानी गौलापार में चोरगलिया रोड के बसंतपुर/दानीबंगर में मिलेगी। यहां से काठगोदाम तक चोरगलिया रोड, और फिर काठगोदाम और रानीबाग के बीच में हनुमान मंदिर के करीब से बन रही पीएमजीएसवाई की सड़क से होते हुए ब्यूराखाम गांव के ऊपर से जमरानी कॉलोनी के ऊपर वन क्षेत्र से होकर फतेहपुर में कालाढूंगी रोड पर जुड़ जाएगी।

२०१५ में उत्तराखण्ड की वित्त मंत्री, डा. इंदिरा हृदयेश ने अमर उजाला से बातचीत में कहा था कि "लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए जल्द ही एक रिंग रोड का निर्माण कराया जाएगा"।[6] इसके बाद २६ दिसंबर २०१६ को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया।[7] उस समय इसकी लागत ५०० करोड़ रुपये आंकी गयी थी। इसको मंजूरी मिलने के बाद रिंग रोड सर्वे का काम अगस्त २०१७ में शुरू हुआ, और अक्तूबर महीने के पहले हफ्ते में कंपनी ने रिपोर्ट बनाकर लोनिवि को भेजी थी, लेकिन इसमें एक तरफ की सड़क का खाका सही नहीं मिला।[8] इस पर लोनिवि ने दोबारा सर्वे करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद कंपनी ने प्रस्ताव में बदलाव किया।[8] २२ अप्रैल २०१७ को उत्तराखंड के मख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके लिए ४०० करोड़ रूपये अनुमोदित कर दिए,[9][10] और फिर नवंबर २०१७ में केंद्र सरकार ने इस परियोजना का आधा खर्च उठाने की घोषणा कर दी।[11][12] सड़क अभी निर्माणावस्था में है।

रोडवेज बस स्टेशन

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उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संचालित रोडवेज बस स्टेशन हल्द्वानी का मुख्य बस स्टेशन है। हल्द्वानी कोतवाली से कुछ दूरी पर स्थित इस स्टेशन के दो गेट हैं, जहां दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही होती है। [13] यहां से उत्तराखण्ड तथा अन्य राज्यों के लिए अंतर्राज्यीय बस सेवाओं का संचालन होता है। हल्द्वानी से दिल्ली कानपुर प्रयागराज , देहरादून, बरेली, मुरादाबाद लखनऊ मेरठ तथा जयपुर समेत कई नगरों के लिए यहां से बस सेवाएं हर समय उपलब्ध रहती हैं।इसके अंतर्गत हल्द्वानी महानगरीय क्षेत्र में सभी सुविधाओं से सुसज्जित एक अंतर्राज्यीय बस अड्डा निर्माणाधीन है

केमू बस स्टेशन

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केमू बस स्टेशन कुमाऊं मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड (केमू) द्वारा संचालित है। इस स्टेशन से लगभग ३१० बसें जुडी हुई हैं।[14] केमू स्टेशन से अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ के लिए निरंतर बस सेवाएं चलती हैं। नगर के केंद्र में स्थित होने के कारण यहां अक्सर अव्यवस्था का माहौल रहता है, जिससे निपटने के लिए इसे ग्रेटर हल्द्वानी (गौलापार) शिफ्ट करने की योजना है।[15]

हल्द्वानी आईएसबीटी

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हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में एक आईएसबीटी निर्माणाधीन है। यह आईएसबीटी ८ एकड़ क्षेत्र में फैला है,[16] और द टाइम्स ऑफ इंडिया के एक खबर में इसे 'उत्तर भारत में सबसे बड़ा आईएसबीटी' कहा गया है।[17] आईएसबीटी का निर्माण कार्य २०१४ में शुरू हुआ था, और इसकी औपचारिक आधारशिला २०१६ में रखी गई।[18] लेकिन मई २०१७ में इसके निर्माण पर तब रोक लगा दी गई थी, जब श्रमिकों द्वारा निर्माण स्थल पर बड़ी संख्या में मानव कंकाल पाए गए थे।[19][20][21][22][23][24][25][26]

९ मई २०१७ को हल्द्वानी आईएसबीटी के निर्माण के दौरान ४० मानव कंकाल और ३०० 'कब्र-जैसी संरचनाएं' पाई गई। इन मानव अस्थि अवशेषों के बारे में विशेषज्ञों का मानना था कि ये बरेली के रोहिला सरदारों के हो सकते हैं जो १८५७ में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे। एक और मत यह भी था कि ये अवशेष किसी महामारी, मलेरिया या अकाल के दौरान काल कवलित हो गये लोगों के भी हो सकते हैं। लेकिन जांच में पता चला है कि नरकंकाल केवल एक से डेढ़ साल पुराने थे।

टैक्सी स्टैंड

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हल्द्वानी का टैक्सी स्टेशन भोटियापड़ाव में स्थित है। अन्य क्षेत्रों से उलट यहां टैक्सियां एक निर्धारित रूट पर अलग अलग यात्रियों से भरकर चलती हैं। हल्द्वानी टैक्सी स्टैंड से कुमाऊँ के दूरस्थ क्षेत्रों तक के लिए भी टैक्सियां उपलब्ध रहती हैं। हल्द्वानी-नैनीताल-भीमताल-भवाली-रामगढ़-मुक्तेश्वर; हल्द्वानी-खैरना-रानीखेत-द्वाराहाट, हल्द्वानी-अल्मोड़ा-कौसानी-बागेश्वर; हल्द्वानी-सेराघाट-बेरीनाग-थल-मुन्स्यारी; और हल्द्वानी-चम्पावत-लोहाघाट-पिथौरागढ़-धारचूला सबसे प्रसिद्ध टैक्सी रूट हैं, जहां के लिए टैक्सियां लगभग हर समय उपलब्ध रहती हैं।

पहले यहां से टैक्सियों के संचालन का दायित्व हल्द्वानी टैक्सी यूनियन के ऊपर था। नगर निगम ने टैक्सी स्टैंड के लिए २००७ में अपने एक पार्क को टैक्सी यूनियन को दिया था, जिसके एवज में यूनियन को प्रति टैक्सी १०० रुपये प्रतिमाह निगम को देने थे।[27] धीरे-धीरे यूनियन निगम को पैसा देने में आनाकानी करने लगा। १ मार्च २०१८ को टैक्सी यूनियन पदाधिकारियों की छात्रसंघ नेताओं से हुई लड़ाई के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने टैक्सी यूनियन का कार्यालय सीज कर दिया था।[28] इसके बाद १२ मार्च २०१८ को नगर निगम ने टैक्सी स्टैंड को कब्जे में ले लिया।[27] अब यहां से टैक्सियाें का संचालन नगर निगम स्वयं कर रहा है।

रेल यातायात

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हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर खड़ी हावड़ा को काठगोदाम से जोड़ने वाली बाघ एक्सप्रेस
 
काठगोदाम रेलवे स्टेशन का मुख्य भवन

बरेली–काठगोदाम रेलवे लाइन

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सन् १८८३-८४ में बरेली और काठगोदाम के बीच रेलमार्ग बिछाया गया। ६६ मील लंबा यह रेलमार्ग "रुहेलखंड और कुमाऊँ रेलवे" (अंग्रेज़ी: Rohilkund and Kumaon Railway) द्वारा संचालित एक निजी रेलमार्ग था।[29][30] रुहेलखंड और कुमाऊँ रेलवे का बाद में ब्रिटिश भारत सरकार ने अधिग्रहण कर लिया, और १ जनवरी १९४३ को "अवध और तिरहुत रेलवे" में इसका विलय कर दिया।[31] १४ अप्रैल १९५२ को अवध तिरहुत रेलवे, असम रेलवे और बॉम्बे, बड़ौदा और मध्य भारत रेलवे के कानपुर-अक्वेंरा खंड को एक साथ मिला कर उत्तर पूर्व रेलवे का गठन किया गया, जो वर्तमान में भारतीय रेलवे के १६ मण्डलों में से एक है।[32]

हल्द्वानी रेलवे स्टेशन

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हल्द्वानी रेलवे स्टेशन नगर का मुख्य रेलवे स्टेशन है, और बनभूलपुरा में नगर के केंद्र में स्थित है। रेलवे स्टेशन का स्टेशन कोड एच.डी.डब्ल्यू (HDW) है, और यह भारतीय रेलवे के पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र के इज्जतनगर रेलवे डिवीजन के मुख्यालय से ९९ किमी दूर है। स्टेशन पर 3 प्लेटफार्म हैं और इन पर डीजल इंजन, सिंगल ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का उपयोग करते हैं। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई ४४३ मीटर है। २४ अप्रैल, १८८४ के दिन पहली रेलगाड़ी लखनऊ से हल्द्वानी पहुंची और बाद में रेलमार्ग काठगोदाम तक बढ़ा दिया गया।[33]

काठगोदाम रेलवे स्टेशन

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काठगोदाम रेलवे स्टेशन नगर के केंद्र से ७ किमी उत्तर काठगोदाम में शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है।[34] काठगोदाम उत्तर पूर्व रेलवे का अंतिम टर्मिनल है, जो कुमाऊं को दिल्ली, देहरादून, जैसलमेर कानपुर सेंट्रल लखनऊ और हावड़ा से जोड़ता है। इसका स्टेशन कोड केजीएम है, और यहाँ एकल ब्रॉड गेज रेलवे लाइन पर ३ प्लेटफार्म हैं, जो डीजल इंजन का उपयोग करते हैं। इसके अतिरक्त लालकुआं जंग्स्शन भी हल्द्वानी का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है

हवाई यातायात

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पंतनगर हवाई अड्डा

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हल्द्वानी के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर में स्थित है, जो हल्द्वानी नगर से २८ किमी (१७ मील) उत्तर में स्थित है। पंतनगर हवाई अड्डा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित है, और यहां से दिल्ली और देहरादून के लिए घरेलू उड़ानों का संचालन किया जा रहा है।[35] इसमें एक ही रनवे है, जो कि ४,५०० फीट (१,४०० मीटर) लंबा है, और टर्बोप्रॉप विमानों को संभालने में सक्षम है।[36] निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली के पालम में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कि हल्द्वानी से २८२ किलोमीटर (१७५ मील) की दूरी पर है।

इन्हें भी देखें

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  1. "Archived copy". मूल से 10 एप्रिल 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 जुलाई 2011.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link) Start and end points of National Highways-Source-भारत सरकार
  2. "New Haldwani-Nainital bypass to ease traffic". Nainital: द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. TNN. 13 March 2016. मूल से 18 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 November 2016.
  3. "Complete Road_Detail's_SH" (PDF). Public Works Department, उत्तर प्रदेश सरकार. मूल (PDF) से 11 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अक्टूबर 2015.
  4. "Rationalization of Numbering Systems of National Highways" (PDF). Govt of India. 28 April 2010. मूल (PDF) से 1 अक्तूबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 Aug 2011. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  5. "वर्ष 2016-17 में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत राज्य मार्ग की लम्बाई" (PDF). मूल (PDF) से 22 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2018. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  6. "रिंग रोड से कम होगा हल्द्वानी का दबाव". हल्द्वानी: अमर उजाला. २० फरवरी २०१५. मूल से 10 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १० अप्रैल २०१८.
  7. "हल्द्वानी को जाम से निजात दिलाएगी फोरलेन रिंग रोड". हल्द्वानी: हिंदुस्तान. २७ दिसंबर २०१६. मूल से 10 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १० अप्रैल २०१८. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  8. "रिंग रोड का प्राथमिक सर्वे पूरा". हल्द्वानी: हिंदुस्तान. २४ अक्टूबर २०१७. मूल से 10 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १० अप्रैल २०१८. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  9. "RS400 CR SANCTIONED FOR CONSTRUCTION OF RING ROAD IN HALDWANI" [हल्द्वानी में रिंग रोड निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपयों को मंजूरी दी गई] (अंग्रेज़ी में). देहरादून: डी पायनियर. २३ अप्रैल २०१७. मूल से 10 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2018. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  10. "Uttarakhand launches Rs.400-cr road project" [उत्तराखंड ने 400 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना शुरू की] (अंग्रेज़ी में). nbmcw. २८ अप्रैल २०१७. मूल से 11 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2018. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  11. "RS400 CR SANCTIONED FOR CONSTRUCTION OF RING ROAD IN HALDWANI" [हल्द्वानी में रिंग रोड निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपयों को मंजूरी दी गई] (अंग्रेज़ी में). देहरादून: डी पायनियर. २३ अप्रैल २०१७. मूल से 10 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2018. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  12. "Centre to share cost of ring road project" [रिंग रोड परियोजना की लागत को साझा करेगा केंद्र] (अंग्रेज़ी में). देहरादून: द ट्रिब्यून. २३ नवंबर २०१७. मूल से 11 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2018.
  13. "रोडवेज स्टेशन के कारण दो सड़कों पर लग रहा जाम". हल्द्वानी: दैनिक जागरण. २० मार्च २०१७. मूल से 11 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2018.
  14. "हर माह 6 लाख के नुकसान में चल रहा केएमओयू प्रबंधन". हल्द्वानी: हिंद्स्तान. ५ अप्रैल २०१८. मूल से 11 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2018. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  15. "ग्रेटर हल्द्वानी शिफ्ट होंगे रोडवेज, केमू स्टेशन". हल्द्वानी: दैनिक जागरण. १० जुलाई २०१६. मूल से 11 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2018.
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  18. NU, Team (15 October 2016). "76 crore ISBT Haldwani foundation stone laid | Nav Uttarakhand". Nav Uttarakhand. मूल से 25 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 July 2017. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
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  26. "Congress, BJP slug it out over stalled work at Haldwani ISBT". hindustantimes.com/ (अंग्रेज़ी में). 19 May 2017. मूल से 11 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 July 2017.
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  29. "Imperial Gazetteer2 of India, Volume 18, page 329 -- Imperial Gazetteer of India -- Digital South Asia Library". dsal.uchicago.edu. मूल से 3 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 January 2017. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद) "The only Railway is the Rohilkhand-Kumaun line from Bareilly to Kathgodam at the foot of the hills below Naini Tal"
  30. Hunter, W. W. (1886). The Imperial Gazetter of India. London: Trubner & Co. पृ॰ 397. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद) "The Kumaun-Rohilkhand railway, a private line, connects Bareli with Kathgodam (66 miles), at the foot of the Himalayas, on the road to Naini Tal."
  31. Rao, M.A. (1988). Indian Railways. New Delhi: National Book Trust. पृ॰ 37. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)
  32. "Chapter 1 - Evolution of Indian Railways-Historical Background". Ministry of Railways website. मूल से 1 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2018.
  33. Haldwani Archived 8 अप्रैल 2008 at the वेबैक मशीन www.uttaranchalonline.info.
  34. Kapadia, Harish (1999). Across peaks & passes in Kumaun Himalaya (अंग्रेज़ी में). New Delhi: Indus Publ. Co. पृ॰ 215. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788173870965. "Kathgodam: Railway Station at the foothill of the Shiwaliks. It is major entrance point to several areas of the Kumaun."
  35. "Pantnagar Airport to see regular flights again". The Pioneer. 11 September 2014. मूल से 28 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 September 2014. |archiveurl= और |archive-url= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद); |archivedate= और |archive-date= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)
  36. "Fly to Pantnagar, Uttarakhand asks Deccan". Business Standard. 2008-03-26. मूल से 31 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-06-29.