आनन्द रामायण
आनंद रामायण प्रभु श्रीराम के द्वारा रावण का वध तथा भगवान श्री रामचंद्र के उत्तर लीलाचरित्र का वर्णन करती हैं जिसके लेखक महर्षि वाल्मीकि हैं।
१.सारकाण्ड[1]
संपादित करें- प्रथम सर्ग जिसका प्रारंभ रघुवंश की वंशावली है। रावण द्वारा कौशल्या का हरण, दशरथ और कौशल्या का विवाह, कैकेयी और सुमित्रा का विवाह, कैकेयी द्वारा दशरथ की प्राणरक्षा, श्रवण-वध, पुत्रकामेष्टि यज्ञ आदि कथा।
- द्वितीय सर्ग - राम जन्म और उनकी शिक्षा
- तृतीय सर्ग - ताडका वध से सीता विवाह की कथा
- चतृर्थ सर्ग - जनक की दीपावली, राम का शत्रु राजा से युद्ध , भरत की मूर्छा, मुद्गल ऋषि द्वारा भरत का बचाना, मुद्गल का वृंदा और कलहा की कहानी बताकर दशरथ को भावी की सूचना देना।
- पंचम सर्ग - राम का अयोध्या निवास।
- षष्ठ सर्ग - राम वनवास से भरत मिलन की कथा।
- सप्तम सर्ग - विराघ वध से शबरी मुक्ति की कथा।
- अष्टम सर्ग - सुग्रीव मित्रता से सम्पाति से मिलने की कथा।
- नवम सर्ग - हनुमान द्वारा समुद्रलंघन से वापस लौटने तक की कथा।
- दशम सर्ग - लंकागमन से सुग्रीव और रावण के युद्ध की कथा।
- एकादश सर्ग - युद्धारम्भ से रावण वघ की कथा।
- द्वादश सर्ग - सीतामिलन से रामाभिषेक की कथा।
- त्रयोदश सर्ग - अगस्त्य द्वारा रावण जन्म की कथा, तप, नलकुबेर से शाप, उसका वाली, बली और अनरण्य से युद्ध तथा हनुमान द्वारा सूर्य निगलने की कथा बताना।
२.यात्राकाण्ड
संपादित करें- १ - रामायण की रचना
- २ - रामायण का विभाजन
- ३ - राम की गंगायात्रा
- ४ - लक्ष्मण का अपने बाण से सरयू के भागकर मुद्गल के आश्रम तक ले जाना।
- ५ - राम की यात्रा
- ६ - सीता द्वारा दशरथ का श्राद्ध
- ७ - कन्याकुमारी का राम से मिलना
- ८ - राम की यात्रा
- ९ - अयोध्या आगमन
३.यागकाण्ड
संपादित करें- १ - यज्ञ की तैयारी
- २ - यज्ञ दीक्षा और ऋषियों का आगमन
- ३ - अश्व का भ्रमण
- ४ - राम का देवताओं और कुंभोदर से मिलना
- ५ - रामाष्टोत्तरशतनामस्त्रोत्र
- ६ - राम की दिनचर्या
- ७ - ध्वजारोहणव्रत
- ८ - वसिष्ठ द्वारा राम से सीता को दान में माँँगना
- ९ - यज्ञ की पूर्णाहुति
४.विलासकाण्ड
संपादित करें- १ - रामस्तवराज
- २ - रामस्तुति
- ३ - देह रामायण
- ४ - राम की दिनचर्या
- ५ - राम का जलविहार
- ६ - सीता द्वारा नगरस्त्रीयों को आभूषण देना
- ७ - राम का व्यास से मिलना
- ८ - गुणवती और पिंगला की कथा
- ९ - लोपामुद्रा और सीता का शास्त्रार्थ
५.जन्मकाण्ड
संपादित करें६.विवाहकाण्ड
संपादित करें- १ - राम का भूरीकिर्ती के स्वयंवर में जाना
- २ - चम्पिका द्वारा कुश का वरण
- ३ - सुमति द्वारा लव का वरण
- ४ - राम का गमन
- ५ - राम का वन में अगस्त्य से मिलना
- ६ - राम का अयोध्या गमन
- ७ - राम और अन्य भाइयों के पुत्रों के विवाह
- ८ - यूपकेतु का युद्ध
- ९ - यूपकेतु का विवाह
७.राज्यकाण्ड
संपादित करेंपूर्वार्द्ध
- १ - रामसहस्त्रनाम
- २ - राम का कल्पवृक्ष लेना
- ३ - ब्राह्मणों का विवाद
- ४ - राम द्वारा कौए को वरदान, राम द्वारा निद्रा का निवारण, राम का पौण्ड्रक और मूलकासुर से युद्ध
- ५ - सीता का मूलकासुर से युद्ध करने लंका जाना
- ६ - सीता द्वारा मूलकासुर का वध
- ७ - लवणासुर का वध
- ८ - राम की विजययात्रा
- ९ - राम की विजयात्रा और देश का विभाजन
- १० - राम का कुत्ते के साथ न्याय करना, शूद्र का उद्धार, राम द्वारा उलूक और गृध्र का न्याय
- ११ - राम द्वारा स्त्रियों को बचाना
- १२ - राम का यमुना को वर देना
उत्तरार्द्ध
- १३ - राम द्वारा हास्य पर प्रतिबंध की कथा
- १४ - वाल्मीकि की कथा
- १५ - रामराज्य का वर्णन
- १६ - राजनीति का उपदेश
- १७ - अगस्त्य के कंकण और दंडकारण्य की कथा
- १८ - हनुमान द्वारा ब्राह्मणों की रक्षा
- १९ - राम की सभा
- २० - रामावतार की महिमा
- २१ - राम का दो रूप लेकर विश्वामित्र और वसिष्ठ से मिलना
- २२ - सीता द्वारा तूटा हुआ तुलसीपत्र जोडना
- २३ - आनंद रामायण की महिमा
- २४ - सुमंत्र की मृत्यु को रोकना
८.मनोहरकाण्ड
संपादित करें- १ - लघुरामायण
- २ - राम द्वारा कौशल्या, कैकेयी एव सुमित्रा को ब्रह्मज्ञान देना और उन की मुक्ति
- ३ - नव भक्तों की कथा
- ४ - राममुद्रा
- ५ - रामलिंगोतभद्र
- ६ - स्त्रीराज्य की कथा
- ७ - राम की महिमा
- ८ और ९ - विविध रामायण और राम महिमा
- १० - चैत्रमास का महिमा
- ११ - शंभुब्राह्मण की कथा
- १२ - राम का शबरी और दुर्गामंदीर की स्त्रीयों से मिलना
- १३ - हनुमत्कवच और रामकवच
- १४ - सीताकवच
- १५ - लक्ष्मणकवच, भरतकवच और शत्रुघ्नकवच
- १६ - वानर का इतिहास
- १७ - साररामायण
- १८ - अर्जुन का कपिध्वज नाम की कथा