उत्तरा भाद्रपद आकाश मंडल में 26वाँ नक्षत्र है। यह मीन राशि के अंतर्गत आता है। इसे दू, थ, झ नाम से जाना जाता है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी शनि है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। शनि गुरु में शत्रुता है। कहीं इनका तालमेल व पंचधामेत्री चक्र में जिस जातक की कुंडली में मित्र का सम हो तो इसके शुभ परिणाम भी देखने को मिलते हैं।

उत्तराभाद्रपद

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक सोच-विचार कर बोलने वाले, सुखी संतान, धर्म-कर्म में आस्थावान, उत्तम वक्ता, उदार हृदय के सम्माननीय भी होते हैं। शनि आध्यात्मवादी है तो गुरु का ज्ञान का कारक है। गुरु शनि का मेल धनु या मीन राशि में हो तो इसके शुभ परिणाम मिलेंगे।

धनु में गुरु शनि की युति आध्यात्मवादी लेकिन परिश्रमी भी बनाएगी। मीन में गुरु शनि के चंद्र होने से ऐसा जातक परम आध्यात्मवादी परोपकारी, ज्ञानवान, स्वप्रयत्नों से सफलता पाने वाला उपदेशक भी हो सकता है।